Mahakal Mandir Ujjain Hindi : महाकाल मंदिर उज्जैन तीर्थनगरी में शिप्रा नदी के किनारे पर स्थित भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। महाकाल मंदिर बारह ( 12) मुख्य ज्योतिर्लिंग में से एक है। हिन्दू धर्म में ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। महाकाल मंदिर उज्जैन , श्री महाकालेश्वर नाम से प्रसिद्द ये मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित है। महाकाल मंदिर उज्जैन स्थित शिवलिंग एक स्वयंभू शिवलिंग माना जाता है। स्वयंभू का अर्थ होता है खुद से उत्पन्न हुआ।

Mahakal Mandir Ujjain Hindi | महाकाल मंदिर उज्जैन
Mahakal Mandir Ujjain Hindi

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महाकाल अर्थ – कालों का काल ! | Meaning – Mahakal Mandir Ujjain Hindi

महाकाल शब्द का अर्थ , महाकाल एक संस्कृत शब्द है जो दो शब्दों से मिल कर बना है। महा शब्द का अर्थ ही महान और काल शब्द का अर्थ है समय या मृत्य। इस तरह से महाकाल शब्द का अर्थ होता है “समय से महान ” या “मृत्यु से भी परे “

उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर आदि काल में स्थापित भगवान शिव का मंदिर है। इस मंदिर के महत्त्व और स्थापना से जुडी अनेकों पौराणिक और आधुनिक कहानियां प्रचलित हैं जिन्हें आप आगे आर्टिकल में जान सकते हैं।  

महाकाल मंदिर का महत्त्व | Significance – Mahakal Mandir Ujjain Hindi

Mahakal Mandir Ujjain Hindi

महाकाल मंदिर उज्जैन एक मुख्य ज्योतिर्लिंग के रूप में मान्य है और हिन्दू धर्म में विश्वास रखने वालों के लिए यह एक पवित्र तीर्थ के सामान है। महाकाल मंदिर एक मुख्य ज्योतिर्लिंग के रूप में तो मान्य है ही लेकिन इसके आगे भी महाकाल मंदिर का महान महत्त्व माना जाता है।  

महाकाल मंदिर उज्जैन के बारे में कहा जाता है कि

” आकाशे तारकं लिंग पाताले हाटकेश्वरम् भूलोके च महाकाल लिंगत्रय नमोस्तु ते।।”

जिसका अर्थ है कि आकाश में तारक शिवलिंग , पाताळ में हटकेश्वर शिवलिंग और पृथ्वी पर महाकालेश्वर, इन तीनों शिवलिंग को नमस्कार ! 

इस तरह से १२ ज्योतिर्लिंग में से भी महाकाल मंदिर उज्जैन स्थित शिवलिंग को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। 

महाकाल मंदिर को अष्टदश शक्तिपीठों में से एक के रूप में माना जाता है। ये वे 18 शक्तिपीठ हैं जो उन्हीं 51 स्थानों में से एक हैं जो उन स्थानों पर स्थापित हैं जो माता सती के मृत शरीर के अंगों के गिरने वाले स्थानों पर स्थापित हैं। दरअसल 101 शक्तिपीठ हैं जो सती के शरीर के अंगों के जगह जगह गिरने वाले स्थानों पर स्थापित हैं लेकिन उनमें से 51 स्थानों को विशेष महत्त्व है। 

महाकाली शक्तिपीठ – महाकाल मंदिर | Mahakali Shaktipeeth – Mahakal Mandir Ujjain Hindi

पुराणों में वर्णित कहानी के अनुसार एक बार देवी सती के पिता महाराज दक्ष ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया और क्योंकि वह सती के पति भगवान शिव को पसंद नहीं करते थे तो उन्होंने भगवन शिव को यज्ञ में शामिल होने का निमंत्रण नहीं भेजा। इस बात से क्रोधित देवी सती अपने पिता के यज्ञ में बिना बुलाये ही पहुंच गयीं और वहां पहुंच कर उन्होंने देखा की भगवान शिव के अलावा सभी देवों और ऋषियों को यहाँ पर बुलाया गया है तो उन्हें यह बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं हुआ। कारण पूछने पर पिता द्वारा उन्हें बहुत अपमानित किया गया और इस से दुखी होकर उन्होंने वहां हो रहे यज्ञ की अग्नि में ही जल कर अपनी जान दे दी। 

इस घटना को जान कर भगवान शिव वहां पहुंचे और वह दुःख में सती के जले शरीर को ले कर यहाँ वहां भटकने लगे। उनका यह दुःख देख कर भगवन विष्णु ने अपने चक्र से सती के शरीर को टुकड़ों में काट दिया जिससे कि भगवन शिव उस दुःख से बाहर आ सकें।

सती के शरीर के टुकड़े अलग अलग जगहों पर जा गिरे और जहाँ जहाँ वे टुकड़े गिरे वह  शक्तिपीठ की स्थापना हुई। उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर परिसर में स्थित महाकाली मंदिर भी एक शक्तिपीठ है।  ऐसा माना जाता है कि इस जगह पर देवी सती का ऊपरी होंठ  गिरा था। 

Architecture – Mahakal Mandir Ujjain Hindi | महाकाल मंदिर उज्जैन , आर्किटेक्चर

महाकाल मंदिर उज्जैन
Mahakal Mandir Ujjain Hindi – महाकाल मंदिर उज्जैन

महाकाल मंदिर उज्जैन – श्री महाकालेश्वर का मंदिर एक झील के किनारे है और इस मंदिर को छठी शताब्दी ईसा पूर्व में बनवाया गया था। इस मंदिर के मुख्यतः 5 भाग हैं। एक भाग जमीन के नीचे है और सबसे ऊपर शिखर है।  बाकि बचे मंदिर के तीन भागों में भगवान शिव की तीन अलग अलग रूप में मंदिर स्थित हैं। इस भवन के सबसे निचले भाग में महाकालेश्वर , मध्य भाग में ओम्कारेश्वर और ऊपरी भाग में नागचंद्रेश्वर मंदिर है। यहाँ मंदिर में महाकालेश्वर की मूर्ती दक्षिणमुखी है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक यही ज्योतिर्लिंग है जिसकी मूर्ती इस दिशा में  है। 

Worship- Mahakal Mandir Ujjain Hindi | महाकाल मंदिर उज्जैन – पूजा

श्री महाकालेश्वर मंदिर
Mahakal Mandir Ujjain Hindi

महाकाल मंदिर पूरे वर्ष ही श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है। इस मंदिर में कुछ विशेष पूजा विधि और धारणाओं का पालन किया जाता है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर को साल में सिर्फ एक बार नागपंचमी के दिन श्रद्धालुओं के लिए दर्शन के लिए खोला जाता है। बाकी पूरे साल यह मंदिर बंद रहता है। 

महाकाल मंदिर में भगवान शिव की दिन में 6 बार आरती होती है। हर एक आरती में भगवान शिव के अलग अलग रूप के दर्शन होते हैं। इन सभी आरतियों में अलसुबह कि भस्म आरती प्रमुख है।

भस्म आरती – महाकाल मंदिर उज्जैन | Bhasm Arti – Mahakal Mandir Ujjain Hindi

भस्म को भगवन शिव का वस्त्र माना जाता है और जीवन का अंतिम स्वरुप भी भस्म को ही माना जाता है। भस्म आरती महाकाल मंदिर में होने वाली एक विशेष पूजा है जिसमें महाकाल पर भस्म लगाई जाती है।

कहा जाता है कि एक समय तक महाकाल पर लगायी जाने वाली भस्म कोई साधारण भस्म नहीं होती थी , बल्कि ये भस्म उस सुबह की सबसे पहले जलने वाली चिता से आती थी।  इसके लिए लोग अपने जीते जी मंदिर में रजिस्ट्रेशन करते है की उनके देहांत के बाद वह भस्म यहाँ महाकाल आरती में इस्तेमाल हो सके।  हालाँकि अब ऐसा नहीं है और महाकाल की भस्म आरती के लिए  उपयोग में आने वाली भस्म उपले को जला कर बनी हुई भस्म होती है।

विशेष पहनावा – महाकाल मंदिर उज्जैन | Dress – Mahakal Mandir Ujjain Hindi

यूँ तो महाकाल मंदिर उज्जैन में महाकाल के साधारण दर्शन कभी भी किये जा सकते हैं लेकिन भस्म आरती के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है। इस आरती में शामिल होने के लिए ख़ास कपडे ही पहने जाते है।  पुरुष भारतीय धोती पहनते हैं और महिलाएं भारतीय साड़ी पहनती हैं। भस्म आरती के लिए रात को 1 बजे से लाइन लगनी शुरू हो जाती है और सुबह 4 बजे श्रद्धालओं को आरती मिलती है। इस आरती कि अनुभूति श्रद्धालुओं के लिए एक ख़ास अनुभूति है। 

भस्म आरती के बाद महाकाल का जलाभिषेक किया जाता है। भस्म आरती में शामिल होने के लिए महाकाल मंदिर में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कर सकते हैं। भस्म आरती के लिए बुकिंग मंदिर की वेबसाइट https://shrimahakaleshwar.com पर भी की जा सकती है। इस वेबसाइट पर शीघ्र दर्शन और जलाभिषेक के लिए बुकिंग कर सकते हैं। 

शिवरात्रि – महाकाल मंदिर उज्जैन | Shivratri – Mahakal Mandir Ujjain Hindi

शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित एक विशेष दिन है जिसे दुनिया भर के शिव मंदिरों में बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह के दिन के रूप में बहुत महत्वपूर्ण व् मान्य है। इसी तरह से हिन्दू कैलेंडर में सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि का दिन भी सभी शिव मंदिरों में एक उत्सव होता है। 

उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी महाशिवरात्रि के दिन एक बड़ा मेला लगता है और उस दिन पूरी रात यहाँ पर पूजा होती है। सावन के आखिरी सोमवार को महाकाल कि शाही सवारी निकलती है जिसे देखने के लिए श्रद्धालु दूर दूर से आते हैं। 

History – Mahakal Mandir Ujjain Hindi | महाकाल मंदिर उज्जैन – इतिहास

Ujjain Mahakal Mandir
Mahakal Mandir Ujjain Hindi

मंदिर में उपस्थित ज्योतिर्लिंग स्वयंभू कहा जाता है मतलब इसकी उपस्थिति यहाँ कब से है इस बारे में कोई नहीं जनता , इसे आदिकाल से यहाँ उपस्थित माना जाता है। हिन्दू पौराणिक कथाओं में भी श्री महाकलेश्वए या महाकाल का कई बार वर्णन हुआ है। इसके अलावा कई महाकाव्यों में भी इसका वर्णन है।  प्रसिद्द कवि कालिदास ने अपनी रचना मेघदूत में महाकाल का वर्णन किया है।  

माना जाता है कि इस मंदिर को स्वयं भगवान् ब्रह्मा ने बनाया है। भगवान ब्रह्मा की नगरी पुष्कर शहर के बारे में यहाँ जानें !

आधुनिक इतिहास में जाएँ तो भगवान् शिव का ये मंदिर 6 ठी शताब्दी में उज्जैन के राजा कुमारसेन द्वारा बनवाया गया था। जब 12 वी और 13 वी शताब्दी में भारत पर आक्रांताओं के आक्रमण हुए, तो उन आक्रमणों का प्रभाव मंदिर के भवन पर भी पड़ा। 13 वी सदी में इल्तुतमिश ने महाकाल मंदिर पर आक्रमण कर मंदिर की ईमारत को काफी नुक्सान पहुंचाया।  इतिहास में ऐसा कहा जाता है कि उस समय महाकाल कि मूर्ती को पास के कुंड में फेंक दिया गया था।  

मंदिर की वर्तमान संरचना मराठा सेनापति रानोजी शिंदे द्वारा सन 1734 में किया गया था जब बाजी राव प्रथम ने उन्हें मालवा क्षेत्र में टैक्स कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया था। इसके बाद शिंदे राजवंश के आगे आने वाली पीढ़ियों ने इस मंदिर के निर्माण कार्य को पूरा किया। यह मंदिर उस समय एक मुख्य धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बन गया था क्योंकि उस समय ग्वालियर रियासत के अधिकांश मुख्य कार्यक्रम इसी मंदिर के प्रांगण में हुआ करते थे।

मंदिर की संरचना या आर्किटेक्चर पर चालुक्य , भुंजा और मराठा आर्किटेक्चर का प्रभाव साफ़ साफ दिखता  है। 

Stories – Mahakal Mandir Ujjain Hindi | महाकाल मंदिर उज्जैन – कहानियाँ

Mahakal Mandir Hindi
Mahakal Mandir Ujjain Hindi

उज्जैन के महाकाल मंदिर से जुडी कई कहानियां और कई रहस्य भी श्रद्धलुओं द्वारा कहे जाते हैं। 

राजा चन्द्रसेन की कहानी | Raja Chandra Sen – Mahakal Mandir Ujjain Hindi

उज्जैन के राजा चन्द्रसेन शिव के बहुत भक्त थे। उन्ही की तरह उनके राज्य में एक किसान श्रीकर भी भगवान शिव का भक्त था। एक बार श्रीकर राजा के साथ भगवान शिव की पूजा करना चाहता था लेकिन उसे ऐसा करने से राजा के सिपाहियों ने रोक लिया और उसे जंगल में छोड़ दिया। वहां श्रीकर को पता चला की उज्जैन के शत्रु  राजा रिपुदमन और सिन्घादित्य एक राक्षस दूषण के साथ मिलकर उज्जैन पर हमला करने की नीति बना रहे हैं।  

इसे जान कर उसने भगवान शिव की पूजा करना शुरू  कर दिया। इसमें राज्य के एक पंडित वृद्धि ने भी उसकी सहायता की लेकिन शत्रु राजा ने उज्जैन के राजा को हरा दिया। शिवभक्तों की मुश्किल में देख कर भगवान शिव ने महाकाल रूप में उज्जैन के शत्रुओं और  राक्षस दूषण को मार गिराया। 

उसके बाद भगवान् शिव भक्तों के कहने पर यहाँ महाकाल रूप में सदा  लिए रह गए और क्योकिं भगवान् शिव ने दूषण की भस्म को अपने शरीर पर लगाया , तब से महाकाल के इस रूप का श्रृंगार भस्म से किया जाता है। 

शिव पुराण से कहानी | Shiv Puran – Mahakal Mandir Ujjain Hindi

शिव पुराण के अनुसार,  एक बार ब्रह्मा और विष्णु के बीच विवाद हो गया था कि कौन श्रेष्ठ है । यह सिद्ध करने के लिए भगवान शिव ने उनकी परीक्षा लेना तय किया। इसके लिए शिव ने एक प्रकाश स्तम्भ के रूप में आये और उन्होंने ब्रह्मा और विष्णु को दोनों दिशाओं में इसका अंतिम सिरा पता लगाने के लिए कहा। विष्णु और ब्रह्मा प्रकाश स्तम्भ के सिरे का पता लगाने के लिए इसके साथ चलने। लगे विष्णु ने स्तम्भ के नीचे की ओर की  दिशा ली जबकि ब्रह्मा ने इसके ऊपर के सिरे की ओर की दिशा ली। जब प्रकाश  स्तम्भ का सिरा कहीं भी नहीं मिला तो ब्रह्मा ने झूठ बोल दिया की इसका सिरा उन्हें मिल गया है। इसके उल्टे विष्णु ने मान लिया कि वह इसका सिरा नहीं पता लगा सके और अपनी हार मान ली। ब्रह्मा के झूठ से क्रोधित हो भगवान शिव ने ब्रह्मा को श्राप दिया कि उन्हें कही भी किसी भी पूजा में  मिलेगा जबकि विष्णु की हमेशा पूजा की जाएगी। माना जाता है कि  स्तम्भ ही यह ज्योतिर्लिंग है जो भगवान शिव का एक रूप है। 

उज्जैन के बारे में कहा जाता है कि यहाँ  के राजा भगवान शिव का महाकाल रूप में है। उनसे ज्यादा यहाँ किसी और का महत्त्व नहीं हो सकता है। इसी के चलते कोई भी मंत्री या बड़े पद का व्यक्ति उज्जैन में रात में नहीं करता। राजा विक्रमादित्य के शासन काल के बाद से यहाँ पर कोई भी राजा या मंत्री रात में नहीं रुक सकता।  

महाकाल मंदिर उज्जैन – उत्सव | Festivals – Mahakal Mandir Ujjain Hindi

Mahakal Mandir Ujjain Hindi

भगवान शिव और पार्वती के विवाह का दिन शिवरात्रि के बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हर एक शिव मंदिर में श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन के लिए आते हैं। महाकाल मंदिर उज्जैन में भी शिवरात्रि के दिन एक विशाल मेले का आयोजन होता है। शिवरात्रि वाली रात को श्रद्धालु पूरी रात जागकर पूजा और ध्यान करते हैं। 

हिन्दू कैलेंडर के सावन महीने में अंतिम सोमवार को भगवान महाकाल के पालकी निकलती है जिसे शाही सवारी कहा जाता है। यह पालकी मंदिर से क्षिप्रा नदी तक ले जाई जाती है। इस जुलुस में भी शिव भक्त बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। 

महाकाल मंदिर में पूजा और जलाभिषेक करने के लिए अलग अलग प्राइस के टिकट आप ले सकते हैं। टिकट के प्राइस जितने ज्यादा हैं उतना ही सुविधा के साथ लोग दर्शन कर सकते हैं। 

How to reach Mahakal Mandir Ujjain Hindi | महाकाल मंदिर उज्जैन / श्री महाकालेश्वर कैसे पहुचें

महाकाल मंदिर उज्जैन जाने के लिए अगर आप अपनी ट्रेवल प्लानिंग कर रहे हैं और फ्लाइट से आना चाहते हैं तो सबसे पास देवी अहिल्या बाई होल्कर हवाई अड्डा इंदौर में है। उज्जैन से 53 किलोमीटर दूर ये हवाई अड्डा देश के बाकि प्रमुख हवाई अड्डों दिल्ली , मुंबई, पूना, जयपुर, हैदराबाद से कनेक्टेड है। 

 अगर आप ट्रेन से जान चाहते है तो उज्जैन का रेलवे स्टेशन श्री महाकाल से केवल 2 – 3 किलोमीटर की दूरी पर है। उज्जैन रेलवे स्टेशन देश के बाकि रेलवे नेटवर्क से अच्छी तरह से कनेक्टेड है। 

अगर आप की यात्रा का माध्यम बस है तो बहुत ही आसानी से यहाँ पंहुचा जा सकता है।  उज्जैन और इंदौर से श्री महाकाल के लिए बस की बहुत अच्छी सुविधा उपलब्ध है।  

Staying – Mahakal Mandir Ujjain Hindi | महाकाल मंदिर उज्जैन – रहने की व्यवस्था 

महाकाल मंदिर के पास ही रुकने के लिए काफी होटल और गेस्ट हाउस  हैं।  मध्य प्रदेश टूरिज्म के होटल्स और गेस्ट हाउस भी यहाँ पर हैं। 

खाने के लिए भी यहाँ काफी रेस्टॉरेंट है जिनमे बहुत ही अच्छे बजट में अच्छा खाना मिलता है। 

Nearby – Mahakal Mandir Ujjain Hindi | महाकाल मंदिर उज्जैन – आस पास 

महाकालेश्वर के मंदिर के अलावा उज्जैन में और भी बहुत पुराने और प्रसिद्द मंदिर हैं इसीलिए उज्जैन को मंदिरों कि नगरी कहा जाता है। काल भैरव मंदिर, हर सिद्धि मंदिर, मंगल नाथ मंदिर , राम घाट, चिंतामन  गणेश मंदिर , गोमती कुंड , शनि मंदिर और गुफा वाला मंदिर इनमें से कुछ हैं। 

F.A.Q. 

महाकाल मंदिर उज्जैन कहाँ पर है ?

उज्जैन , मध्य प्रदेश 

महाकाल में किस आराध्य की  पूजा होती है ?

भगवान शिव 

महाकाल का अर्थ क्या होता है ?

महाकाल यानी कालों का काल : भगवान् शिव

महाकाल मंदिर की आरती में क्या कोई ख़ास कपड़े पहने जाते हैं ?

पुरुषों के लिए धोती और महिलाओं के लिए साड़ी पहनना जरूरी है।