Hapur City Hindi : हापुड़ शहर सदियों पुराना शहर है। 10 वी शताब्दी का ये शहर पुराने समय से ही काफी प्रसिद्द और व्यापारिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण रहा है। हापुड़ शहर उत्तर प्रदेश के पश्चिम में है और राजधानी दिल्ली से लगभग 70 किलोमीटर दूर है। हापुड़ ऍन सी आर का एक महत्वपूर्ण एरिया है। 

हापुड को पंचशील नगर के नाम से भी जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित हापुड अपने ऐतिहासिक महत्व, सांस्कृतिक विरासत और एक बढ़ते शहरी केंद्र के रूप में जाना जाता है। समृद्ध अतीत और आशाजनक भविष्य वाला यह शहर परंपरा और आधुनिक वातावरण का अनूठा मिश्रण है।

हापुड़ का इतिहास | History – Hapur City Hindi

हापुड का एक दिलचस्प इतिहास है जो सदियों पुराना है। मुगल काल के दौरान यह व्यापार और वाणिज्य का एक प्रमुख केंद्र था जो दिल्ली और भारत के उत्तरी क्षेत्रों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में स्थापित था। हापुड़ शहर में स्थित पुराने बाज़ार , 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के स्मृति चिन्ह और अन्य ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल इसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को पेश करते हैं ।

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Hapur City Hindi

हापुड़ के नाम की बारे में कहा जाता है की पुराने समय में हापुड़ का नाम हरिपुर था और अब आते आते ये नाम हापुड़ हो गया है। यह भी कहा जाता है की हापुड़ शब्द अंग्रेजी की हापर (hapar) से आया है । 

आधुनिक इतिहास में जाएं तो हापुड़ 1857 की स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख स्थान रहा है। 1857 की मेरठ की क्रांति में हापुड़ का प्रमुख रोल रहा है। 1942 की संघर्ष में भी हापुड़ ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था।  अनेको शहीदों ने इस संघर्ष में अपनी जान भी गवा दी थी।  अंग्रेजो के कृत्य और गोलियों के निशाँ आज भी हापुड़ शहर के अतरपुर चौपले के पुलिस चौकी की दीवारों पर मौजूद है।  

ब्रिटिश काल के दौरान हापुड ब्रिटिश प्रशासित आगरा और अवध के संयुक्त प्रांत का एक हिस्सा था। यह एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन और ब्रिटिश प्रशासन के संचालन का केंद्र था।

काफी समय तक हापुड़ कोई जिला नहीं था बल्कि ये गाज़ियाबाद जिले की एक तहसील थी।  2011 में उस समय की उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने हापुड़ को जिला घोषित किया।  हापुड़ का नाम भी बदल कर पंचशील नगर कर दिया गया था पर बाद में इसे हापुड़ नाम से ही जिला बनाया गया।

हापुड़ का भूगोल | Geography – Hapur City Hindi

Hapur City Hindi

हापुड़ शहर दिल्ली एयरपोर्ट से लगभग 70 किलोमीटर दूर है। हापुड़ की सीमा से लगे उत्तरप्रदेश के जिले है गाज़ियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर ।

हापुड़ किस बात के लिए जाना जाता है ? Hapur City Hindi

हापुड़ की गुड़ मंडी और हापुड़ के पापड़ बहुत प्रसिद्द है।  हापुड़ साइलो , एशिया के सबसे बड़े गेंहू भंडारण के लिए जाना जाता है। हापुड़ की गुड़ मंडी भी एशिया की सबसे बड़ी मंडियों में से एक है।  यहाँ के गुड़ की मिठास यहाँ के रहने वालों के साथ साथ यहाँ से होकर जाने वाले लोगों को भी बहुत पसंद आती है। हापुड़ का गुड़ विदेशों में भी एक्सपोर्ट किया जाता है।  

इसके अलावा हापुड़ स्टील मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में भी जाना जाता है। हापुड़ की लोकेशन इस शहर को व्यापार  के लिए बहुत उपयुक्त बनाती है। 

Chandi Mandir – Hapur City Hindi

हापुड़ की जनसंख्या | Population – Hapur City Hindi

साल 2021 में हापुड़ जिले की जनसंख्या 1,33,8000 है इसमें से हापुड़ शहर की कुल जनसंख्या 2,62,983  है जिसमे से पुरुषों की संख्या 1,39,529 है और महिलाओं की संख्या 1,23,458 है। 

हापुड़ और आस पास | Around – Hapur City Hindi

हापुड़ शहर में मुख्य रूप से प्राचीन चंडी मंदिर, सबली गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर और छितौली गांव में स्थित देवी मंदिर काफी प्रसिद्द हैं। दिल्ली के पास हापुड की रणनीतिक स्थिति ने इसकी प्रसिद्धि में योगदान दिया है। यह शहर राजधानी दिल्ली आने वाले लोगों के लिए एक आवासीय और औद्योगिक केंद्र के रूप में महत्वपूर्ण है इसी कारण से यह शहर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

Madhuvan Vada, famous Street Food – Hapur City Hindi

हापुड़ के लोकल खाने के बहुत शौक़ीन हैं और खास कर के हापुड़ के स्ट्रीट फ़ूड को बहुत पसंद करते हैं। हापुड अपने स्ट्रीट फूड और स्थानीय खान पान के लिए जाना जाता है। यहाँ चाट, पकौड़े, समोसे, मधुवन बड़ा और यहाँ की मिठाइयाँ शहर का बहार के लोगों को भी बहुत पसंद आती हैं। स्ट्रीट फ़ूड के लिए हापुड़ का रेलवे रोड काफी जाना माना लोकेशन है। 

हापुड़ के आस पास जिले के अन्य शहरों का अपना एक समृद्ध  सांस्कृतिक और औद्योगिक इतिहास है। 

पिलखुवा शहर | Pilkhua – nearby Hapur City Hindi

पिलखुवा हापुड जिले में स्थित एक शहर है जो ऐतिहासिक होने के साथ साथ आर्थिक योगदान के लिए भी जाना जाता है। पिलखुवा शहर कपड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। यह अच्छी क़्वालिटी वाले कपड़ों का उत्पादन , विशेष रूप से महीन सूती और रेशम कपड़ों के निर्माण के लिए प्रसिद्ध है।

पिलखुवा संगीत वाद्ययंत्रों, विशेषकर हारमोनियम के उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है। यह शहर पारंपरिक भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों को तैयार करने के लिए जाना जाता है, और इसके हारमोनियम को उनकी गुणवत्ता और शिल्प कौशल के लिए जाना जाता है।

पिलखुवा की दिल्ली और गाजियाबाद जैसे प्रमुख शहरों से निकटता ने भी इसकी प्रसिद्धि में योगदान दिया है। यह इन शहरी केंद्रों से सड़क और रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जो इसे व्यापार और वाणिज्य के लिए सुलभ बनाता है।

गढ़मुक्तेश्वर | Garh Mukteshwar – nearby Hapur City Hindi

गढ़मुक्तेश्वर अपने ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक आकर्षणों के लिए जाना जाता है। यह तीर्थयात्रियों और टूरिस्ट्स के बीच प्रसिद्द शहर है। गढ़ मुक्तेश्वर में स्थित बृजघाट एक प्रसिद्द तीर्थस्थल है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहाँ विशाल मेले का आयोजन होता है। 

Garh Mukteshwar – nearby Hapur City Hindi

गंगा घाट, गढ़मुक्तेश्वर हापुड़

गढ़मुक्तेश्वर में गंगा नदी के किनारे के घाट मुख्य आकर्षण हैं। धार्मिक उद्देश्य से आने वाले तीर्थयात्री और अन्य टूरिस्ट्स यहां घाट पर गंगा स्नान करने, अनुष्ठान करने और आध्यात्मिकता का आनंद लेने के लिए आते हैं ।

Garh Mukteshwar Mandir

गंगा मंदिर गढ़मुक्तेश्वर हापुड़

हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर स्थित देवी गंगा को समर्पित गंगा मंदिर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहाँ आते हैं। मंदिर में अक्सर धार्मिक समारोहऔर अनुष्ठानों का आयोजन होता रहता है।

गढ़मुक्तेश्वर मंदिर, गढ़मुक्तेश्वर हापुड़

भगवान शिव को समर्पित यह प्राचीन मंदिर है जिसे गढ़मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर हापुड़ जिले के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों में से एक है।

श्री देवी मंदिर, गढ़मुक्तेश्वर हापुड़

यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। यह गढ़मुक्तेश्वर में एक और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और पूरे साल श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना रहता है।

बोटिंग, गढ़मुक्तेश्वर हापुड़

गंगा नदी पर बोटिंग यहाँ की मुख्य एक्टिविटी है। टूरिस्ट्स और तीर्थयात्री मंदिर दर्शन के बाद अक्सर शाम के समय बोटिंग के लिए जाते हैं।

गंगा आरती, गढ़मुक्तेश्वर हापुड़

गंगा घाट पर रोज सुबह और शाम के समय हरिद्वार की ही तरह विशेष गंगा आरती का आयोजन किया जाता है। यह आरती गढमुक्तेश्वर के गंगा घाटों का विशेष आकर्षण है। ये अनुष्ठान शहर की आध्यात्मिक संस्कृति का अनुभव करने का अवसर प्रदान करते हैं।

मीराबाई की रेती, गढ़मुक्तेश्वर हापुड़

गंगा के किनारे का यह रेतीला तट वह स्थान माना जाता है जहां कवि-संत मीराबाई ने अपने भक्ति गीतों की रचना की थी। उन्हीं के नाम पर इस स्थान को मीराबाई की रेती कहा जाता है।

बर्ड वॉचिंग, गढ़मुक्तेश्वर हापुड़

यह शहर और इसके आसपास का क्षेत्र अपनी प्राकृतिक विविधता के लिए जाना जाता है। बर्डवॉचर्स यहाँ पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को देखने के लिए आते हैं , खासकर सर्दियों के महीनों के दौरान जब प्रवासी पक्षी इस क्षेत्र में आते हैं उस समय यह क्षेत्र टूरिस्ट्स को बड़ी संख्या में अपनी ओर आकर्षित करता है ।

इन स्थानों के आलावा हापुड़ जिले में सपनावत में स्थित बृजेश्वरी देवी मंदिर , वैष्णों देवी मंदिर , बृजघाट स्थित हनुमान मंदिर के साथ साथ अन्य महत्वपूर्ण प्राचीन मंदिर स्थित हैं। 

हापुड़ एक उभरता हुआ आधुनिक औद्योगिक शहर है।