Sabarmati Ashram Ahmedabad Hindi : साबरमती आश्रम या गाँधी आश्रम , अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे बसा हुआ ये आश्रम कभी महात्मा गाँधी और उनकी पत्नी कस्तूरबा गाँधी का घर था । महात्मा गाँधी का घर और भारत की आजादी की लड़ाई में एक मुख्य निभाने वाला ये साबरमती आश्रम आज भी देश और विदेश से आने वाले हजारों पर्यटकों के लिए एक आकर्षण है ।

Sabarmati Ashram Ahmedabad Hindi
साबरमती आश्रम – Sabarmati Ashram Hindi

महात्मा गाँधी के साबरमती आश्रम को देखने के लिए सिर्फ आम पर्यटक ही नहीं बल्कि बड़े बड़े राजनैतिक नेता और प्रसिद्द लोग आते रहते हैं । साबरमती आश्रम का माहौल आज भी गांधीमय हैं । यहाँ पसरी हुई शांति और आश्रम के पीछे बहती साबरमती नदी, शहर के शोर से अलग साबरमती आश्रम पर्यटकों को एक नयी ऊर्जा से भर देता है ।

साबरमती आश्रम gate
साबरमती आश्रम गेट – Sabarmati Ashram Hindi

साबरमती आश्रम स्थापना | Established- Sabarmati Ashram Ahmedabad Hindi

साबरमती आश्रम की स्थापना सन 1917 में हुई । महात्मा गाँधी जब साउथ अफ्रीका से लौटे तो वह एक नए जीवन सिद्धांत के साथ लौटे और उसी सिद्धांत को आत्मसात करने के लिए वो आम लोगों की भीड़ में न रह कर एक शांत जगह पर रहना चाहते थे । इसीलिए पहले उन्होंने कोचरब में अपना पहला आश्रम बनाया जो कि साबरमती आश्रम से 4 किलोमीटर कि दूरी पर हैं । बाद में 1917 में वो साबरमती आश्रम में रहने लगे ।

साबरमती आश्रम – Sabarmati Ashram Hindi

आश्रम में गेट के पास ही एक साइट मैप हैं जिसमे आश्रम के अंदर आप क्या देखने वाले हैं उन स्थानों को लिस्ट किया गया हैं । आश्रम में महात्मा गाँधी म्यूजियम, प्रार्थना स्थल , हृदय कुञ्ज, विनोबा – मीरा कुटीर, मगन निवास, उद्योग मंदिर और नंदिनी निवास हैं । इनके अलावा एक खादी बिक्री केंद्र और एक लाइब्रेरी भी हैं ।

साबरमती आश्रम – महात्मा गाँधी संग्रहालय | Museum – Sabarmati Ashram Ahmedabad Hindi

सन १९६३ में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने आश्रम में महात्मा गाँधी स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन किया । इस म्यूजियम में गाँधी जी के जीवन से सम्बंधित स्मृति रखी गयी हैं । गाँधी के जन्म से ले कर मृत्यु तक उनके जीवन की प्रत्येक घटना की स्मृति इस म्यूजियम में देखने को मिल जाती हैं । म्यूजियम में महात्मा गाँधी की फोटो, उनके जीवन में स्थान रखने वाले लोगों की फोटो , गाँधी जी की पुराने पत्रों की कॉपी , उनके खड़ाऊँ और चश्मा भी रखे हैं ।

Sabarmati Ashram Ahmedabad
Sabarmati Ashram Ahmedabad
Kasturba Gandhi – Sabarmati Ashram Ahmedabad
Sabarmati Ashram Ahmedabad
Sabarmati Ashram Ahmedabad
Sabarmati Ashram Ahmedabad
Sabarmati Ashram Ahmedabad

गाँधी जी की जीवन पर अपनी अमित छाप छोड़ने वाली और उनको अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाली उनकी पत्नी कस्तूरबा गाँधी की मूर्ती और उनसे सम्बंधित स्मृति भी इस म्यूजियम में देखने को मिलती हैं । गाँधी जी का ये म्यूजियम सच में एक देखने लायक जगह हैं । वैसे तो गाँधी जी की बारे में इतना लिखा और पढ़ा जा चुका हैं लेकिन फिर भी, इस म्यूजियम को देख कर गाँधी जी की जीवन की वो पहलु भी देखने और समझने को मिलते हैं जो शायद वैसे नहीं मिल सकते ।

साबरमती आश्रम से ही गाँधी जी की डंडी यात्रा शुरू हुई । १२ मार्च सन १९३० में गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार के नमक पर टैक्स लगाने के निश्चय के विरोध में नमक सत्याग्रह किया । इसके लिए उन्होंने साबरमती से ७८ किलोमीटर दूर गुजरात के समुद्र तट पर दांडी नामक गांव तक पैदल मार्च करने का निश्चय किया और प्रण किया कि अब जब तक भारत स्वतंत्र नहीं हो जायेगा , तब तक आश्रम नहीं लौटूंगा । उसी दिन गाँधी जी साबरमती आश्रम से निकल गए और उसके बाद यहाँ वापिस नहीं आये ।

म्यूजियम में दांडी यात्रा से सम्बंधित जानकारी और उसे सम्बंधित फोटोज भी दिखाए गए हैं । म्यूजियम में एक पेंटिंग गैलरी हैं जिसमें गाँधी जी कि प्रभावी पेंटिंग्स को शामिल किया गया हैं । इसके अलावा म्यूजियम में एक भाग हैं जिसमें एक बोर्ड पर उन पत्रों को दिखाया गया हैं जिन्हे बच्चों ने गाँधी जी का नाम लिखा हैं ।

साबरमती आश्रम – हृदय कुञ्ज | Hriday Kunj – Sabarmati Ashram Ahmedabad Hindi

हृदय कुञ्ज – Sabarmati Ashram Hindi

साबरमती आश्रम में एक स्थान हैं हृदय कुञ्ज , जहाँ गाँधी जी सन1919 से 1930 तक रहे थे । काका साहेब कालेकर ने इस घर को हृदय कुञ्ज नाम दिया था । यहाँ एक कमरा मेहमानों की लिए था जिसमें गाँधी जी से मिलने की लिए दूर दूर से आने वाले लोग रुकते थे । अभी इस कमरे में एक चरखा और गाँधी जी की राइटिंग डेस्क की नक़ल की एक डेस्क रखी हैं । इस घर में रहते हुए ही गाँधी जी मोहनदास से महात्मा बने ।

साबरमती आश्रम – प्रार्थना स्थल | Prayer Ground – Sabarmati Ashram Ahmedabad Hindi

आश्रम की अंदर एक खुला प्रार्थना स्थल हैं जहा आश्रम की लोग एक साथ प्रार्थना करते और यही पर बैठ कर गाँधी जी लोगों की सवालों की जवाब भी दिया करते । आश्रम की लोगों की दिनचर्या का ये एक महत्वपूर्ण भाग था । यहाँ बैठ कर सब अपने सारे दिन की गतिविधियों की चर्चा भी करते अगले दिन की लिए भी प्लानिंग करते ।

इस प्रार्थना स्थल की विशेषता यह थी की आश्रम में सभी धर्म और जाती के लोग रहा करते थे और सभी एक साथ इसी जगह और प्रार्थना करते थे । प्रार्थना स्थल के पास ही एक छोटा सा मंदिर भी बनाया गया था जो की सभी के लिए मान्य था । भारतीय समाज में फैले छुआछूत से दूर आश्रम का ये प्रार्थना स्थल आश्रम के लिए बहुत महत्वपूर्ण था ।

विनोबा – मीरा कुटीर | Vinoba – Meera Kuteer – Sabarmati Ashram Ahmedabad Hindi

विनोबा – मीरा कुटीर – Sabarmati Ashram Ahmedabad Hindi

भूदान आंदोलन के अग्रणी आचार्य विनोबा भावे भी गाँधी जी के विचारों से प्रभावित होकर साबरमती आश्रम में गाँधी जी की साथ रहने के लिए आये । वह यहाँ सन 1918 से 1921 के बीच कुछ महीनों तक रहे ।
इसी कुटिया में गाँधी जी के विचारों से प्रभावित मैडेलीन स्लैड, जो बाद में गाँधी जी की शिष्य बन गयी और उन्हें मीरा कहा गया , सन 1925 से 1933 तक रहीं ।

साबरमती आश्रम – नंदिनी | Nandini – Guest House – Sabarmati Ashram Ahmedabad Hindi


साबरमती आश्रम – नंदिनी – Sabarmati Ashram Ahmedabad Hindi

आश्रम में नंदिनी कुटीर साक्ष्य हैं गाँधी जी की अमित लोकप्रियता की , इस कुटी में आकर रबिन्द्र नाथ टैगोर , पंडित नेहरू, डॉक्टर राजेंद्र प्रशाद , दीनबंधु एंड्रू और देश और विदेश की लोकप्रिय हस्तियां आकर रुकते थे ।

उद्योग मंदिर | Udyog Mandir – Sabarmati Ashram Ahmedabad Hindi

उद्योग मंदिर – Sabarmati Ashram Ahmedabad Hindi

गाँधी जी के जीवन में चरखे का बहुत प्रभाव और योगदान रहा हैं । आश्रम के अंदर उद्योग मंदिर में ही खादी एक आंदोलन के रूप में उभरा । स्वदेशी अपनाओ के नारे ने खादी को भारतीय समाज में एक अलग और बहुत ख़ास जगह दिलाई । आश्रम के इस भाग में खादी बनाने और उसे व्यापर के रूप में अपनाने के इच्छुक लोगों को ट्रेनिंग दी जाती थी । उद्योग मंदिर की स्थापना सन १९१८ में की गयी ।

मगन निवास | Magan Niwas – Sabarmati Ashram Ahmedabad Hindi

मगन निवास – Sabarmati Ashram Ahmedabad Hindi

मगन लाल , गाँधी जी के भतीजे थे और उन्होंने गाँधी के सिद्धांतों से प्रभावित हो कर अपना जीवन गाँधी और उनके सिद्धांतों को अर्पित कर दिया था । कोचरबा में ही साबरमती आश्रम की प्लानिंग की गयी थी और इसे तैयार करने की जिम्मेदारी मगन लाल की थी । मगन निवास , उन्ही मगन लाल का हुआ करता था । साबरमती आश्रम को स्थापित करने और उसे सुचारु रूप से चलाने में श्री मगन लाल का बहुत बड़ा योगदान हैं ।