आज का सुपर फ़ूड सत्तू, मुख्यतः बिहार और पूर्वी उत्तरप्रदेश में खाने में इस्तेमाल किया जाता है। सत्तू का शरबत , लिट्टी चोखा , सत्तू परांठा और ऐसे ही कितनी और रेसिपी हैं जिनमे इस को आपकी रसोई में मुख्य खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह सेहत के लिए एक जादुई खाना है और कोई आश्चर्य नहीं ही कि आज कल बड़े बड़े डायटीशियन भी इस को अपने क्लाइंट्स को डाइट में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

यह सिर्फ भारत नहीं बल्कि भारत के आस पास के देशों जैसे कि तिब्बत , बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी खाने में इस्तेमाल किया जाता हैं। आमतौर पर भुने चने को बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं लेकिन इसके अलावा भी अलग अलग तरह के सत्तू बनाये जाते हैं।

सत्तू
भुने चने को पीसकर सत्तू बनाया जाता हैं

सत्तू के अलग नाम

उत्तरी भारत में सत्तू खासा प्रसिद्द नाम है लेकिन भारत के अलग अलग राज्यों में इसके कुछ और भी नाम हैं। ओडिशा में इसे को छटुआ, तेलंगाना और आंध्र प्रदेशमें इसे सत्तू पिंडी , तमिलनाडु में कट्टु मावू, बंगाल में चेट्टू और महाराष्ट्र में सातु नाम से जाना जाता है। भारत के अलावा त्रिनिदाद , गुयाना और फिजी में भी इस का इस्तेमाल होता है और वह इसे सातम के नाम से जाना जाता है। तिब्बत में इसे त्साम्पा नाम से जान जाता हैं।

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सत्तू कैसे बनाते हैं ?

सत्तू का मतलब होता हैं भुने हुए अनाज का पाउडर। ज्यादातर भुने चने के आटे को ही सत्तू कह दिया जाता हैं लेकिन भुने चने के अलावा भी अगर किसी और अनाज जैसे कि जौ, गेंहूं या फिर बाजरा या कुछ भुने अनाजों के पाउडर को मिला कर मिक्स सत्तू भी तैयार किया जा सकता हैं। वैसे तो बाजार में और ऑनलाइन सत्तू पाउडर बहुत ही आसानी से मिल जाता हैं लेकिन अगर आप चाहें तो भुने हुए अनाजों को घर पर मिक्सर में पीस कर भी तैयार किया जा सकता हैं।

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अलग प्रकार के सत्तू

आम तौर पर आसानी से बन और मिल जाने वाले सत्तू हैं :

  • चने का
  • जौ का
  • गेहूं का
  • मसूर दाल का
  • धान का
  • मिक्स
  • ओट्स का

सत्तू कि नुट्रिशन वैल्यू

सत्तू एक आल इन वन फ़ूड हैं। इस कि नुट्रिशन वैल्यू को देखते हुए ही इसे आधुनिक सुपर फूड्स कि लिस्ट में रखा गया हैं। यह प्रोटीन, फाइबर, आयरन , कैल्शियम , नेचुरल सोडियम और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक नुट्रिशन्स से भरपूर होता हैं। १०० ग्राम सत्तू में ४१५ किलो कैलोरी , ६८ ग्राम कार्बोहायड्रेट , २३ ग्राम प्रोटीन , ६ ग्राम फैट और १८ ग्राम फाइबर होता हैं।

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मौसम के अनुसार सत्तू

सत्तू शरीर को ठंडक देता हैं और इसीलिए इसे गर्मियों में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इस का सेवन शरीर को लू और डिहाइड्रेशन से बचाता है। शरीर के तापमान को नियंत्रित रख सकता है। इसे सुबह और दोपहर में खाने के लिए उपयुक्त माना जाता है जबकि शाम या देर रात को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

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सत्तू कि रेसिपीज

बिहार कि प्रसिद्द डिश लिट्टी चोखा बनाने में सत्तू एक मुख्य सामग्री है। भरवां परांठे बनाते वक्त किसी भी स्टफिंग में अगर 4 बड़े चम्मच सत्तू के मिला दिए जाये तो उसका स्वाद और भी ज्यादा बढ़ जाता हैं साथ ही परांठे कि नुट्रिशन वैल्यू भी बढ़ जाती हैं। इसी तरह से ग्रेवी के सब्जी बनाते वक्त भी इस पाउडर को मिला कर स्वाद और नुट्रिशन दोनों बढ़ाया जा सकता हैं। गर्मियों में रोज २ – ३ चम्मच सत्तू पाउडर सेहत के लिए बहुत अच्छा होता हैं। इसके अलावा इस का शरबत, परांठा और स्नैक बनाने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। कुछ प्रसिद्द डिश यहाँ लिस्ट में हैं।

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सत्तू के फायदे

ये तो हम जान चुके हैं कि सत्तू गर्मियों में एक बहुत ही उपयोगी फ़ूड है , शरीर को गर्मी से बचाता है और शरीर के तापमान को नियंत्रण में रखने में भी सहायक है। इनके अलावा इसे वजन को नियंत्रण में रखने के लिए भी बहुत उपयोगी है। ये एक हेल्थ ड्रिंक है जो प्रोटीन से भरपूर है और इसे प्रोटीन शेक कि तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ये मसल्स को शक्ति देता है और शरीर को इंस्टेंट एनर्जी भी देता है।

खली पेट इसके नमकीन ड्रिंक को पीना या फिर बिना नमक के ड्रिंक को पीना भी वजन कम करने के लिए काफी अच्छा माना जाता हैं। सत्तू धीरे डाइजेस्ट होता हैं इसलिए देर तक भूख नहीं लगने देता हैं।

आयुर्वेद में सत्तू

आयुर्वेद में इस को कोलेस्ट्रॉल और शुगर कि बीमारी के लिए उपयोगी बताया गया है। इस का glycemic इंडेक्स काफी कम है। इस को गले और आँख से सम्बंधित बीमारियों में भी उपयोगी बताया गया है। घाव पर सत्तू और अलसी का तेल मिला कर लगाने से आराम मिलता है। इसे श्रम हारक भी कहा गया है क्योंकि इसके सेवन से थकान और कमजोरी दूर होती है। वजन बढ़ाने के लिए भी दूध के साथ इस का सेवन किया जा सकता हैं।

सत्तू कब नहीं खाना चाहिए

सर्दियों में इस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। पेट में गैस होने, वात रोग होने , पथरी कि समस्या होने पर भी इस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

सत्तू की शेल्फ लाइफ

सत्तू को भुने अनाजों से बने जाता है तो सामान्य रूप से भी इस को सामान्य अनाज के पाउडर से ज्यादा दिनों तक रखा जा सकता है। सामान्य तापमान पर इसे एक एयर टाइट बॉक्स में एक महीने तक रखा जा सकता है। अगर आप इसे फ्रिज में रखेंगे तो इसे ज्यादा महीनों तक भी रखा जा सकता है।

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