Lakshman Jhula Rishikesh Hindi : लक्षमण झूला पुल ऋषिकेश का विश्वप्रसिद्ध आकर्षण है। राम के छोटे भाई लक्ष्मण के नाम पर इस पुल का नाम रखा गया है। लक्ष्मण झूला पुल टिहरी गढ़वाल के तपोवन और पौड़ी गढ़वाल के जोंक गावों को ब्रिज के रास्ते जोड़ता है। यह पुल ऋषिकेश आने वाले टूरिस्ट्स के लिए यहाँ का मुख्य आकर्षण है। यह पुल लोहे से बना हुआ है और अक्सर तेज़ हवा चलने पर यह पुल हिलता सा लगता है। हालाँकि नवंबर 2020 से यह पुल मरम्मत के लिए बंद कर दिया गया है और इसी पुल के साथ में एक मॉडर्न और मजबूत पुल तैयार किया जा रहा है।

लक्ष्मण झूला पुल ऋषिकेश का इतिहास | History – Lakshman Jhula Rishikesh Hindi
लक्ष्मण झूला पुल देश के स्वतंत्र होने से भी पहले बना पुल है। सबसे पहले यहाँ पर कलकत्ता के एक सेठ ने सन 1889 में पुल का निर्माण कराया था लेकिन वह पुल सन 1924 में आयी बाढ़ में बह गया। अभी वर्तमान में जो पुल यहाँ है वह सन 1929 में बन कर तैयार हुआ था। इस पुल का निर्माण तत्कालीन पी डब्लू डी डिपार्टमेंट ने यह पुल तैयार कराया। इस पुल की लम्बाई 450 फ़ीट थी। यह लोहे से बना एक सस्पेंशन ब्रिज था।
इस पुल का नाम लक्ष्मण झूला क्यों है ? Name – Lakshman Jhula Rishikesh Hindi
इस पुल का नाम लक्ष्मण झूला क्यों है , इस बारे में कहा जाता है कि इस जगह का सम्बन्ध रामायण से है। यहीं से भगवान राम के छोटे भाई श्री लक्ष्मण ने गंगा नदी पर २ रस्सियों से पुल बना कर नदी को पार किया था। इसी कारण से यहाँ बने पुल को लक्ष्मण झूला पुल कहा गया।

लक्षमण झूला पुल ऋषिकेश – आस पास | Nearby – Lakshman Jhula Rishikesh Hindi
लक्ष्मण झूला पुल के पास ऋषिकेश के कुछ अन्य प्रसिद्द मंदिर और टूरिस्ट आकर्षण स्थित हैं। पुल के पास ही स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर या तेरह मंज़िल मंदिर एक विशेष मंदिर है जो किसी एक आराध्य को समर्पित नहीं है बल्कि हिन्दू धर्म के कई और देवी देवताओं को सर्पित मंदिर यहाँ उपस्थित हैं। इस मंदिर की खासियत यह है कि इसमें हर मंजिल पर एक अलग देव मंदिर स्थित है और श्रद्धालु इस तरह से अलग अलग 13 मंज़िलों तक जाते हैं।
त्र्यंबकेश्वर मंदिर या तेरह मंजिल मंदिर मुख्य रूप से यह मंदिर भगवन शिव को समर्पित है। भगवन शिव का मंदिर यहाँ सबसे ऊपर की मंजिल पर बना है और वहां से लक्ष्मण झूला पुल का व्यू बहुत सुन्दर है।

पुल के आस पास ऋषिकेश के अनेकों टूरिस्ट प्लेसेस और प्राचीन मंदिर स्थित हैं। लक्ष्मण झूला पुल से गंगा नदी के सुन्दर दर्शन किये जा सकते हैं। शाम के समय जब ऋषिकेश के घाटों पर गंगा आरती हो रही होती है उस समय लक्ष्मण झूला पुल से पूरा शहर का नजारा देखने लायक होता है। अभी पुल बंद होने के कारण यह सब अनुभव नहीं किया जा सकता है।
लक्ष्मण झूला के पास ही श्री रघुपति और श्री लक्ष्मण मंदिर स्थित हैं। लक्ष्मण मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह वही स्थान है जहाँ श्री लक्ष्मण ने ध्यान लगाया था।
लक्ष्मण झूला की लोकेशन | Location – Lakshman Jhula Rishikesh Hindi
लक्ष्मण झूला पुल ऋषिकेश में बस स्टैंड से केवल १२ किलोमीटर की दूरी पर गंगा नदी पर बना पुल है।

लक्ष्मण झूला पुल ऋषिकेश कैसे पहुचें | How to reach Lakshman Jhula Bridge, Rishikesh
फ्लाइट से | By Flight
लक्ष्मण झूला पुल पहुंचने के लिए सबसे पास देहरादून का एयरपोर्ट है। अगर आप यहाँ फ्लाइट से आना चाहते हैं तो देहरादून के जौली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंच सकते हैं। यह एक छोटा डोमेस्टिक एयरपोर्ट है जहाँ आप देश के मुख्य एयरपोर्ट्स से डायरेक्ट या कनेक्टेड फ्लाइट से पहुंच सकते हैं। देहरादून से ऋषिकेश की दूरी केवल 35 किलोमीटर है। देहरादून पहुंचने के बाद ऋषिकेश तक सड़क के रास्ते टैक्सी या बस से आ सकते हैं।
ट्रेन से | By Train
लक्ष्मण झूला पुल पहुंचने के लिए सबसे पास रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है जो भारत के रेल नेटवर्क से अच्छी तरह से कनेक्टेड है।
सड़क से | By Road
लक्ष्मण झूला पुल देखने आने के लिए ऋषिकेश तक सड़क के रास्ते बस या फिर अपनी कार से पहुंच सकते हैं।
ऋषिकेश अन्य आकर्षण और एडवेंचर एक्टिविटी | Activities and Attractions – Rishikesh
ऋषिकेश भारत के सबसे पुराने नगरों में से एक है जिसका सम्बन्ध पौराणिक काल से रहा है। ऋषिकेश वह स्थान है जहाँ से विशाल गंगा नदी हरिद्वार पहुंच कर उत्तर भारत के मैदानों में प्रवेश करती है। ऋषिकेश आध्यात्मिक , धार्मिक और एक एडवेंचर टूरिस्ट प्लेस है। यहाँ आने वाले टूरिस्ट अक्सर मंदिर दर्शन के साथ यहाँ होने वाले एडवेंचर एक्टिविटी का भी हिस्सा बनते हैं। यह शहर पूरा वर्ष टूरिस्ट्स के आकर्षण का केंद्र बना रहता है। ऋषिकेश के योग और अध्यात्म आश्रमों में देश विदेश से आये टूरिस्ट अध्यात्म और स्वास्थ्य लाभ के लिए महीनों यहाँ रुकना पसंद करते हैं।
ऋषिकेश आने पर यहाँ 3 से 4 दिन तो यूँ ही निकल जाते हैं। इस दौरान आप यहाँ के मुख्य आकर्षण देख सकते हैं। ऋषिकेश से कुछ ही दूरी पर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर भी साल भर श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना रहता है।
ऋषिकेश में मंदिरों के दर्शन करने के अलावा टूरिस्ट्स ट्रेकिंग , कैंपिंग, रिवर रैफ्टिन और भी कई एडवेंचर एक्टिविटी का मजा ले सकते हैं। ऋषिकेश में होटल्स और रेस्टोरेंट्स में केवल वेज खाना ही सर्व किया जाता है।
ऋषिकेश – मंदिर और अन्य धार्मिक टूरिस्ट प्लेस
भरत मंदिर | Bharat Temple Rishikesh
शत्रुघ्न मंदिर | Shatrughan Temple Rishikesh
त्रियम्बकेश्वर मंदिर | Triyembkeshwar Temple Rishikesh
लक्ष्मण मंदिर | Lakshman Temple Rishikesh
कुंजापुरी देवी मंदिर | Kunjapuri Devi Temple Rishikesh
रघुनाथ मंदिर | Raghunath Temple
वीरभद्र मंदिर | Veerbhadra Temple Rishikesh
लक्ष्मण झूला | Lakshman Bridge Rishikesh
गंगा आरती | Ganga Aarti Rishikesh
राम झूला | Ram Bridge Rishikesh
त्रिवेणी घाट | Triveni Ghat Rishikesh
ऋषिकेश – आश्रम | Ashrams in Rishikesh