Ater ka Kila Hindi : अटेर का किला मध्य प्रदेश के भिंड जिले में स्थित है। अटेर का का यह किला मध्यप्रदेश में चंबल नदी के किनारे पर स्थित है। अटेर का किला चंबल नदी से केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर है । चंबल नदी के उत्तरी भाग में स्थित अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है यह किला जलपोत के आकार का बना हुआ है। 

अटेर किला एक पहाड़ी पर स्थित है। लोगों का मानना है कि जिस पहाड़ी पर अटेर किला स्थित है यह वही पहाड़ी है जिसे महाभारत काल में देव गिरी नाम से जाना जाता था। देव गिरी पहाड़ी पर स्थित होने के कारण इस किले को देव दुर्ग भी कहा जाता है। भारतीय पुरातत्व विभाग के अनुसार अटेर का किला लगभग 350  साल पुराना है। 

अटेर का किला – इतिहास | History – Ater ka Kila Hindi

अटेर का किला भदोरिया राजाओं की भव्यता और गौरवशाली इतिहास का वर्णन करता है। लेकिन आज  अनदेखी के कारण यह किला अपनी जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है।  इतिहास के अनुसार  अटेर का किला यहाँ के भदौरिया शासकों ने बनवाया था। इस किले का प्रारम्भिक निर्माण राजा कर्म सिंह ने सन 1498 में कराया था। उनके बाद में राजा बदन सिंह भदोरिया ने सन 1664 से लेकर 1668 के बीच में इस किले का कार्य कराया और उनके बाद में सन 1668 में राजा मान सिंह द्वारा इस किले का निर्माण कार्य पूरा कराया गया था। यह किला   हिंदू और मुगल स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। 

17 -18 वीं सदी में सिंधिया  तथा जाट संघर्ष के दौरान इस किले पर सिंधिया राजवंश का अधिकार स्थापित हो गया था।

अटेर का किला, Ater ka Kila Hindi

अटेर का किला – बनावट | Construction – Ater ka Kila Hindi

अटेर का किला भदोरिया राजाओं की भव्य विरासत रहा है। इसके साथ ही अटेर का किला अपने अंदर अनेकों रहस्य और अनेकों कहानियों  को समेटे हुए है। अटेर का किला राजनीतिक और सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से भी  किले का अपना एक विशेष स्थान है। यह किला चंबल के गहरे बीहड़ों में शांत खड़ा हुआ है। अटेर का किला उत्तर से पश्चिम की ओर 700 फुट और पूर्व से पश्चिम तक 325 फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है। 

किले के मुख्य आकर्षण | Attractions – Ater ka Kila Hindi

किले के मुख्य चार प्रवेश द्वार हैं। चार प्रवेश द्वार के साथ साथ 17 बुर्ज भी हैं । यह किला ईट और चूने से बना हुआ  एक सामरिक गढ़ कहा जाता है। अटेर के किले का प्रमुख प्रवेश द्वार एक इतिहास को समेटे हुए हैं। किले के मुख्य आकर्षण में खूनी दरवाजा या लाल दरवाजा ,बदन सिंह का महल, रानी का महल, हाथियापोर , बाराखंबा, दीवाने आम, दीवान ए खास,रानी बाग तथा स्नानगार  प्रमुख है। 

अटेर का किला, Ater ka Kila Hindi

अटेर का किला – लाल दरवाजा | Lal Darvaja – Ater ka Kila

अटेर का किला एक लाल दरवाजे के कारण काफी प्रसिद्द है। इस किले के लाल दरवाजे के पीछे का इतिहास भी खासा रोचक है। इस लाल दरवाजे को खूनी दरवाजे के नाम से जाना जाता है जो कि लाल पत्थरों से बना हुआ है।  ऐसा कहा जाता है कि जब गुप्तचर राजा से मिलने आते थे तो उन्हें इस लाल दरवाजे या खूनी दरवाजे से होकर जाना होता था। कहा जाता है कि इस दरवाजे के ऊपर एक जगह पर भेड़ का सिर काट कर रखा जाता था और उसमें से गिरने वाला खून एक छेद से टपकता रहता था। उस खून को नीचे एक कटोरे में इकट्ठा कर लिया जाता था और जो भी गुप्तचर राजा से मिलने की इच्छा रखता था उसे पहले उस खून से तिलक लगाकर किले के अंदर प्रवेश कराया जाता था। 

हिंदू – मुगल स्थापत्य कला | Hindu – Mughal Architecture

किले के मुख्य चार प्रवेश द्वार है जिनमें राजश्री प्रवेश द्वार के  मेहराब मुगल शैली में बनाए गए हैं। अटेर किले के प्रमुख इमारतों में 7 मंजिला इमारत प्रमुख है जिसका निर्माण मुगल शैली का है और इसका निर्माण किले के भीतर चौकसी रखने के लिए एक बुर्ज के रूप में किया गया था।  किले के चार प्रवेश द्वारों की छत पर चित्रकारी की गयी है जिनमे खूबसूरत नक्काशी भी दिखाई देती है।  किले के प्रवेश द्वार की छत पर राजा ,दरबार के लोग और उनके आलावा फूल पत्तों की भी चित्रकारी की गयी है। हिंदू और  मुगल स्थापत्य कला का  समन्वय किले में दिखाई देता है। 

अटेर का किला, Ater ka Kila Hindi

अटेर के किले को देखने के लिए हर दिन हजारों लोग यहां पहुंचते हैं। इसके नजदीक अन्य आकर्षण  स्थल भी हैं जिनमें से प्रमुख है माता रेणुका मंदिर ,वानखंडेश्वर मंदिर और जैन मंदिर। इनके अलावा भिंड से कुछ ही दूरी पर मल्हार राव होलकर की छतरी भी एक आकर्षक  स्थल है। 

इस किले को राष्ट्रीय संरक्षित इमारत घोषित किया गया है।  यह किला भदावर संस्कृति का उदाहरण प्रस्तुत करता है।

अटेर का किला – वर्तमान स्थिति | Ater Kila at Present

कहा जाता है कि किले के अंदर उसकी भव्यता की निशानी  खजाने भी उपस्थित रहे हैं। चंबल नदी के किनारे बसे अटेर के किले के तहखाना को स्थानीय लोगों ने ही खजाने के लालच में खुद ही खोद डाला  है।  इस किले की दीवारों और जमीनों को खजाने की चाह में बर्बाद कर दिया गया है जिसके कारण आज यह किला अपनी जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। 

अटेर के किले तक कैसे पहुंचा जाए ?  How to reach Ater ka Kila

हवाई मार्ग द्वारा | By Flight

भिंड स्थित अटेर का किला देखने पहुंचने के लिए अगर आप फ्लाइट से यात्रा कर रहे हैं तो मध्य प्रदेश में ग्वालियर स्थित एयरपोर्ट यहाँ के सबसे नजदीक का एयरपोर्ट है। भिंड से इसकी दूरी लगभग 75 किलोमीटर है।  एयरपोर्ट से भिंड और उसके आगे का सफर रेंट कार या टैक्सी से तय किया जा सकता है।  

ट्रेन द्वारा | By Train

अटेर के किले तक पहुंचने के लिए अगर आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं तो सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन भिंड रेलवे स्टेशन है , जहां से आसानी से किले तक पहुंचा जा सकता है। भिंड रोड नेटवर्क से भली भांति कनेक्टेड है और इसीलिए सड़क मार्ग से यात्रा कर के आसानी से यहाँ पहुंच सकते हैं।  

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