Shey Palace in Hindi : शे पैलेस, लद्दाख में एक ऐतिहासिक शाही महल है। शे पैलेस लद्दाख की समृद्ध सांस्कृतिक विरासतके ओर टूरिस्ट्स का ध्यान आकर्षित करता है। यह पैलेस नामग्याल राजवंश के निवास के रूपों में इस्तेमाल हुआ और अब  यह पैलेस लद्दाख के प्रसिद्द टूरिस्ट प्लेसेस में से एक है। 

शे पैलेस लद्दाख – नामग्याल राजवंश के साथ संबंध | Namgyal Dynasty – Shey Palace in Hindi

Shey Palace in Hindi

नामग्याल राजवंश 15वीं शताब्दी से लगभग 19वीं शताब्दी तक लद्दाख का शासन चला रहा था। नामग्याल राजवंश दरअसल तिब्बत के राजकुमार भगन द्वारा लद्दाख में स्थापित किया गया था। लद्दाख में उन्हीं के शासन के दौरान बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ था। लेह में स्थित लेह पैलेस नामग्याल राजवंश द्वारा निर्मित एक और मुख्य महल है जो लेह का एक प्रमुख टूरिस्ट आकर्षण है। 

शे नमक गाँव नामग्याल राजवंश के राज्य का एक महत्वपूर्ण भाग रहा है। शे पैलेस राजवंश के लिए एक शाही निवास था और एक राजनीतिक और प्रशासनिक केंद्र के रूप में काफी महत्वपूर्ण स्थान था। 

समय के साथ राज परिवार ने अपना मुख्य निवास लेह में बना लिया और शे पैलेस की अनदेखी होने लगी। सही देखभाल न हो पाने के कारण धीरे धीरे शे पैलेस संरचना भी ख़राब होने लगी । हालाँकि  शे पैलेस के जीर्णोद्धार का काम काफी हद तक किया जा रहा है। 

इतिहास – शे पैलेस लद्दाख | History – Shey Palace in Hindi

शे पैलेस का निर्माण राजा डेलदान नामग्याल ने किया था। वह 17वीं शताब्दी में लद्दाख के राजा थे और अपनी ग्रीष्म कालीन राजधानी के रूप में उन्होंने इस स्थान को चुना था । राजा डेलदान नामग्याल बौद्ध धर्म अनुयायी थे और वह धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। उन्होंने शे पैलेस में परिसर में शे मठ का निर्माण कराया। 

लद्दाख में बौद्ध धर्म को प्रभावी बनाने में नामग्याल राजवंश का बड़ा योगदान रहा है। शे पैलेस में मठ के का निर्माण उन्होंने बौउद धर्म को बढ़ावा देने के लिए कराया था। शे महल एक समय पर राजनीतिक और धार्मिक रूप से शासन का केंद्र बन गया था। 

आर्किटेक्चर – शे पैलेस लद्दाख | architecture – Shey Palace in Hindi

शे पैलेस का आर्किटेक्चर लद्दाखी और तिब्बती शैली का मिला जुला रूप है। पैलेस के आर्किटेक्चर पर बौद्ध कला और संस्कृति का प्रभाव देखा जा सकता है। पैलेस को पत्थर और लकड़ी से बनाया गया है जैसा कि अक्सर पहाड़ी इलाकों में होता है। लेह पैलेस भी इसी तरह से लकड़ी और पत्थर से  बना है। 

पैलेस की दीवारें बौद्ध धर्म से प्रभावित कलाकृतियों से सजी हुई हैं। इनमें भगवान बुद्ध और उनके जीवन से सम्बंधित अनेकों घटनाओं को कलात्मक रूप में दिखाया गया है। शे पैलेस को शे मठ या शे गोम्पा के नाम से भी जाना जाता है।  

यह पैलेस शे गांव में एक पहाड़ी पर स्थित है। यहाँ से हिमालय के सुन्दर दृश्य और एक तरफ बहती सिंधु नदी को देख सकते हैं। पैलेस की बाहरी दीवारों को सफेद रखा गया था। यह पूरा दृश्य किसी पेंटिंग जैसा ही सुन्दर लगता है। 

Shey Palace in Hindi
शे पैलेस लद्दाख – Shey Palace in Hindi

महल में स्थित मठ में बैठे हुए शाक्यमुनि बुद्ध की 3 मंजिला मूर्ति है। यह मूर्ती लद्दाख में सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है। महल के छत सपाट है जो सर्दियों के दौरान भारी बर्फबारी में महल के अंदर के तापमान को नियोजित रखने में सहायक है। पैलेस की खिड़कियों और दरवाजों में लकड़ी के फ्रेम पर नक्काशी का काम किया गया है। 

महल में बीच में एक बड़ा आँगन है जो कि तिब्बती आर्किटेक्चर का एक मुख्य भाग है। यह आँगन समारोह और सभा आदि के लिए इस्तेमाल किया जाता था। 

शे पैलेस लद्दाख – आकर्षण | Attractions – Shey Palace in Hindi

Shey Palace in Hindi

शे पैलेस लद्दाख में एक लोकप्रिय टूरिस्ट अट्रैक्शन है। इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए यह पैलेस लद्दाख के इतिहास में झाँकने का मौका देता है और यहाँ की कला, संस्कृति और परम्पराओं से परिचय कराता है। 

लद्दाख पर बौद्ध धर्म का व्यापक प्रभाव रहा है और इसीलिए यहाँ के आर्किटेक्चर और  जीवन पद्धति भारत के बाकि स्थानों से काफी अलग है। शे पैलेस उस  आर्किटेक्चर और जीवन पद्धति की एक झलक देता है। 

 शे मठ एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थान है। इस मठ के अंदर शाक्यमुनि बुद्ध की तीन मंजिला ऊंची मूर्ति टूरिस्ट्स को आश्चर्य में डाल देती है। मठ में मैडिटेशन के लिए बिलकुल शांत माहौल है जो आजकल कहीं भी मिलना काफी मुश्किल होता है। 

यहाँ  पर होने वाले वार्षिक शे डू लहू फेस्टिवल में शामिल होना एक खास अनुभव है। यह फेस्टिवल आमतौर पर अगस्त महीने में मनाया जाता है। इसमें मुखौटा डांस , लोकल संगीत और अन्य कल्चर एक्टिविटी का प्रदर्शन किया जाता है। बौद्ध धर्म में, प्रकाश को ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। प्रकाश से अज्ञानता का अन्धकार दूर होता है और इसीलिए बौद्ध मोनेस्टरी में अक्सर श्रद्धालु तेल अर्पित किया करते हैं। शे मोनेस्टरी के बाहर सैंकड़ों तेल की बोतलें देखी जा सकती हैं। 

महल से सिंधु घाटी और स्टोक कांगड़ी पहाड़ों का सुन्दर नजारा देख सकते हैं। पैलेस और इसके आसपास दृश्य टूरिस्ट्स को बहुत पसंद आते हैं और खासकर उन्हें जिन्हें फोटोग्राफी का खास शौक है।  पैलेस से सनसेट और सनराइज का सुन्दर नजारा देखने को मिलता है। 

शे पैलेस के पास ही लोकल मार्केट में लद्दाखी ट्रेडिशनल आर्ट के चीजें खरीद सकते हैं और अपनी लद्दाख यात्रा कुछ यादें हमेशा के लिए अपने घर  रख सकते हैं। 

 कब जाएं – शे पैलेस लद्दाख | Best time to Visit -Shey Palace in Hindi

लद्दाख कब जाना चाहिए यह पूरी तरह से टूरिस्ट्स के पसंद पर निर्भर करता है।  तापमान बहुत कम हो जाता है और भयंकर सर्दी पड़ती है। कुछ सड़कें बर्फ़बारी के कारण बंद भी हो जाती हैं।  ऐसे में टूरिस्ट्स यहाँ गर्मियों में आना ज्यादा पसंद करते हैं। 

अगर आप यहाँ आयोजित  धार्मिक उत्सवों में शामिल होना चाहते हैं तो अगस्त के महीने में अपनी ट्रिप प्लान कर सकते हैं। 

कैसे पहुँचे – शे पैलेस लद्दाख | How to reach – Shey Palace in Hindi

सड़क के रास्ते 

शे पैलेस तक पहुंचने का सबसे आसान तरीका टैक्सी से या फिर खुद बाइक या कार ड्राइव करना है। लेह शहर में टैक्सियाँ आसानी से मिल जाती हैं। लेह से शे गांव तक की ड्राइव केवल 15 किलोमीटर है और सड़क भी ठीक ठाक बनी हुई है। इस दूरी को तय करने में लगभग 30 से ४० मिनट लग सकते हैं।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस भी  लेह से शे तक के लिए ले सकते हैं। 

साइकिल से

यदि आपको साइकिल चलाना पसंद है, तो आप लेह में साइकिल किराए पर ले सकते हैं और शे तक जा सकते हैं। यहाँ अक्सर टूरिस्ट्स ग्रुप साइकिल टूर पर जाते हैं। 

लेह कैसे पहुचें

लेह शहर लद्दाख की राजधानी है और यहाँ सड़क के रास्ते आसानी से पंहुचा जा सकता है। अक्सर यहाँ लोग देश के दूर दूर हिस्सों से बाइक टूर पर आते हैं। 

 अगर आप फ्लाइट से ट्रेवल कर रहे हैं तो लेह देश के सभी मुख्य शहरों से अच्छी तरह से कनेक्टेड है। यहाँ आप दिल्ली, मुंबई और अन्य बड़े शहरों से सीधे फ्लाइट से पहुंच सकते हैं। 

Beatific Uttarakhand !