Badam Kila Hindi : बादम किला झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ जिले में स्थित है। बादम का किला ऐतिहासिक करणपुरा रियासत की पहचान रह चुका है। झारखण्ड की राजधानी रांची से लगभग 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बादम किला आज मात्र अवशेष के रूप में खड़ा है।
बादम का किला एक मुग़लकालीन किला है जो लगभग आज से 400 साल पहले बनवाया गया था। करणपुरा रियासत के राजा हेमंत नारायण सिंह द्वारा निर्मित यह किला झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ और रामगढ जिले में बसे लोगों के लिए एक ऐतिहासिक पहचान है।
Badam Fort Hazaribagh, Jharkhand
बादम किला – ऐतिहासिक किला | Historic Badam Kila Hindi
करणपुरा रियासत | Karanpur – Badam Kila Hindi
ऐसा कहा जाता है कि करणपुरा राज्य की स्थापना बाघ देव सिंह द्वारा की गई थी। उनके राजा बनने को ले कर एक घटना बताई जाती है। माना जाता है कि बाघ देव सिंह अपने भाई सिंह देव सिंह के साथ छोटे नागपुर के राजा के यहां नौकरी करने के लिए आए थे। कुछ समय तक वहां रहने के बाद उनके और छोटे नागपुर के राजा के बीच अनेकों विषय को लेकर मत समान नहीं थे जिसके कारण उनकी राजा के साथ अनबन हो गई थी। इसके बाद बाघ देव सिंह अपने भाई सिंह देव सिंह और कुछ बहादुर सैनिकों को साथ लेकर बड़कागांव (करणपुर) की ओर चले गए थे ।
यही बड़कागांव बाद में करणपुरा के नाम से जाना गया। उस समय यहां पर राजा कापर देव शासन कर रहे थे ।यह एक छोटा सी रियासत थी और बाघ सिंह और सिंह देव सिंह ने अपने सैनिकों की सहायता से कापर देव को हरा कर यहां पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया था। इसके अलावा इन दोनों भाइयों ने 21 अन्य ऐसे छोटे छोटे रियासतों और भू- भागों को भी जीत लिया था। इसके बाद इन दोनों भाइयों ने सिसीया को अपनी राजधानी बना लिया था और बाघ देव सिंह वहां के राजा बन गए थे।
बादम किला – राजा हेमंत नारायण सिंह | Raja Hemant Narayan Singh – Badam Kila Hindi
राजा हेमंत नारायण सिंह इसी वंश से छठे राजा थे। वह करणपुर रियासत के सबसे प्रसिद्ध राजा के रूप में जाने जाते हैं। राजा हेमंत नारायण सिंह का शासन काल सन 1604 से सन 1661 तक रहा था । राजा हेमंत नारायण सिंह ने 57 वर्षो तक इस रियासत पर शासन किया था। अपने शासन काल में राजा हेमंत नारायण सिंह ने सन 1642 में बादम किले का निर्माण कार्य पूरा कराया था ।
राजा हेमंत नारायण सिंह एक शिवभक्त राजा थे और उन्होंने बादम किले में शिव मठ का भी निर्माण कराया था। आज हालाँकि यह बेहद जर्जर हालत में पहुंच चुका है और केवल अवशेष ही बचे हैं ।
राजा दलेल सिंह यहाँ इस महल में रहने वाले आखिरी राजा थे। राजा दलेल सिंह ने मुगलो के आतंक के कारण अपनी राजधानी बादम से हटाकर रामगढ़ स्थानांतरित कर दी थी। रामगढ़ बादम से लगभग 30 मील की दूरी पर स्थित है। बाद में उनके वंशजों ने वहां पदमा महल का निर्माण कराया जो आज भी टूरिस्ट्स को अपनी ओर आकर्षित करता है।
बादम किला – पटना के कारीगर | Badam Kila Hindi
राजा हेमंत नारायण सिंह ने बादम किले के निर्माण कार्य को कराने के लिए कारीगरों को पटना से बुलवाया था। उस समय किले के निर्माण करने के लिए एक ऊंचे स्थान को तलाशा गया जो कि बदमाही नदी के सबसे पास था । तब एक पहाड़ी पर किले का निर्माण कराया गया। जब बादम किला बनाया गया उस समय इसमें दो मंजिले थीं । किले की ऊपर वाली मंजिल पर राजा रानी का निवास था और नीचे की मंजिल में सैनिक , उनके घुड़सवार, हाथी , महावत आदि रहा करते थे।
बादम किला – निर्माण | Badam Kila Hindi
बादम किले के निर्माण में पत्थरऔर लाल मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है। किले के निर्माण कार्य में ईटों को आपस में जोड़ने के लिए चूना, गुड़ और उड़द की दाल का प्रयोग किया गया था।
बादम किला – सिंहद्वार
बादम किले के मुख्य द्वार को सिंहद्वार के नाम से जाना जाता है। किले में ऊपर की मंजिल तक जाने के लिए सीढ़ियां भी बनवाई गई थी। सीढ़ी द्वारा ऊपर की मंजिल में जाने पर दिखाई देने वाले झरोखों से बदमाही नदी को देखा जा सकता है । इसके कमरों को इस प्रकार बनाया गया था कि यहां पर गर्मी के दिनों में भी ठंडक का एहसास होता रहता था।
राजा हेमंत सिंह महादेव की पूजा किया करते थे और उन्होंने एक पंच वाहिनी माता की मूर्ति की स्थापना की थी, जो कि अभी भी वहां पर देखी जा सकती है। साथ ही साथ महल के पास ही कुएं का निर्माण भी कराया गया था। यह भी कहते हैं कि उस समय राजा के साथ जो राजपुरोहित के रूप में पंडित आए थे उन्हीं के वंशज यहां पर शिव मंदिर और राधा कृष्ण मंदिर में पूजा अर्चना कर आने के लिए आते हैं।
गुलाब का 400 साल पुराना पौधा
महल के सामने ही गुलाब का पौधा भी लगाया गया था। इस गुलाब के पौधे के विषय में कहा जाता है कि यह पौधा राजा दलेल सिंह की पत्नी के कहने पर लगवाया गया था जो कि आज भी हरा भरा दिखाई देता है। इसकी विशेषता यह है कि कलम काटकर लगाने से भी इसका पौधा नहीं बनाया जा सकता। इसे स्थानीय भाषा में सेवतिया कहा जाता है। यह लगभग 400 साल पुराना है ।
बादम किला | Badam Kila Hindi
बादम किला एक ऐतिहासिक धरोहर है जो आज बिलकुल जीर्ण हालत में है। अक्सर आस पास के एरिया से लोकल टूरिस्ट यहाँ आते हैं अन्यथा इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। बादम का यह किला बादम चौक से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है जो कि झाड़ियों से गिरा हुआ दिखाई देता है। कभी करणपुर रियासत के राजा का निवास रहा यह किला मात्र अवशेष ही है ।
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