Gokarna Tourist places Hindi : गोकर्ण कर्नाटक राज्य में उत्तर की औउत्तर कन्नड़ में एक छोटा सा शहर है जो अपने प्राचीन मंदिरों , खूबसूरत प्रकृति , सुन्दर बीच और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्द है। भगवान शिव के सबसे पुराने मंदिरों में से एक महाबलेश्वर मंदिर गोकर्ण में स्थित है। इस शहर को अक्सर गोकरना या गोकर्णा कहा जाता है।
भारत के पश्चिमी घाट पर स्थित गोकर्ण मिनी गोवा भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ का बीच गोवा के ही तरह सुन्दर हैं जबकि यहाँ टूरिस्ट्स की भीड़ गोवा की तुलना में बहुत कम है। धार्मिक दृष्टि से शिव भक्तों के बीच गोकर्ण विशेष रूप से लोकप्रिय है।
गोकर्ण नाम का अर्थ | Gokarna – meaning in Hindi
गोकर्ण शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है , गो या गौ और कर्ण। संस्कृत भाषा में गौ शब्द गाय के लिए प्रयोग होता है और कर्ण शब्द का अर्थ होता है कान। गोकर्ण का अर्थ है गाय का कान।
गोकर्ण का धार्मिक महत्त्व | Religious Importance – Gokarna Places Hindi
गोकर्ण शहर को सात महत्वपूर्ण तीर्थों में से एक माना जाता है। अघनाशिनी नदी के किनारे पर बसा यह शहर शिव भक्तों के लिए आस्था का मुख्य केंद्र है। ऐसा माना जाता है कि यह शहर त्रेता युग से है और यहाँ पर समय समय पर भगवान शिव के चरण पड़े हैं। गोकर्ण स्थित महाबलेश्वर मंदिर भारत में सबसे पुराने शिव मंदिरों में से एक है और इसके सम्बन्ध में कई पौराणिक कहानिया भी प्रचलित हैं।
गोकर्ण के बारे में पुराणों में कहा जाता है कि इसकी स्थापना ऋषि परशुराम द्वारा की गयी थी।
गोकर्ण प्रचलित कहानी | Stories – Gokarna Tourist Places Hindi
गोकर्ण नाम से सम्बंधित एक कहानी भी बताई गयी है। आत्मवेद नाम का एक ब्राह्मण संतान की इच्छा में प्रार्थना करता हुआ जंगल में एक साधु से मिला। साधु ने आत्मवेद को एक फल दिया और अपनी पत्नी को देने के लिए कहा। आत्मवेद ने वह फल अपनी पत्नी को दिया लेकिन उसकी पत्नी ने वह फल खाने के बजाय अपनी गाय को खिला दिया।
कुछ समय बाद समय बाद गाय ने एक मानव बच्चे को जन्म दिया जिसके कान गाय जैसे ही थे। ऐसे कान होने के कारण उस बच्चे का नाम गोकर्ण रखा गया। उस बच्चे के नाम पर ही इस जगह का नाम गोकर्ण पड़ा।
गोकर्ण नाम से सम्बंधित दूसरी प्रचलित मान्यता के अनुसार एक बार सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा को अपने ऊपर बहुत घमंड हो गया था और इसके चलते भगवान शिव ने उन्हें श्राप दिया। खुद को उस श्राप से मुक्त करने के लिए ब्रह्मा भगवान शिव की तपस्या करने लगे। उनकी तपस्या से खुश हो कर भगवान शिव एक गाय के कान से उनके सामने प्रकट हुए, इसलिए इस स्थान को गोकर्ण या गाय के कान के रूप में जाना जाने लगा।
गोकर्ण टूरिस्ट प्लेस | Gokarna Tourist Places Hindi
गोकर्ण एक प्रसिद्द टूरिस्ट प्लेस है जो न केवल अपने प्राचीन मंदिरों बल्कि अपने शांत सुन्दर बीच और प्राकृतिक सुंदरता के लिए एक देखने लायक जगह है। यहाँ आप गोकर्ण के प्रमुख मंदिरों , बीच और अन्य टूरिस्ट प्लेस के बारे में जान सकते हैं।
गोकर्ण के बीच | Beaches of Gokarna – Hindi
ओम बीच | Om Beach Gokarna
गोकर्ण का सबसे प्रसिद्द बीच ॐ बीच है। इस बीच का आकर ॐ जैसा होने के कारण ही इसका नाम ॐ बीच है। टूरिस्ट्स के बीच यह काफी लोकप्रिय है। हालाँकि यह बीच एक रॉकी यानी चट्टानों वाला बीच है और इसीलिए यहाँ बीच के ज्यादा अंदर नहीं जाना चाहिए लेकिन फिर भी अपने विशेष आकर के चलते यह बीच गोकर्ण का सबसे प्रसिद्द टूरिस्ट प्लेस है। यहां टूरिस्ट चट्टानों पर बैठ कर इस जगह की सुंदरता को महसूस सकते हैं।
इस बीच पर बहुत ज्यादा टूरिस्ट्स नहीं होते हैं तो यहाँ शांति के माहौल में समय बिताना अच्छा लगता है।
हाफ मून बीच | Half Moon Gokarna
हाफ मून बीच भी अपने स्पेशल आकार के लिए प्रसिद्द है। ऊँचाई से देखने पर यह बीच आधे चन्द्रमा के आकार जैसा दिखता है इसीलिए इस बीच को हाफ मून बीच नाम मिला है।
गोकर्ण का यह बीच भी भी एक छोटा सा बीच है और अधिकतर चट्टानों से भरा है। इस छोटे बीच पर अक्सर वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज होती रहती हैं। टूरिस्ट्स यहाँ वाटर स्पोर्ट्स का मजा ले सकते हैं।
पैराडाइज बीच | Paradise Beach Gokarna
पैराडाइज बीच एक अन्य बीच है जो छोटा बीच ही है लेकिन यहाँ खड़े पाम के पेड़ और बनी झोपड़ियां इसे एक अलग ही तरह का लुक देती हैं। हाफ मून बीच से कुछ ही दूरी पर स्थित पैराडाइज बीच को फुल मून बीच भी कहा जाता है। गोकर्ण के अधिकतर बीच पर बड़ी चट्टानें हैं। पैराडाइज बीच भी ऐसा ही एक चट्टानी बीच है। भीड़ भाड़ से दूर यह बीच अपने शांत और सुन्दर वातावरण और विशाल समुद्र दर्शन के लिए प्रसिद्द है।
कुडले बीच | Kudle Beach Gokarna
कुडले बीच गोकर्ण का अन्य बीच है जो दो पहाड़ियों के बीच में स्थित है। कुडले बीच पहुंचने के लिए बीच से लगभग 1 किलोमीटर दूर गाड़ी पार्क करके ट्रेक कर के पहुंचते हैं। यह बीच जितना सुन्दर है उतना ही इस तक जाने का रास्ता सुन्दर है। इस बीच से शाम के समय सनसेट का व्यू बेहद खूबसूरत होता है।
गोकर्ण बीच | Gokarna Beach
गोकर्ण बीच गोकर्ण शहर का मुख्य बीच है और टूरिस्ट के बीच गोकर्ण का एक प्रसिद्द आकर्षण भी है। यह बीच गोकर्ण का सबसे लम्बा बीच है जो लगभग 3 किलोमीटर तक लम्बा है। अक्सर इस बीच पर बोटिंग और अन्य वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज होते देखी जा सकती हैं। टूरिस्ट्स यहाँ इन वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज को एन्जॉय करते देखे जा सकते हैं।
निर्वाण बीच | Nirvana Beach
निर्वाण बीच गोकर्ण शहर का एक शांत बीच है। यह बीच टूरिस्ट्स की भीड़ से दूर नीले रंग के साफ़ पानी और सनराइज पॉइंट के रूप में प्रसिद्द है। यहाँ टूरिस्ट्स और लोकल लोग शांति के वातावरण में समय बिताने के लिए आते हैं।
स्माल हेल बीच | Small Hell Beach
स्माल हेल , गोकर्ण का एक और साफ सुथरा बीच है जहाँ टूरिस्ट कैंपिंग के लिए आना पसंद करते हैं। यह बीच एक बहुत सुन्दर फोटोशूट लोकेशन है।
गोकर्ण के प्रसिद्ध मंदिर और धार्मिक स्थल | Mandir – Gokarna
गोकर्ण एक हजारों साल पुराना शहर है। माना जाता है कि यह शहर त्रेता युग यानि भगवान राम के समय का , बल्कि उस से भी पहले का शहर है। गोकर्ण में भगवान शिव के प्राचीन मंदिर स्थित हैं और इस शहर को दक्षिण का काशी भी कहा जाता है।
महाबलेश्वर मंदिर | Mahabaleshwar Mandir
महाबलेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर लगभग 1500 साल पुराना मंदिर है जो द्रविड़ियन शैली मैं बना हुआ है। महाबलेश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग को आत्मलिंग कहा जाता है और माना जाता है कि यह शिवलिंग त्रेता युग में यहाँ स्थापित हुआ था।
इस विशिष्ट मंदिर में भगवान शिव के आत्मलिंग स्वरुप में दर्शन करने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं। मंदिर में शिवरात्रि का विशेष उत्सव आयोजित होता है।
कोटि तीर्थ | Koti Teerth Gokarna
कोटि तीर्थ एक मानव निर्मित तालाब / झील है जिसे हजारों जल धाराओं से बना माना जाता है। इसके चारों ओर मंदिर स्थापित हैं। श्रद्धालु यहाँ आ कर कोटि तीर्थ के पानी में डुबकी लगा कर मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं।
कोटि तीर्थ से जुडी एक प्रचलित कहानी है कि एक बार गरुड़ ने ब्रह्मा के शतशृंग पर्वत पर अपना अधिकार कर लिया और उसे ले उड़े। ब्रह्मा ने जब उनसे पर्वत को वापिस रखने को कहा तो गरुड़ ने इस तरह से रखा कि वह आधा समुद्र में और आधा जमीन पर रहा। इसी से कोटि तीर्थ बना।
महागणपति मंदिर | Maha Ganpati Mandir
महागणपति मंदिर गोकर्ण में भगवान गणेश को समर्पित प्राचीन मंदिर है और माना जाता है कि यहाँ पर त्रेता युग में भगवान गणेश रावण से मिले थे। उस समय रावण भगवन शिव की तपस्या कर उनसे प्राप्त आत्मलिंग को ले कर जा रहा था और किसी कारण से उसने वह शिवलिंग गणेश को कुछ देर पकड़ने के लिए कहा। गणेश ने कुछ देर तक आत्मलिंग को रखा और बाद में रावण के न आने पर उन्होंने उसे वहीँ जमीन पर रख दिया। आत्मलिंग वही पर स्थापित हो गया और फिर रावण वह आत्मलिंग अपने साथ नहीं ले जा सका।
भगवान गणेश को समर्पित महागणपति मंदिर महाबलेश्वर मंदिर के साथ ही है और श्रद्धालुओं की मान्यता है कि पहले गणेश मंदिर में दर्शन कर के महाबलेश्वर मंदिर में जाना चाहिए।
भद्रकाली मंदिर | Bhadrakali Mandir
भद्रकाली मंदिर देवी शक्ति के प्रतिरूप काली को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर से जुडी कई कहानियां प्रचलित हैं। कहा जाता है कि एक बार दानवों के अत्याचार से धरती को बचाने के लिए ब्रह्मा , विष्णु और शिव भगवान ने दुर्गा का अवतरण किया। उन्ही दुर्गा ने काली के रूप में यहाँ आकर दानवों से देवताओं और मानव जाती की रक्षा की।
भद्रकाली मंदिर देवी शक्ति उपासकों के लिए मुख्य आस्था का केंद्र है। हर साल नवरात्री पर यहाँ विशेष प्रार्थना और उत्सव का आयोजन होता है।
महालसा मंदिर | Mahalsa Mandir or Shri Mahalsa Siddhivinayak Ganpati Mandir
गोकर्ण स्थितमहालसा मंदिर को श्री महालसा सिद्धि विनायक गणपति मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर भगवन गणेश को समर्पित मंदिर है जो लगभग 150 साल पुराना है।
सोमेश्वर मंदिर | Someshwar Mandir
सोमेश्वर मंदिर गोकर्ण स्थित प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण दक्षिण भारत के चोल शासकों द्वारा किया गया था। सोमेश्वर भी भगवान शिव का एक नाम है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर भारतीय संस्कृति और आर्किटेक्चर का एक बेहतरीन उदहारण है।
उमा महेश्वर मंदिर | Uma Maheshwar Mandir
भगवान शिव और पार्वती को समर्पित यह मंदिर कुडले बीच और ॐ बीच के मध्य एक पहाड़ी पर स्थित है। शतशृंग पर्वत पर स्थित यह एक लोकप्रिय मंदिर है। पहाड़ी की चोटी पर स्थित उमा महेश्वर मंदिर तक लगभग 15 मिनट के चढ़ाई कर के पहुंच सकते हैं।
गोकर्ण – आस पास अन्य टूरिस्ट प्लेस | Other nearby Tourist Places Gokarana
पश्चिमी घाट पर स्थित गोकर्ण के आस पास प्रसिद्ध गुफाएं स्थित हैं। इनमें याना केव और शिव केव बहुत प्रसिद्द हैं।
याना गुफाएं | Yana Caves
शहर से लगभग 50 किलोमीटर के दूरी पर याना केव्स स्थित हैं। टूरिस्ट यहाँ ट्रैकिंग के लिए आना पसंद करते हैं। घने जंगल के बीच स्थित याना केव चट्टानों से बना एक सुन्दर नेचुरल साइट है।
शिव गुफा | Shiva Cave
शिव गुफा शहर से लगभग 10 किलोमीटर के दूरी पर स्थित एक गुफा है। इस गुफा को गोगर्भ गुफा भी कहा जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि इस गुफा में आत्मलिंग स्थापित है।
मिर्जन किला | Mirjan Kila
गोकर्ण से लगभग 25 किलोमीटर के दूरी पर मिर्जान किला स्थित है। यह किला 16वें शताब्दी में बना हुआ है। यह किला दस एकर में फैला हुआ है। मिर्जान किले का निर्माण नवायथ सल्तनत के शासकों द्वारा कराया गया था। 16वें और 17वें शताब्दी में यह किला पश्चिम से होने वाले व्यापर में अहम् भूमिका रखता था।
एक्टिविटीज | Other Activities in Gokarna
गोकर्ण एक कोस्टल या समुद्र किनारे बसा एक शहर है। अपने शांत और धार्मिक वातावरण से अलग गोकर्ण के पहचान एक वाटर स्पोर्ट्स और एडवेंचर टूरिस्ट प्लेस के रूप में भी है। तटीय शहर होने का कारण बीच पर अक्सर टूरिस्ट्स को पैरासेलिंग , बोटिंग और अन्य वाटर स्पोर्ट्स में भाग लेते देखा जा सकता है।
वाटर स्पोर्ट्स के अलावा टूरिस्ट्स यहाँ कैंपिंग और ट्रैकिंग के लिए भी आते हैं। कैंपिंग , ट्रैकिंग करते समय अपने साथ एक लोकल अनुभवी गाइड लेना अच्छा रहता है जिससे कि इस शहर के खूबसूरती पहलुओं को आप मिस न कर सकें। इस धार्मिक ऐतिहासिक शहर से जुडी कहानियाँ भी गाइड से सुनने को मिलेंगी और आप इस जगह को और अच्छी तरह से समझ पाएंगे।
गोकर्ण जाने का सबसे अच्छा समय | Best time to visit Gokarna
गोकर्ण जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का है। इन दिनों यहाँ का मौसम सुहाना रहता है और आउटडोर लोकेशन और बीच का पूरा मजा टूरिस्ट्स ले सकते हैं।
गोकर्ण में रहना | Stay in Gokarna
स्टे करने के लिए सस्ते मंहगे सभी तरह के ऑप्शन मिल जाते हैं। अगर आप किसी लक्ज़री होटल में रुकना चाहते हैं या फिर किसी बजट होटल में , सभी तरह के ऑप्शन यहाँ हैं। अगर आप यहाँ के कल्चर को पास से देखना और महसूस करना चाहते हैं तो अच्छा है कि किसी होम स्टे में रुकें जहाँ होस्ट आपको खाना का भी इंतजाम कर सकें। यहाँ का खाना वैसे तो साउथ इंडियन स्टाइल का ही हैं लेकिन होमस्टे में रहना और वहां का खाना कई बार आपको यहाँ के कुछ विशेष प्रथा और जीवन जीने के तरीके से परिचित करा देता है।
गोकर्ण कैसे पहुचें | How to reach Gokarna
यहाँ पहुंचने के लिए अगर आप फ्लाइट से ट्रेवल कर रहे हैं तो गोआ का डाबोलिम एयरपोर्ट सबसे नजदीक , लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर है। गोवा के डाबोलिम एयरपोर्ट पहुंचकर वहां के मडगांव स्टेशन से गोकर्ण के लिए ट्रेन से या सड़क के रास्ते जा सकते हैं।
गोकर्ण एक रेलवे स्टेशन है जहाँ पहुंचने के लिए देश के बाकी स्टेशंस से सीधे या कनेक्टेड ट्रेन से पहुंच सकते हैं। सड़क के रास्ते यहाँ पहुंचना बहुत सुन्दर अनुभव है। पश्चिम घाट के घने जंगलों के बीच बसे छोटे छोटे गांव और शहरों के बीच से ट्रेवल करना बहुत सुखद अनुभव है।
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