Lansdowne Tourist Places in Hindi : लैंसडाउन एक प्रसिद्द हिल स्टेशन है। लैंसडाउन ब्रिटिश शासन के दौरान एक जाना मानी जगह बन गया था। एक शांत हिल स्टेशन लैंसडाउन एक अछूती से जगह है जहाँ प्रकृति का सुन्दर रूप देखते ही बनता है। ओक और देवदार के जंगलों से घिरा लैंसडौन समुद्र तल से 1706 मीटर की ऊंचाई पर पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित है।
लैंसडाउन नाम – इतिहास | History – Lansdowne Tourist Places in Hindi
गढ़वाली में लैंसडाउन/ लैंसडौन का पुराना नाम कालूडांडा था। कालू और डांडा पहाड़ियों के बीच बसा होने के कारण इस जगह को कलूडांडा कहा जाता था। भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान सन 1888 से सन 1894 तक भारत के वायसराय रहे लार्ड लैंसडौन के नाम पर ही कलूडांडा को लैंसडाउन कहा गया था।
सन 1887 में गढ़वाल राइफल्स की पहली बटालियन अल्मोड़ा से लैंसडाउन आयी थी और तभी से यह शहर गढ़वाल राइफल्स का ट्रेनिंग सेण्टर बन गया। आज भी गढ़वाल राइफल्स का रेजिमेंट सेण्टर यहीं पर है।
ब्रिटिश शासन में लैंसडाउन एक प्रसिद्द हिल स्टेशन बन गया और यहाँ बाकि जगहों से आ कर लोग बसने लगे थे। यहाँ अनेकों पुरानी इमारतें और चर्च हैं जो उसी दौरान बने थे।
ठंडी सड़क – लैंसडाउन | Thandi Sadak -Lansdowne Tourist Places in Hindi
लैंसडाउन और जयहरीखाल के बीच स्थित इस सड़क को ठंडी सड़क कहा जाता है। यह सड़क ब्रिटिश शासन के दौरान बनी एक ऐसी सड़क थी जिस पर उस समय भारतीय नागरिकों को जाने नहीं दिया जाता था। इस सड़क पर जाने का अधिकार केवल अंग्रेज और यूरोपियन नागरिकों को था। इसी सड़क के साथ नीचे की ओर बनी हुई एक और सड़क से ही भारतीय नागरिकों को जाने की अनुमति थी।
लैंसडाउन का मौसम | Weather -Lansdowne Tourist Places
लैंसडौन का मौसम पूरे वर्ष भर सुहाना रहता है। यहाँ का मौसम यहाँ आने वाले टूरिस्ट्स को अचंभित सा कर देता है। कब बादल हट कर सूरज चमकने लगेगा और कब सूरज अचानक से बादलों में चुप जायेगा , यह लुकाछिपी का खेल ही चलता रहता है। प्रकृति का सुन्दर रूप और बेहद खूबसूरत नज़ारे यहाँ आने वालों का मन मोह लेते हैं। सडकों पर जाते वक्त लगभग हर मोड़ ही इतना खूबसूरत लगता है कि डेस्टिनेशन तक पहुंचने के कोई जल्दी यहाँ किसी को नहीं सूझती।
लैंसडाउन टूरिस्ट प्लेस | Lansdowne Tourist Places in Hindi
लैंसडौन एक प्रसिद्द टूरिस्ट सिटी है। यहाँ के टूरिस्ट स्पॉट्स में टिप एंड टॉप व्यू पॉइंट , कालेश्वर महादेव मंदिर , संतोषी माता मंदिर , दरवान सिंह म्यूजियम , भुल्ला ताल , सेंट मैरी चर्च, वॉर मेमोरियल, सेंट जोन्स चर्च, भीम पाकोरा , हवाघर और गढ़वाली मेस प्रमुख हैं।
टिप एन टॉप | Tip N Top Point – Lansdowne Tourist Places in Hindi
टिप एंड टॉप लैंसडौन का सबसे प्रसिद्द टूरिस्ट स्पॉट है। यह एक माउंटेन टॉप व्यू पॉइंट है जहाँ ऊँचाई से पूरा लैंसडौन और आस पास का पैनोरमिक व्यू देखा जा सकता है। यह टूरिस्ट पॉइंट लैंसडौन मुख्य शहर से केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
टिप एंड टॉप पोंट तक पहुंचने के लिए चाहे तो ट्रेक कर के भी जा सकते हैं। इस पॉइंट से दूर तक बिखरे पहाड़ और मौसम साथ दे आसमान में तैरते बादलों का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है। इस पॉइंट से हिमालय की बर्फ से ढकी चोटिया भी देखी जा सकती हैं।
कालेश्वर महादेव मंदिर | Kaleshwar Mahadev Mandir – Lansdowne Tourist Places in Hindi
लैंसडौन स्थित कालेश्वर महादेव मंदिर भगवन शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर शिव भक्तों की केंद्र है। मान्यताओं उपस्थित शिवलिंग एक स्वयंभू शिवलिंग है। स्वयंभू का अर्थ होता है अपने आप उत्पन्न हुआ। स्वयंभू शिवलिंग होने के कारण इस मंदिर का बहुत महत्त्व है।
मंदिर से सम्बंधित अनेकों कहानियां यहाँ प्रचलित हैं। यहाँ के निवासियों का मानना है कि एक बार महाशिवरात्रि के दिन कुछ गायें इधर की तरफ आईं और अपने आप ही शिवलिंग की ऊपर उनसे दूध गिरने लगा। तब से गांव वाले इस जगह आ कर प्रस्थान करने लगे।
लोगों का ऐसा भी मानना है कि हजारों साल पहले यहाँ एक ऋषि कालू तप कर रहे थे और उन्ही के नाम पर इस एरिया का नाम कालूडांडा पड़ा था। कालेश्वर महादेव मंदिर | Kaleshwar Mahadev Mandir Hindi
संतोषी माता मंदिर | Santoshi Mata Mandir – Lansdowne Tourist Places in Hindi
यह मंदिर टिप एंड टॉप पॉइंट से आगे की ओर स्थित है। यह देवी के एक रूप संतोषी माता को समर्पित एक मंदिर है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 100 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। यह मंदिर भीड़ से दूर एक शांत स्थान है जहाँ पूजा प्रार्थना के अलावा सुन्दर वादियों के नज़ारे देखे जा सकते हैं।
दरवान सिंह म्यूजियम | Darwan Singh Museum – Lansdowne Tourist Places in Hindi
दरवान सिंह म्यूजियम या गढ़वाल राइफल्स म्यूजियम गढ़वाल रेजिमेंट का एक म्यूजियम है। दरवान सिंह नेगी वह पहले व्यक्ति थे जिन्हें सबसे पहले विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया था। उन्ही के सम्मान में इस म्यूजियम का नाम दरवान सिंह म्यूजियम पड़ा है।
इस म्यूजियम में गढ़वाल राइफल्स के इतिहास को बयां करते पुराने फोटोग्राफ्स, हथियार, ुनिफॉर्मस आदि को दर्शकों के लिए रखा गया है।
भुल्ला ताल | Bhulla Tal – Lansdowne Tourist Places in Hindi
भुल्ला ताल एक छोटी से लेक है जो मुख्य शहर से केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस लेक पर अक्सर लोग पिकनिक के लिए और बोटिंग के लिए आना पसंद करते हैं। यह लेक एक अर्टिफिशियल लेक है जो आर्मी द्वारा बनवायी गयी है।
सेंट मैरी चर्च | Saint Merry Church – Lansdowne Tourist Places in Hindi
सेंट मैरी चर्च एक ऐतिहासिक चर्च है। यह चर्च सं 1895 में यहाँ ब्रिटिश शासन ले दौरान बनवाया गया था। एक समय तक यह एक एक्टिव चर्च था लेकिन अब यह चर्च एक म्यूजियम में बदल गया है। इस म्यूजियम में लैंसडौन और गढ़वाल रेजिमेंट के इतिहास से सम्बंधित जानकारी मिलती है।
भीम पकोड़ा | Bheem Pakora – Lansdowne Tourist Places in Hindi
भीम पकोड़ा का नाम अपने आप में एक आकर्षण है। दरअसल इसके नाम के पीछे एक कहानी भी बताई जाती है। माना जाता है कि अपने अज्ञातवास के दौरान पांडव जब यहाँ पर आये थे तो उस समय बलशाली भीम ने इन चट्टानों को इस तरह से एक के ऊपर दूसरे को बैलेंस कर के रखा था।
इन चट्टानों के बारे में यह भी कहा जाता है कि इन्हे केवल एक ऊँगली से छू कर थोड़ा हिलाया जा सकता है लेकिन पूरा जोर लगाकर भी गिराया नहीं जा सकता।
हवाघर | Hawaghar – Lansdowne Tourist Places in Hindi
लैंसडौन से केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हवाघर अपने सुन्दर प्राकृतिक व्यू के लिए प्रसिद्द है। यह प्रकृति का एक ऐसा कोना है जहाँ से दूर दूर तक का व्यू देखा जा सकता है। यहाँ से हिमालय के बर्फ से ढकी चोटियां भी देखी जा सकती हैं।
गढ़वाली मेस | Garhwali Mess – Lansdowne Tourist Places in Hindi
लैंसडौन की सबसे पुरानी बिडिंग के रूप में गढ़वाली मेस प्रसिद्द है। गढ़वाली मेस सन 1888 में बनायी गयी बिल्डिंग है जबकि लैंसडौन को सन 1897 में बसाया गया था। इस तरह से गढ़वाली मेस लैंसडौन के सबसे पपुरानी और पौड़ी जिले के पुरानी इमारतों में से है।
गढ़वाली मेस में एक म्यूजियम भी है जो भारत के ब्रिटिश शासन के दौरान के इतिहास और गढ़वाल राइफल्स से सम्बंधित इतिहास को दर्शाता है। यह बिल्डिंग अपने विशेष आर्किटेक्चर के लिए प्रसिद्द है।गढ़वाली मेस को कोलोनियल आर्किटेक्चर का एक बेहतर नमूना माना जाता है।
इन सभी प्रसिद्द टूरिस्ट स्पॉट्स के आलावा भी लैंसडौन में प्रकृति के बीच समय बिताना अपने आप में एक अनुभव है। लैंसडौन बहुत ज्यादा जाना माना हिल स्टेशन नहीं है। अक्सर गर्मियों के छुट्टियों में लोग शिमला , नैनीताल, मसूरी या अल्मोड़ा जाना पसंद करते हैं। लैंसडौन एक खूबसूरत शहर है जो अभी भी भीड़ से दूर है और यहाँ की प्रकृति भी अछूती सी है।
इस सुन्दर मौसम में अक्सर कुछ टूरिस्ट्स यहाँ केवल समय बिताने के लिए आना पसंद करते हैं। ऐसे टूरिस्ट्स के लिए यहाँ कैंपिंग , ट्रैकिंग और नेचर वॉक जैसे एक्टिविटी भीअरैंज की जाती हैं।
लैंसडौन जाने का सबसे अच्छा समय | Best time to visit Lansdowne
लैंसडौन का मौसम पूरे साल ही सुहाना रहता है। हर मौसम में यहाँ के खूबसूरती देखते ही बनती है। गर्मियों में जहाँ सुहाना मौसम राहत देता है वहीँ बारिश के मौसम में यहाँ की हरी भरी वादियां मन को बहुत खुश कर देती हैं। सर्दियों का भी यहाँ अपना ही मजा है। किसी भी मौसम में लैंसडौन एक देखने लायक और अनुभव करने लायक जगह है।
गर्मियों में आते समय भी अपने साथ जैकेट रख लेने चाहियें क्योंकि लैंसडौन के इन वादियों में मौसम बदलने में ज्यादा देर नहीं लगती।
लैंसडौन कैसे पहुचें | How to reach Lansdowne
लैंसडौन पहुंचने के लिए चाहे तो रोड से ड्राइव करके जा सकते हैं और अगर चाहें तो ट्रैन से जर्नी कर सकते हैं। अगर आप ट्रैन से ट्रेवल कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि ट्रेन लैंसडौन से लगभग 40 दूरी कोटद्वार तक आती है। उससे आगे का रास्ता रोड से स्टेट ट्रांसपोर्ट के बस या टैक्सी से तय कर सकते हैं।
अक्सर दिल्ली और आस पास के एरिया से लोग यहाँ रोड ट्रेवल करके आना पसंद करते हैं। अगर आप फ्लाइट से उत्तराखंड के लिए ट्रेवल कर रहे हैं तो देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एयरपोर्टपहुंच कर वहां से लगभग 150 किलोमीटर के दूरी रोड से तय कर सकते हैं।
लैंसडौन में हर बजट में होटल उपलब्ध हैं। अगर आप गर्मियों के मौसम में ट्रेवल कर रहे हैं तो एडवांस में बुकिंग करा लेना ज्यादा सही रहता है।
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