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रामेश्वरम धाम | Rameshwaram Dham Hindi

Rameshwaram Hindi

Rameshwaram Dham Hindi | रामेश्वरम धाम : जिन्हे राम ने अपना ईश्वर माना ! राम के ईश्वर ! १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक , चार धामों में से एक !

तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले मे बसा रामेश्वरम एक छोटा सा शहर है जो हिन्दुओं का एक मुख्य तीर्थ और एक प्रसिद्द टूरिस्ट प्लेस है। पम्बन द्वीप पर स्थित रामेश्वरम भारत के आखिरी छोर पर है। रामेश्वरम के नाम पर ही पम्बन द्वीप को रामेश्वरम द्वीप भी कहा जाता है। ये द्वीप एक शंख के आकर में फैला हुआ है।

एक प्रमुख तीर्थ होने के साथ साथ रामेश्वरम एक टूरिस्ट प्लेस के रूप में भी प्रसिद्द है। चार धामों के मुख्य मंदिर के आलावा भी रामेश्वरम में रामायण कालीन और भी मंदिर उपस्थित हैं जिनका सम्बन्ध भगवान् राम और उनकी पत्नी सीता , हनुमान और विभीषण से रहा है।

History – Rameshwaram Dham Hindi | रामेश्वरम धाम इतिहास

१५वे शताब्दी तक रामेश्वरम पर दक्षिण के पंड्या वंश का शासन था। उसके बाद १७वे सदी तक यह स्थान विजय नगर साम्राज्य के नायक राजाओं के अधिकार में रहा। उस समय में यहाँ के मंदिरों के निर्माण पर मदुरै के जैसे आर्किटेक्चर का प्रभाव देखा जा सकता है। नायक राजा के बाद इस पर सेतुपति राजाओं का शासन था।

सेतुपति

सेतुपति यानी सेतु के रक्षक। राम द्वारा निर्मित सेतु की रक्षा करना उनका धर्म था और उन्होंने रामेश्वरम के मंदिरों के भव्य निर्माण के लिए हर तरह से मदद की। सेतुपति शासन के दौरान रामेश्वरम के मुख्य रामनाथस्वामी मंदिर के भवन और अन्य मंदिरों का भी निर्माण किया गया। उसके बाद यह शहर ब्रिटिश के अधिकार में आ गया।

Rameshwaram Dham Hindi – Ramayan Connection | रामायण से सम्बन्ध – रामेश्वरम धाम

प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता को लंका के राजा रावण से छुड़ाने के लिए यहां से समुद्र पार कर लंका तक पहुंचने के लिए एक पुल का निर्माण किया था। रामेश्वरम में ही राम द्वारा विभीषण का लंका के राजा के रूप में राज्याभिषेक किया गया था। इसी जगह पर राम ने लंका युद्ध के बाद खुद को पाप मुक्त करने के लिए भगवान् शिव की एक शिवलिंग के रूप में पूजा की थी।

इसीलिए रामेश्वरम को वैष्णव और शैव दोनों के लिए मुख्य तीर्थ माना जाता है।

Tourists Attractions – Rameshwaram Dham Hindi | मुख्य आकर्षण – रामेश्वरम धाम

रामनाथस्वामी मंदिर | Ramanathaswami Mandir, Rameshwaram

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भारत के सबसे प्रसिद्द और चार धामों में से एक रामनाथस्वामी मंदिर भगवन शिव को समर्पित है। ये मंदिर १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हिन्दू मंदिरों में सबसे लम्बा गलियारा इस मंदिर का है जिसे सेतुपति राजा ने बनवाया था।

प्राचीन ग्रंथों के अनुसार लंका युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद ऋषि मुनियों के कहने पर राम ने यहाँ पर शिव की आराधना की थी ताकि वह इस युद्ध के दौरान किये गए पापों से मुक्त हो जाएं। इसके लिए उन्होंने हनुमान को हिमालय जा कर शिवलिंग लाने के लिए कहा। इस सब में काफी समय लगने के कारण उनकी पत्नी सीता ने यहाँ के रेत से एक शिवलिंग बनाया और फिर उसी शिवलिंग की पूजा राम , सीता और लक्ष्मण द्वारा की गई। कहा जाता है की वह शिवलिंग अब भी मंदिर के गर्भ गृह में स्थित है।

अध्यात्म रामायण के अनुसार, यह शिवलिंग लंका जाने से पहले राम ने खुद बनाया था और शिव की आराधना की थी।

हिन्दुओं के चार धाम : पूर्व में जगन्नाथ पुरी, दक्षिण में श्री रामेश्वरम , पश्चिम में द्वारका जी और उत्तर में श्री बद्रीनाथ

रामनाथस्वामी मंदिर रामेश्वरम और यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक तीर्थ के रूप में पूजनीय है और हर साल यहाँ लाखों की संख्या मे भारत और विदेशों से श्रद्धालु और पर्यटक आते रहते हैं। इस मंदिर में कुल २२ कुंड हैं और इन कुंडों के पानी से नहाने के बाद ही श्रद्धालु मंदिर के अंदर जा कर दर्शन कर सकते हैं।

पम्बन ब्रिज / पुल -रामेश्वरम धाम | Pamban Bridge – Rameshwara Dham Hindi

Rameshwaram Dham HIndi
Rameshwaram Dham HIndi

पम्बन ब्रिज एक रेल ब्रिज है जो पम्बन द्वीप को भारत की मुख्य भूमि के मंडपम से जोड़ता है। ये ब्रिज भारत का पहला समुद्री ब्रिज है जिसे ब्रिटिश शासन के दौरान 1914 में बनवाया गया था। मुंबई सी-लिंक बनने से पहले तक यह ब्रिज भारत का सबसे लम्बा समुद्री ब्रिज था और अब ये दूसरा सबसे लम्बा समुद्री ब्रिज है।

इस ब्रिज की रेल यात्रा अपने आप में एक अडवेंचरस अनुभव है।

राम सेतु – रामेश्वरम धाम | Ram Setu – Rameshwaram Dham Hindi

रामेश्वरम से केवल 18 किलोमीटर दूर पर धनुष्कोडी में राम सेतु ब्रिज है जिसका निर्माण भगवान् राम ने समुद्र पार कर लंका जाने के लिए किया था और इसके लिए उन्होंने वानर सेना से सहायता ली थी। इस ब्रिज / सेतु का काफी भाग हालाँकि पानी मे डूब गया है लेकिन रामनाथस्वामी मंदिर के रिकॉर्ड के अनुसार 15 वी सदी तक इस पर पैदल जाना मुमकिन था।

भू वैज्ञानिकों के अनुसार भी ये पुल पहले भारत और श्री लंका को जोड़ता था।

विलोंडी तीर्थम – रामेश्वरम धाम | Vilondi Teertham – Rameshwaram Dham Hindi

कहा जाता है कि इसी जगह पर भगवान् राम ने अपनी पत्नी सीता की प्यास बुझाने के लिए समुद्र के पानी मे अपने तीर की नोक को गीला कर वहां पर धनुष से छोड़ा था जिस से मीठे पानी का एक स्रोत निकल आया था। यहाँ अब एक छोटा कुआ बना हुआ है और श्रद्धालु यहाँ आ कर इस कुए से पानी पीते हैं।

धनुषकोडी – रामेश्वरम धाम | Dhanushkodi – Rameshwaram Dham Hindi

एक घोस्ट विलेज के रूप में जाना जाने वाला धनुषकोडी भारत का आखिरी सिरा है। यहाँ से श्री लंका की दूरी केवल 24 किलोमीटर है। यहीं से राम सेतु की शुरुआत होती है जो श्री लंका तक बनाया गया था। कहा जाता है कि रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद विभीषण लंका के राजा बने और उनके कहने पर ही भगवान् राम ने अपने धनुष से इस ब्रिज को तोड़ दिया था , इसी लिए इस जगह को धनुषकोडी कहा गया।

Dhanushkodi Rameshwaram

संगम – रामेश्वरम धाम | Sangam – Rameshwaram Dham Hindi

धनुषकोडी के एक तरफ बंगाल की खाड़ी है तो दूसरी तरफ हिन्द महा सागर। आखिरी छोर पर इन दोनों महान भौगोलिक रचनाओं को मिलते हुए देखना बहुत ख़ास है। दोनों का पानी अलग रंग का है और अलग प्रकृति का भी है। यहाँ बंगाल की खाड़ी का पानी एकदम शांत है और उसमे लहरें भी नहीं उठती है जबकि हिन्द महासागर में पानी के लहरें उठती दिखती हैं।

विभीषण मंदिर – रामेश्वरम धाम | Vibhishan Mandir – Rameshwaram Dham Hindi

कोथंदरमस्वामी मंदिर, जिसे विभीषण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है , अकेला ऐसा मंदिर ही जो 1964 में धनुषकोडी में आये चक्रवात में बचा है। इस मंदिर में भगवन राम के साथ उनकी पत्नी सीता , भाई लक्षमण , हनुमान और विभीषण की मूर्तियां है। इसी जगह पर विभीषण को लंका का राजा घोषित कर उनका राज्य अभिषेक खुद राम ने किया था।

राम पदम् मंदिर – रामेश्वरम धाम | Rameshwaram Dham Hindi – Ram Padam Mandir

रामेश्वरम के सबसे ऊंचे भाग में स्थित इस मंदिर में भगवान् राम के पैरों के चिह्नों हैं। इसीलिए इस मंदिर का नाम राम पदम् मंदिर है। इस मंदिर से पूरा रामेश्वर शहर देखा जा सकता है।

A. P. J. Abdul Kalam Memorial – Rameshwaram Dham Hindi

पेई करूम्बु में ( रामेश्वरम से १ किलोमीटर दूर ) बना ये मेमोरियल भारत के 11 वे राष्ट्रपति डॉक्टर कलाम को समर्पित है। यहाँ डॉक्टर कलाम के फोटो , कुछ पेंटिंग्स और मिसाइल के छोटे मॉडल दर्शकों के लिए रखे गए हैं। ये संग्रहालय सुबह 9 बजे से शाम के 5 बजे तक खुला रहता है। इसके गेट पर ही डॉक्टर कलाम का एक स्टेचू है जिसमें उन्हें वीणा बजाते हुए दिखाया गया है।

डॉक्टर कलाम का घर | House of Dr. Kalam

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डॉक्टर कलाम का जन्म रामेश्वरम में हुआ था और यहीं पर उनका बचपन भी बीता था। यहाँ जिस घर मे वह अपने परिवार के साथ रहा करते थे, उसे उनके परिवार ने एक संग्रहालय में बदल दिया है और उनके बचपन से जुडी चीजें और फोटो यहाँ दर्शकों के लिए रखी गयी हैं।

टी. वी. टावर | famous T.V. Tower

रामेश्वरम का ये टावर भारत का सबसे ऊंचा टी वी टावर है। रामेश्वर शहर के किसी भी भाग से ये टावर देखा जा सकता है। इस टावर की ऊँचाई 323 मीटर है।

बोटिंग | Boating

यहाँ आप समुद्र में भी बोटिंग कर सकते हैं। बीच/ किनारे पर आप को कुछ बोट मिलते हैं जो टूरिस्ट को समुद्र के अंदर कुछ दूरी तक बोटिंग के लिए ले जाते है।

How to reach – Rameshwaram Dham Hindi | रामेश्वरम धाम – कैसे पहुचें

फ्लाइट से | By Flight

रामेश्वरम में कोई एयरपोर्ट नहीं है . मदुरै सबसे पास का एयरपोर्ट है जो यहाँ से लगभग 165 किलोमीटर दूर है।। मदुरै से रामेश्वरम तक ट्रेन या फिर टैक्सी से भी आ सकते हैं।

ट्रेन से | By Train

रामेश्वरम स्टेशन मदुरै , कोयम्बटूर , त्रिची , तंजौर और चेन्नई स्टेशन से कनेक्टेड है।

सड़क से | By Road

अगर आप सड़क के रास्ते ट्रेवल कर रहे हैं तो रामेश्वरम बाकि शहरों से अच्छी तरह कनेक्टेड है और सड़क भी अच्छे बने हुए हैं। आप बड़े आराम से अपने कार या टैक्सी से यहाँ के लिए ट्रेवल कर सकते हैं।

रामेश्वरम धाम में घूमना | Rameshwaram Dham Hindi – Roaming Around

रामेश्वरम में घूमने के लिए कार, बाइक और स्कूटर रेंट पर आसानी से मिल जाते हैं। क्योंकि ये एक छोटा शहर है और एक प्रसिद्द तीर्थ भी है इसीलिए यहाँ अक्सर काफी भीड़ रहती है। ऐसे में बाइक या स्कूटर से शहर और इसके आस पास आसानी से घूमा जा सकता है।

रामेश्वरम में शॉपिंग | Shopping

यहाँ के बाजार में शंख , रुद्राक्ष माला और समुद्री शेल्स से बनी हुए नेकलेस और ब्रेसलेट खरीद सकते हैं। शेल्स से बने हुए डेकोरेटिव आइटम जैसे झूमर , दर्पण और बाकि सामान भी यहाँ से सही दाम पर खरीद सकते हैं।

खाना – रामेश्वरम धाम | Food in City – Rameshwaram Dham Hindi

रामेश्वरम में साउथ इंडियन और नार्थ इंडियन दोनों ही तरह के होटल्स और रेस्टोरेंट हैं। यहाँ आपको मारवाड़ी थाली भी मिलेगी और पंजाबी परांठे भी। साउथ इंडियन खाना यहाँ आपको हर होटल में मिलेगा। खाना अक्सर बहुत टेस्टी और सादा होता है।

रहना – रामेश्वरम धाम | Stay in the City – Rameshwaram Dham Hindi

रामेश्वरम में रुकने के लिए हर बजट में होटल ऑप्शन्स मिल जायेंगे। यहाँ आने से पहले आप ऑनलाइन होटल के रेट चेक कर सकते हैं और एडवांस में बुकिंग भी कर सकते हैं। अगर किसी वजह से आप अपनी ट्रिप में कुछ बदलाव करना चाहते हैं तो कुछ होटल में बिना किसी कैंसिल फीस के भी बदलाव किया जा सकता है। पेट फ्रेंडली होटल भी यहाँ आप को मिलेंगे।

जाने का समय / मौसम -रामेश्वरम धाम | Best weather to visit – Rameshwaram Dham Hindi

रामेश्वरम जाने का सही समय अक्टूबर से मार्च तक है जब थोड़ी सर्दियों का मौसम होता है। गर्मी के मौसम में यहाँ मौसम काफी गर्म होता है और धूप भी काफी तेज़ होती है।

Beatific Uttarakhand !

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