Tso Moriri Lake, Ladakh : त्सो मोरीरी झील, जिसे “मोरीरी झील” या “माउंटेन झील” के नाम से भी जाना जाता है, लद्दाख के चांगथांग पठार में ऊंचाई पर स्थित झील है। समुद्र तल से लगभग 4,522 मीटर (14,836 फीट) की ऊंचाई पर स्थित , त्सो मोरीरी झील ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों से घिरी हुई है और एक अनोखा और शांत अनुभव प्रदान करती है।

त्सो मोरीरी भारतीय हिमालय क्षेत्र की सबसे बड़ी झीलों में से एक है। यह लगभग 120 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करती है। त्सो मोरीरी झील का फ़िरोज़ा-नीला पानी चांगथांग पठार को जीवंत दृश्य में बदल देता है।

त्सो मोरीरी झील बर्फ पिघलने और कई छोटी धाराओं से पानी एकत्र करती है। यह झील माइग्रेटरी बर्ड्स और अन्य वन्यजीवों की कई प्रजातियों का घर है। त्सो मोरीरी के आसपास का क्षेत्र एक वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी का हिस्सा है। यह एंडेंजर्ड / काली गर्दन वाले सारस की प्रजाति के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। त्सो मोरीरी के आसपास का क्षेत्र सारस के अलावा अन्य माइग्रेंट बर्ड्स , तिब्बती कियांग और पहाड़ी रेगिस्तान की हार्ड सिचुएशन में रहने वाले अन्य वन्य जीवों का स्थान है।

Tso Moriri Lake, Ladakh
Tso Moriri Lake, Ladakh

त्सो मोरीरी झील , त्सो मोरीरी वेटलैंड रिजर्व का एक हिस्सा है। यह झील अपने साफ पानी के लिए जानी जाती है जो आसपास की बर्फ से ढकी चोटियों को रिफ्लेक्ट करता है।

टूरिस्ट आकर्षण | Tourist Attractions – Tso Moriri Lake, Ladakh

रिमोट लोकेशन के कारण त्सो मोरीरी झील तक पहुंचना काफी चल्लेंजिंग और एडवेंचर से भरा है। इसके बावजूद प्रकृति प्रेमी , ट्रेकर्स और फोटोग्राफर के लिए यह एक आकर्षक टूरिस्ट लोकेशन है। इस झील का बिल्कुल साफ पानी और आसपास की बर्फ से ढकी चोटियां एक सुंदर वातावरण बनाती हैं जो किसी को भी अपनी ओर आकर्षित करता है ।

कोरज़ोक मोनेस्ट्री | Korzok Monastery

कोरज़ोक मोनेस्ट्री, जिसे कोरज़ोक गोम्पा या त्सो मोरीरी मोनेस्ट्री के नाम से भी जाना जाता है, त्सो मोरीरी झील के उत्तरी किनारे पर स्थित एक बौद्ध मठ है। इस मोनेस्ट्री का इतिहास 19 वीं शताब्दी का है। कोरज़ोक मोनेस्ट्री की स्थापना 19 वें शताब्दी में कुशोक बकुला रिनपोछे द्वारा की गई थी और यह तिब्बती बौद्ध धर्म के येलो हैट (गेलुग्पा) कम्युनिटी से संबंधित है।

कोरज़ोक मोनेस्ट्री लगभग 4,595 मीटर (15,075 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, जो इसे दुनिया के सबसे ऊंचे मोनेस्ट्री में से एक बनाता है। इस मोनेस्ट्री में सफेद दीवारों, थांगका और अन्य सजावट के साथ ट्रेडिशनल तिब्बती आर्किटेक्चर देखा जा सकता है। मोनेस्ट्री के भीतर मुख्य कम्युनिटी हॉल में स्पिरिचुअल एक्टिविटीज , थंगका (कपड़े पर धार्मिक चित्र) और बौद्ध मूर्तियाँ हैं।

यह मोनेस्ट्री क्षेत्र के लोकल समुदाय और बौद्ध अनुयायीयों के लिए एक महत्वपूर्ण स्पिरिचुअल और कल्चर सेंटर है। कोरज़ोक गुस्टर उत्सव इस मोनेस्ट्री में मनाए जाने वाले प्रमुख वार्षिक कार्यक्रमों में से एक है। यह आमतौर पर तिब्बती कैलेंडर के छठे महीने (जुलाई या अगस्त के आसपास) में होता है और इसमें मास्क डांस , विशेष प्रार्थना और कल्चरल एक्टिविटी शामिल होते हैं। यह त्यौहार लोकल लोगों और टूरिस्ट, दोनों को समान रूप से आकर्षित करता है।

कोरज़ोक मोनेस्ट्री का ऊंचा स्थान त्सो मोरीरी झील और आसपास के पहाड़ों का सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता इसे टूरिस्ट के लिए एक शांतिपूर्ण जगह बनाती है।

वन्य जीवन देखना | Wildlife Watching – Tso Moriri Lake, Ladakh

लद्दाख के चांगथांग पठार में स्थित त्सो मोरीरी झील और इसके आसपास का क्षेत्र कई प्रकार के वन्य जीवों का घर है। त्सो मोरीरी बार-हेडेड हंस के लिए एक महत्वपूर्ण रिप्रोडक्शन स्थल है। यह एक माइग्रेटरी बर्ड है जो अपनी ऊंची उड़ानों के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र एंडेंजर्ड काली गर्दन वाले सारस का भी घर है। ये खूबसूरत पक्षी अक्सर झील के आसपास वेटलैंड में देखे जाते हैं। चांगथांग पठार तिब्बती जंगली गधे का निवास है, जिन्हें स्थानीय रूप से “किआंग” के नाम से जाना जाता है। ये बड़े, जंगली शाकाहारी जानवर सूखे वातावरण के अनुकूल होते हैं और अक्सर त्सो मोरीरी के आसपास चरते हुए देखे जाते हैं।

हिमालयी मेर्मोट्स आमतौर पर झील के आसपास चट्टानी इलाके में पाए जाते हैं। ये अपनी विशेष सीटी बजाने के लिए जाने जाते हैं। त्सो मोरीरी के आसपास के ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाकों में टूरिस्ट का सामना हिमालयी नीली भेड़ से हो सकता है, जिसे भरल के नाम से भी जाना जाता है। ये शाकाहारी भेड़ बहुत जल्दी और तेज़ी के साथ खड़ी ढलानों पर चलते हैं। स्नो लेपर्ड भी यहाँ पर देखा जा सकता है।

बार-हेडेड हंस और ब्लैक-नेक्ड क्रेन के अलावा, यह क्षेत्र कई अन्य पक्षी प्रजातियों को आकर्षित करता है। इनमें ब्राह्मणी बत्तख, ब्राउन-हेडेड गल्स और कई प्रवासी और निवासी पक्षी शामिल हैं। पिका और वोल जैसे छोटे जानवर भी यहाँ देखे जा सकते हैं।

ट्रेकिंग और माउंटेन वाक | Trekking and  Hiking – Tso Moriri Lake, Ladakh

त्सो मोरीरी झील और इसके आसपास का क्षेत्र ट्रैकिंग और लंबी पैदल यात्रा के शौकीनों के लिए शानदार लोकेशन है। कोरज़ोक से नर्बू सुमदो ट्रेक (3 – 4 दिन), त्सो मोरीरी से त्सो कार ट्रेक (5 – 6 दिन), क्यामार से त्सो मोरीरी ट्रेक (6 – 7 दिन) झील के पास कई ट्रेक में से कुछ हैं।

किसी भी ट्रैक पर जाने से पहले, धीरे-धीरे अपने आप को इस क्लाइमेट के अनुसार ढालना चाहिए। यहाँ लोकल गाइड को अपने साथ लेना चाहिए। इससे त्सो मोरीरी और आस पास के एरिया का अलग अनुभव किया जा सकता है।

फोटोग्राफी | Photography – Tso Moriri Lake, Ladakh

Tso Moriri Lake, Ladakh
Photograohy @ Tso Moriri Lake, Ladakh

त्सो मोरीरी झील और इसके आसपास के क्षेत्र फोटोग्राफी के लिए  बहुत अच्छा लोकेशन है। मन को खुश  कर देने वाले दृश्य, वन्य जीवन और झील पर पड़ती रौशनी का बदलता रूप कैमरे में कैद करने के लिए टूरिस्ट का पसंदीदा दृश्य है। साफ आसमान और इस एनवायरनमेंट में फोटोग्राफी करना बहुत अच्छा अनुभव है, खासकर सनराइज और सनसेट के समय पर। 

कैम्पिंग | Camping – Tso Moriri Lake, Ladakh

त्सो मोरीरी के पास कैम्पिंग एक पॉपुलर एक्टिविटी है। कैंपिंग के दौरान इस क्षेत्र की शांति का अनुभव किया जा सकता है। यहाँ पर कैम्पिंग साइट हैं जहाँ टूरिस्ट कैंपिंग के लिए ऑपरेटर से बात कर सकते हैं। इस दौरान टूरिस्ट प्रकृति से जुड़ने और पहाड़ी रेगिस्तान में तारों से भरे आसमान का अनुभव कर सकते हैं। 

चुमाथांग हॉट स्प्रिंग्स | Chumathang Hot Springs – Tso Moriri Lake, Ladakh

चुमाथांग हॉट स्प्रिंग्स, लद्दाख क्षेत्र में स्थित एक प्राकृतिक जियोथर्मल फॉल है। ये गर्म पानी के झरने सिंधु नदी और चांगथांग पठार से आने वाली सहायक नदी के संगम के पास स्थित हैं। ये गर्म झरने अपने मेडिकल क्वालिटी के लिए जाने जाते हैं और लद्दाख की यात्रा का एक आरामदायक पड़ाव हैं। माना जाता है कि इस पानी में पाए जाने वाले मिनरल से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, विशेष रूप से स्किन से सम्बंधित ।

पुगा जियोथर्मल फील्ड में कई गर्म झरने और गीजर हैं।

एक्टिविटीज | Activities – Tso Moriri Lake, Ladakh

त्सो मोरीरी झील और इसके आसपास का क्षेत्र न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए बल्कि अपनी संपन्न सांस्कृतिक विरासत के लिए भी जाना जाता है। टूरिस्ट यहाँ पर कई सांस्कृतिक एक्टिविटी में शामिल हो सकते हैं जो लोकल कम्युनिटी के ट्रेडिशनल लाइफ स्टाइल और आध्यात्मिकता से उनके जुड़ाव के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।

इस क्षेत्र में रहने वाले चांगपा नोमेडिक, ट्रेडिशनल तरीके से जीवन जीते हैं। उनकी बस्तियों को “रंग” कहा जाता है। उनकी नोमेडिक लाइफस्टाइल , याक चराने और रेगिस्तान में उनके सामने आने वाली चैलेंज के बारे में जानने का मौका भी टूरिस्ट को मिलता है।

थुकपा (नूडल सूप), मोमोज़ (पकौड़ी), और त्सम्पा (भुना हुआ जौ का आटा) जैसे लोकल फ़ूड को आज़माकर लद्दाखी फ़ूड के स्वाद का अनुभव कर सकते हैं । इन सभी एक्टिविटी को अनुभव करने के लिए होमस्टे में रुकना अच्छा है।

कैसे पहुँचे | How to reach – Tso Moriri Lake

त्सो मोरीरी झील लद्दाख के सुदूर भाग में स्थित है। सबसे नजदीक शहर लेह है, और झील तक पहुँचने के लिए एक लम्बी माउंटेन ड्राइव शामिल है। लेह से त्सो मोरीरी झील लगभग 220 किलोमीटर (137 मील) दूर है और सड़क की स्थिति के आधार पर ड्राइव में लगभग 6-8 घंटे लग सकते हैं।

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