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तुलसी के फायदे | Tulsi Health Benefits Hindi

Tulsi Health Benefits Hindi

Tulsi Health Benefits Hindi

Tulsi Health Benefits Hindi : भारतीय तुलसी जिसे पवित्र तुलसी कहा जाता है , भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाने वाला पौधा है। भारत में आयुर्वेद प्रणाली के चिकित्सा में आँखों के रोगों से लेकर त्वचा के रोगों  तक के लिए , अलग अलग स्थितियों में तुलसी के पौधे का इलाज के रूप में एक लंबा इतिहास रहा है। 

तुलसी को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और आयुर्वेद में और होम रेमेडीज (घरेलु चिकित्सा ) में इसका बहुत उपयोग किया जाता है। तुलसी को अक्सर अलग अलग बीमारियों के लिए हर्बल चाय के रूप में उपयोग किया जाता है। तुलसी का उपयोग एक जड़ी-बूटी के रूप में भी किया जाता है। तुलसी का स्वाद तीखा होता है और अक्सर इसे खाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी का स्वाद कुछ पुदीना और काली मिर्च जैसा होता है। 

तुलसी की ही तरह इटालियन बेसिल का पौधा भी होता है जिसे जड़ी बूटी और हर्बल चाय आदि बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। 

तुलसी के पौधे से सम्बंधित पौराणिक कथा | Mythology – Tulsi Health Benefits Hindi

हिन्दू धर्म में तुलसी को पवित्र पौधा माना जाता है। इसके पीछे एक पौराणिक कहानी बताई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, तुलसी मूल रूप से वृंदा नाम की एक महिला थी, जिसका विवाह जलंधर नामक राक्षस से हुआ था। जलंधर को वरदान मिला था कि जब तक उसकी पत्नी का सतीत्व स्थाई  रहेगा, तब तक वह युद्ध में पराजित नहीं हो सकेगा। 

भगवान विष्णु ने जलंधर का रूप धारण किया और वृंदा के सतीत्व को भंग कर दिया, जिससे जलंधर को मिला वरदान प्रभावी नहीं रहा और जलंधर को मारने की अनुमति मिल गई। जब वृंदा को इस सब के बारे में पता चला तो उसने विष्णु को काला पत्थर बनने और उनकी पत्नी लक्ष्मी से दूर रहने का श्राप दिया। अब दुखी वृंदा ने समुद्र में कूदकर अपनी जान दे दी। कहानी के अनुसार भगवान विष्णु ने वृंदा की आत्मा को एक पौधे में बदल दिया और उसका नाम तुलसी रखा। 

तभी से तुलसी हिंदू धर्म में एक पवित्र पौधा बन गई और घर में तुलसी का पौधा रखना शुभ माना जाने लगा। 

तुलसी का धार्मिक महत्व | Religious Significance of Tulsi Plant

Tulsi Health Benefits Hindi
Tulsi Health Benefits Hindi

भारतीय तुलसी एक पवित्र पौधा है और इसे देवी के समान माना जाता है। तुलसी के पत्तों को अक्सर हवन और पूजा में इस्तेमाल में किया जाता है। तुलसी की खेती धार्मिक उद्देश्यों और इसके आवश्यक तेल के लिए की जाती है। 

तुलसी नाम संस्कृत शब्द “तुलना” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “तुलना करना”, और इसका उपयोग पौधे के अतुलनीय गुणों का वर्णन करने के लिए किया जाता है।

तुलसी के फायदे | Tulsi Health Benefits Hindi

तुलसी विटामिन ए और सी, कैल्शियम, जिंक, आयरन और क्लोरोफिल से भरपूर होती है। कई वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार तुलसी औषधीय गुणों से भरपूर है और इसका इस्तेमाल कई रोगों को ठीक करता है। तुलसी के कई लाभ गिनाये जाते हैं जिसमें तनाव, चिंता और शरीर के अंग की सूजन को कम करना, हार्ट हेल्थ, ब्लड शुगर कण्ट्रोल करना और घाव को जल्दी भरने के क्षमता है। तुलसी का उपयोग कीड़ों को भगाने के लिए भी किया जाता है। इसमें नेमाटीसाइडल और कीटाणुनाशक गुण होते हैं।

तुलसी का इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में सदियों से किया जाता रहा है। तुलसी  के कुछ स्वास्थ्य लाभ हैं:

इम्युनिटी बूस्टर | Immunity Booster – Tulsi Health Benefits Hindi

तुलसी एंटीऑक्सिडेंट और आवश्यक तत्वों से भरपूर है जो शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाती है। इसके रोज सेवन से इम्युनिटी को बढ़ावा देने में मदद मिलती है, जिससे यह संक्रमण और बीमारियों से बचाव करती है।

एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण | Anti-Bacterial & Antiviral – Tulsi Health Benefits Hindi

तुलसी में शक्तिशाली एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। यह मौसमी सर्दी और फ्लू सहित कई तरह के संक्रमणों से बचाने में मदद कर सकती है।

स्ट्रेस में कमी | Stress Reliever – Tulsi Health Benefits Hindi

तुलसी एक एडाप्टोजेन है, जिसका अर्थ हैहोता  कि यह शरीर को स्ट्रेस से लड़ने की मानसिक शक्ति बनाये रखने में और संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकती है। यह तनाव और चिंता को कम करने में मददगार है।

एंटी इन्फ्लैमटेरी / सूजन कम करना – Anti Inflammatory – Tulsi Health Benefits Hindi

तुलसी में मौजूद यूजेनॉल, कैम्फीन, सिनेओल और कपूर जैसे बायोएक्टिव सूजन कम करने में मददगार होते हैं। इससे सूजन और इससे संबंधित दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है।

रेस्पिरेटरी हेल्थ / श्वसन स्वास्थ्य | Respiratory Health – Tulsi Health Benefits Hindi

तुलसी का उपयोग साँस से संबंधी समस्याओं के कई पारंपरिक उपचारों में किया जाता है। यह खांसी, सर्दी और अस्थमा के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। यह श्वसन तंत्र को साफ़ करने में भी मदद करती है।

पाचन स्वास्थ्य | Digestion – Tulsi Health Benefits Hindi

यह पाचन में सहायता करता है और अपच और अन्य संबंधित समस्याओं से राहत दे सकती है। यह अल्सर जैसी स्थितियों में भी मददगार हो सकती है।

कैंसर रोधी गुण | Anti Cancer Property – Tulsi Health Benefits Hindi

कुछ रिसर्च के अनुसार तुलसी में कैंसर रोधी गुण हो सकते हैं, क्योंकि इसमें फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकते हैं।

वेट मैनेजमेंट | Weight Management – Tulsi Health Benefits Hindi

तुलसी पाचन को सही रखती है और कोर्टिसोल नामक हार्मोन के लेवल को कम करके वेट मैनेजमेंट में सहायता कर सकती है ।

इनके अलावा  तुलसी के पौधे के सभी भाग प्रीडायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकते हैं। तुलसी में पाए जाने वाले तत्वों के कारण इसका इस्तेमाल हैंड सैनिटाइजर, माउथवॉश और घाव धोने के लिए बनाये जाने वाले लिक्विड में किया जा सकता है। तुलसी संक्रमण और मुंह के अल्सर, मुँहासे आदि को कम करने में भी मददगार है। 

तुलसी विटामिन K से भरपूर होती है, जो हार्ट और हड्डियों के लिए अच्छा होता है। यह ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल  करने, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मददगार है। तुलसी संक्रमण से शरीर की रक्षा करती है और अक्सर इसे बुखार में हर्बल चाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी में एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं यानी तुलसी बैक्टीरिया और वायरस से काफी हद तक बचाव कर सकती है। 

अलग अलग परिस्थितियों में अलग अलग तरह से तुलसी के पौधे के भागों को इस्तेमाल किया जा सकता है। तुलसी के ताजे फूलों का इस्तेंमाल ब्रोंकाइटिस में किया जाता है। काली मिर्च के साथ पत्तियों और बीजों का इस्तेमाल भी दवाई की तरह किया जाता है। तुलसी को आमतौर पर चाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। 

तुलसी का नुट्रिशन प्रोफाइल | Nutrition Profile – Tulsi Health Benefits Hindi

तुलसी एक पोषक तत्वों से भरपूर जड़ी बूटी है जो विटामिन और खनिजों से भरपूर है। 

तुलसी की पत्तियां विटामिन ए, सी और के से भरपूर होती हैं। विटामिन ए अच्छी दृष्टि के लिए , त्वचा और संक्रमण से शरीर को इम्यून रखने के लिए जरूरी होता है। विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर की कोशिकाओं को  नुक्सान होने से बचता है और इम्युनिटी बढ़ाता है। विटामिन K हार्ट हेल्थ , ब्लड प्रेशर और हड्डियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है।

तुलसी कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, आयरन, पोटेशियम और जिंक जैसे खनिजों का अच्छा स्रोत है। ये सभी मिनरल हड्डी के स्वास्थ्य, मांसपेशियों को मजबूत बनाने और इम्युनिटी बढ़ाने के कार्य शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं। 

तुलसी में फाइबर, प्रोटीन और वसा जैसे अन्य पोषक तत्व होते हैं, लेकिन ये काफी कम मात्रा में होते हैं ।

तुलसी का सेवन कैसे करे | How to consume Tulsi

तुलसी का सेवन करने के कई तरीके हैं, जो आप अपनी पसंद और अपने पास मौजूद साधन के अनुसार कर सकते हैं। 

तुलसी की चाय | Herbal Tea of Tulsi

उबलते पानी में तुलसी की पत्तियां डालें और इसे 8 से 10 मिनट तक उबलने दें। तुलसी के हर्बल चाय तैयार है। इसे ऐसे ही पी सकते हैं या फिर इसका स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें शहद आदि मिला सकते हैं।

तुलसी घी | Ghee with Tulsi

तुलसी की सूखी पत्तियों का पाउडर बनाकर घी में भी मिला सकते हैं । इस घी का इस्तेमाल सब्ज़ी में या फिर चपाती पर लगाने के लिए कर सकते हैं। 

ताज़ी तुलसी की पत्तियाँ | Fresh Leaves of Tulsi

इम्युनिटी स्ट्रांग करने के लिए सुबह खाली पेट तुलसी के 3-4 पत्तियाँ चबाकर खाना आयुर्वेद में काफी लाभकारी बताया गया है। 

तुलसी पाउडर | Powder of Tulsi

तुसली को सूखा कर इसका पाउडर बना कर रख सकते हैं और इसे चाय बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं । 

तुलसी का काढ़ा | Kadha (Decoction) Tulsi

तुलसी के पत्तों को पानी में उबालें और इसमें चीनी और दूध मिलाएं। साथ ही इसमें काली मिर्च का पाउडर मिला कर इसे काढ़े की तरह से पी सकते हैं। 

तुलसी एक ऐसी जड़ी बूटी है जो सेहत के लिए बहुत लाभकारी है हालाँकि इसे अपनी रोज़ के डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए। 

Benefits of Alsi Hindi

तुलसी का उपयोग करने से पहले | Before consuming Tulsi

तुलसी का इस्तेमाल अपने वैद्य या डॉक्टर से पूछ कर उनके कहे अनुसार ही करना चाहिए।तुलसी का बहुत ज्यादा इस्तेमाल सेहत के लिए नुक्सान भी कर सकता है।  

तुलसी की गोलियाँ और कैप्सूल कई ऑनलाइन वेबसाइट पर बिना किसी प्रिस्क्रिप्शन के खरीदने के लिए देखे जा सकते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हालाँकि तुलसी को आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है पर इसके रेगुलर इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

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