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हर की पौड़ी हरिद्वार | Har ki Pauri Hindi

Haridwar Tourist Places Hindi

Haridwar Tourist Places Hindi

 हर की पौड़ी हरिद्वार Har ki Pauri Hindi Haridwar : हर की पौड़ी गंगा नदी के किनारे बने घाटों  में सबसे पवित्र घाट के  रूप में जाना जाता है। हर की पौड़ी सबसे प्रसिद्द और सबसे पुराने घाटों में से भी एक है। इसका इतिहास लगभग 2000 साल पुराना है। हर साल बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु और टूरिस्ट हरिद्वार आकर हर के पौड़ी पर गंगा दर्शन और स्नान करते हैं और शाम के समय हर के पौड़ी पर होने वाली महाआरती में भाग लेते हैं।

अर्थ – हर की पौड़ी हरिद्वार | Har ki Pauri Meaning in Hindi

भगवान विष्णु को अनेक नामों से पुकारा जाता है। उन्ही में ऐसे “हरी ” भी उनका एक नाम है। पौड़ी या पौरी को सीढ़ी भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यहाँ पर स्थित कुंड में भगवान विष्णु ने स्नान किया था इसीलिए इस जगह का नाम हर की पौड़ी यानी भगवान की सीढ़ी है।  हरि की पौड़ी या हर की पौड़ी का अर्थ “भगवान की ओर कदम” है।

हर की पौड़ी हरिद्वार – महत्त्व | Significance – Har ki Pauri Hindi Haridwar

हरिद्वार एक प्राचीन शहर है और धार्मिक दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ स्थानों में से एक माना जाता है। हर की पौड़ी हरिद्वार को हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व दिया जाता है। पहाड़ों से उतरती पवित्र गंगा नदी हरिद्वार में पहली बार यहाँ मैदान में उतरती है। हर की पौड़ी के बारे में पौराणिक कथाओं में कहा गया ही कि यहाँ स्थित ब्रह्मकुंड वह स्थान है जहाँ पर अमृत की बूँदें गिरि थीं। ऐसा भी कहा जाता है कि यहाँ इस  कुंड में भगवान विष्णु ने स्नान किया था। 

हिन्दू धर्म में गंगा स्नान को पवित्र, शरीर और आत्मा  करने वाला माना जाता है। हरिद्वार के गंगा घाट और विशेषकर हर की पौड़ी गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की पहली पसंद होते हैं।  

 बारह साल में एक बार होने वाले कुम्भ मेले के लिए भी हर की पौड़ी प्रसिद्द है। 

इतिहास – हर की पौड़ी हरिद्वार | History – Har ki Pauri Hindi Haridwar

हर की पौड़ी का इतिहास लगभग २०००  साल पुराना है। राजा विक्रमादित्य ने अपने बड़े भाई भारती की याद में इस घाट का निर्माण कराया था। भारती यहाँ गंगा नदी के किनारे ध्यान लगाया करता था। 

गंगा आरती – हर की पौड़ी हरिद्वार | Ganga Arti – Har ki Pauri Hindi Haridwar

हर की पौड़ी पर सुबह और शाम के समय विशेष गंगा आरती का आयोजन होता है। इस विशेष गंगा आरती को देखने और इसमें भाग लेने के लिए हजारों के संख्या में श्रद्धालु यहाँ इकट्ठे होते हैं। मालवीय द्वीप गंगा आरती देखने के लिए विशेष रूप से श्रद्धालुओं की  पसंद होता है। 

मंत्रो की ध्वनि और जलते दिए आरती के समय हर की पौड़ी का पूरा दृश्य ही बदल देते हैं। उस समय केवल वहां बैठे रहने भर से ही शांति सी अनुभव होती है। गंगा आरती सुबह 05:30 से 06:30 के बीच और शाम को 06:00 से 07:00 के बीच होती है।

त्यौहार और उत्सव – हर की पौड़ी हरिद्वार | Festivals & Celebrations – Har ki Pauri Hindi Haridwar

हर की पौड़ी पर बारह वर्षीय  कुम्भ के विशाल मेले के साथ अर्ध कुंभ के मेले का आयोजन  होता है। कुम्भ मेले को दुनिया में सबसे बड़ा मेला माना जाता हैं। इसके अलावा महा शिवरात्रि , सावन के महीने में आने वाली शिव रात्रि और गंगा स्नान के अवसर पर यहाँ बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश के अलग अलग भागों से शामिल होने के लिए आते हैं। हर साल अप्रैल महीने में आने वाले बैसाखी के अवसर पर भी यहाँ बड़ी संख्या में लोग आते हैं। 

आस पास – हर की पौड़ी हरिद्वार | Nearby – Har ki Pauri Hindi Haridwar

हरिद्वार को देव  उत्तराखंड का गेट  कहा जाता है। हर की पौड़ी के अलावा हरिद्वार में अनेकों ऐसे स्थान हैं जो सदियों से हिन्दू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए बहुत विशेष हैं। हर की पौड़ी पर आने वाले श्रद्धालु मंसा देवी मंदिर , भारत माता मंदिर , पतंजलि योग पीठ ,पारद शिवलिंग, चंडी देवी मंदिर , कनखल मंदिर और पक्षी विहार भी देखने के लिए जा सकते हैं। 

 हरिद्वार से लगभग २० किलोमीटर की दूरी पर योग नगरी ऋषिकेश एक प्राचीन शहर है जो विशिष्ट मंदिरों , योग और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए बहुत प्रसिद्द है। अक्सर हरिद्वार आने वाले टूरिस्ट्स ऋषिकेश को भी अपनी इस यात्रा में शामिल करते हैं।

कैसे पहुचें – हर की पौड़ी हरिद्वार | How to reach – Har ki Pauri Hindi Haridwar

फ्लाइट से  | By flight

हर की पौड़ी हरिद्वार का मुख्य आकर्षण है और शहर के बीच स्थित है। हरिद्वार को विशिष्ट तीर्थ स्थान का दर्ज़ा मिला है। फ्लाइट से हरिद्वार पहुंचने के लिए देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट और दिल्ली का नेशनल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पास हैं। दिल्ली से हरिद्वार तक के दूरी २१३ किलोमीटर है और देहरादून से हरिद्वार की दूरी लगभग ५० किलोमीटर है। यहाँ से हरिद्वार के लिए बस या टैक्सी से पहुंच सकते हैं।  

हरिद्वार के मुख्य बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से हर की पौड़ी तक के दूरी केवल ३ किलोमीटर है। यहाँ तक ऑटो रिक्शा  सकते हैं।

ट्रेन से | By train

हरिद्वार  देश के रेल नेटवर्क  से अच्छी तरह से कनेक्टेड  शहर है। देश के मुख्य रेलवे स्टेशन से हरिद्वार तक के लिए डायरेक्ट या कनेक्टेड ट्रैन से पंहुचा जा सकता है। 

रोड से | By road

हरिद्वार सड़क नेटवर्क से भली भांति कनेक्टेड है। यहाँ तक स्टेट ट्रांसपोर्ट के बस द्वारा, प्राइवेट टूरिस्ट्स बस द्वारा या अपने कार से ड्राइव कर के भी पहुंच सकते हैं। 

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Har ki Pauri, Beatific Uttarakhand !

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