Neel Dhara Pakshi Vihar Haridwar Hindi : नील धारा पक्षी विहार हरिद्वार में गंगा नदी पर स्थित एक पार्क और पक्षी विहार है। नील धारा पक्षी विहार हरिद्वार का सुन्दर प्राकृतिक आकर्षण है जहाँ सेविशाल गंगा नदी के दर्शन किये जा सकते हैं। सर्दियों में नील धारा के आस पास बहुत से माइग्रेटरी पक्षी देखे जा सकते हैं। अक्सर ये माइग्रेटरी पक्षी साइबेरिया के ठन्डे इलाकों से यहाँ सुहाने मौसम में आते है और मौसम बदलने पर लौट जाते हैं।
नील धारा पक्षी विहार हरिद्वार | Neel Dhara Pakshi Vihar Hindi
नील धारा पक्षी विहार हरिद्वार में हर की पौड़ी से लगभग २ किलोमीटर के दूरी पर स्थित है। हरिद्वार के निवासियों के बीच यह पार्क काफी लोकप्रिय है और एक पिकनिक स्पॉट है। गंगा नदी के किनारे पर स्थित इस पार्क में और आस पास विशेष रूप से सर्दियों में माइग्रेटरी पक्षी यहाँ आते हैं। अक्सर नील धारा पक्षी विहार में साइबेरियन क्रेन देखे जाते हैं। बर्ड् वाचर्स को यह जगह बहुत पसंद आती है। माइग्रेटरी बर्ड्स देखने के लिए गंगा नदी के किनारे पर लालजीवाला प्रसिद्द लोकेशन है।
नील धारा पक्षी विहार – अन्य आकर्षण | Neel Dhara Pakshi Vihar Haridwar Hindi
नील धारा के एक तरफ पहाड़ी पर मनसा देवी का मंदिर है और दूसरी ओर की पहाड़ी पर चंडी देवी का मंदिर स्थित है। यहाँ से हिमालय के शिवालिक रेंज के पहाड़ देखे जा सकते हैं। नील धारा पर अक्सर लोकल और टूरिस्ट यहाँ के शांत और खुले वातावरण का अनुभव लेने के लिए आते हैं। बारिश के मौसम में यहाँ गंगा नदी का प्रवाह बहुत तेज़ होता है और ऐसे में किनारे से थोड़ी दूरी पर ही लोग रुकते हैं और इस जगह का आनंद लेते हैं।
नील धारा पक्षी विहार – पौराणिक कहानियां | Mythology – Neel Dhara Pakshi Vihar Haridwar Hindi
इस जगह का धार्मिक महत्त्व भी है। नील धारा यहाँ पर ऋषिकेश के तरफ से आते हुए सात धाराओं में बंट जाती है। इससे जुडी एक पौराणिक कहानी भी बताई जाती है।
कहा जाता है कि जब राजा भगीरथ गहन तपस्या के बाद गंगा नदी को स्वर्ग से धरती पर लाने में सफल हुए तब रास्ते में यहाँ सप्तर्षि तपस्या कर रहे थे। यह देख कर उन्होंने गंगा नदी से प्रार्थना की और फिर गंगा नदी नेअपनी धारा को सात हिस्सों में बाँट दिया। ये सात ऋषियों के स्थान यहाँ सात छोटे टापू हैं जो गर्मी में पानी की मात्रा कम होने पर देखे जा सकते हैं।
एक और पौराणिक कहानी इस जगह पर गंगा नदी का नाम नील धारा होने का कारण बताती है। माना जाता है कि नीलकंठ पर विषपान करने के बाद महादेव भगवान शिव ने यहाँ पर नदी की धरा में स्नान किया था और तब इस जलधारा का रंग नीला हो गया था। तब से हरिद्वार में गंगा नदी को नील धारा गंगा कहा जाता है।
नील धारा पक्षी विहार जाने के लिए समय | Best time to visit – Neel Dhara Pakshi Vihar Haridwar Hindi
नील धारा जाने के लिए सुबह ७ बजे से शाम के ७ बजे तक का समय है। यहाँ आने का सबसे अच्छा समय सुबह का है क्योंकि उस समय यहाँ काफी संख्या में पक्षी देखे जा सकते हैं। नील धारा पर आकर आप 2 से 3 घंटे यहाँ के शांत माहौल में बिता सकते हैं। पिकनिक और डे एक्टिविटी के लिए यह एक परफेक्ट जगह है।
आस पास – नील धारा पक्षी विहार | Nearby – Neel Dhara Pakshi Vihar Haridwar Hindi
हरिद्वार में नील धारा के आस पास अनेकों मंदिर और आश्रम स्थित हैं जो यहाँ से थोड़ी थोड़ी दूरी पर ही हैं। प्रसिद्द भारत माता मंदिर, नीलेश्वर महादेव मंदिर , मनसा देवी मंदिर , चंडी मंदिर , माया देवी मंदिर , गीता आश्रम और हर की पौड़ी इनमें से हैं।
नील धारा हरिद्वार कैसे पहुचें | How to reach – Neel Dhara Pakshi Vihar Haridwar Hindi
फ्लाइट से | By flight
नील धारा हरिद्वार का एक प्रसिद्द आकर्षण है जो हर की पौड़ी से केवल ३ किलोमीटर के दूरी पर स्थित है। हरिद्वार के अपने ट्रेवल प्लान में आप नील धारा को शामिल कर सकते हैं। हरिद्वार के सबसे पास देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट सबसे नजदीक है। देहरादून से हरिद्वार तक का रास्ता स्टेट ट्रांसपोर्ट के बस या टैक्सी से तय कर सकते हैं। देहरादून से हरिद्वार के दूरी लगभग ५० किलोमीटर है।
ट्रेन से | By train
हरिद्वार देश के रेल नेटवर्क से अच्छी तरह से कनेक्टेड शहर है। देश के मुख्य रेलवे स्टेशन से हरिद्वार तक के लिए डायरेक्ट या कनेक्टेड ट्रैन से पंहुचा जा सकता है। हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लोकल ऑटो से नील धारा तक पहुंच सकते हैं।
रोड से | By road
हरिद्वार सड़क नेटवर्क से भली भांति कनेक्टेड है। यहाँ तक स्टेट ट्रांसपोर्ट के बस द्वारा, प्राइवेट टूरिस्ट्स बस द्वारा या अपने कार से ड्राइव कर के भी पहुंच सकते हैं।
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