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दक्ष महादेव मंदिर | Daksh Mahadev Mandir Kankhal Haridwar Hindi

Daksh Mahadev Mandir

Daksh Mahadev Mandir

Daksh Mahadev Mandir Kankhal Hindi : दक्ष महादेव मंदिर कनखल हरिद्वार में भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है। दक्ष महादेव मंदिर हिन्दू धर्म में मान्य व् पूज्य शक्तिपीठों का आधार है। यह मंदिर शिव भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह मंदिर हरिद्वार से 4 किलोमीटर के दूरी पर कनखल में स्थित है। 

दक्ष महादेव मंदिर कनखल से जुडी पौराणिक कहानी | Daksh Mahadev Mandir Kankhal Haridwar Hindi Stories

हिन्दू धर्म में माता सती को शक्ति यानि देवी पारवती का ही एक रूप माना जाता है। दक्ष प्रजापति माता सती के पिता थे। वह ब्रह्मा के पुत्र थे और किन्ही कारणों से भगवान शिव को पसंद नहीं करते थे। उनकी पुत्री सती ने भगवान शिव से विवाह किया था और वह इस बात से क्रोधित थे। 

एक बार दक्ष प्रजापति ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया जिसमें उन्होंने सभी ऋषि , मुनि और देवताओं को बुलाया लेकिन भगवान शिव को उस  यज्ञ में नहीं बुलाया। उनके न बुलाने के बावजूद सती ने उस यज्ञ में आने की ठान ली थी। यज्ञ में सती को अपने पिता से काफी अपमान सहना पड़ा और क्रोधित हो कर वह यज्ञ की अग्नि में कूद गयी और अपने प्राण त्याग दिए। जब इस बात का पता भगवान शिव को लगा तो वह बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने अपने बाल से पैदा हुए वीरभद्रेश्वर को दक्ष को मरने के लिए भेजा। वीरभद्र ने राजा दक्ष का सर काट दिया और यज्ञ अनुष्ठान अधूरा ही रह गया। 

भगवान शिव बहुत क्रोधित हुए सती के शव का अंतिम संस्कार नहीं करना चाहते थे। पौराणिक कहानी के अनुसार उनका यह वियोग और क्रोध देखकर भगवान विष्णु ने सती के शव को अपने सुदर्शन चक्र से टुकड़ों में काट दिया और वह टुकड़े अलग अलग जगहों पर गिरे। इन्ही जगहों पर शक्तिपीठ स्थापित हुए। 

इसके बाद सबके लगातार आग्रह करने पर भगवान शिव कनखल आये और यज्ञ अनुष्ठान को पूर्ण करने के लिए उन्होंने राजा दक्ष को बकरे का सर लगा कर जीवित किया और यज्ञ अनुष्ठान पूर्ण किया। राजा दक्ष को अपनी गलती का अहसास हो गया था और उन्होंने भगवान शिव से कुछ समय वहीँ रहने के प्रार्थना की। भगवान शिव ने कहा कि  हर साल सावन के महीने में वह यहाँ आएंगे।  राजा दक्ष ने तब भगवन शिव के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया।

इस मंदिर के बारे में यह कहानी काफी प्रचलित है। इसीलिए यहाँ सावन के महीने में बड़ी संख्या में शिव भक्त प्रार्थना के लिए आते हैं। इस मंदिर को दक्ष प्रजापति मंदिर भी कहा जाता है। 

Daksh Mahadev Mandir Kankhal
Daksh Mahadev Mandir Kankhal

दक्ष महादेव मंदिर कनखल का महत्त्व | Daksh Mahadev Mandir Kankhal Hindi Religious Importance

 भगवान शिव और देवी पार्वती को जगत माता और पिता कहा जाता है। शक्ति के प्रतिरूप देवी सती का जन्म स्थान कनखल एक विशिष्ट और महत्वपूर्ण तीर्थ है।   दक्ष महादेव मंदिर कनखल को भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित सभी शक्तिपीठों की ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। जैसा कि प्रचलित कहानी में कहा गया है कि हर साल सावन के महीने में भगवान शिव यहाँ आ कर रहेंगे , इसके कारण शिव भक्तों के लिए उस विशेष महीने में यह स्थान विशेष रूप से पूजनीय है और इसी के प्रतिरूप में शिव भक्त हर साल कांवड़ यात्रा करते हैं। इस यात्रा में श्रद्धालु पवित्र गंगा नदी से पानी लेकर यहाँ स्थापित शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। 

दक्ष महादेव मंदिर परिसर | Daksh Mahadev Mandir Parisar

मंदिर परिसर में भगवन शिव को समर्पित मुख्य मंदिर के अलावा यज्ञ कुंड है जिसके बारे में कहा जाता है कि  इसी यज्ञ कुंड में देवी सती ने अपने प्राण त्याग दिए थे। इसके अलावा मंदिर परिसर में राम दरबार मंदिर, शनि देव मंदिर , हनुमान मंदिर और एक देवी मंदिर स्थित है जिसमें देवी के दस अवतारों को  मूर्ती रूप में दिखाया गया है। इस मंदिर में एक बरगद का पेड़ है जिसे कई सौ साल पुराना बताया जाता है ।

दक्ष महादेव मंदिर कनखल में पूजा का समय | Daksh Mahadev Mandir Kankhal Worship Timings

दक्ष महादेव मंदिर पूरे वर्ष श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुला  रहता है। सुबह के ६ बजे से शाम के ७ बजे तक मंदिर में प्रार्थना का समय है। मंदिर के परिसर में ही पूजा सामग्री खरीदने के लिए कुछ दुकानें हैं परिसर में ही रेस्टॉरेंट्स भी हैं जहाँ शुद्ध वेज खाना परोसा जाता है। 

दक्ष महादेव मंदिर कनखल में त्यौहार और उत्सव | Daksh Mahadev Mandir Kankhal Festivals

भगवान शिव को समर्पित दो मुख्य त्यौहार / उत्सव सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि और फरवरी महीने में आने वाली महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिर परिसर में विशेष पूजा का आयोजन किया  जाता है। कुम्भ मेले के दौरान भी यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। 

दक्ष महादेव मंदिर कनखल के आस पास | Daksh Mahadev Mandir Kankhal – nearby places

दक्ष महादेव मंदिर के पास आनंदमई आश्रम, पारद शिवलिंग मंदिर स्थित है। यहाँ से कुछ ही दूरी पर हरिद्वार के मुख्य टूरिस्ट प्लेस भी देख सकते हैं। हरिद्वार के मुख्य टूरिस्ट प्लेस हर की पौड़ी , नील धारा पक्षी विहार,  मनसा देवी मंदिर,  चंडी देवी मंदिर , राजाजी नेशनल पार्क आदि यहाँ से कवर किये जा सकते हैं। 

दक्ष महादेव मंदिर कनखल कैसे पहुचें | How to reach Daksh Mahadev Mandir Kankhal

दक्ष महादेव मंदिर फ्लाइट से पहुंचने के लिए दिल्ली स्थित डोमेस्टिक और इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच सकते हैं। दिल्ली से हरिद्वार के लिए सड़क के रास्ते या ट्रेन से या फिर टैक्सी से जा सकते हैं। दिल्ली से हरिद्वार के लिए स्टेट  ट्रांसपोर्ट की बस और प्राइवेट टूरिस्ट बस से भी जा सकते हैं। दिल्ली से हरिद्वार जाते समय कनखल हरिद्वार से लगभग 4 किलोमीटर पहले एक छोटा सा क़स्बा है जो मूलतः यहाँ स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर के लिए  जाना जाता है। 

देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एयरपोर्ट यहाँ सबसे नजदीक का एयरपोर्ट है। देहरादून से हरिद्वार की 50 किलोमीटर की दूरी टैक्सी से या स्टेट ट्रांसपोर्ट के बस से तय की जा सकती है।  

” निधि सिंह द्वारा “

Daksh Mahadev Mandir, Haridwar, Beatific Uttarakhand !

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