Darbhanga Kila Hindi : हमारे देश के बिहार राज्य में दरभंगा किला स्थित है। बिहार एक धनवान, समृद्ध और शिक्षा के लिए एक जाना माना राज्य हुआ करता था। बिहार को भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे अधिक समृद्ध और सबसे अधिक शिक्षित राज्य माना जाता था। बिहार के दरभंगा जिले को मिथिलांचल का दिल कहा जाता था। यहां की भाषा मैथिली भाषा है। कभी इतना समृद्ध रहा बिहार राज्य इतिहास में समय समय पर हुए अनेकों बाहरी आक्रमणों के कारण इस राज्य के समृद्धि जाती रही।
दरभंगा – द्वार बंगा | Gateway of Bangal
दरभंगा किला बिहार के समृद्ध इतिहास का एक हिस्सा है। दरभंगा का पुराना नाम द्वार बंगा था जिसका अर्थ होता है बंगाल का द्वार।
दरभंगा किला इसी समृद्ध इतिहास का एक नमूना है। दरभंगा किले को रामबाग के नाम से भी जाना जाता है । यहाँ स्थित रामबाग पैलेस के नाम पर ही इसे रामबाग कहा जाता है। दरभंगा किले में स्थित रामबाग पैलेस लगभग 85 एकड़ भूमि में फैला हुआ है।
दरभंगा – प्राचीन इतिहास | History – Darbhanga Kila Hindi
दरभंगा एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व का स्थान रहा है। पौराणिक काल में दरभंगा को विदेह राज्य नाम से जाना जाता था। रामायण कल में वर्णित मिथिला राज्य वर्तमान में दरभंगा और मिथिला का एरिया रहा है। दरभंगा वैशाली गणराज्य का भी भाग रहा और मगध राज्य भी। दरभंगा शहर अपनी प्राचीन संस्कृति और अपनी बौद्धिक परंपरा के लिए हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। दरभंगा को राज्य की सांस्कृतिक राजधानी का गौरव प्राप्त है और यहाँ पर शिक्षा और कला को हमेशा प्रोत्साहन मिला है ।
दरभंगा – इतिहास | Modern History – Darbhanga Kila Hindi
9 वें शताब्दी में यहाँ पर कर्णाटक के चालुक्य राजा ज्ञानदेव का शासन था। 14 वें शताब्दी में दरभंगा तुगलक शासन के अधिकार में था। 16 वें सदी के अंत में अकबर ने इस एरिया पर अपना अधिकार कर लिया था। उसी दौरान मैथिलि ब्राह्मण महेश ठाकुर को यहाँ का कार्यभार सौंप दिया। यहीं से दरभंगा राज परिवार की शुरुआत हुई। १६वें शताब्दी में वर्तमान दरभंगा शहर दरभंगा राज्य की राजधानी था। 18 वें सदी में दरभंगा फिर से बंगाल के अधीन हो गया और दरभंगा का राजपरिवार बंगाल को कर देने लगा।
ब्रिटिश शासन के दौरान दरभंगा को बंगाल राज्य की एक जमींदारी घोषित कर दिया गया। 19 वें सदी में राजा महेश्वर सिंह के निधन के बाद यहाँ राजा लक्ष्मेश्वर सिंह ने दरभंगा को शिक्षा और संस्कृति के केंद्र के रूप में स्थापित किया। राजा लक्ष्मेश्वर सिंह के मृत्यु के बाद उनके छोटे भाई राजा रामेश्वर सिंह ने दरभंगा का कार्य संभाला। उस दौरान दरभंगा एक औद्योगिक केंद्र बना। राजा रामेश्वर सिंह के बाद उनके बेटे राजा कामेश्वर सिंह ने दरभंगा की जमींदारी संभाली।
महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह | Maharajadhiraj – Darbhanga Kila Hindi
दरभंगा के राजा कामेश्वर सिंह को ब्रिटिश शासन के दौरान महाराजाधिराज की उपाधि दी गई थी। वह अपने कुल के 20वें महाराज थे। उन्होंने अपनी उदारता, दान शीलता और शिक्षा के प्रति विशेष प्रेम के कारण बहुत प्रसिद्धि और पहचान पाई थी। महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह ने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा देश में बन रही नयी यूनिवर्सिटी को दान में दे दिया था।
दरभंगा किला – निर्माण | Darbhanga Kila Hindi
दरभंगा किला बिहार राज्य के उत्तरी भाग में स्थित अत्यंत आकर्षक स्थान है । साल 1977 – 78 के समय इस किले का सर्वेक्षण किया गया था और तब इस किले के ऐतिहासिक महत्व को जानकर इसे बिहार का लाल किला कहा गया।
ऐसा माना जाता है कि दरभंगा किले की दीवार दिल्ली के लाल किले से भी अधिक लंबी है। किले के प्रमुख द्वार में फतेहपुर सीकरी आगरा के बुलंद दरवाजे की झलक दिखाई देती है। यह किला लगभग 100 साल पुराना है। दरभंगा किला एक अद्भुत और अद्वितीय किला रहा है।
किले के निर्माण से पहले इस्लामपुर गांव का यह एक प्रमुख हिस्सा था जहां पर मुर्शिमाबाद के नवाब अलीवर्दी खान का अधिकार था। बाद में यह स्थान हमेशा के लिए महाराज श्री कामेश्वर सिंह के नियंत्रण में आ गया था। जब सन 1930 में राजा कामेश्वर सिंह ने दरभंगा किले का निर्माण कराने का निश्चय किया तब यहां पर रह रहे अधिकांश लोग भूमि के मुआवजे के साथ यहां से शिव धाम , अलीनगर, लहरिया सराय, चकोतरा जैसे अन्य स्थानों पर जाकर बस गए थे।
दरभंगा किला – बिहार का लाल किला | Lal Kila – Darbhanga Kila Hindi
दरभंगा किले के निर्माण में लाल ईटों का इस्तेमाल किया गया है और इसी कारण से इस किले को लाल किला भी कहा जाता है। किले की दीवार अत्यंत मोटी बनवाई गई थी जो 1 किलोमीटर से भी अधिक लंबी थी। दीवारों के ऊपरी हिस्से में वॉच टावर और गॉर्ड हाउस बनाये गए थे ताकि सुरक्षा की दृष्टि से भी किले पर निगरानी की जा सके।
दरभंगा किले के मुख्य द्वार को सिंगल द्वार कहा जाता है। जिस समय के दौरान दरभंगा किले का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था उस समय भारत से ब्रिटिश साम्राज्य का अंत हो रहा था। तब नई सरकार आने के कारण जमींदारी और रियासत प्रथा को बंद कर दिया गया था। इसी वजह से दरभंगा किले के निर्माण के कार्य को बीच में ही छोड़ दिया गया था। यह भी कहा जाता है कि किले के निर्माण की ठेकेदारी उस समय ब्रिटिश कंपनी के ठेकेदार बैग कैगरीन को दिया गया था।
दरभंगा किले की दीवारों के ऊँचाई लगभग 90 फीट की थी और तीन तरफ से दीवार तैयार होने के बाद जब पश्चिम दिशा की तरफ दीवार का निर्माण किया जाने लगा तब वहां पर रहने वाले स्थानीय लोगों को लगा कि अधिक ऊंची दीवार होने के कारण सूरज की रोशनी उन तक नहीं आ पाएगी। लोगों के शिकायत से दरभंगा किले के निर्माण के कार्य को रोक दिया गया।
दरभंगा किले में 11 देवी देवताओं के छोटे बड़े मंदिरों स्थित हैं । कहते हैं इसके निर्माण को लेकर महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह के दो मुख्य उद्देश्य थे, पहला उद्देश्य था कि अगर उस समय ब्रिटिश राज्य से आजादी मिल पाई तो उन्हें उस समय दरभंगा की रूलिंग स्टेट का दर्जा प्राप्त हो सकता है और दूसरे उन्होंने सोचा कि अगर आजादी नहीं मिल पाए तो भी उनके कुल देवी देवताओं को किले के अंदर सुरक्षित स्थान अवश्य ही मिलेगा। यहाँ स्थित मंदिरों में मां श्यामा माई मंदिर मुख्य है।
दरभंगा किला- वर्तमान | Present – Darbhanga Kila Hindi
दरभंगा किला साल 1988 और साल २०१५ में आये भूकंप के कारण इसकी बहरी दीवारें काफी क्षतिग्रस्त हो गयी हैं। किले के बहरी भागों के बात की जाये तो इसकी वर्तमान अवस्था बहुत ज्यादा अच्ची नहीं है बल्कि कुछ स्थानों पर किले के दीवार में बड़ी बड़ी दरारें देखि जा सकती हैं। आज यह किला देखरेख के अभाव के कारण कई जगहों पर जीर्ण अवस्था में है।
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