नयी उमंग - हिंदी, इनफार्मेशन, टूरिस्ट

खगमरा किला सत्यनारायण कोट अल्मोड़ा | Khagmara Kila Almora Hindi

Khagmara Kila Hindi

Khagmara Kila Hindi

Khagmara Kila Almora Hindi : खगमरा किला अल्मोड़ा स्थित १६वें सदी का एक किला है जिसे अब एक मंदिर बना दिया गया है। खगमरा किला अब खगमरा मंदिर और सत्यनारायण कोट मंदिर के नाम से जाना जाता है। 

खगमरा किला निर्माण  | Construction Khagmara Kila Almora Hindi

चंद् वंश केराजा भीष्म चंद के द्वारा 1559 से 1560 के बीच खगमरा किले का निर्माण कराया गया । खगमरा किले यह अल्मोड़ा का पहला ऐसा किला है जो चंद वंशों  द्वारा बनवाया गया था। राजा भीष्म चंद ने 1559 से 1560 में  कत्यूरी राजाओं से जीत कर यहां अपना अधिकार स्थापित किया। खगमरा किले के बारे में कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसे कत्यूरी राजाओं द्वारा बनवाया गया था और बाद में चंद वंश ने इस पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया था।   यह भी माना जाता है कि अल्मोड़ा में चंद् वंश के शासन की शुरुआत यही से हुई थी । 

खगमरा किले का इतिहास | History of Khagmara Kila Almora Hindi      

1555 – 1560 में स्थापित खगमरा किला सुरक्षा के दृष्टि से एक महत्वपूर्ण निर्माण था। खगमरा किला की बनावट कुछ इस प्रकार से है कि इस किले से चारों तरफ से हमलावरों के ऊपर दृष्टि रखी जा सकती थी।राजा भीष्म चंद इसे अपनी राजधानी बनाना चाहते थे लेकिन उनके जीवन काल में यह संभव नहीं हो सका। उस समय यहाँ पर लगातार बाहरी आक्रांताओं और खस शासकों के आक्रमण होते रहते थे और इसीलिए सुरक्षा एक प्राथमिकता थी । राजा भीष्म चंद उस समय तक बुजुर्ग हो चुके थे ।  लगातार आक्रमणों के होते रहने के कारण खगमरा किले का निर्माण अधूरा ही रह गया था।  

खगमरा किले से अल्मोड़ा | Khagmara Kila to Almora

राजा भीष्म चंद की अपनी कोई संतान नहीं थी।  उनके बाद उनके गोद लिए हुए पुत्र बालोकल्याण चंद को राजा बनाया गया और उसने खगमरा किले के निर्माण कराने का प्रयास किया। उस समय गज गोडिया नाम का एक सरदार था, जिसने राजा भीष्म चंद की हत्या कर दी थी। उस से पहले चंद राजा की राजधानी चंपावत थी लेकिन इस घटना के बाद बालोकल्याण चंद ने खगमरा को असुरक्षित मानकर एक नयी राजधानी बनाने का निश्चय किया।  राजा भीष्म चंद के हत्यारे गजगोडिया की हत्या कर दी और अपनी राजधानी अल्मोड़ा स्थानांतरित कर दी।  उस समय अल्मोड़ा का नाम आलम नगर था। गया। बाद में आलम नगर को अल्मोड़ा कहा गया। 

खगमरा मंदिर या सत्यनारायण कोट मंदिर | Khagmara Mandir or Satynarayan Kot Mandir

Khagmara Kila Almora Hindi
Khagmara Kila Almora Hindi

आज के समय खगमरा किला एक मंदिर के रूप में जाना जाता है। यह  मंदिर भगवान सत्यनारायण को समर्पित है और इसीलिए इसका नाम सत्यनारायण कोट भी है। खगमरा किले में प्रवेश करने के लिए सीढ़ियां हैं।  सीढ़ियों  द्वारा अंदर मंदिर में प्रवेश किया जाता है तथा वहां पर चप्पल, जूते ,छड़ी ,कुत्ते आदि  ले जाना प्रतिबंधित है। पूरे एरिया को मंदिर में परिवर्तित कर दिया गया है, नीचे की तरफ एक नदी बहती थी जिसको सुयाल नदी के नाम से जानते हैं।  अल्मोड़ा की सुंदरता इस किले से देखने पर अभूतपूर्व दिखाई देती है। 

मंदिर में प्रवेश करने के लिए सुबह और शाम (7  -11 ) का समय सुनिश्चित किया गया है। दिन के समय यहां ताला लगा रहता है।  मंदिर में बीचो बीच एक बड़ा पेड़ है उसके चारों तरफ अलग-अलग मंदिर बने हुए हैं । भगवान सत्यनारायण , भगवान शिव तथा देवी भगवती के मंदिर के अलावा आज यहां पर राम सीता लक्ष्मीनारायण राधा कृष्ण और हनुमान जी के मंदिर भी हैं । स्थानीय लोग यहां पर पूजा-अर्चना के लिए आते हैं और अपनी मनोकामना के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं।

अल्मोड़ा कैसे पहुचें | How to reach Almora

खगमरा किला अल्मोड़ा से 5 किलोमीटर की दूरी पर दुगालखोला के पास पुलिस लाइन वाली रोड पर स्थित  है।

अगर आप फ्लाइट से ट्रेवल कर रहे हैं तो दिल्ली के डोमेस्टिक या इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच कर सड़क के रास्ते अल्मोड़ा तक का सफर तय कर सकते हैं। अल्मोड़ा के सबसे पास उत्तराखंड का पंत नगर एयरपोर्ट है। यहाँ से अल्मोड़ा लगभग 115 किलोमीटर की दूरी पर है जिसे टैक्सी या बस से तय किया जा सकता है। 

ट्रेन से अल्मोड़ा पहुंचने के लिए सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जहाँ से अल्मोड़ा तक के दूरी लगभग ८० किलोमीटर है।   

अल्मोड़ा सड़क के रास्ते अच्छी तरह से कनेक्टेड है और आप  खुद ड्राइव कर के , टैक्सी से या फिर बाइक से भी अल्मोड़ा तक का सफर तय कर सकते हैं। 

Khagmara Fort Almora, Beatific Uttarakhand !

Leave a Reply