Maya Devi Mandir Haridwar Hindi: माया देवी मंदिर हरिद्वार स्थित एक शक्तिपीठ है। यह मंदिर प्राचीन समय में हरिद्वार की विशेष पहचान रहा है , इसी मंदिर के नाम पर हरिद्वार को पुराणों में माया नगरी या मायापुरी कहा जाता है। माया देवी मंदिर देवी पार्वती को समर्पित है। यह मंदिर हिमालय पर्वत के शिवालिक रेंज की पहाड़ियों में से एक पर स्थित है।
माया देवी मंदिर से जुडी पौराणिक कहानी | Maya Devi Mandir Haridwar Hindi Stories
माया देवी मंदिर को एक शक्तिपीठ माना जाता है। शक्तिपीठ वह मंदिर हैं जहाँ देवी सती के शरीर के अंग गिरे थे। मान्यता है कि इस जगह पर देवी सती की नाभी और ह्रदय गिरे थे।
कथा प्रचलित है कि एक बार अपने पिता दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ में बिना बुलाये जाने पर सती को बहुत अपमानित किया गया और उन्होंने वही हवनकुंड अग्नि में अपने प्राण त्याग दिए थे। भगवान शिव को जब यह मालूम हुआ तो वह बहुत क्रोधित हुए और शव के साथ भटकने लगे। यह सब देख कर भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शव के टुकड़े कर कर शिव को इस दुःख से मुक्त करने का प्रयास किया। इसी के चलते सती के शव के टुकड़े अलग अलग जगहों पर गिरे। इस जगह पर सती की नाभि और ह्रदय गिरे थे। पुराणों में इस स्थान को मोक्ष दायक और ब्रह्माण्ड का केंद्र माना गया है।
माया देवी मंदिर बहुत प्राचीन है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर ११वें सदी में बना हुआ है। यह मंदिर मनसा देवी मंदिर और चंडी देवी मंदिर के साथ मिलकर एक त्रिकोण बनता है। हरिद्वार स्थित ३ शक्तिपीठ मनसा देवी मंदिर , चंडी देवी मंदिर और माया देवी मंदिर हैं।
माया देवी मंदिर का महत्त्व | Maya Devi Mandir Hindi Religious Importance
हिन्दू धर्म में भगवन शिव को अर्धनारीश्वर कहा जाता है। सती को शिव का ही एक भाग माना जाता है और उन्हें शक्ति के रूप में पूजा जाता है। माया देवी मंदिर देवी सती का ही एक प्रतिरूप है। शक्तिपीठ वह मंदिर हैं जो शक्ति का केंद्र माने जाते हैं यानी वहां देवी शक्ति है। इन सभी शक्तिपीठों का हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्त्व है।
माया देवी मंदिर भी इन्हीं सभी मान्यताओं के कारण अत्यन महत्वपूर्ण प्रार्थना स्थल है। नवरात्री के विशेष मौके पर और इसके अलावा भी लगभग पूरे साल ही यहाँ श्रद्धालुओं बड़ी संख्या में दर्शन और प्रार्थना के लिए आते हैं।
माया देवी मंदिर में पूजा का समय | Maya Devi Mandir Worship Timings
माया देवी मंदिर में माँ काली और कामाख्या देवी की मूर्तियां भी विराजमान हैं। मंदिर में दर्शन का समय सुब 5.30 बजे से रात के 8 बजे तक का है। मंदिर में प्रवेश द्वार के पास ही अनेकों दुकानें खुली हैं जहाँ से श्रद्धालु पूजा के लिए सामग्री खरीद सकते हैं जैसे रोली , नारियल , धूप , फल आदि। सुबह और शाम को होने वाली विशेष आरती में श्रद्धालु खास तौर पर शामिल होने के लिए आते हैं। शाम के समय ढोल नगाड़े , चौमुख दीपक और घंटे की आवाज़ के साथ आरती की जाती है।
माया देवी मंदिर में त्यौहार और उत्सव | Maya Devi Mandir Festivals
क्योंकि माया मंदिर देवी सती का एक रूप है इसीलिए यहाँ नवरात्री का दौरान विशेष पूजन और मेले का आयोजन किया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार नव वर्ष चैत्र माह के मौके पर और अश्विन माह में यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं। कुम्भ मेले के दौरान भी यहाँ पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
माया देवी मंदिर हरिद्वार के आस पास | Maya Devi Mandir Haridwar – nearby places
तीर्थ नगर हरिद्वार में माया देवी मंदिर के आस पास और कुछ किलोमीटर की दूरी में अनेकों प्रसिद्द टूरिस्ट आकर्षण स्थित हैं। यहाँ अनेकों आश्रम हैं जहाँ पर टूरिस्ट्स योग और वेदों के बारे में जानकारी ले सकते हैं और अगर चाहें तो कुछ दिन आश्रम में बिता सकते हैं। आश्रमों में एक दैनिक रूटीन होता है जो वह आये हुए लोगों को निभाना होता है। इन आश्रमों के अलावा हर की पौड़ी , चंडी देवी मंदिर , भारत माता मंदिर , मनसा देवी मंदिर , नील धरा पक्षी विहार, नीलेश्वर मंदिर और राजा जी नेशनल पार्क यहाँ के प्रसिद्द आकर्षण हैं।
माया देवी मंदिर हरिद्वार कैसे पहुचें | How to reach Maya Devi Mandir Haridwar
फ्लाइट से | By flight
माया देवी मंदिर फ्लाइट से पहुंचने के लिए दिल्ली स्थित डोमेस्टिक और इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच सकते हैं। उत्तराखंड स्थोत देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट हरिद्वार के सबसे नजदीक है है। देहरादून से हरिद्वार की दूरी केवल ५० किलोमीटर है। वहां से सड़क के रास्ते टैक्सी या कार से हरिद्वार पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से | By train
हरिद्वार एक बड़ा रेलवे स्टेशन है और देश के सभी हिस्सों से डायरेक्ट या कनेक्टेड ट्रेन से यहाँ पहुंच सकते हैं। हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लोकल ऑटो से माया देवी मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
रोड से | By road
हरिद्वार सड़क नेटवर्क से भली भांति कनेक्टेड है। यहाँ तक स्टेट ट्रांसपोर्ट के बस द्वारा, प्राइवेट टूरिस्ट्स बस द्वारा या अपने कार से ड्राइव कर के भी पहुंच सकते हैं।
” निधि सिंह द्वारा “
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