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मोटेश्वर महादेव मंदिर काशीपुर | Moteshwar Mahadev Mandir Kashipur Hindi

Moteshwar Mahadev Mandir Kashipur

Moteshwar Mahadev Mandir Kashipur

Moteshwar Mahadev Mandir Kashipur Hindi : मोटेश्वर मंदिर काशीपुर स्थित भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है । काशीपुर एक प्राचीन नगर ही जिसे ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व का शहर माना जाता है। काशीपुर को ऋषि कश्यप के आश्रम के रूप में जाना जाता था जिसे बाद में ऋषि वशिष्ठ ने रामायण काल में और गुरु द्रोण ने महाभारत काल में अपने आश्रम के रूप में चुना। 

मोटेश्वर महादेव मंदिर धार्मिक महत्त्व | Moteshwar Mahadev Mandir Kashipur Hindi Religious Importance

हिन्दू धर्म में भगवान शिव की आदिदेव, आदियोगी और आदिपुरुष जैसे अनेक नामों से जाना जाता है। आदि का अर्थ होता है प्रारम्भ या शुरुआत। हिन्दू धर्म में भगवान शिव को सृष्टि  का प्रारम्भक माना जाता है। मोटेश्वर मंदिर स्थित शिवलिंग को भगवान शिव का एक पर्याय माना जाता है और इस मंदिर को १२वें उप ज्योतिर्लिंग के मान्यता है।  मोटेश्वर मंदिर या कि भीमाशंकर मंदिर काशीपुर की विशेष पहचान है।

Stories : Moteshwar Mahadev Mandir Kashipur Hindi | मोटेश्वर महादेव मंदिर काशीपुर से जुडी कहानियाँ

ऐसा माना जाता है कि कौरवों  पांडवों  के गुरु द्रोणाचार्य जो कि उन्हें पास ही स्थित आश्रम में में शिक्षा दे रहे थे उन्हें एक दिन  यहाँ पर ये शिवलिंग मिला। भीम ने इस शिवलिंग के एरिया को एक मंदिर के रूप में स्थापित कर दिया और गुरु द्रोण को यह मोटेश्वर शिवलिंग मंदिर दक्षिणा के रूप में भेंट किया। 

इस मंदिर से जुडी एक और कहानी जो काफी प्रचलित है वह है इसकी ऊँचाई को लेकर। मोटेश्वर मंदिर में शिवलिंग के दर्शन के लिए मंदिर की दूसरी मंजिल पर जाना होता है हालाँकि यह शिवलिंग जमीन से ही निकला है। कहा जाता है कि एक समय तक यह शिवलिंग लगातार ऊँचाई में बढ़ रहा था। पहले इस मंदिर में शिवलिंग के दर्शन मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर ही किये जा सकते थे लेकिन बाद में शिवलिंग की ऊँचाई बढ़ते रहने के कारण दर्शन दुसरे मंजिल से कराये जाने लगे। 

मोटेश्वर महादेव नाम क्यों पड़ा ! Why name Moteshwar Mahadev Mandir

मोटेश्वर महादेव मंदिर स्थित शिवलिंग के मोटाई काफी ज्यादा है। यह शिवलिंग आकर में ऐसा ही कि इसे दोनों हाथों से भी नहीं घेरा जा सकता। आकर में मोटा होने के कारण ही इस शिवलिंग को मोटेश्वर कहा जाता है। 

भीमाशंकर मंदिर | Bheemashankar Mandir Kashipur

इस मंदिर का एक और नाम प्रचलित है – भीमा शंकर मंदिर। क्योंकि इस मंदिर की स्थापना भीम द्वारा मानी जाती है इसीलिए भीम के नाम पर ही इस मंदिर का दूसरा नाम भीमा शंकर मंदिर है। माना जाता है कि यह मंदिर  ५००० साल पुराना मंदिर है जिसकी स्थापना महाभारत काल में हुई थी। कहा जाता है की इस मंदिर को घेरे हुए लगभग १२० शिव मंदिर थे लेकिन अभी केवल यह मुख्य मंदिर है।  

Moteshwar Mahadev Mandir Kashipur Hindi
Moteshwar Mahadev Mandir Kashipur Hindi

मोटेश्वर महादेव मंदिर पूजा का समय | Moteshwar Mahadev Mandir Timings

मंदिर सुबह 5.30 am से 12.00 बजे तक और शाम को 4.30 pm से 8.30 pm तक दर्शनार्थ खुला रहता है। 

मोटेश्वर महादेव मंदिर उत्सव  और त्यौहार | Moteshwar Mahadev Mandir Festivals

मोटेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के उत्सव के मौके पर यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि के मौके पर श्रद्धालु काँवण यात्रा कर हरिद्वार से गंगा नदी का पानी ला कर इस शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं।

मोटेश्वर महादेव मंदिर देखने का सबसे अच्छा समय | Best Time to Visit Moteshwar Mahadev Mandir Kashipur

काशीपुर में अप्रैल से जून तक काफी गर्मी रहती है। जून के बाद से जुलाई में यहाँ मौसम सुहाना होने लगता है। अगर आप मोटेश्वर मंदिर आकर यहाँ सावन की शिवरात्रि  के उत्सव में भाग लेना चाहते हैं तो जुलाई – अगस्त के दौरान शिवरात्रि के  मौके पर यहाँ दर्शन के लिए आना चाहिए। तरह से फरवरी महीने में महाशिवरात्रि के मौके पर यहाँ उत्सव में भाग ले सकते हैं। इसके अलावा मोटेश्वर मंदिर वैसे भी पूरे साल श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुला रहता है। 

मोटेश्वर महादेव मंदिर के आस पास | Places nearby Moteshwar Mandir Kashipur

मोटेश्वर महादेव मंदिर शिव उपासकों के लिए काशीपुर का मुख्य आकर्षण है लेकिन इस मंदिर के अलावा भी काशीपुर में कुछ और ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व के स्थान हैं। द्रोण सागर काशीपुर का एक प्रसिद्द आकर्षण है जो महाभारत काल में कौरव और पांडवों का गुरुकुल रहा है। ऐसा माना जाता है कि द्रोण सागर पांडवों द्वारा बनाया गया एक तालाब था जो पांडवों ने गुरु द्रोण को गुरु दक्षिणा के रूप में दिया था। 

मोटेश्वर मंदिर से कुछ ही डोरी पर प्रसिद्द देवी मंदिर है जिसे चैती मंदिर भी कहा जाता है। हिन्दू केलिन्डर के अनुसार नव वर्ष यानी चैत्र महीने में यहाँ प्रसिद्द मेला लगता है और इसमें भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। 

गुरुद्वारा श्री नानक साहेब काशीपुर का एक और मुख्य आकर्षण है जो सिख समुदाय के लिए एक महान तीर्थ है। सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव ने अपनी यात्रा के दौरान यहाँ कुछ समय बिताया था। 

इन सभी मुख्य टूरिस्ट स्पॉट्स के अलावा गिरी सरोवर और उल्टा किला भी यहाँ के जाने माने टूरिस्ट स्पॉट्स हैं। काशीपुर एक छोटा शहर है और यहाँ के सभी टूरिस्ट स्पॉट्स कवर करने के लिए 2 दिन का समय काफी होता है। 

मोटेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुचें | How to reach Moteshwar Mahadev Mandir Kashipur

फ्लाइट से | By Flight

काशीपुर पहुंचने के लिए सड़क का रास्ता सबसे अच्छा है। काशीपुर सड़क नेटवर्क से बहुत अच्छी तरह से कनेक्टेड है। दिल्ली से यहाँ  तक अच्छी सड़कें बनी हैं और अक्सर आस पास के टूरिस्ट यहाँ अपनी कार से आना पसंद करते हैं। अगर आप फ्लाइट से ट्रेवल कर रहे हैं तो काशीपुर के सबसे नजदीक एयरपोर्ट पंत नगर , उत्तराखंड एयरपोर्ट है। 

ट्रेन से | By Train to

काशीपुर देश के रेल नेटवर्क से भली प्रकार से कनेक्टेड है। काशीपुर एक रेलवे स्टेशन है और देश के किसी भी हिस्से से सीधे या कनेक्टेड ट्रेन से यहाँ आसानी से पंहुचा जा सकता है। 

सड़क के रास्ते | By Road

काशीपुर सड़क के रास्ते अच्छी तरह से कनेक्टेड है और यहाँ पहुंचना काफी आसान और आरामदायक है। काशीपुर पहुंचने के बाद लोकल ट्रांसपोर्ट रिक्शा से पहुंच सकते हैं। 

Moteshwar Mahadev Temple, Kashipur, Beatific Uttarakhand !

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