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नैथना किला अल्मोड़ा | Naithna Mandir Naithna Kila Almora Hindi

Naithna Kila Hindi : नैथना किला उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत तहसील में नोवाड़ा ग्राम सभा के अंदर आता है। यह किला  गोरखा शासकों द्वारा बनवाया गया था, जो कि एक ऊँची चोटी पर स्थित है। यह  किला रामगंगा नदी के किनारे बसे कस्बे मासी से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मासी से 5 किलोमीटर की दूरी चढ़ाई द्वारा पूरी की जाती है। द्वारहाटा से नोवाड़ा के लिए जाते समय नैना देवी मंदिर आता है और नैना देवी मंदिर परिसर से लगभग 200 मीटर की दूरी पर यह किला स्थित है ,जो  दुर्भाग्यवशआज अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है।

 आज इस किले की केवल कुछ दीवारों के अंश ही बचे हैं। किले में दीवार के अलावा और कोई भी अवशेष मौजूद नहीं है।  यह किला आज बिल्कुल दयनीय अवस्था में उपस्थित है।  

 नैथना किला किसने बनवाया | Who built – Naithna Kila Hindi

गोरखा शासकों के काल में पाली गांव में मुख्यालय बनवाया गया था तथा सुरक्षा की दृष्टि से  इस किले का निर्माण वहां की ऊँची  चोटी पर करवाया गया था। सन 1815 में गोरखा शासकों और अंग्रेजों के बीच एक समझौता हुआ जिसमें कुमाऊं और गढ़वाल के क्षेत्रों को अंग्रेजों के अधीन कर दिया गया था, जिनमें से यह गढ़ी भी मुख्य है। 

नैथना किले के अवशेष | Remains of Naithna Kila         

स्थानीय लोगों के अनुसार दो दशक पूर्व तक किले की दीवारें भी सुरक्षित थी परंतु किला संरक्षित न होने के कारण लोगों ने यहाँ से पत्थरों को उठाना शुरू कर दिया, जिसके कारण आज इस किले का अस्तित्व भी मिट रहा है। इस किले  में सुरक्षा के लिए मेहराब बनाए गए थे। ऐसा यहां पर अवशेषों को देखकर आभास होता है कि सैनिकों की सुरक्षा के लिए किले में मेहराब बनाए हुए थे जहां से सैनिक इस किले की सुरक्षा करते थे।  किले पर 12 कोने दिखाई देते हैं। हर कोने पर तीन-तीन  मेहराब बने हुए हैं जो कि देखने में एक तिकोने आकार का दिखाई देता है जहां से सैनिक हथियारों के साथ किले की सुरक्षा किया करते थे।  

कहा जाता है कि अंग्रेजों के समय में यह किला एक मीनार का आकार लिए हुए था। नैथना किला एक चोटी पर स्थित है तो गोरखा शासक शत्रुओं पर आसानी से नजर बनाकर रख सकते थे। आज  किला अपनी बड़ी ही दयनीय स्थिति में मिलता है। 

  नैथना देवी मंदिर | Naithna Devi Mandir

नैथना किले  से लगभग 200 मीटर की दूरी पर  नैथना देवी का मंदिर भी है, जो की अल्मोड़ा का प्रसिद्ध मंदिर है।  रानीखेत से द्वारहाटा लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर है तथा  रानीखेत से मंदिर समूह की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है।   देवी मंदिर में उगते हुए सूर्य की किरणें नैथना देवी मां के चरणों में प्रणाम करती हुई प्रतीत होती हैं,  और एक अत्यंत मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करती हैं।  नैथना देवी शक्ति पीठ वैष्णवी शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित है यहां पर मांसाहार तथा  बली प्रथा का पूर्णता निषेध है।  गांव वासी प्रातः काल  नैथनादेवी मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आते हैं।  मंदिर के गर्भगृह से पहले भैरव जी का भी एक छोटा सा मंदिर है।  मंदिर के पास ही एक  योगशाला भी है।  

नैथना  देवी मंदिर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं तथा नैथना देवी मंदिर पर लोगों की भी गहरी आस्था है।  नैथना देवी मंदिर से हिमालय और अन्य पर्वत श्रृंखलाओं को और तराई तक के दृश्य को बड़ी आसानी से देखा जा सकता है। 

नैथना देवी मंदिर – घी संक्रांति मेला | Naithna Devi Mandir – Ghee Sankrati Mela

नैथना देवी मंदिर में घी संक्रांति के मेले का बड़ा महत्व है। यह मेला भाद्रपद मास की संक्रांति को आयोजित होता है। वैसे तो हर संक्रांति पर यहां पर उत्सव मनाया जाता है परंतु भाद्रपद मास की संक्रांति को घी संक्रांति पर्व के नाम से जाना जाता है।  इस दिन स्थानीय लोग यहां नैथना देवी मंदिर आकर अपने हाथ से बने हुए तथा अन्य सामानों की दुकानें लगाते हैं और श्रद्धालु  मंदिर में आकर देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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