Bundi Tourist Places Hindi : बूंदी भारत के राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र का एक ऐतिहासिक शहर है। यह अपने शानदार किलों, महलों और बावड़ियों के लिए जाना जाता है। बूंदी एक राजकीय विरासत का शहर है जिसमें अनेकों टूरिस्ट आकर्षण इसे इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए खास बनाते हैं ।

बूंदी में प्री हिस्टोरिक समय की गुफाओं की दीवारों पर की गयी चित्रकारी एक प्रसिद्द आकर्षण है।

बूंदी का इतिहास | History – Bundi Tourist Places Hindi

बूंदी का संपन्न इतिहास 12वीं शताब्दी का है। बूंदी को पहले “मीणा राज्य” के रूप में जाना जाता था, जिसे देव सिंह हाड़ा ने जीतकर इसे एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित किया था। बूंदी को पहले बूंदा-का-नल के नाम से जाना जाता था, नल का अर्थ है “संकीर्ण रास्ते।

बूंदी का इतिहास राजपूतों, मुगलों और बाद में मराठों के साथ जुड़ा हुआ है। बूंदी राज्य अपनी विशेष रणनीतिक स्थिति रही और इतिहास में बूंदी के शासकों ने समय समय पर अपने आस पास के राज्यों के शासकों के साथ समझौता कर के यहाँ पर शासन किया था। बूंदी राज्य अपनी स्थापना के साथ ही मेवाड़ की साथी राज्य के रूप में राजनीतिक रूप से स्थायी रहा लेकिन बाद में बूंदी के शासक मुग़लों के साथ हो गए थे। 

बूंदी के इतिहास में एक अध्याय हल्दीघाटी से भी जुड़ा है। प्रसिद्द हल्दी युद्ध में बूंदी के उस समय के सहसकों ने मुग़ल सेना के साथ अपना समर्थन घोस्जित किया था। उस दौरान सन 1576 में हल्दीघाटी के युद्ध के दौरान बूंदी के शासक राव सुरजन सिंह और उनके बेटे भगवंत दास ने मेवाड़ के महाराणा प्रताप के खिलाफ अकबर का समर्थन किया था।

17 वीं शताब्दी में बूंदी राज्य मुगल बादशाह औरंगजेब के प्रभाव में आ गया। औरंगजेब की मृत्यु के बाद बूंदी फिर से एक बार स्वतंत्र हुआ। बाद में ब्रिटिश शासन के दौरान बूंदी एक रियासत के रूप में जाना गया।

तारागढ़ किला, बूंदी महल और कई बावड़ियों सहित बूंदी की वास्तुकला, अलग अलग समय पर अलग अलग जीवन शैली के प्रभाव को दर्शाती है। आज, बूंदी अपने ऐतिहासिक महत्व और अपने प्राचीन महलों और संरचनाओं के प्रमाण के रूप में एक प्रसिद्द टूरिस्ट आकर्षण के रूप में जाना जाता है।

बूंदी टूरिस्ट प्लेस | Bundi Tourist Places Hindi

बूंदी अपने ऐतिहासिक टूरिस्ट आकर्षणों के लिए खासा प्रसिद्द है। यहाँ आप बूंदी के प्रमुख टूरिस्ट आकर्षणों के बारे में जान सकते हैं।

तारागढ़ किला – बूंदी टूरिस्ट प्लेस | Taragarh Fort – Bundi Tourist Places Hindi

तारागढ़ किला बूंदी शहर के ऐतिहासिक महत्त्व के झलक दिखाता है। तारागढ़ किला अपने आर्किटेक्चर के लिए भी पसंद किया जाता है। तारागढ़ किले में कई संरचनाएँ हैं, जिनमें भीम बुर्ज, एक विशाल तोप और रानी महल शामिल हैं। ये अपने शीशे का काम और दिवार पर की गयी चित्रकारी और कलाकृतियों के लिए जाना जाता है।

तारागढ़ किला एक पहाड़ी पर स्थित है और यहाँ से आस पास के सुब्दर नज़ारे देखे जा सकते हैं।

बूंदी महल – बूंदी टूरिस्ट प्लेस | Bundi Mahal – Bundi Tourist Places Hindi

Bundi Tourist Places Hindi
Bundi Mahal - Bundi Tourist Places Hindi

तारागढ़ किले के पास ही बूंदी महल स्थित है। बूंदी महल दीवारों पर की गयी सुन्दर चित्रकारी , शीशे का काम और मशहूर चित्रशाला के लिए जाना जाता है।

बूंदी महल राजपूत और मुगल आर्किटेक्चर का एक मिश्रण है। बूंदी महल में बनी जाली और विस्तृत बालकनी, नक्काशी और दीवारों पर की गयी चित्रकारी इस महल की विशेषता है। रतन दौलत बूंदी महल का एक हिस्सा है जिसमें सुंदर पेंटिंग्स से सजा दीवान-ए-आम और राजा के लिए विशेष रूप से बना एक ऊंचा मंच है।

मोती महल बूंदी महल का अन्य सुन्दर भाग है जो अपने सफेद संगमरमर और शीशे के काम के लिए जाना जाता है।

रानीजी की बावड़ी – बूंदी टूरिस्ट प्लेस | Rani ji ki Bavdi – Bundi Tourist Places Hindi

Rani Ji ki Bawdi – Bundi Tourist Places Hindi

रानीजी की बावड़ी वाटर हार्वेस्टिंग के लिए बनायीं गयी एक संरचना है। यह एक विशाल बावड़ी है जिसमें नीचे तक जाने के लिए सीढ़ियां हैं। रानी जी की बावड़ी शायद बूंदी का सबसे सुन्दर आकर्षण है। इस बावड़ी में दीवारों पर की गयी नक्काशीऔर इसका सुन्दर आर्किटेक्चर इसे फोटोग्राफी के लिए एक आकर्षक लोकेशन बनाता है।

बावड़ियों का निर्माण पारंपरिक रूप से वाटर हार्वेस्टिंग और वाटर मैनेजमेंट के लिए किया जाता था। ये बावड़ियां रानियों और महल की अन्य महिलाओं के लिए एक सामाजिक कड़ी हुआ करती थीं।रानी जी की बावड़ी में नीचे जाने पर मूर्तियों से सजा हुआ एक मंडप है।

चौरासी खंभों की छतरी – बूंदी टूरिस्ट प्लेस | Chatri – Bundi Tourist Places Hindi

Chatri – Bundi Tourist Places Hindi

चौरासी खंभों की छतरी एक स्मारक संरचना है जिसमें मुख्य भवन को सहारा देने वाले 84 नक्काशीदार खंभे हैं। चौरासी खम्भों के छत्री के हर एक खंभे को विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। ये सभी खंभे नक्काशी से सजे हुए है जो उस ऐतिहासिक समय के कारीगरों के शिल्प कौशल को प्रदर्शित करते हैं। इन खम्भों में की गयी नक्काशी में फूलो का पैटर्न, ऐतिहासिक दृश्य और प्राकृतिक डिज़ाइन शामिल हैं।

चौरासी खम्भों के छतरी में मुख्य छत्री बूंदी के पूर्व शासक देव राजा को समर्पित है। यह उनके सम्मान में बना एक स्मारक है।

नवल सागर झील – बूंदी टूरिस्ट प्लेस | Nawal Sagar Lake – Bundi Tourist Places Hindi

Nawal Sagar Lake – Bundi Tourist Places Hindi

नवल सागर झील एक आर्टिफिशल झील है जिसे 18 वीं शताब्दी की शुरुआत में जैत सागर बांध से बनाया गया था। नवल सागर झील बूंदी के पुराने शहर से घिरी हुई है और यह अपने चारों ओर की ऐतिहासिक संरचनाओं को एक सुन्दर व्यू के साथ प्रस्तुत करती है। झील के बीच में जल के देवता भगवान वरुण को समर्पित एक छोटा मंदिर है। वरुण देव के मंदिर तक पहुँचने के लिए टूरिस्ट्स बोटिंग कर पहुंच सकते हैं।

नवल सागर झील पर सूर्योदय या सूर्यास्त के दौरान सुन्दर नजारा होता है । टूरिस्ट नवल सागर पर बोटिंग कर सकते हैं और झील के आस पास बिखरी प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

सुख महल – बूंदी टूरिस्ट प्लेस | Sukh Mahal – Bundi Tourist Places Hindi

Sukh Mahal – Bundi Tourist Places Hindi

सुख महल का संबंध प्रसिद्ध संगीतकार बैजू बावरा से है। ऐसा कहा जाता है कि प्रसिद्द संगीतकार बैजू बावरा ने यहीं संगीत की शिक्षा प्राप्त की थी। बैजू बावरा की कहानी भारतीय लोककथाओं और सिनेमा में अमर हो गई है।

जैत सागर झील के किनारे पर स्थित सुख महल शांत और सुन्दर वातावरण प्रदान करता है। सुख महल को बूंदी के शासकों के लिए गर्मी के मौसम में विश्राम स्थल के रूप में बनाया गया था। यह महल राजपूत और मुगल कारीगरी के मिश्रण को दर्शाता है। इसमें सुंदर बालकनियाँ, छतें और झरोखे हैं जो इसकी सुंदरता को और भी बढ़ा देते हैं।

रामेश्वर महादेव मंदिर – बूंदी टूरिस्ट प्लेस | Rameshwar Mahadev Mandir – Bundi Tourist Places Hindi

रामेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर अपने प्राचीन शिव लिंगम के लिए जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह लिंग प्राकृतिक रूप से बना है। मंदिर में पारंपरिक राजस्थानी आर्किटेक्चर देखने को मिलता है जिसमें कठिन नक्काशी और डिजाइन हैं जो इस क्षेत्र की कलात्मक विरासत को प्रदर्शित करते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के भक्तों के लिए धार्मिक महत्व रखता है जो पूजा करने और भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लये यहाँ भक्त आते हैं।

बूंदी घूमने का सबसे अच्छा समय | Best Time to visit Bundi

बूंदी घूमने का सबसे अच्छा समय आमतौर पर अक्टूबर से मार्च तक सर्दियों के महीनों के दौरान होता है। इस दौरान यहाँ का मौसम हल्का और सुखद होता है जिससे यह दर्शनीय स्थलों की यात्रा और बाहरी एक्टिविटी के लिए आरामदायक हो जाता है। इस दौरान दिन का तापमान लगभग 15°C से 25°C के बीच रहता है और रातें ठंडी हो सकती हैं।

गर्मियों के महीनों (अप्रैल से जून) में तापमान काफी बढ़ जाता है और 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाता है। मानसून का मौसम (जुलाई से सितंबर) बढ़ी गर्मी से राहत ले कर आता है और इस दौरान आस पास का परिदृश्य काफी सुन्दर हो जाता है।

बूंदी कैसे पहुंचे | How to reach Bundi

बूंदी सड़क और रेल मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहाँ बूंदी पहुँचने के आम रास्ते हैं

फ्लाइट से | By Flight

बूंदी का सबसे नजदीक का एयरपोर्ट जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जो बूंदी से लगभग 210 किमी दूर है। जयपुर से बूंदी पहुंचने के लिए टूरिस्ट टैक्सी किराये पर ले सकते हैं या बस से भी पहुँच सकते हैं। 

ट्रेन से | By Train

बूंदी का अपना रेलवे स्टेशन है, जो इसे दिल्ली, जयपुर और कोटा जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ता है।

सड़क द्वारा | By Road

बूंदी सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और टूरिस्ट बस या कार से यहां पहुंच सकते हैं। यह शहर जयपुर (लगभग 220 किमी), कोटा (लगभग 40 किमी) और आसपास के अन्य शहरों से पहुँचा जा सकता है। राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम (आरएसआरटीसी) और निजी ऑपरेटर बूंदी के लिए बसें चलाते हैं।

टूरिस्ट बूंदी तक टैक्सी भी किराये पर ले सकते हैं या गाड़ी से भी जा सकते हैं।

बूंदी में खाना | Local Food in Bundi

बूंदी में पारंपरिक राजस्थानी डिश के साथ-साथ कई अन्य भारतीय ख़ानों का स्वाद भी मिलता है। बूंदी में लोकल और प्रसिद्द खाने में शामिल हैं:

दाल बाटी चूरमा | Dal Bati Churma

दाल बाटी चूरमा एक पारंपरिक राजस्थानी डिश है जिसमें गेहूं के बाटी को दाल और मीठे क्रम्बल किए हुए चूरमा के साथ परोसा जाता है।

गट्टे की सब्जी | Gatta Curry

मसालेदार दही के ग्रेवी में पकाए गए बेसन के गट्टे एक क्लासिक राजस्थानी डिश है।

कचौरी | Kachori

राजस्थान में कचौड़ी एक प्रसिद्द नाश्ता है जो अलग अलग स्टफ्फिंग के साथ तैयार किया जाता है। अक्सर दाल के कचौड़ी और प्याज़ के कचौड़ी मीठे खट्टी चटनी के साथ परोसी जाती है। 

मिर्ची बड़ा | Mirchi Vada

मिर्ची वड़ा बनाने के लिए हरी मिर्च को बेसन के घोल में लपेटकर डीप फ्राई किया जाता है और इसे एक स्नैक के रूप में खाया जाता है। 

लाल मास | Laal Mans

लाल मांस मटन और लाल मिर्च के पेस्ट से बनी एक तीखी राजस्थानी करी है जो अपने मसालेदार स्वाद के लिए जानी जाती है।

मावा कचौरी | Mawa Kachori

मावा कचोरी एक मीठी डिश है जो खोया, नट्स और चीनी से स्टफ होती है।

मक्की की राब | Makki ki Rab

मक्के के आटे, छाछ और मसालों से बना एक कढ़ी जैसा ड्रिंक होता है जिसे अक्सर सर्दियों के दौरान खाया जाता है।

बूंदी घूमते हुए राजस्थानी खाने के अनूठे स्वाद का अनुभव करने के लिए इन लोकल डिश को जरूर ट्राय करना चाहिए।