Nashik Tourist Places Hindi : नासिक भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक शहर है। नासिक शहर महाराष्ट्र के उत्तर पश्चिमी भाग में गोदावरी नदी के किनारे पर बसा हुआ है। नासिक अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। नासिक भारत के उन चार शहरों में से एक है जहाँ कुंभ मेले का आयोजन होता है। कुम्भ मेला हर 12 साल में आयोजित होता है।

धार्मिक महत्त्व से अलग , नासिक शहर को भारत की वाइन कैपिटल भी कहा जाता है। यह एरिया भारत में अंगूर उगाने वाला एरिया है और इसीलिए यहाँ कई अंगूर के बाग और वाइनरी हैं। नासिक मुख्य रूप से अंगूर, प्याज और टमाटर के उत्पादन के लिए जाना जाता है।

History – Nashik Tourist Places Hindi | नासिक टूरिस्ट प्लेस

नासिक का हजारों साल पुराना एक समृद्ध इतिहास है और यह सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। नासिक का वर्णन प्राचीन संस्कृत साहित्य और ऐतिहासिक ग्रंथों में मिलता है।  नासिक शहर का उल्लेख महाकाव्य रामायण में किया गया है, जहां पंचवटी, नासिक का एक क्षेत्र, वह स्थान माना जाता है जहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने अपने वनवास का एक हिस्सा बिताया था।

ऐसा माना जाता है कि नासिक शहर मौर्य और सातवाहन राजवंशों के समय में एक महत्वपूर्ण केंद्र था। नासिक के आसपास के क्षेत्र में कई प्राचीन बौद्ध गुफाएँ हैं, जिनमें पांडवलेनी गुफाएँ भी शामिल हैं। ये गुफाएँ दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व की हैं और सातवाहन राजवंश के दौरान बनाई गई थीं। नासिक बौद्ध गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र था, और गुफाएँ बौद्ध विहार के रूप में इस्तेमाल होती थीं।

नासिक चालुक्यों और यादवों सहित कई राजवंशों के शासन के अधीन आया। यह शहर व्यापार मार्गों पर अपनी रणनीतिक स्थिति के लिए जाना जाता था। मुगल शासन काल के दौरान नासिक मुगल साम्राज्य का हिस्सा था। बाद में यह मराठों के नियंत्रण में आ गया। छत्रपति शिवाजी महाराज के नेतृत्व में मराठों ने इस क्षेत्र के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

महाराष्ट्र के कई अन्य हिस्सों की तरह नासिक भी 19वीं सदी में ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया। 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद, नासिक महाराष्ट्र राज्य में एक महत्वपूर्ण शहर के रूप में विकसित होता रहा। 

Significance – Nasik Tourist Places Hindi | सांस्कृतिक धार्मिक महत्त्व 

नासिक हिंदू धार्मिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र रहा है। पवित्र मानी जाने वाली गोदावरी नदी शहर से होकर बहती है। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक, कुंभ मेला, हर 12 साल में एक बार नासिक में आयोजित किया जाता है। इस आयोजन के दौरान देश भर से तीर्थयात्री गोदावरी नदी में पवित्र स्नान करने के लिए नासिक आते हैं।

भगवान राम के वनवास कल से जुड़ा होने के कारण नासिक एक महत्वपूर्ण शहर है और हर साल बड़ी संख्या में यहाँ उनसे जुड़े स्थानों को देखने और प्रार्थना करने के लिए आते हैं। 

Nasik Tourist Places Hindi | नासिक टूरिस्ट प्लेस

नासिक महाराष्ट्र का एक समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत वाला शहर है। यह शहर प्राचीन मंदिरों, ऐतिहासिक स्थानों और अन्य टूरिस्ट प्लेस का मिश्रण है। यहाँ नासिक शहर के मुख्य टूरिस्ट प्लेस के बारे में  जान सकते हैं !

त्र्यंबकेश्वर मंदिर | Triambakeshwar Mandir – Nashik Tourist Places Hindi

 Triambakeshwar Mandir - Nashik Tourist Places Hindi
Triambakeshwar Mandir – Nashik Tourist Places Hindi

त्र्यंबकेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर नासिक से लगभग 20 किलोमीटर दूर  त्रिंबक शहर में स्थित है। यह प्राचीन शिव मंदिर भगवन शिव को समर्पित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर गोदावरी नदी के उद्गम स्थान पर स्थित है। यह मंदिर ब्रह्मगिरि पर्वत पर स्थित है और प्रकृति के गोद में बसा एक सुन्दर दृश्य प्रस्तुत करता है। 

यह मंदिर क्लासिक हिंदू मंदिर आर्किटेक्चर का प्रतीक है। त्र्यंबकेश्वर कुंभ मेले के मुख्य स्थानों में से एक है।

पांडवलेनी केव्स – नासिक टूरिस्ट प्लेस | Pandavleni Caves – Nashik Tourist Places Hindi

Pandavleni Caves – Nashik Tourist Places Hindi

पांडवलेनी गुफाएं, जिन्हें त्रिरश्मि गुफाएं भी कहा जाता है, प्राचीन बौद्ध गुफाएँ हैं। ये गुफाएं त्रिवशमी पहाड़ी पर स्थित हैं। पांडवलेनी गुफाएं नासिक शहर के केंद्र से लगभग 8 किलोमीटर स्थित हैं।

पांडवलेनि गुफाएँ दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व की मानी जाती हैं। ये गुफाएं बौद्ध धर्म के हीनयान शाखा से संबंधित हैं। इनमें से कुछ गुफाएँ सातवाहन वंश के शासन के दौरान बनाई गईं हैं। ये गुफाएँ रॉक-कट स्टाइल में बनी हुई हैं। भारत में महाबलीपुरम के मंदिर रॉक कट टेक्नोलॉजी से बने प्रसिद्द मंदिर हैं। 

ये गुफाएं अजंता और एलोरा गुफाओं के समान हैं। पांडवलेनी में कुल 24 गुफाएँ हैं, जो इसे एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थान बनाती हैं। ये गुफाएँ बौद्ध विहार के रूप में इस्तेमाल की जाती थीं। पांडवलेनि गुफाओं तक पहुँचने के लिए टूरिस्ट्स पहाड़ी की चोटी तक जाने वाली सीढ़ियों पर चलकर जा सकते हैं। ऊँचाई पर पहुँचने पर यहाँ से नासिक और आसपास का सुन्दर नजारा देखा जा सकता है। 

सुला विनयार्ड – नासिक टूरिस्ट प्लेस | Sula Vineyards – Nashik Tourist Places Hindi

Sula Vineyard – Nashik

नासिक को भारत की वाइन कैपिटल कहा जाता है और सुला वाइनयार्ड्स इस क्षेत्र की सबसे प्रसिद्ध वाइनरी में से एक है। सुला वाइनयार्ड नासिक घाटी में स्थित है। यह क्षेत्र अंगूर की खेती के लिए जाना जाता है। नासिक के पास ही स्थित गंगापुर शहर में अंगूर के बाग स्थित हैं।

सुला वाइनयार्ड्स की स्थापना साल 1999 में राजीव सामंत द्वारा की गयी थी। सुला कई तरह के वाइन बनाने के लिए जाना जाता है, जिनमें रेड वाइन , वाइट वाइन, रोज़े वाइन और स्पार्कलिंग वाइन मुख्य हैं। वाइनरी में टूरिस्ट्स  वाइन टेस्टिंग के लिए और वाइन बनने के प्रोसेस के बारे में जान सकते हैं।  वाइनरी में गाइडेड टूर टूरिस्ट्स के लिए आयोजित  किया जाता है। 

गोदावरी घाट – नासिक टूरिस्ट प्लेस | Godavari Ghat – Nashik Tourist Places Hindi

गोदावरी घाट नासिक सहित कई शहरों और कस्बों में गोदावरी नदी के किनारे के घाटों या स्नान को कहा जाता है।  भारतीय संस्कृति में नदियों के किनारे के घाटों को पवित्र माना जाता है और ये घाट धार्मिक अनुष्ठानों, समारोहों और तीर्थयात्राओं के लिए महत्वपूर्ण स्थान हैं।

गोदावरी नदी को “दक्षिण की गंगा” कहा जाता है और इसे एक पवित्र नदी माना जाता है। जिस तरह से उत्तर भारत में गंगा  है ठीक उसी तरह गोदावरी नदी का भी महत्त्व है। तीर्थयात्री यहाँ धार्मिक अनुष्ठान करने, प्रार्थना करने और धार्मिक समारोहों में भाग लेने के लिए गोदावरी घाट पर जाते हैं। 

रामकुंड – नासिक टूरिस्ट प्लेस | Ramkund – Nashik Tourist Places Hindi

रामकुंड एक पवित्र तालाब है। यह कुंड नासिक में गोदावरी नदी के किनारे पर स्थित है। रामकुंड का विशेष धार्मिक महत्व है और यह नासिक के धार्मिक और सांस्कृतिक पहलु का अंग है।

रामकुंड नासिक के पंचवटी क्षेत्र में है। रामकुंड का नाम भगवान राम के नाम पर रखा गया है। पौराणिक कथा के अनुसार, माना जाता है कि भगवान राम और उनकी पत्नी सीता ने अपने वनवास के दौरान यहाँ पर समय बिताया था। भक्त और तीर्थयात्री रामकुंड के पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए आते हैं।

कालाराम मंदिर – नासिक टूरिस्ट प्लेस | Kalaram Temple – Nashik Tourist Places Hindi

Kalaram Temple – Nashik Tourist Places Hindi

कालाराम मंदिर भगवान राम को समर्पित एक मंदिर है। कालाराम मंदिर नासिक के महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान राम की काले पत्थर की मूर्ति के लिए जाना जाता है, जो लगभग 5.5 फीट ऊंची है। काळा पत्थर से बने होने कारण ही इस मंदिर को कालाराम मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर अपनी सुन्दर नक्काशी और मूर्तियों के साथ अपने आर्किटेक्चर के लिए प्रसिद्द है। मंदिर में भगवान राम की मूर्ति को पारंपरिक पोशाक और आभूषणों से सजाया गया है। 

कॉइन म्यूजियम – नासिक टूरिस्ट प्लेस | Coin Museum – Nashik Tourist Places Hindi

भारतीय मुद्राशास्त्र अध्ययन अनुसंधान संस्थान नासिक में सिक्का संग्रहालय की देख रेख करता है। यहाँ अलग अलग समय के सिक्कों का एक विशाल संग्रह है जो भारत के मौद्रिक इतिहास के बारे में टूरिस्ट्स को जानकारी देता है। 

इस म्यूजियम में सिक्कों, करेंसी नोटों और संबंधित कलाकृतियों का संग्रह है। प्रदर्शनों में प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक काल के सिक्के शामिल हैं। 

सीता गुफा – नासिक टूरिस्ट प्लेस | Sita Gufa (Cave) – Nashik Tourist Places Hindi

सीता गुफ़ा नासिक में प्राचीन गुफा है जिसका सम्बन्ध भी रामायण और भगवन राम और सीता के वनवास काल से है। माना जाता है कि यह वह गुफा है जहां देवी सीता अपने वनवास के दौरान रुकी थीं। माना जाता है कि इस गुफा में सीता ने तब शरण ली थी जब राक्षस राजा रावण ने उनका अपहरण कर लिया था। ऐसा कहा जाता है कि इस गुफा ने सीता को उनकी कैद के दौरान तब तक आश्रय दिया था जब तक कि हनुमान ने उन्हें खोज नहीं लिया था।

पंचवटी जहां सीता गुफा स्थित है, रामायण से जुड़े कई स्थानों में से एक तीर्थ स्थल है। पंचवटी नाम इस क्षेत्र के पांच बरगद के पेड़ों से लिया गया है।

मुक्तिधाम मंदिर – नासिक टूरिस्ट प्लेस | Muktidham Temple – Nashik Tourist Places Hindi

Muktidham Temple – Nashik Tourist Places Hindi

मुक्तिधाम एक मंदिर परिसर है जो 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृतियों और भगवान कृष्ण को समर्पित एक संगमरमर के मंदिर के लिए जाना जाता है। मुक्तिधाम मंदिर नासिक शहर के केंद्र से थोड़ी दूरी पर लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित है। मुक्तिधाम मंदिर का निर्माण साल 1971 में पूरा हुआ था । इसका उद्घाटन भारत के तीसरे राष्ट्रपति जाकिर हुसैन ने किया था। मंदिर परिसर पूरी तरह से ताज महल के समान सफेद मकराना संगमरमर से बना है।

यह मंदिर अपने आर्किटेक्चर और संगमरमर के उपयोग के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर के निर्माण में लगा संगमरमर राजस्थान के मकराना की खदानों से लाया गया है।

गंगापुर बांध – नासिक टूरिस्ट प्लेस | Gangapur Dam – Nashik Tourist Places Hindi

Gangapur Dam Nashik

गोदावरी नदी पर स्थित गंगापुर बांध पिकनिक और बोटिंग के लिए एक लोकप्रिय आकर्षण है। यह बांध सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराता है और प्राकृतिक नज़रों से घिरा हुआ है। गंगापुर बांध का मूल उद्देश्य सिंचाई और पीने के लिए पानी का संचय करना है। यह इस एरिया में सिंचाई की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है। 

यह बांध एक बड़ा तालाब बनाता है जो मानसून के मौसम में पानी से भरा रहता है।

देवलाली कैंप | Deolali Camp – Nashik Tourist Places Hindi

देवलाली नासिक शहर से लगभग 16 किलोमीटर दूर एक हिल स्टेशन है। यह जगह अच्छे वातावरण , तापमान और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। 

देवलाली का एक समृद्ध इतिहास है और यह ब्रिटिश काल के दौरान प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध के समय ब्रिटिश और राष्ट्रमंडल सैनिकों के लिए एक कैंप था। “गॉन टू देवलाली” शब्द मानसिक तनाव या “शेल शॉक” का अनुभव करने वाले सैनिकों का पर्याय बन गया था ।

पंचवटी – नासिक टूरिस्ट प्लेस | Panchvati – Nashik Tourist Places Hindi

पंचवटी नासिक में गोदावरी नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है। यह एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है और बड़े नासिक शहर का एक हिस्सा है। पंचवटी” नाम इस क्षेत्र में पांच बरगद के पेड़ों की उपस्थिति के कारण है। माना जाता है कि ये पेड़ वही हैं जो भगवान राम के प्रवास के दौरान मौजूद थे। तीर्थयात्री अक्सर इन पेड़ों को पवित्र मानते हुए उनके दर्शन करते हैं।

पंचवटी में स्थित सीता गुफा, तपोवन , कपिलेश्वर मंदिर , राम कुंड और सीता कुंड प्रसिद्द तीर्थ समान स्थान हैं। कपिलेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। पंचवटी में स्थित इन सभी स्थानों का धार्मिक महत्त्व है। 

तपोवन पंचवटी में एक शांत स्थान है जहां कहा जाता है कि भगवान राम और लक्ष्मण ने तपस्या की थी। यह क्षेत्र अपने शांतिपूर्ण वातावरण के लिए जाना जाता है और शांति के माहौल में मैडिटेशन करने के लिए भक्त यहाँ आते हैं। 

नासिक जाने का समय | Best Time to Visit Nashik

नासिक गर्मियों के मौसम में काफी गर्म होता है। हालाँकि यहाँ शाम के समय मौसम कुछ ठंडा हो जाता है। जुलाई से सितंबर तक मानसून का मौसम रहता है। इस दौरान क्षेत्र में काफी बारिश होती है।  इस दौरान यहाँ मौसम कुछ ठंडा हो जाता है ।

मानसून के बाद, नासिक में 15°C से 30°C के बीच तापमान के साथ मौसम काफी सुहाना होता है। यह नासिक घूमने का सबसे अच्छा समय है। यह समय आउटडोर एक्टिविटी के लिए सबसे अच्छा रहता है। 

कैसे पहुंचे | How to reach 

फ्लाइट से | By Flight 

नासिक सड़क, रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। नासिक स्थित एयरपोर्ट डोमेस्टिक फ्लाइट के जरिये पहुँच सकते हैं हालाँकि फ्लाइट के संख्या काफी कम है। नासिक से लगभग 170 किलोमीटर के दूरी पर स्थित मुंबई स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। यहाँ से नासिक के लिए ट्रेन या बस से पहुँच सकते हैं।

ट्रेन से | By Train  

नासिक भारत के प्रमुख शहरों से ट्रेन से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। नासिक रोड रेलवे स्टेशन (एनके) शहर का मुख्य रेलवे स्टेशन है। मुंबई, पुणे, दिल्ली, कोलकाता और अन्य प्रमुख शहरों से नासिक के लिए नियमित ट्रेनें चलती हैं।

सड़क से | By Road

नासिक सड़क नेटवर्क से अच्छी तरह से कनेक्टेड है। यहाँ स्टेट ट्रांसपोर्ट या प्राइवेट ट्रांसपोर्ट बस से , टैक्सी से या अपने वाहन से आसानी से पहुँच सकते हैं। 

Beatific Uttarakhand !