Moringa Leaves in Hindi | सहजन के पत्ते : सहजन या मोरिंगा जिसे सुजना या मुनरा नाम से भी जाना जाता है , दरअसल सहजन के पत्ते या मोरिंगा सेहत का खजाना होते हैं। मोरिंगा जिसका बोटेनिक नाम मोरिंगा ओलेइफेरा है। मोरिंगा को आयुर्वेद में अमृत सम कहा गया है। आयुर्वेद में सहजन / मोरिंगा को 300 से भी ज्यादा शारीरिक बीमारियों में दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
सहजन कहाँ पाया जाता है | Moringa Plant & Moringa Leaves in Hindi
सहजन मुख्यतः फिलीपींस, मैक्सिको, मलेशिया, श्रीलंका और भारत आदि देशों में अलग अलग रेसिपीज में और अन्य कई तरीकों से उपयोग में लाया जाता है। विशेष रूप से दक्षिण भारत में यह साल भर फल, जो कि एक फली के रूप में होता है , देता है लेकिन उत्तर भारत में साल में केवल एक बार ही फली आती है। सहजन / मोरिंगा के पौधे को किसी भी तरह की जमीन में उगाया जा सकता है। इसे बहुत कम देखभाल के जरूरत होती है । सहजन या मोरिंगा का पौधा लगभग 10 मीटर तक ऊँचाई में बढ़ सकता है।
सहजन – एक चमत्कारी पौधा | Moringa Leaves in Hindi
सहजन / मोरिंगा पोषक तत्वों का भंडार होता है। इस पौधे के अलग अलग भागों का इस्तेमाल अलग अलग तरह से किया जा सकता है। इसके पौधे का उपयोग जड़ी बूटियों के तौर पर भी ज्यादा किया जाता है। इस पौधे की पत्तियां फल, फूल ,डाली ,छाल सभी का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए सहजन / मोरिंगा को एक चमत्कारी पौधा भी कहा जाता है।
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सहजन के पत्तों का इस्तेमाल | Uses – Moringa Leaves in Hindi
सहजन / मोरिंगा के पत्ते खास तौर पर कुकिंग में इस्तेमाल किये जाते हैं। मोरिंगा के पत्तों को पानी को साफ करने तथा हाथों को साफ करने के लिए भी इस्तेमाल में लाया जाता है। सहजन के बीजों से निकलने वाले तेल का भी काफी इस्तेमाल किया जाता है। दक्षिण भारत में खास कर सहजन\ मोरिंगा के पत्तों को सब्ज़ी बनाने में और इसकी फली (ड्रमस्टिक ) को सांबर बनाने में इस्तेमाल करते हैं। इसके आलावा सागू जो की प्रसिद्द सेट डोसा के साथ परोसा जाता है उसमें आलू के साथ इसे भी इस्तेमाल किया जाता है। सहजन / मोरिंगा के पत्तों की चटनी भी बनायीं जाती है और इसे अलग अलग दालों और सब्ज़ियों के साथ भी पकाया जाता है।
सहजन / मोरिंगा के गुण | Moringa Leaves in Hindii
सहजन / मोरिंगा में एंटी फंगल, एंटी वायरल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसमें पोटेशियम, ज़िंक, मैग्नीशियम, आयरन, कॉपर, फॉस्फोरस, कैल्शियम आदि पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। सहजन में 90 तरह के मल्टीविटामिन, 45 प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट, 35 प्रकार के दर्द निवारण गुण तथा 18 प्रकार के अमीनो एसिड पाए जाते हैं। इन्हीं गुणों के कारण एक चमत्कारी पौधा कहा जाता है।
सहजन के फायदे | Benefits – Moringa Leaves in Hindi
- यह इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
- कैल्शियम की भरपूर मात्रा होने के कारण यह गठिया में बहुत फायदा पहुंचाता है
- पेट दर्द तथा पेट से जुड़ी अन्य समस्याएं जैसे अपच, गैस ,कब्ज जैसी समस्याओं में भी सहजन के फूलों का रस पिया जाता है और इसकी सब्जी बनाकर खाई जाती है।
- सहजन में उपस्थित विटामिन A इसे आंखों के लिए उपयोगी बनाता है। सहजन की फली और इसकी पत्तियां और इसके फूलों का इस्तेमाल करने से आंखों स्वस्थ रहती हैं ।
- सहजन की सब्जी और सूप का उपयोग पथरी / किडनी स्टोन की समस्या में भी किया जाता है।
- इसकी छाल का काढ़ा पीने से दांतों के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
- यह ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है।
- दिल की बीमारी में भी फायदेमंद होता है। कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने का काम करता है।
- वजन कम करने में भी सहजन के फूल सहायता करते हैं। इन फूलों के अंदर क्लोरोजेनिक एसिड नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो शरीर में मौजूद अतिरिक्त फैट को जलाने करने का काम करता है।
- सहजन के फूलों के सेवन करने से बालों का झड़ना काफी हद तक कम हो जाता है, इससे बालों का विकास होता है और डैंड्रफ की समस्या भी कम हो जाती है।
- महिलाओं में यूरिन इन्फेक्शन की समस्या बेहद आम है इसको दूर करने के लिए सहजन के फूलों की चाय बनाकर सेवन करने से इसमें आराम मिलता है।
- सहजन हिमोग्लोबिन को सही रखता है।
- शुगर लेवल को भी कंट्रोल करता है।
- थायराइड इंफेक्शन में सुधार के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- चिंता तनाव को भी सहजन कम करता है।
- सहजन की पतियो की लुगदी बनाकर उसे सरसों के तेल में पकाकर मोच पर लगाने से शीघ्र ही आराम मिलता है।
- बीजों का उपयोग स्क्रबर के रूप में तथा फेस मास्क बनाने में भी किया जाता है।
Moringa Leaves in Hindi–
सहजन गुणों का भंडार है अगर हम इसकी तुलना दूध या अन्य सब्जियों से करें तो पाया जाता है कि सहजन के अंदर संतरे से 7 गुना अधिक विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है। इसमें गाजर की तुलना में 4 गुना अधिक विटामिन ए मिलता है। दूध की तुलना में 4 गुना अधिक कैल्शियम सहजन के अंदर पाया जाता है। केले से 3 गुना अधिक पोटेशियम मिलता है तथा दही से भी 3 गुना अधिक प्रोटीन की मात्रा सहजन में पाई जाती है।
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सहजन से सावधानी | Ask the Doctor
क्योंकि सहजन की तासीर गर्म होती है इसीलिए जिन लोगों को गर्मी की समस्या अधिक होती है जैसे एसिडिटी, ब्लीडिंग पाइल्स, स्किन की कोई समस्या, उन्हें इसके उपयोग से बचना चाहिए या उपयोग सावधानी पूर्वक करना चाहिए। ऐसा सुझाव दिया जाता है कि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान सहजन / मोरिंगा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर आप सहजन मोरिंगा को अपनी डाइट में इस्तेमाल करना चाहते हैं तो बेहतर है कि अपने डॉक्टर से सलाह ले लें।
सहजन का पाउडर | Powder – Moringa Leaves in Hindi
सहजन / मोरिंगा पिछले कुछ साल से पूरी दुनिया में प्रसिद्द हो चुका है और इसके औषधीय गुणों के कारण अब पश्चिमी देशों इसकी मांग काफी बढ़ गयी है। मोरिंगा पाउडर जो की आज कर मेडिकल स्टोर पर या बड़े सुपर मार्किट में पैकेट में उपलब्ध होता है , वह इसी सहजन के पत्तों को सूखा कर पीस कर बनाया जाता है।
मोरिंगा पाउडर को कैप्सूल में भरकर दवाई के रूप में भी उपलब्ध कराया जा रहा है। भारत में और खास कर दक्षिण भारत में तो सहजन का भंडार है। इस गुणों की खान को हमें सब्जियों के रूप में, सूप के रूप में, पाउडर के रूप में और जिस भी तरह से चाहें हम इसका उपयोग बड़ी ही आसानी से कर सकते हैं तथा अधिक से अधिक बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं।
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