Madan Mahal Kila Hindi : मदन महल किला मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर शहर में ऊंची पहाड़ी पर निर्मित एक किला है। मदन महल किला एक बड़ी ग्रेनाइट चट्टान को तराश कर बनाया गया है। यह किला पहाड़ी पर जमीन से लगभग 500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मदन महल किले को रानी दुर्गावती का किला नाम से भी जाना जाता है।
जबलपुर क्षेत्र का नाम कैसे पड़ा ? Jabalpur – Reason behind name
जबलपुर का नाम यह क्यों पड़ा है , इस बारे में दो कारण प्रचलित हैं। माना जाता है कि पौराणिक काल में यह ऋषि जाबली के तपोभूमि था और इसीलिए इस जगह का नाम जाबलीपुर हुआ और कालांतर में यह जबलपुर हो गया। ऐसा भी कहा जाता है कि जबलपुर का नाम अरबी भाषा के शब्द जबल से लिया गया है। अरबी भाषा के जबल शब्द का अर्थ होता है पहाड़ और इसी लिए इस शहर का नाम जबलपुर हुआ।
मदन महल किला – इतिहास | History – Madan Mahal Kila Hindi
मदन महल किले का निर्माण 11वीं शताब्दी में 37वें गोंड शासक मदन सिंह के शासन में हुआ था। यह किला जबलपुर के पश्चिमी भाग में स्थित है जो एक प्रहरी दुर्ग है। इस किले को राजा मदन सिंह का सुख महल भी कहा जाता है। मदन महल किला एक सैनिक चौकी के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा था। इस किले का उपयोग वाच टॉवर और सैनिकों के रहने के लिए किया जाता था।
राजा और उनका परिवार यहाँ रहने के लिए आया करते थे। राज परिवार का मुख्य किला गढ़ किला था।
यहाँ बने हुए कमरे, घोड़ों के रखने की व्यस्था , गुप्त मार्ग और गलियारे आदि को देख कर यही अनुमान लगाया जाता है कि यह किला दरअसल एक सैन्य चौकी थी जहाँ गोंडवाना राज्य की सेना, हथियार और घोड़े आदि रखे जाते थे।
मदन महल किला – रानी दुर्गावती | Rani Durgavati – Madan Mahal Kila Hindi
मदन महल किला रानी दुर्गावती से सम्बंधित रहा है। रानी दुर्गावती सन 1550 से 1564 तक गोंडवाना राज्य की रानी थीं। इस किले को रानी दुर्गावती की सैनिक छावनी के रूप में जाना जाता है। रानी दुर्गावती एक वीर योद्धा थीं और उन्होंने मुग़लों की सेना से युद्ध के दौरान वीरगति पायी थी।
मदन महल किला – संरचना | Madan Mahal Kila Hindi
रानी दुर्गावती किला नाम से प्रसिद्द इस किले में ऊपर मुख्य संरचना तक जाने के लिए लगभग २०० सीढ़ियां हैं। आज पूरी तरह से खंडहर बन चुके इस किले के मुख्य भागों के अवशेष देखे जा सकते हैं। मुख्य किले की संरचना तक पहुंचने वाले रास्ते के दोनों ओर बड़े पत्थर हैं। किले तक के रास्ते में अनेकों छोटे छोटे मंदिर निर्मित हैं।
इस किले से सम्बंधित सोने की ईंटों की एक कहानी बड़ी प्रचलित है। कहा जाता है की किले में कही सोने की ईंटें दबी हुई हैं और अभी तक कोई उन्हें नहीं ढूंढ पाया है। ” मदन महल की छांव में, दो टांगों के बीच ,जमा गड़ी नौ लाख की, दो सोने की ईट” यह एक मशहूर कहावत कही जाती है मदन महल के बारे में हालांकि अधिकांश खोजकर्ता और विशेषज्ञों को भी आज तक यहां पर ऐसा कुछ भी नहीं मिला है। यह कहावत उस समय की वैभव और उनके शानदार शान शौकत के लिए कहीं गई थी।
मदन महल किले के साथ रानी दुर्गावती की यादें बसी हुई है कहते हैं यहां पर वह पत्थर आज भी मौजूद है जिस पर रानी दुर्गावती अपने घोड़े पर बैठकर नीचे छलांग लगाने का अभ्यास किया करती थी।
मदन महल किले के बारे में कहा जाता है कि यहां पर एक गुप्त सुरंग है, ऐसा माना जाता है कि यह सुरंग मंडला जाकर मिलती थी और इसी सुरंग के रास्ते से रानी दुर्गावती मंडला से किले तक आती थी। वहीं इस किले से सुरंग के द्वारा ही वह पास में मंदिर तक जाती थी और वहां मंदिर में जाकर पूजा अर्चना किया करती थी।
जबलपुर कैसे पहुंचा जाए? How to reach Jabalpur
रेल यात्रा द्वारा | Jabalpur by Train
जबलपुर मध्य भारत का और मध्य प्रदेश का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है जो कि दिल्ली मुंबई समेत देश के लगभग सभी बड़े स्टेशन से सीधे या कनेक्टेड रेलवे से जुड़ा हुआ है जहां से आसानी से ट्रेन द्वारा यहाँ तक पहुंच सकते हैं। मदन महल किला जबलपुर शहर से केवल २ किलोमीटर की दूरी पर है। वह दूरी लोकल ट्रांसपोर्ट से आसानी से तय की जा सकती है।
सड़क यात्रा द्वारा | Jabalpur by Road
जबलपुर एक भावी स्मार्ट सिटी के रूप में चिन्हित है। यह शहर सड़क के रास्ते देश के सड़क नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। स्टेट ट्रांसपोर्ट या प्राइवेट ट्रांसपोर्ट के वाहनों द्वारा आसानी से जबलपुर पंहुचा जा सकता है।
हवाई यात्रा द्वारा | Jabalpur by Flight
अगर आप फ्लाइट से ट्रेवल कर रहे हैं तो जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट के लिए सीधे या कनेक्टेड फ्लाइट से पहुंच सकते हैं। एयरपोर्ट से आगे के दूरी रेंट कार या टैक्सी से तय की जा सकती है।
मदन महल किला देखने का समय | Best time to visit Madan Mahal Kila
मदन महल किला घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से लेकर मार्च तक का होता है , क्योंकि गर्म जलवायु होने के कारण यहां का वातावरण काफी गर्म हो जाता है। सर्दियों के मौसम में जबलपुर में घुमा जा सकता है।
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