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नवरतन गढ़ किला झारखंड | Navratan Garh Jharkhand in Hindi

Navratan Kila HIndi

Navratan Garh Jharkhand in Hindi : नवरतन गढ़ किला झारखंड राज्य के गुमला नामक जिले में स्थित है।  यह एक ऐतिहासिक स्थान है जहाँ पर एक समय में नागवंशी राजाओं का शासन रहा है। नागवंशी शासकों की राजधानी के रूप में नवरतन, गुमला की पहचान रह चुकी है। नवरत्न गढ़ क्षेत्र आज के समय झारखंड राज्य की राजधानी रांची से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर सिसई प्रखंड के नगर ग्राम के निकट स्थित है।  नवरत्न गढ़ के किले को नागवंशी शासकों द्वारा बनवाया गया प्रथम सुसज्जित राज महल का  दर्जा दिया गया है। साल २००९ में नवरतन गढ़ के किले को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया था। 

Navratan Garh Fort, Jharkhand !

नवरतनगढ़ का इतिहास | History – Navratan Garh Jharkhand in Hindi

नागवंशी शासक बैरीसाल ने अपनी राजधानी खुखरागढ़ से बदल कर नवरतनगढ़ में स्थापित की थी। नवरतनगढ़ एक ऐसा स्थान था जो सुरक्षा की दृष्टि से और रणनीति की दृष्टि से उस समय राजधानी बनाये जाने के अनुकूल था। जंगलों, पहाड़ियों और नदियों से घिरा नवरतनगढ़ एक सुरक्षित गढ़ हो सकता था। 

नागवंशी शासक | Nagvanshi Rulers – Navratan Garh Jharkhand in Hindi

इतिहासकारों के अनुसार पहले छठी -सातवीं शताब्दी में झारखंड, बिहार और उड़ीसा में नागवंशी राजाओं का शासन था। उस समय बंगाल में पाल शासकों का और मध्यप्रदेश में भोज वंशी शासकों का शासनकाल था। इन सभी पडोसी राज्यों के बीच अक्सर काफी मतभेद हुआ करते थे।  नागवंशी मूल रूप से शैव कहलाते थे और नागवंशी शासक अपनी सुरक्षा करने के लिए समय-समय पर अपनी राजधानियां बदलते रहते थे। यही कारण है कि इनके प्रमाण झारखंड के अनेकों क्षेत्रों में बिखरे हुए दिखाई देते हैं।

 नागवंशी टैक्स पालिसी | Tax Policy – Navratan Garh Jharkhand in Hindi

इतिहासकारों का मानना है कि नागवंशी शासक अपनी प्रजा से किसी भी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लिया करते थे और इसी वजह से वे कभी भी आलीशान महलों और किलों में नहीं रहा करते थे। उनका ऐसा मानना था कि अगर वह  प्रजा के बीच में अपना स्थान बनाना चाहते हैं और प्रजा से सम्मान पाना चाहते हैं तो उन्हें प्रजा की तरह से ही रहना चाहिए। नागवंशी शासक उसी समय राजा के रूप में आते थे जिस समय उन्हें न्याय कार्य करना होता था और इसीलिए इससे पहले किसी भी नागवंशी शासक ने अपने लिए किसी भी महल का निर्माण कार्य नहीं कराया था।

नवरतनगढ़ किला – इतिहास | History – Navratan Garh Jharkhand in Hindi

नवरतन गढ़ किला 46 वें नागवंशी राजा दुर्जन द्वारा बनवाया गया था। नवरतन गढ़ का किला दोयसा गांव में होने के कारण इसे दोयसा गढ भी कहा जाता है।   इस किले के निर्माण से जुडी एक कहानी प्रचलित है।  

कहा जाता है कि जिस समय नागवंशी शासक राजा दुर्जन का शासन यहाँ पर था , उसी समय आगरा में  जहांगीर का भी शासन काल रहा था। उस समय लगान ना देने के कारण जहांगीर ने अपने मुगल सूबेदार इब्राहिम खान को नागशासकों के राज्य दोयसा पर आक्रमण करने के लिए भेजा था। इब्राहिम खान ने दुर्जन को  बंदी बना लिया था और उन्हें ग्वालियर की जेल में रखा गया। 12 साल तक राजा दुर्जन को जेल में रखा गया था। 

राजा दुर्जन शाह | Raja Durjan Shah

 राजा दुर्जन को हीरों की अच्छी परख थी। अपने इसी ज्ञान के चलते उन्हें जहांगीर के कैद से भी छूट मिली थी। जब भी जहांगीर को असली और नकली हीरों के पहचान करनी थी तब वह राजा दुर्जन साल से ही परख कराया करता था। राजा दुर्जन ने असली और नकली हीरो को भेड़ों के सींगो में बांधकर उनको आपस में लड़वा दिया था जिससे कि नकली हीरा टूट गया और असली हीरा सुरक्षित रहा। इस तरह हीरे की परख करने के बाद जहांगीर बहुत खुश हुआ और उसने राजा  दुर्जन को रिहा कर दिया । उसी समय जहांगीर ने राजा दुर्जन के कहने पर अन्य 9 राजाओं को भी मुक्त करा लिया था।

जहांगीर ने उन्हें शाह की उपाधी प्रदान की। जब राजा दुर्जन शाह जेल से रिहा हुए थे तब वे पहली बार महल और किलों की शान और शौकत से रूबरू हुए थे। पहली बार उन्होंने मुगलों की कैद में रहकर राजसी ठाठ बाट का अनुभव किया था और उसी वक्त उन्होंने अपने लिए भी महल का निर्माण कार्य कराने का मन बना लिया था।  इसी क्रम  में उन्होंने गांव में आकर अपने लिए राज महल बनाने का निर्णय लियाऔर इस पांच मंजिला इमारत का निर्माण कराया था। नवरतन गढ़ किले का निर्माण  17 वें शताब्दी में सन 1636 – 1639 के बीच कराया गया था।

नवरतन गढ़ – किला परिसर | Navratan Garh Jharkhand in Hindi

नवरतनगढ़ किला परिसर में मुख्य किला , राज दरबार , रानी महल , रानी का तालाब , दुर्गा मंदिर , लुका छिपी मठ और जगन्नाथ मंदिर हैं। 

नवरतन गढ़ – आर्किटेक्चर | Architecture – Navratan Garh Jharkhand in Hindi

Navratan Garh Jharkhand in Hindi
Navratan Garh Jharkhand in Hindi

किले के निर्माण कार्य में चूना, सुर्खी और लाहौरी ईटों का इस्तेमाल किया गया था जो कि मुगल काल के स्थापत्य को भी दर्शाता है। नागवंशी शासकों की कलाकृति पाल कालीन शासकों  की कलाकृति से मिलती जुलती थी। इस कलाकृति में रामायण और महाभारत के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं की भी चित्रकारी होती है। इन कलाकृतियों में दशावतार भी देखने को मिलते थे। 

नवरतन गढ़ – मुख्य प्रवेश द्वार | Entrance – Navratan Garh Jharkhand in Hindi

नवरतन गढ़ के उत्तर में मुख्य प्रवेश द्वार है जो कि बड़े विशाल पत्थरों को तराश कर बिना किसी मसाले के और लोहे के रूपों को आपस में जोड़कर बनाया गया है। इस गढ़ की सुरक्षा की दृष्टि से बाहर की तरफ खाई का निर्माण कराया गया था और साथ ही अनेकों तालाबों का भी निर्माण कार्य कराया गया था। राजा दुर्जन साल के इस महल  को देखने के बाद अन्य नागवंशी राजाओं ने भी अपने लिए महल बनवा लिए थे।   

नवरतन गढ़ – पांच मंजिला महल | Main Mahal – Navratan Garh Jharkhand in Hindi

दोयसा गांव में राजा दुर्जन साल ने अपने लिए एक पांच मंजिला राज महल का निर्माण कराया था। नवरतन गढ़ के चारों ओर सैनिकों के लिए गुप्त कोठरियों का निर्माण भी करवाया गया था । रानी के लिए अलग से एक महल का निर्माण कराया गया था जिसे आज रानी महल कहा जाता है । महल से सटे हुए विशाल तालाब भी बनवाए गए थे।  जहां तक पहुंचने के लिए सुरंग का निर्माण भी कराया गया था।  तालाबों के किनारे पर अनेकों मंदिरों का निर्माण कार्य भी कराया गया था। 

नवरतन गढ़ के उत्तरी भाग में सेना के  रहने के लिए छोटे-छोटे इकाइयां बनी हुई थी।  इस गढ़ के उत्तर पश्चिम में बावड़ी भी बनी हुई थी जिसमें नीचे सतह तक सीढ़ियां बनी हुई थी। आज इस किले की  1 मंजिल जमीन में धंस चुकी है, यहां पर केवल 4 मंजिले ही दिखाई देती है।  

नौ संख्या का महत्व | Importance of 9

 नागवंशी परंपरा में नौ  की गणना को बड़ा ही शुभ माना जाता था।  इसे शुभ मानकर ही किले को नवरत्न गढ़ नाम दिया गया था। हर मंजिल पर नौ कमरे हुआ करते थे। महल में नौ कमरों के बीच में एक बड़े कमरे का भी निर्माण किया गया था। 

वर्तमान – नवरतन गढ़ किला | Present – Navratan Garh Jharkhand in Hindi

Navratan Garh Fort Jharkhand
Navratan Garh Jharkhand in Hindi

हालाँकि अभी से लगभग 350 वर्ष पहले नवरतन गढ़ किला एक विशाल सजीव किला था लेकिन आज यह केवल एक खंडहर के रूप में है। किले का अधिकांश भाग टूट और धंस चुका है लेकिन फिर भी ये खंडहर ही अपने अच्छे समय के बारे में काफी कुछ बता देते हैं। 

नवरतन गढ़ आने का मौसम | Best time to visit

नवरतन गढ़ किला देखने जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी का है। इस दौरान यहाँ का मौसम सुहाना रहता है।  

नवरतन गढ़ कैसे पहुँचें | How to reach – Navratan Garh Jharkhand in Hindi

नवरतन गढ़ और इसके आस पास के जगहों के देखने के लिए अगर आप फ्लाइट से ट्रेवल कर रहे हैं तो रांची का बिरसा मुंडा एयरपोर्ट सबसे नजदीक का एयरपोर्ट है। रांची एयरपोर्ट से यहाँ तक के दूरी टैक्सी  से लगभग 2 घंटे में तय की जा सकती है। 

अगर आप ट्रेन से ट्रेवल कर रहे हैं तो जान लें कि रांची रेलवे स्टेशन से नवरतन गढ़ किले के लिए सड़क के रास्ते पहुंच सकते हैं। 

Jageshwar Dham Almora, Beatific Uttarakhand !

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