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बिल्केश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार | Bilkeshwar Mahadev Mandir Haridwar Hindi

Bilkeshwar Mandir Haridwar

Bilkeshwar Mandir Haridwar

Bilkeshwar Mahadev Mandir Haridwar Hindi: बिल्केश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर बिल्वा पर्वत पर स्थित होने  के कारण दरअसल इसका नाम बिल्वकेश्वर मंदिर है लेकिन अभी इस मंदिर को बिल्केश्वर  मंदिर के नाम से जाना जाता है। बिल्केश्वर महादेव मंदिर जैसा कि नाम से ही पता चलता है भगवान महादेव यानी भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। 

इस मंदिर  के बारे में अनेकों पौराणिक कहानियां कही जाती  हैं जिनका सम्बन्ध भगवान शिव और उनकी पत्नी पार्वती से है। 

बिल्केश्वर महादेव मंदिर से जुडी पौराणिक कहानी | Bilkeshwar Mahadev Mandir Haridwar Hindi Stories

Bilkeshwar Mahadev Mandir Haridwar Hindi
Bilkeshwar Mahadev Mandir Haridwar Hindi

बिल्केश्वर मंदिर से जुडी अनेकों प्रचलित कहानियाँ कही जाती हैं।  सबसे पहले बिल्केश्वर का जिक्र स्कन्द पुराण के केदारखंड में आता है। इस मंदिर का सम्बन्ध आदि काल से बताया जाता है। माना जाता है कि यह स्थान हजारों हजार साल पहले देवी पार्वती की तपोस्थली रहा है। 

कनखल में दक्ष महादेव मंदिर के बाद से बिल्केश्वर मंदिर की कहानी शुरू होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी सती ने अपने पिता दक्ष से अपमानित हो कर उनके द्वारा आयोजित यज्ञ की अग्नि में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए थे। उसके बाद उनका जन्म हिम नरेश के घर पार्वती के रूप में हुआ। पार्वती बड़े होने पर भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाना चाहती थीं और इसीलिए उन्होंने देवऋषि नारद के कहने पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। कहा जाता है कि उस दौरान 12 वर्ष तक पार्वती ने बेल पत्र (Wood Apple leaves ) खाया था। इस दौरान वह यहाँ स्थित एक गुफा में रहती थीं। इस तपस्या से प्रसन्न हो कर भगवान शिव ने उन्हें एक पेड़ के शाखा के रूप में दर्शन दिए थे और उनसे विवाह का वरदान दिया था। 

Bilkeshwar Mahadev Mandir Haridwar Hindi

बिल्केश्वर मंदिर के पास ही स्थित गौरी कुंड है और इससे जुडी एक कहानी काफी  प्रचलित है। कहा जाता है कि एक बार बेल पत्र खा कर अपनी भूख शांत करने के बाद पार्वती को बहुत प्यास लगी, तब देवताओं के आग्रह पर  ब्रह्मा ने उन्हें अपने कमंडल से पानी दिया जो कि एक कुंड के रूप में उन्हें मिला। माना जाता है कि अपनी तपस्या के दौरान पार्वती इस कुंड के पानी का इस्तेमाल किया करती थीं। पार्वती का एक नाम गौरी है और उनके नाम पर ही इस कुंड को गौरी कुंड कहा जाता है। 

बिल्केश्वर महादेव मंदिर का महत्त्व | Bilkeshwar Mahadev Mandir Haridwar Hindi Religious Importance

बिल्केश्वर मंदिर भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है। हिन्दू धर्म में भगवान शिव का अति विशेष महत्त्व है।  भगवान शिव के अन्य मंदिरों के तरह ही  मंदिर भी श्रद्धालुओं के लिए विशिष्ट आस्था का केंद्र है। बिल्केश्वर मंदिर में अक्सर विवाहित दंपत्ति संतान प्राप्ति की मनोकामना के लिए आते हैं। मंदिर की पास ही स्थित गौरी कुंड के पानी से श्रद्धालु स्नान करते हैं।  गौरी कुंड का पानी गंगा जल की तरह पवित्र माना जाता है। 

बिल्केश्वर महादेव मंदिर परिसर | Bilkeshwar Mahadev Mandir Haridwar Hindi Parisar

इस मंदिर में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। मंदिर परिसर में भगवान शिव के दो मंदिर स्थित है , इनमें से एक महादेव मंदिर है जहाँ भगवान शिव के एक शिवलिंग के रूप में पूजा की जाती है। मंदिर में बेल का एक पेड़ भी स्थित है। मंदिर परिसर में भगवन शिव का एक और मंदिर स्थित है जिसका स्थापना शंकराचार्य द्वारा की गयी थी। मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के अलावा देवी मंदिर , गणेश मंदिर और नव गृह मंदिर भी यहाँ स्थित हैं। मंदिर के बाहर ही प्रशाद और फूल आदि खरीदने के लिए एक छोटी दुकान भी है।

बिल्केश्वर महादेव मंदिर में पूजा का समय | Bilkeshwar Mahadev Mandir Haridwar Hindi Worship Timings

यह मंदिर पूरे साल श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है। बिल्केश्वर मंदिर में सुबह 5 बजे और शाम को 6 बजे आरती की जाती है। बिल्केश्वर  मंदिर में स्थापित शिवलिंग का जलाभिषेक हर रोज गौरी कुंड के पानी से किया जाता है। 

बिल्केश्वर महादेव मंदिर में त्यौहार और उत्सव | Bilkeshwar Mahadev Mandir Haridwar Hindi Festivals

बिल्केश्वर मंदिर पूरे साल श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है मगर विशेष रूप से सावन के महीने में आने वाली शोवरात्रि , कुम्भ के दौरान , नवरात्री और महाशिवरात्रि के मौकों पर यहाँ बड़ी संख्या में दर्शन के लिए आता है। इस मंदिर में बेल पत्र चढ़ाया जाता है साथ ही गंगा जल और शहद से अभिषेक किया जाता है। 

बिल्केश्वर महादेव मंदिर के आस पास | Bilkeshwar Mahadev Mandir Haridwar Hindi – nearby places

बिल्केश्वर मंदिर आने पर आप  हरिद्वार के बाकी दर्शनीय स्थानों को आसानी से कवर कर सकते हैं। हर की पौड़ी , माया देवी मंदिर , मनसा देवी मंदिर , चंडी देवी मंदिर , नील धारा मंदिर और अन्य टूरिस्ट प्लेस यहाँ से थोड़ी थोड़ी दूरी पर ही स्थित हैं। 

बिल्केश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार कैसे पहुचें | How to reach Bilkeshwar Mahadev Mandir Haridwar

बिल्केश्वर महादेव मंदिर फ्लाइट से पहुंचने के लिए दिल्ली के इंदिरा गाँधी डोमेस्टिक और इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच सकते हैं। दिल्ली से हरिद्वार तक का रास्ता सड़क के  रास्ते या फिर ट्रेन से , रेंट कार से या फिर टैक्सी से जा सकते हैं। दिल्ली से हरिद्वार तक जाने के लिए स्टेट ट्रांसपोर्ट की बस टूरिस्ट बस आय फिर प्राइवेट बस से भी जा सकते हैं। 

हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लगभग २ किलोमीटर के दूरी तय कर के बिल्केश्वर मंदिर पहुंच सकते हैं। 

फ्लाइट के लिए देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट के लिए भी डायरेक्ट या कनेक्टेड फ्लाइट से पहुंच सकते हैं। देहरादून से हरिद्वार तक की दूरी उत्तराखंड स्टेट ट्रांसपोर्ट बस , प्राइवेट ट्रांसपोर्ट से भी पहुंच सकते हैं। 

” निधि सिंह द्वारा “

Bilkeshwar Mandir HAridwar, Beatific Uttarakhand !

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