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दतिया महल | दतिया किला | Datia Mahal in Hindi Datia ka Kila

Datia Mahal

Datia Mahal in Hindi : दतिया महल मध्य प्रदेश के दतिया जिले में ग्वालियर से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक ऐतिहासिक महल है । दतिया महल अपने विशेष आर्किटेक्चर के लिए जाना जाता है। कभी बुंदेलखंड साम्राज्य का हिस्सा रहे  दतिया को महाभारत कालीन माना जाता है। महाभारत काल में दतिया को राजा दन्तवक्र की राजधानी के रूप में जाना जाता था। ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से लोकप्रिय दतिया का यह विशेष दतिया महल बुंदेलखंड राजा वीर सिंह जू देव ने बनवाया था। दतिया महल को सतखंडा महल के नाम से भी जाना जाता है। दतिया महल के सात भाग हैं। दतिया महल को मुग़ल और राजपूती आर्किटेक्चर के समागम का नमूना माना जाता है।   

Datia Mahal, Datia

दतिया महल का इतिहास | History – Datia Mahal in Hindi

दतिया महल को अनेकों नामों से जाना जाता है जैसे सतखंडा महल ,पुराना महल, गोविंद महल, वीर सिंह देव महल,  नरसिंघ  महल आदि। बुंदेलखंड के राजा वीर सिंह द्वारा 52 इमारतों का निर्माण कराया गया था जिनमें से दतिया महल मुख्य है। यह महल राजा वीर सिंह और जहांगीर के दोस्ती के कारण अस्तित्व में आया। 

मुग़ल सल्तनत के जहांगीर और बुंदेला राजा वीर सिंह की अच्छी दोस्ती हो गयी थी। उन दिनों जहांगीर का गद्दी के लिए संघर्ष जारी था और राजा वीर सिंह इसमें जहांगीर के मददगार के रूप में साथ थे। जहांगीर को दिल्ली की गद्दी दिलवाने के उद्देश्य से राजा वीर सिंह ने जहांगीर के कहने पर अकबर के खास दरबारी अबुल फजल के हत्या कर दी थी। इस महल का निर्माण भी राजा वीर सिंह ने जहांगीर को सुरक्षित रखने के लिए कराया था। इस महल में हालाँकि कभी न तो जहांगीर ने समय बिताया और न ही यहाँ कभी बुंदेला राज परिवार रहा लेकिन दतिया महल वीर सिंह और जहांगीर की दोस्ती के प्रतीक के रूप में प्रसिद्द हो गया।

दतिया महल आर्किटेक्चर | Architecture – Datia Mahal / Datia ka Kila

सर एडमिन लुटियन जो कि एक ब्रिटिश वास्तुकार रहे हैंउनके द्वारा निर्मित ज्यादातर इमारतें दतिया महल के आर्किटेक्चर से प्रभावित हैं।

Datia Mahal in Hindi
Datia Mahal in Hindi

दतिया महल – निर्माण सामग्री | Datia Mahal – Construction Materials

महल के बारे में माना जाता है कि यह महल बिना किसी सहारे के खड़ा हुआ है। दतिया महल को बिना किसी धातु या लकड़ी के सहारे के खड़ा किया गया है। इस महल को पूरा का पूरा पत्थर तथा ईटो  द्वारा बनाया गया है। महल की दीवारों में दाल ,गुड़ और तेल को मिश्रण बनाकर उसे सीमेंट की तरह से इस्तेमाल किया गया है।इस किले में 7 मजिले हैं जिनमें से दो मंजिले  जमीन के नीचे स्थित है ,जो कि एक तहखाना कहा जा सकता है ,तथा उनकी पांच मंजिले जमीन से ऊपर की तरफ है। सात खण्डों में बने होने  ही दतिया महल को सतखंडा महल कहा जाता है। 

कमरे और स्तम्भ | Datia Mahal Rooms and Pillars

Datia Fort
Datia Fort

महल की पांचवी मंजिल पर केवल एक ही कमरा बना हुआ है। महल की छत से पूरा दतिया शहर दिखाई देता है।  इस महल को बनाने में लगभग 9 साल का समय लगाऔर लगभग 35 लाख रुपये बनाने में खर्च हुए थे। दतिया महल के अंदर 440 कमरे बनाए गए हैं और कमरों के साथ-साथ यहां पर अनेको  आंगन भी हैं । महल की दीवारें बेहद खूबसूरत चित्रों से अलंकृत की गई है जिन्हें फूल , पत्तियों और सब्जियों के जैविक रंगो द्वारा इनको बनाया गया है।

 दतिया महल मुस्लिम और राजपूतानी शैली को प्रदर्शित करता है। महल राजपूतानी शैली के बेजोड़ नमूने को पेश करता है। महल में पिलर के ऊपर बारी कलाकृतियों के डिजाइन बने हुए हैं जो कि डायमंड शेप की आकृतियां बनी हुई हैं और महल की इमारत में चार चांद लगाती हैं। 

दतिया महल – दीवारों पर चित्रकारी | Datia Mahal / Datia ka Kila – Paintings on Wall

Datia Mahal

महल के प्रवेश द्वार पर जो चित्र और नक्काशी का काम किया गया है वह बेहद खूबसूरती के साथ किया गया है। महल की दवारों पर गणेश और घोड़ों के चित्रों को सजाया गया जो कि प्रवेश द्वार की शोभा को बढ़ाते हैं। दतिया महल में जाते समय कागता है जैसे कि हम किसी भूलभुलैया में हैं। 

महल की दीवारों पर मानव आकृतियां उकेरी गयी हैं जो की  बुंदेली नृत्यों के दृश्यों को प्रदर्शित करती हैं।  इस नृत्य को राई नृत्य के नाम से जाना जाता है जो बुंदेलखंडी लोक नृत्य है। राइ नृत्य में नर्तकियाँ एक चक्र में सफेद फूल के पास नृत्य करती हुई दिखाई देती है। 

दतिया  महल की बनावट तो खास है ही , साथ ही साथ महल के विशाल आंगन, जालीदार खिड़कियां और बेहद खूबसूरत कलाकृतियों यहाँ आये टूरिस्ट्स का ध्यान अपनी तरफ खींचती हैं। दतिया महल परिसर के अंदर एक दरगाह भी बनाई गई है। महल का मुख्य द्वार पूर्व दिशा की तरफ है और महल के दक्षिण में करण सागर झील है जो कि इसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं। दतिया महल में गणेश मंदिर , दुर्गा मंदिर और दरगाह टूरिस्ट्स के लिए मुख्य आकर्षण हैं। 

दतिया – अन्य आकर्षण | Datia – Other Attractions

दतिया जिले में दतिया महल के अलावा कुछ अन्य प्रसिद्द आकर्षण भी हैं। इनमें बगलामुखी देवी मंदिर, धूमावती माई मंदिर, महाभारत कालीन भगवान शिव का मंदिर वनखंडेश्वर हैं।  दतिया शहर से लगभग 20 किमी दूर स्थित गांव कुरथरा में देवी पीताम्बरा बगलामुखी का मंदिर, श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर और सोनागिरी में सफेद संगमरमर जैन मंदिर स्थित हैं। 

दतिया महल – टिकट | Datia Mahal – Ticket price 

टिकट खिड़की  दतिया का महल देखने के लिए टिकट खिड़की की व्यवस्था है जिसमें मात्र 25रुपए  का टिकट लेकर किले  को देखा जा सकता है। दतिया महल को देखने के लिए लगभग 3 से 4 घंटे का समय काफी होता है। किले  में जाते समय अपने साथ एक टॉर्च अवश्य ले जानी चाहिए क्योंकि यहां किले के रास्तों को देखकर हम भ्रमित हो सकते हैं। 

दतिया कैसे पहुचें ? How to reach Datia Mahal ?

हवाई मार्ग से दतिया आने के लिए सबसे नजदीक मध्य प्रदेश का ग्वालियर हवाई अड्डा है जिसकी दतिया से लगभग 75 किलोमीटर  की दूरी है । ग्वालियर से बस और टैक्सी से दतिया तक का सफर बड़ी आसानी से तय किया जा सकता है। 

दतिया में एक रेलवे स्टेशन भी है जो कि एक छोटा स्टेशन है इसीलिए अधिकतर ट्रेन इस स्टेशन पर नहीं रुकती हैं लेकिन झांसी तथा ग्वालियर रेलवे स्टेशन तक ट्रेन द्वारा आसानी से पंहुचा जा सकता है। ये दोनों ही स्टेशन देश के सभी बड़े स्टेशन से सीधे या कनेक्टेड ट्रेन से जुड़े हैं। झाँसी या ग्वालियर से दतिया तक का सफर प्राइवेट कर या बस से तय कर सकते हैं। झांसी से हर घंटे दतिया के लिए सीधी बसें मिलती है जो कि मात्र डेढ़ घंटे के अंदर दतिया पहुंचा देगा देती है।  

अगर सड़क मार्ग की बात करें तो वह सफर बहुत आसान है। टूरिस्ट्स यहाँ अपनी गाड़ी से और बस से सफर तय कर पहुंच सकते हैं। दतिया एक छोटा और काम प्रसिद्द शहर है और इसीलिए यहाँ ठहरने के सुविधा बहुत ज्यादा उपलब्ध नहीं है।  

दतिया आने का सबसे अच्छा समय | Best time to visit Datia

दतिया महल देखने आने के लिए अक्टूबर से मार्च तक का मौसम सबसे अच्छा रहता है। इस दौरान यहाँ मौसम सुहाना होता है। मानसून में भी दतिया एक आकर्षक डेस्टिनेशन है लेकिन गर्मी के मौसम में यहाँ तापमान बहुत ज्यादा होता है ।

Malla Mahal Almora, Beatific Uttarakhand !

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