नयी उमंग - हिंदी, टूरिस्ट

गंगा विलास क्रूज – 51 दिन 3200 किलोमीटर | Ganga Vilas Cruise in Hindi

Ganga Vilas

Ganga Vilas

गंगा विलास क्रूज दुनिया का सबसे लम्बा रिवर क्रूज है जो मेक इन इंडिया का सशक्त उदहारण है। देश में पूरी तरह से बना यह रिवर क्रूज भारत के सांस्कृतिक , प्राकृतिक और ऐतिहासिक टूरिज्म को नयी ऊँचाई पर ले जाने वाला है। गंगा विलास क्रूज उत्तर प्रदेश , बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल , बांग्लादेश और असम के रास्ते गुजरते हुए लगभग 50 टूरिस्ट प्लेसेस पर रुकेगा। 13 जनवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा विलास क्रूज को वाराणसी से रवाना करेंगे।

क्रूज का साइज और अन्य विशेषताएं

गंगा विलास क्रूज की लम्बाई 62.5 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है। यह क्रूज अपने विशाल आकर के लिए तो ख़ास है ही साथ ही यह भारत का पहला ऐसा रिवर क्रूज है जो 5 स्टार होटल जैसे सुविधाओं से लैस है। इस क्रूज में 18 सुइट है। एक समय पर इस क्रूज में 80 व्यक्ति ट्रेवल कर सकते हैं। गंगा विलास क्रूज में कुल तीन डेक है।

यह क्रूज प्रदुषण मुक्त सिस्टम और शोर नियंत्रण तकनीक से सुसज्जित है। इस तरह से गंगा विलास क्रूज तकनीकी दृष्टि से एक अत्याधुनिक रिवर क्रूज है। इस क्रूज पर टूरिस्ट्स का पहला ग्रुप स्विट्ज़रलैंड से है।

गंगा विलास क्रूज कोलकाता की अंतरा रिवर क्रूज कंपनी का उत्पाद है।

कहा जा रहा है कि यह क्रूज उत्तर भारत में रिवर क्रुइज़िंग और टूरिज्म को सशक्त बनाएगा और इस क्षेत्र में नए अवसर पैदा करने की एक शुरुआत करेगा।

गंगा विलास क्रूज का रूट / रास्ता

गंगा विलास क्रूज दुनिया का सबसे लम्बे रुट कवर करने वाला क्रूज है जो 51 दिन की यात्रा में लगभग 3200 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। इस दौरान यह क्रूज देश के और पडोसी देश बांग्लादेश के लगभग 50 टूरिस्ट प्लेसेस के यात्रा करेगा।

इस क्रूज की शुरुआत वाराणसी में होगी। वाराणसी में शाम के समय इस क्रूज पर सवार टूरिस्ट्स गंगा आरती का अनुभव कर सकेंगे। यह क्रूज उत्तरप्रदेश , बिहार, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल से होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करेगा और फिर वापिस असम के डिब्रूगढ़ पहुंच कर अपनी यात्रा समाप्त करेगा। इस बीच गंगा विलास क्रूज कुल 27 रिवर सिस्टम से हो कर गुजरेगा। इस क्रूज का रुट इस तरह से प्लान किया गया है कि इस पर ट्रेवल कर रहे टूरिस्ट्स देश के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता का खूबसूरत अनुभव कर सकें।

वाराणसी में गंगा आरती के बाद गंगा विलास क्रूज सारनाथ में रुकेगा जहाँ महात्मा बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। इस यात्रा में टूरिस्ट्स बिहार योग स्कूल और विक्रमादित्य विश्व विद्यालय भी घूम सकेंगे। यह क्रूज पश्चिम बंगाल के सुंदरबन और असम के काजीरंगा नेशनल पार्क को भी कवर करेगा। बांग्लादेश में यह क्रूज ढाका से हो कर गुजरेगा। असम में यह मायोंग और माजुली आइलैंड भी कवर करेगा।

इस क्रूज पर हॉप ऑन और हॉप ऑफ ट्रेवल भी किया जा सकेगा। इस तरह से अगर टूरिस्ट्स किसी जगह पर अधिक समय बिताना चाहते हैं तो वह ऐसा कर सकेंगे।

गंगा विलास क्रूज से जुडी अन्य बातें

इस क्रूज के रूट पर कुल 62 घाट बनाये गए हैं। गंगा विलास क्रूज कुल मिलकर भारत और बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम से हो कर गुजरेगा। गंगा नदी और ब्रह्मपुत्र नदी से जुड़े रिवर सिस्टम इसमें मुख्य हैं। इसके अलावा यह बिहार , पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में अनेकों अन्य छोटी नदियों के रास्ते इस यात्रा को पूरा करेगा।

इस क्रूज का पूरा नाम एम् वी गंगा विलास क्रूज है। इस क्रूज का उद्घाटन 2020 में होना था लेकिन covid के चलते इसमें देरी आयी थी।

भारत के कुछ सबसे प्रसिद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों से होकर गुजरते हुए लक्ज़री क्रूजर 1 मार्च को असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा।

गंगा विलास क्रूज को रिवर क्रूज इंडस्टी और टूरिज्म के लिए एक नए युग के शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

क्रूज का दौरा लगभग 51 दिनों का होगा, जिसमें विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और पटना, साहिबगंज, कोलकाता, बांग्लादेश की राजधानी ढाका और गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 से अधिक पर्यटन स्थलों को शामिल किया जाएगा।

एमवी गंगा विलास- दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज है।

Beatific Uttarakhand !

Leave a Reply