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कसार देवी मंदिर अल्मोड़ा | Kasar Devi Mandir in Hindi

Kasar Devi Mandir

Kasar Devi Mandir

Kasar Devi Mandir in Hindi : कसार देवी मंदिर उत्तराखंड में अल्मोड़ा के निकट के एक गांव में स्थित है। यह गांव विशेष रूप से कसार देवी मंदिर के कारण ही प्रसिद्ध है। उत्तराखंड के प्रसिद्द टूरिस्ट प्लेस और हिल स्टेशन ,अल्मोड़ा शहर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर कसार देवी मंदिर स्थित है। यह मंदिर एक धार्मिक आस्था का केंद्र तो है ही साथ ही यह एक अन्य विशेष कारण से भी प्रसिद्द है।

देवी शक्ति को समर्पित कसार देवी मंदिर अध्यात्म और ध्यान लगाने के लिए दुनिया के सबसे विशेष स्थानों में से एक माना जाता है। कसार देवी मंदिर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रसिद्द है। हिमालय की पहाड़ियों में स्थति कसार देवी मंदिर उत्तराखंड राज्य का ही नहीं बल्कि धर्म और अध्यात्म में रूचि रखने वाले विश्व में कही भी रहने वालों के लिए एक बड़ा आकर्षण है। यहाँ का सुन्दर और शांत वातावरण प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है और प्रकृति प्रेमियों को बहुत लुभाता है।

कसार देवी मंदिर – महत्त्व। Significance – Kasar Devi Mandir Hindi

कसार देवी मंदिर उत्तराखंड में आधुनिक समय में एक महत्वपूर्ण स्थान है । इस मंदिर और इसके आस पास के स्थान को योग और ध्यान के लिए सबसे अच्छा स्थान माना जाता है और यही कारण है कि आज कल बहुत से ट्रैवलर , व्लॉगेर और अन्य टूरिस्ट यहाँ अक्सर समय बिताने के लिए आते हैं। 

 कसार देवी मंदिर वान एलन रेडिएशन बेल्ट के प्रभाव से मुक्त है। वान एलन रेडिएशन बेल्ट धरती के चारों ओर  एक रेडिएशन बेल्ट है और धरती पर केवल तीन स्थान ऐसे हैं जहाँ इस रेडिएशन का प्रभाव नहीं हैं। यह जगह उन्ही तीनो में से एक है। अन्य दो स्थान हैं, पेरू में माचू पिचू और इंग्लैंड में स्टोनहेंज।  इस रेडिएशन प्रभाव  से मुक्त होने के कारण यहाँ पर पृथ्वी का चुम्बकीय प्रभाव बाकि जगहों से कुछ ज्यादा है और कसार देवी मंदिर और इसके आस पास की यही विशेषता इस स्थान को विशेष महत्त्वपूर्ण बनाती है। 

इसके अलावा 1970 के दशक में हिप्पी कल्चर के प्रभाव के दौरान यह स्थान हिप्पी हिल के रूप में भी लोकप्रिय रहा है।  इस मंदिर से सनराइज और सनसेट देखते ही बनता है। यहाँ से नंदा देवी और त्रिशूल पर्वत की बर्फ से ढकी चोटियों के भी दर्शन किये जा सकते हैं। 

कसार देवी मंदिर – पौराणिक कहानी | Story – Kasar Devi Mandir in Hindi

Kasar Devi Mandir in Hindi

कसार देवी मंदिर जहाँ स्थित है , इस स्थान को देवी कात्यायनी और शुम्भ निशुम्भ नामक राक्षसों से भी सम्बंधित माना जाता है। हिन्दू धर्म में वर्णित पौराणिक कहानी के अनुसार लगभग ढाई हज़ार साल पहले माँ दुर्गा जिन्हें देवी शक्ति भी कहा जाता है , ने शुम्भ – निशुम्भ नाम के दो राक्षसों का वध करने के लिए देवी कात्यायनी का रूप धारण किया था। माना जाता है कि देवी कात्यायनी ने इसी स्थान स्थान पर उन दोनों राक्षसों का वध किया था। तभी से यह स्थान विशेष माना जाता है। 

कसार देवी मंदिर इतिहास | History – Kasar Devi Mandir in Hindi

कसार देवी मंदिर एक प्राचीन मंदिर है और स्थानीय लोगों की मानें तो यह मंदिर दूसरी शताब्दी में बना हुआ है। यह मंदिर और यह स्थान हमेशा से ऋषियों के तपोस्थली के रूप में जाना जाता रहा है। हवाबन की सुरम्य घाटी में स्थित कसार देवी मंदिर स्वामी विवेकानंद के ध्यान और अद्यात्म का भी साक्षी रहा है। भारत भ्रमण पर निकले स्वामी विवेकानंद ने सन 1890 में कुछ महीनो के लिए इसी स्थान पर रुके थे। (Vivekanand Smarak Hindi Kanyakumari | विवेकानंद स्मारक कन्याकुमारी ) इसी तरह से बौद्ध गुरु लामा अग्निका गोविंदा ने इसी स्थान में गुफा में रहकर विशेष साधना की थी।

यह गांव जहाँ कसार देवी मंदिर स्थित है , इस गांव का नाम भी मंदिर के नाम पर कसार देवी मंदिर गांव पड़ा है। यह गांव दुनिया भर के लेखकों , कलाकारों और साधकों के लिए विशेष आकर्षण है। 

कसार देवी मंदिर परिसर में जी. पी.एस . 8 वह पॉइंट है जिसे नासा ने सन 1960 में सॅटॅलाइट ट्रैकिंग पॉइंट के रूप में चिन्हित  किया है। मुख्य मंदिर के द्वार के बाईं ओर यह चिन्ह देखा जा सकता है । 

कसार देवी मंदिर | Temple – Kasar Devi Mandir in Hindi

अल्मोड़ा बागेश्वर हाईवे पर कसार नामक गांव में स्थित कसार देवी मंदिर कश्यप पहाड़ी की चोटी पर एक गुफा नुमा जगह पर बना हुआ है। कसर देवी मंदिर में माँ दुर्गा को पूजा जाता है और माना जाता है की इसे जगह पर माँ दुर्गा साक्षात् प्रकट हुई थी । कसार देवी मंदिर में माँ दुर्गा के 8 रूपों में से एक रूप देवी का कात्यायनी की पूजा की जाती है। 

यह मंदिर एक साधारण पहाड़ी शैली में बना हुआ प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर उत्तराखंड की कला और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंदिर में देवी की मूर्ती है और उसके पीछे एक शेर जिसे देवी दुर्गा का वाहन कहा जाता है की आकृति देख सकते हैं। मंदिर परिसर में भगवन शिव और भैरव को समर्पित मंदिर भी स्थित हैं।

प्रार्थना समय – मंदिर | Timings – Kasar Devi Mandir

कसार देवी मंदिर में प्रार्थना का समय सुबह 7 से शाम के 7 बजे तक का है। दोपहर में 12 बजे से 4 बजे के बीच मंदिर बंद रहता है ।

उत्सव – मंदिर। Festivals – Kasar Devi Mandir

इस मंदिर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा ( नवंबर – दिसंबर ) पर एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले का विशेष महत्त्व है और इस मौके पर मेले में शामिल होने के लिए हजारों के संख्या में लोग यहाँ आते हैं।  

पहुंचने का मार्ग ।  How to reach

कसार देवी मंदिर पहुंचने के लिए रेल मार्ग , सड़क मार्ग और हवाई मार्ग से भी जाया जा सकता है। 

हवाई मार्ग द्वारा। By Flight

कसार देवी का सबसे नजदीक का एयरपोर्ट पंतनगर में है जिसकी दूरी यहां से लगभग 125 किलोमीटर है। टूरिस्ट्स अल्मोड़ा के रास्ते कसार देवी तक आसानी से कैब और टैक्सी से पहुंच सकते हैं। कसार देवी से अल्मोड़ा सिर्फ 8 किमी दूर है।  

रेल मार्ग द्वारा। By Train

कसार देवी का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है।  यह कसार देवी से लगभग 90 किमी दूरी पर स्थित है।  काठगोदाम से अल्मोड़ा के लिए टैक्सी और बसें चलती है।  

सड़क मार्ग द्वारा। By Road

कसार देवी अल्मोड़ा से सिर्फ 8 किमी दूर है।  अल्मोड़ा उत्तर भारत के प्रमुख शहरों से मोटोरेबल सड़को से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। काठगोदाम और अल्मोड़ा के लिए I. S. B. T. आनंद विहार दिल्ली से ली जा सकती है। कुमाऊँ क्षेत्र में अल्मोड़ा के लिए टैक्सी , शेयर्ड कैब और स्थानीय बसे आसानी उपलब्ध होती हैं ।  

Malla Mahal Almora, Beatific Uttarakhand !

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