Neelkanth Mahadev Mandir Rishikesh in Hindi : नीलकंठ महादेव मंदिर हरी भरी पहाड़ियों और नदियों से घिरा भगवान शिव को समर्पित मंदिर है। नीलकंठ महादेव मंदिर हिमालय की नर नारायण की पहाड़ियों से घिरा हुआ है और मणिकूट , ब्रह्म कूट और विष्णुकूट के घाटियां इसे घेरे हुए हैं। नीलकंठ महादेव मंदिर पंकजा और मधुमती नदियों के संगम पर स्थित है। यह ऋषिकेश से लगभग 30 किलोमीटर के दूरी पर भगवन शिव का एक विशेष मंदिर है जो धार्मिक और पौराणिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। यह मंदिर ऋषिकेश के सबसे अधिक प्रसिद्द टूरिस्ट स्थानों में से एक है।
ऋषिकेश को ऋषियों की धरती कहा जाता है। कहा जाता है कि यहाँ समय समय पर अनेकों विश्व प्रसिद्ध ऋषियों ने तपस्या की है। ऋषिकेश अपने अनेकों प्रसिद्द मंदिरों और टूरिस्ट एक्टिविटी के लिए जाना जाता है। ऋषिकेश के इन्ही सब आकर्षणों के बीच भगवन शिव का एक विशेष मंदिर है नीलकंठ महादेव मंदिर। नीलकंठ महादेव मंदिर को अक्सर नीलकंठ भी कह दिया जाता है और हर साल देश विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं।
नीलकंठ महादेव, नाम का अर्थ ! Neelkanth Mahadev, meaning Hindi !
हिन्दू धर्म में भगवन शिव को आदिपुरुष और आदियोगी कहा गया है। भगवन शिव को महादेव, देवों के देव, पशुपति , रूद्र , अर्धनारीश्वर और भी अनेकों नाम से भी जाना जाता है। इन्ही सभी नामों में से एक नाम नीलकंठ भी है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार , नीलकंठ महादेव मंदिर उसी जगह पर स्थित है जहाँ हज़ारों साल पहले भगवन शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष को पिया था। देवताओं और राक्षसों ने समुद्र मंथन से निकले विष को पीने के लिए भगवन शिव से प्रार्थना की थे और इसीलिए भगवन शिव ने यह विष पिया। इस विष के प्रभाव के कारण उनका गला नीला पड़ गया।
संस्कृत और शुद्ध हिंदी भाषा में गले को कंठ कहा जाता है। नीला गला होने के कारन भगवन शिव को तब से नीलकंठ कहा जाने लगा। इसीलिए भगवन शिव के इस मंदिर को नीलकंठ महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। नीलकंठ का अर्थ होता है नीले गले वाला !
नीलकंठ महादेव मंदिर आर्किटेक्चर Neelkanth Mahadev Mandir Rishikesh in Hindi Architecture
यह मंदिर दक्षिण भारत के द्रविड़ शैली में बना हुआ है। मंदिर का शिखर समुद्र मंथन की कहानी को चित्रित करता है , साथ ही मंदिर के शिखर पर अन्य हिन्दू देवी और देवताओं की छवि अंकित है। मंदिर परिसर में शुद्ध मीठे पानी का एक झरना प्रवाहित होता है जहाँ श्रद्धालु पहले स्नान करते हैं और उसके बाद मंदिर में स्थापित शिवलिंग के दर्शन करते हैं। मंदिर में भगवन शिव को समर्पित शिवलिंग स्थापित है जिसकी पूजा और दर्शन के लिए श्रद्धालु देश भर से आते हैं।
नीलकंठ महादेव मंदिर उत्सव Neelkanth Mahadev Mandir Rishieksh Festivals
भगवन शिव को समर्पित सभी मंदिरों में महाशिवरात्रि एक उत्सव की तरह मनाया जाता है। नीलकंठ महादेव मंदिर परिसर में भी महाशिवरात्रि पर एक बड़े उत्सव का आयोजन होता है और विशेष प्रार्थना आयोजित की जाती है। महाशिवरात्रि के उत्सव में शामिल होने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहाँ आते हैं। इसी तरह से सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि पर भी इस मंदिर में उत्सव आयोजित किया जाता है।
सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि पर श्रद्धालु हरिद्वार से गंगा नदी से जल ले कर नीलकंठ महादेव मंदिर तक आते हैं और मंदिर में स्थापित शिवलिंग का उसी जल से जलाभिषेक करते हैं।
मंदिर देखने का सबसे अच्छा समय Best time to Visit Neelkanth Mahadev Mandir Rishikesh
मंदिर दर्शन के लिए साल भर खुला रहता है इसलिए आप जब चाहें दर्शन कर सकते हैं। नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश के पहाड़ियों में स्थित है इसीलिए यहाँ का मौसम साल भर अच्छा रहता है। यहाँ अप्रैल से जून तक बड़ी संख्या में लोग आते हैं। जुलाई और अगस्त में सावन के शिवरात्रि के समय श्रद्धालुओं के बहुत बड़ी संख्या होती है। सर्दियों में यहाँ गर्मियों के तुलना में थोड़े कम टूरिस्ट होते हैं।
मंदिर कैसे पहुचें | How to reach Neelkanth Mahadev Mandir Rishikesh
फ्लाइट से | By Flight
मंदिर पहुंचने के लिए सबसे पास देहरादून का एयरपोर्ट है। देहरादून के ऋषिकेश से दूरी केवल ३५ किलोमीटर है। देहरादून पहुंचने के बाद ऋषिकेश के रास्ते नीलकंठ महादेव मंदिर तक सड़क के रास्ते पहुंच सकते हैं। इसके लिए देहरादून से टैक्सी ले सकते हैं।
ट्रेन से | By Train
मंदिर पहुंचने के लिए सबसे पास रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है जो भारत के रेल नेटवर्क से अच्छी तरह से कनेक्टेड है।
सड़क से | By Road
ऋषिकेश से नीलकंठ मंदिर तक के लिए बस से या टैक्सी कर के भी पहुंच सकते हैं। नीलकंठ के लिए जाने वाला पहाड़ी रास्ता एक आसान ड्राइव है और अगर आप अपनी कार से नीलकंठ महादेव मंदिर तक जाना चाहते हैं तो ड्राइव कर के भी आसानी से पहुंच सकते हैं।
अन्य एक्टिविटी Other Activities for Tourists
नीलकंठ महादेव मंदिर समुद्र तल से 1300 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। ऋषिकेश से नीलकंठ तक का रास्ता बहुत सुन्दर और मनमोहक है। श्रद्धालु धार्मिक उद्देश्य से भी पैदल चल कर नीलकंठ तक जाते हैं। ऋषिकेश आने वाले टूरिस्ट्स ऋषिकेश से नीलकंठ तक ट्रेक भी करते हैं। अगर आप यहाँ के पहाड़ी सड़कों पर साईक्लिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए ट्रेवल एजेंसी आपको मदद कर सकती हैं। ऋषिकेश ट्रिप प्लान करते समय या फिर वहां पहुंचने के बाद भी ट्रेवल एजेंसी से संपर्क कर अपने लिए एडवेंचर स्पोर्ट्स एक्टिविटी प्लान कर सकते हैं।
उत्तराखंड में ऋषिकेश सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाले टूरिस्ट्स प्लेस में से एक है। नीलकंठ जा कर वहां मंदिर में दर्शन करने के लिए 1से 2 घंटे का समय लगता है। अगर आप महाशिवरात्रि या सावन की शिवरात्रि पर मंदिर दर्शन के लिए आते हैं तो उस समय काफी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के यहाँ होने के कारण लगभग आधा दिन या उस से भी ज्यादा समय लग सकता है। ऋषिकेश और इसके आस पास के जगहों को अच्छी तरह देखने और यहाँ समय बिताने के लिए 3 से 4 दिन का समय ले कर आना चाहिए। ऋषिकेश में मंदिर और आश्रमों के अलावा एडवेंचर स्पोर्ट्स एक्टिविटी भी की जा सकती हैं।
ऋषिकेश में की जा सकने वाली कुछ एक्टिविटी जैसे बंजी जंपिंग, रिवर राफ्टिंग , क्लिफ जंपिंग, माउंटेन बाइकिंग , कैंपिंग और ट्रैकिंग हैं।
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