Nileshwar Mahadev Mandir Haridwar Hindi : नीलेश्वर मंदिर नील पर्वत की एक पहाड़ी पर स्थित भगवान नीलेश्वर यानी भगवान महादेव को समर्पित हरिद्वार और ऋषिकेश का एक विशेष मान्य मंदिर है। नीलेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव अधिष्ठाता देवता को नील पर्वत के स्वामी और एक रक्षक के रूप में पूजा जाता है। नीलेश्वर महादेव मंदिर के चारों तरफ प्राकृतिक सुंदरता बिखरी हुई है। यहाँ न केवल शिव भक्त मंदिर दर्शन के लिए आते हैं बल्कि मंदिर के शांत वातावरण और इसके चारों तरफ के प्राकृतिक दृश्यों को निहारने के लिए प्रकृति प्रेमी भी पहुंचते हैं।
नीलेश्वर महादेव मंदिर से जुडी पौराणिक कहानी | Nileshwar Mahadev Mandir Hairdwar Hindi Stories
हरिद्वार स्थित नीलेश्वर मंदिर के बारे में अनेकों कहानियां प्रचलित हैं। मंदिर से सम्बंधित पौराणिक कहानी के अनुसार भगवान शिव जब राजा दक्ष की पुत्री सती से विवाह करने के लिए जब बारात ले कर जा रहे थे तब उन्होंने नील पर्वत पर रुकने का निश्चय किया था। विवाह के बाद वह यहाँ देवी सती के साथ कुछ समय के लिए यहाँ पर रहे थे।
नीलेश्वर महादेव मंदिर से सम्बंधित एक और प्रचलित कहानी के अनुसार जब अपने पिता के आयोजित यज्ञ में देवी सती बिना बुलाये ही पहुँच गयी तो वहां उन्हें काफी अपमानित किया गया। इससे दुखी हो कर देवी सती ने यज्ञ कुंड में कूद कर अपनी जान दे दी थे। जब भगवन शिव को यह पता चला तो दुःख में क्रोधित हुए भगवान ने तांडव किया था जिस से उनका सारा शरीर नीला पड़ गया था। माना जाता है कि इसी पर्वत पर उन्होंने तांडव किया था इसीलिए इसे नील पर्वत कहा गया। नीलपर्वत पर स्वयंभू शिवलिंग को नीलेश्वर महादेव कहा गया और इसीलिए इस मंदिर को नीलेश्वर महादेव मंदिर कहा जाता है।
प्रचलित मान्यता के अनुसार नीलेश्वर महादेव मंदिर के आस पास पेड़ों पर लगने वाले फलों को तोडा नहीं जाता बल्कि जब फल अपने आप पक कर गिर जाते हैं तो उन्हें प्रशाद के रूप में चढ़ाया जाता है। नीलेश्वर महादेव मंदिर की दीवारें नीले रंग में रंगी हुई हैं।
नीलेश्वर महादेव मंदिर का महत्त्व | Nileshwar Mahadev Mandir Hindi Religious Importance
नीलेश्वर मंदिर एक प्राचीन और विशेष महत्त्व का मंदिर है। हिन्दू धर्म में भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती को अनेकों रूपों में पूजा जाता है। नीलेश्वर महादेव मंदिर में स्थित स्वयंभू शिवलिंग को एक हजार शिवलिंग का रूप माना जाता है। हिन्दू कैलेंडर के सावन महीने में आने वाली शिवरात्रि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ गंगा नदी से पानी ला कर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं।
सावन के महीने में यहाँ हर सोमवार को विशेष प्रार्थना का आयोजन होता है। नीलेश्वर महादेव मंदिर को दक्ष महादेव कनखल स्थापित मंदिर के समय का ही माना जाता है।
नीलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा का समय | Nileshwar Mahadev Mandir Haridwar Hindi – Worship Timings
नीलेश्वर महादेव मंदिर सुबह 6 बजे से शाम को 8 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है। पूरे वर्ष ही मंदिर में शिव भक्त दूर दूर के इलाकों से दर्शन के लिए आते रहते हैं।
नीलेश्वर महादेव मंदिर में त्यौहार और उत्सव | Nileshwar Mahadev Mandir Hindi Festivals
भगवान शिव को समर्पित नीलेश्वर महादेव मंदिर सावन महीने में शिवरात्रि के मौके पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष आस्था का केंद्र होता है।इस मौके पर यहाँ विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन होता है। इसके अलावा कुम्भ और अर्ध कुम्भ के दौरान भी यहाँ शिव भक्त बड़ी संख्या में आते हैं .महाशिवरात्रि को भी उत्सव के तरह मनाया जाता है।
नीलेश्वर महादेव मंदिर के आस पास | Nileshwar Mahadev Mandir Hindi – nearby places
नीलेश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार के सबसे प्रसिद्द आकर्षण हर की पौड़ी से लगभग 8 किलोमीटर के दूरी पर है। चंडी देवी मंदिर , मनसा देवी मंदिर , बिल्केश्वर महादेव मंदिर , हरिद्वार से कुछ ही दूरी पर स्थित कनखल का दक्ष महादेव मंदिर , राजा जी नेशनल पार्क जैसे प्रसिद्द धार्मिक और टूरिस्ट आकर्षण यहाँ से कवर किये जा सकते हैं।
हरिद्वार से कुछ ही दूरी पर ऋषिकेश स्थित है जो उत्तराखंड के सबसे ज्यादा प्रसिद्द शहरों में से एक है। ऋषिकेश में अक्सर टूरिस्ट्स रिवर राफ्टिंग , माउंटेन साइकिलिंग, बुंजी जंपिंग और ऐसे ही कई एडवेंचर एक्टिविटी के लिए आना पसदं करते हैं।
नीलेश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार कैसे पहुचें | How to reach Nileshwar Mahadev Mandir Haridwar
हरिद्वार देश के रेल नेटवर्क से अच्छी तरह से कनेक्टेड है। हरिद्वार स्टेशन से नीलेश्वर महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए ऑटो से आ सकते हैं। इसके अलावा हरिद्वार एक प्रसिद्द धार्मिक और टूरिस्ट डेस्टिनेशन होने के कारण यहाँ प्राइवेट टूर ऑपरेटर द्वारा संचालित बसों या फिर स्टेट ट्रांसपोर्ट के बसों द्वारा पहुंच सकते हैं।
नीलेश्वर महादेव मंदिर फ्लाइट से पहुंचने के लिए देश के किसी भी इंटरनेशनल या डोमेस्टिक एयरपोर्ट से उत्तराखंड के देहरादून स्थित जॉली ग्रांट एयरपोर्ट के लिए सीधे या कनेक्टेड फ्लाइट से पहुंच सकते हैं। देहरादून से हरिद्वार तक के लिए सड़क के रास्ते या फिर ट्रेन से पहुंच सकते हैं।
हरिद्वार आने का सबसे अच्छा समय | Best time to visit Haridwar
हरिद्वार आने के लिए अक्टूबर से मई तक का मौसम अच्छा रहता है। इस समय पर हरिद्वार का मौसम सुहाना रहता है। अगर आप धार्मिक उद्देश्य से हरिद्वार आना चाहते हैं और यहाँ के मंदिरों में आयोजित होने वाले उत्सवों में भाग लेना चाहते हैं तो जुलाई अगस्त के महीने में आने वाली शिवरात्रि और फरवरी महीने में यहाँ आ कर महाशिवरात्रि के उत्सव में शामिल हो सकते हैं।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने में महा गंगा स्नान करने के लिए देश के कोने कोने से यहाँ श्रद्धालु आते हैं।
” निधि सिंह द्वारा “
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