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सम्मेद शिखरजी – जैन तीर्थ | Sammed Shikhar Hindi | Sammed Shikhar Ji

Sammed Shikhar Ji

Sammed Shikhar Ji

Sammed Shikhar Hindi : सम्मेद शिखरजी या सम्मत शिखर जी झारखंड के गिरिडीह जिले में एक पवित्र स्थान है जिसका सम्बन्ध जैन धर्म से है। सम्मेद शिखरजी झारखंड के सबसे ऊंचे स्थान पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित है। इस की ऊँचाई लगभग 4480 फ़ीट है। जैन धर्म के दोनों सम्प्रदायों दिगंबर और श्वेताम्बर दोनों के लिए ही यह स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। सम्मेद शिखर जी जैन धर्म में इतना पवित्र और पूजनीय इसीलिए है क्योंकि यहाँ पर जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों के साथ साथ अन्य अनेकों भिक्षुओं ने मोक्ष प्राप्त किया था। सम्मेद शिखर जी गिरनार, दिलवाड़ा, पालीताना और अष्टपद कैलाश के साथ ही जैन धर्म के पांच मुख्य तीर्थ स्थानों में से एक है। जैन धर्म में सम्मेद शिखर जी को तीर्थीं का राजा माना गया है।

सम्मेद शिखरजी नाम का अर्थ | Sammed Shikhar Hindi

इस शिखर को सम्मेद शिखरजी कहा जाता है। सम्मेद का अर्थ होता है एकाग्रता और ध्यान और शिखर का अर्थ होता है ऊंची पहाड़ी या चोटी , साथ में जी शब्द भी लगाया गया है जो कि हिंदी भाषा में एक आदरसूचक शंब्द है। सम्मेद शिखर जी का अर्थ हो जाता है एकाग्रता का आदरणीय शिखर। सम्मेद शिखर को आदरपूर्वक कहने का एक मुख्य कारण यही है कि यहाँ इस शिखर पर जैन धर्म के २४ तीर्थंकरों ने ध्यान लगाया और मोक्ष प्राप्त किया।

सम्मेद शिखरजी का महत्त्व | Importance – Sammed Shikhar Hindi

सम्मेद शिखरजी जैन धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है। जैन धर्म के प्राचीन धर्म ग्रंथों में भी सम्मेद शिखरजी का सन्दर्भ मिलता है। माना जाता है कि सम्मेद शिखर जी का अस्तित्व हमेशा से यहाँ पर है और इसीलिए सम्मेद शिखर को अमर तीर्थ भी कहा जाता है। छठी सदी से पहले लिखे गए धर्म ग्रन्थ ज्ञाताधर्मकथा में इस शिखर का जिक्र पहली बार मिलता है। यह धर्मग्रन्थ जैन धर्म के मुख्य 12 ग्रंथों में से एक है।

वाघेला राजा वीरधव और वीसलदेव के प्रधनमंत्री वास्तुपाल ने यहाँ एक जैन मंदिर का निर्माण कराया था जिसमें जैन तीर्थनाकारों की 20 मूर्तियां थीं। ये 20 तीर्थंकर वही थे जिन्होंने इस पवित्र शिखर पर मोक्ष प्राप्ति की थी। इस शिखर का प्रबंधन अकबर और जहांगीर के शासन काल में जैन समुदाय को ही सौप दिया गया था।

जैन धर्म में सम्मेद शिखरजी के विस्तृत महत्त्व को देखते हुए ही 2019 में इसे मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना में शामिल कर लिया गया था।

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Sammed Shikhar Hindi

सम्मेद शिखरजी की तीर्थयात्रा | Sammed Shikhar Hindi

सम्मेद शिखरजी की तीर्थयात्रा गिरिडीह रोड पर पालगंज से शुरू होती है। पालगंज एक छोटा सा नगर है जहाँ पर तीर्थंकर पार्श्वनाथ जी को समर्पित एक मंदिर स्थित है। यहाँ से यात्रा शुरू कर के पारसनाथ पहाड़ी की वैली में स्थित मधुबन के मंदिरों में प्रसाद चढ़ाया जाता है। यहाँ पर तीर्थयात्रियों के रुकने के लिए कई धर्मशालाएँ और खान पान के लिए भोजनालय भी हैं।

सम्मेद शिखर जी की परिक्रमा लगभग 27 किलोमीटर की है।

सम्मेद शिखरजी के मंदिर और पूजा | Temples – Sammed Shikhar Hindi

शिखरजी जैन धर्म के दोनों सम्प्रदायों दिगंबर और श्वेतांबर, दोनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल माना जाता है और इसीलिए यहाँ स्थित मुख्य मंदिरों का अधिकार और प्रबंधन दोनों संप्रदायों द्वारा शेयर किया जाता है। यहाँ स्थित जैन मंदिरों के वर्तमान स्वरुप के स्थापना सं 1768 में हुए थी। यहाँ स्थित मंदिरों में पैरों के छवि स्थापित है और उन पर संस्कृत में शिलालेख भी लिखे हुए हैं। अलग अलग समय और सदियों पर बने ये मंदिर जैन धर्म के साथ साथ भारत के संस्कृत धरोहर भी हैं।

इन मंदिरों में श्रद्धालु दिया, फल , फूल चढ़ाते हैं।

सम्मेद शिखरजी में उत्सव | Festival – Sammed Shikhar Hindi

यहाँ हर वर्ष एक विशाल मेले का आयोजन होता है जिसमे शामिल होने के लिए जैन अनुयायी देश के कोने कोने से आते हैं।

सम्मेद शिखरजी कैसे पहुंचे | How to reach Sammed Shikhar Hindi

फ्लाइट से | By Flight

यहाँ पहुंचने के लिए सबसे पास देवघर जिले में देवघर एयरपोर्ट है। देवघर को बैद्यनाथ धाम के रूप में जाना जाता है, जो प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का हिस्सा है। यहाँ इस एयरपोर्ट से सम्मेद शिखर जी तक के दूरी १०७ किलोमीटर है जो सड़क के रास्ते तय की जा सकती है।

एक और एयरपोर्ट काज़ी नज़रुल इस्लाम एयरपोर्ट दुर्गापुर , पश्चिम बंगाल में है जहाँ से शिखर जी तक के दूरी लगभग ४ घंटे में सड़क के रास्ते तय की जा सकती है।

झारखण्ड स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट यहाँ से लगभग 180 किलोमीटर के दूरी पर है। इस सभी एयरपोर्ट्स के लिए देश के राजधानी दिल्ली से सीधे या कनेक्टेड फ्लाइट्स मिल जाती हैं।

ट्रेन से

अगर आप यहाँ ट्रेन से आना चाहते हैं तो पारसनाथ स्टेशन यहाँ सबसे पास स्थित है। पारसनाथ स्टेशन से मधुबन तक की दूरी लगभग २५ किलोमीटर है। पारसनाथ स्टेशन के लिए देश के मुख्य रेलवे स्टेशन से सीधे या फिर कनेक्टेड ट्रेन से पहुंच सकते हैं।

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