Songadh Kila in Hindi : सोनगढ़ का किला दक्षिण गुजरात के तापी जिले में स्थित है। सोनगढ़ के किले को सोने का किला भी कहा जाता है। यह किला गुजरात के सूरत जिले से लगभग 85 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। इस किले के आसपास एक घना जंगल हैं और जंगल के बीच से एक पगडंडी से होकर सोनगढ़ के किले तक पंहुचा जा सकता है। सोनगढ़ के किले की समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 112 मीटर है। यह किला तापी नदी के पास उकाई बांध पर के पास बना हुआ है।
सोनगढ़ का किला – इतिहास | History – Songadh Kila in Hindi
सोनगढ़ किला इतिहास में मराठा और गायकवाड़ शासकों के लिए महत्वपूर्ण रहा है। कहा जाता है कि इस किले का निर्माण शिवाजी महाराज के एक दुर्ग के रूप में किया गया था। उन्होंने इस किले की सुरक्षा का कार्यभार यहाँ जंगल में रहने वाले मेवासी भीलो को सौंप रखा था। उनकी मृत्यु के कुछ साल बाद गायकवाड़ राजवंश के स्थापक पिलजी राव गायकवाड़ ने मेवासी भीलो पर आक्रमण करके इस किले पर अपना अधिकार कर लिया। पिलाजीराव गायकवाड बरोड़ा के राजा थे और उन्होंने पूर्व क्षेत्र में गायकवाड के प्रभाव को बढ़ाने के लिए इसके लिए पर अपना अधिकार कर लिया था।
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि सोनगढ़ के किले का निर्माण 1729 – 1766 के बीच गायकवाड वंश के संस्थापक पिलजी राव गायकवाड द्वारा करवाया गया था।
सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण सोनगढ़ किला हमेशा ही सैनिक दुर्ग के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। क्योंकि यह किला एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है , तो यहाँ से चारों ओर के गतिविधियों पर नजर रखना आसान हो जाता है।
सोनगढ़ का किला – आर्किटेक्चर | Architecture – Songadh Kila in Hindi
खंडहर हो चुका सोनगढ़ का किला भारतीय वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण रहा होगा । इस किले में मराठा और मुगल दोनों तरह के आर्किटेक्चर देखने को मिलते हैं। किले के खंडहरों को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि एक समय पर यह किला काफी भव्य रहा होगा।
सोनगढ़ किले के मुख्य द्वार के ऊपर के ओर शेर की आकृति है। किले दरवाजे से अंदर जाने पर किले का दूसरा मुख्य दरवाजा है जिसके दोनों तरफ मीनार जैसे बने हुए हैं जिनसे यहां से दुश्मनों पर पूरी तरह से नजर रखी जा सकती थी और यहां से तीर कमान और गोलाबारी से दुश्मनों पर हमला किया जाता था।
सोनगढ़ का किला – परिसर | Inside Songadh Kila in Hindi
सोनगढ़ किला परिसर में एक प्राचीन शिव मंदिर , महाकाली मंदिर , अम्बे मंदिर और एक दरगाह स्थित है। इस किले के खंडित अवशेषों में खंडेराव का मंदिर भी स्थित है । किले में पानी की व्यवस्था के लिए जमीन के नीचे टंकी और कुछ खुले तालाब भी हैं। किले में रानी की बावड़ी हैऔर यहां पर सेना के लिए बड़े-बड़े बंकर भी बने हुए हैं।
लगभग ३ किलोमीटर के एरिया में फैला हुआ सोनगढ़ का किला एक सैनिक दुर्ग है। इस किले के परिसर में एक बड़े हॉल के खंडहर मौजूद हैं। किला परिसर के बाहर की ओर बनी दीवारों में आस पास की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष प्रबंध किये गए थे और ये संरचना आज भी यहाँ देखी जा सकती हैं।
सोनगढ़ का किला – वर्तमान स्थिति | Present – Songadh Kila in Hindi
पिलाजीराव के बाद उनके उत्तराधिकारी दामाजी राव ने इस किले के तरफ अधिक ध्यान नहीं दिया था। जिसके कारण
यह किला धीरे-धीरे यह किला खंडहर में तब्दील होता गया।
आज भी देख रेख के अभाव में यह किला बहुत ही जीर्ण शीर्ण अवस्था में है। किले तक पहुंचने के लिए सुरक्षित रास्ता अभी नहीं हैं इसीलिए किले से लगभग २ किलोमीटर के दूरी पर वहां छोड़ कर आगे पैदल ही जाया जा सकता है , हालाँकि कुछ लोग यहाँ अपने बाइक या स्कूटर से भी पहुंचते हैं।
यह किला पुरातत्व विभाग के अधिकार में आता है।
सोनगढ़ का किला – उत्सव | Songadh Kila in Hindi
नवरात्र के दिनों में यहां पर विशेष मेले का आयोजन किया जाता है । आदि माता ,अंबे माता की पूजा यहां के स्थानीय लोगों द्वारा बड़े जोर शोर से की जाती है और नवरात्रों में पूर्णाहूति के दिन दशहरे के मौके पर यह मेला आयोजित किया जाता है। इस मेले के दौरान यहां पर आदिवासी युवक-युवतियों के विवाह सम्बन्ध के लिए उन्हें एक दुसरे से मिलाया जाता है जिसके बाद दीपावली के बाद उनके विवाह का आयोजन किया जाता है।
सोनगढ़ किला कैसे पहुंचे | How to reach Songadh Kila
राष्ट्रीय राजमार्ग 53 द्वारा अन्य शहरों के साथ जुड़े सड़क मार्ग से सोनगढ़ किले तक पंहुचा जा सकता है। अगर आप ट्रैन से ट्रेवल कर रहे हैं तो उकाई सोगन रेलवे स्टेशन सोनगढ़ के सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन है। देश के सभी बड़े छोटे रेलवे स्टेशन से यहाँ कनेक्टेड ट्रेन या सीधे ट्रेन से पहुंच सकते हैं।
उकाई सोगन स्टेशन से किले तक के लिए टैक्सी या रेंट वेहिकल ले कर पहुंच सकते हैं। अगर आप फ्लाइट से इस रीजन में ट्रेवल कर रहे हैं तो सूरत एयरपोर्ट यहाँ सबसे नजदीक का एयरपोर्ट है जिसकी सोनगढ़ से दूरी लगभग 85 किलोमीटर है। सूरत से यहाँ के लिए टैक्सी , रेंट कार या स्टेट ट्रांसपोर्ट या प्राइवेट बस के द्वारा यहाँ पंहुचा जा सकता है।
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