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त्रिवेणी घाट ऋषिकेश , गंगा आरती | Triveni Ghat Rishikesh Hindi

Triveni Ghat Rishikesh Hindi : त्रिवेणी घाट तीन पवित्र नदियों के संगम स्थान के रूप में भारत का प्रसिद्द धार्मिक आकर्षण है। त्रिवेणी घाट ऋषिकेश शहर में वह स्थान है जहाँ तीन नदियां गंगा , यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है। त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का महत्वपूर्ण धार्मिक और टूरिस्ट आकर्षण है। ऋषिकेश का यह सबसे पूजनीय स्थान माना जाता है।

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का महत्त्व | Importance – Triveni Ghat Rishikesh Hindi

Ganga Arti Rishikesh
Ganga Arti Rishikesh

त्रिवेणी घाट को ऋषिकेश के पवित्र पूजनीय स्थानों में से एक माना जाता है। भारतीय सभ्यता में नदियों का विशेष महत्त्व है और उन्हें देवी मान कर उनकी पूजा की जाती है। गंगा और यमुना नदियां धार्मिक और भौगोलिक दृष्टि से उत्तर भारत में जीवन दायिनी नदियाँ हैं। पहाड़ों से उतरने के बाद ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर इन नदियों का संगम होता है। यहाँ से ही गंगा नदी उत्तर भारत के मैदानों की ओर मुड़ जाती हैं। मैदानों में गंगा नदी के यात्रा हरिद्वार से बंगाल की खाड़ी तक है।

त्रिवेणी घाट के महत्त्व का पता इसी से लग जाता है कि इस स्थान का वर्णन पौराणिक हिन्दू धर्म ग्रंथों और महाकाव्यों में भी किया गया है। रामायण और महाभारत में त्रिवेणी घाट के बारे में बताया गया है। गंगा नदी के किनारे पर स्थित त्रिवेणी घाट पर श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते हैं। हिन्दू धर्म में मंदिर में जाने से पहले स्नान करना जरूरी माना जाता है। ऋषिकेश के मंदिरों में दर्शन करने से पहले श्रद्धालु त्रिवेणी घाट पर गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं। त्रिवेणी घाट पर पित्रों / पूर्वजों के लिए श्राद्ध कर्म भी श्रद्धालु करते हैं।

त्रिवेणी नाम का अर्थ | Meaning of Name – Triveni Ghat Rishikesh Hindi

त्रिवेणी शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है – त्रि , जिसका अर्थ होता है तीन , वेणी – जिसका अर्थ है संगम। तीन नदियों के संगम स्थल होने के कारण ही इसे त्रिवेणी घाट कहा जाता है।

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश गंगा आरती | Ganga Aarti – Triveni Ghat Rishikesh Hindi

नदियों को देवी मानना सनातन परंपरा का हिस्सा है और इसीलिए गंगा , यमुना और अन्य नदियों के किनारे और घाटों पर संध्या आरती का आयोजन होता है। ऋषिकेश के लगभग सभी घाटों पर शाम के समय गंगा आरती की जाती है। त्रिवेणी घाट पर शाम के समय भव्य गंगा आरती की जाती है। इस आरती के समय पूरे ऋषिकेश का रूप ही बदल जाता है। हजारों लोग ऋषिकेश के घाटों पर गंगा आरती देखने और उसका अनुभव करने के लिए आते हैं। श्रद्धालुओं के साथ साथ देश विदेश से आये टूरिस्ट्स के लिए भी गंगा आरती ऋषिकेश का मुख्य आकर्षण है।

शाम के समय होने वाली इस आरती के समय सैंकड़ों श्रद्धालु पत्तों के दिए बना कर उन्हें गंगा नदी में प्रवाहित करते हैं। उस समय गंगा नदी का नजारा देखने लायक होता है। ऐसा लगता है जैसे दीपावली की रात की सारी जगमगाहट गंगा नदी में समाहित हो गयी है। किसी विशेष त्यौहार के समय यह इन दीयों के संख्या हजारों में भी पहुंच जाती है।

बहुत से टूरिस्ट्स अपने होटल्स के टॉप से और अन्य ऊंचे जगहों से गंगा नदी के इस रूप का अनुभव करते हैं।

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का इतिहास | History- Triveni Ghat Rishikesh Hindi

ऋषिकेश भारत के सबसे पुराने स्थापित नगरों में से है। त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का सम्बंद पौराणिक ग्रंथों रामायण और महाभारत से भी रहा है। त्रिवेणी घाट ऋषिकेश के बारे में यह भी माना जाता है कि एक बार जब भगवन कृष्ण “जरा ” नाम के शिकारी के बाण से घायल हो गए थे तो वह ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर आ कर रुके थे। इसीलिए यहाँ त्रिवेणी घाट पर भगवन कृष्ण को समर्पित “कृष्ण छत्र ” भी स्थापित है।

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश के आस पास | Places nearby – Triveni Ghat Rishikesh Hindi

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश शहर में ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से लगभग ३ किलोमीटर के दूरी पर है। त्रिवेणी घाट की लोकेशन इस तरह कि यहाँ आने पर आप ऋषिकेश के सभी प्रसिद्द मुख्य आश्रम और मंदिर में जा सकते हैं। त्रिवेणी घाट पर गंगा अवतरण की घटना को सुन्दर मूर्तियों द्वारा प्रदर्शित किया गया है। पुराणों में वर्णित गंगा अवतरण के अनुसार जब देवी गंगा स्वर्ग से धरती के ओर उतर रही थीं तो उनके तेज़ बहाव को रोकने के लिए भगवन शिव ने उन्हें अपने जटाओं में बंधा था। इसी घटना को यहाँ पर दिखाया गया है। इसी घाट पर दूसरी तरफ महाभारत के युद्ध में अर्जुन को भगवान कृष्ण से गीता ज्ञान लेते हुए भी दिखाया गया है।

Triveni Ghat Rishikesh Hindi

त्रिवेणी घाट पर ही प्रसिद्द गीता मंदिर और लक्ष्मीनारायण मंदिर स्थित हैं। यहाँ होने वाली गंगा आरती जिसे महा आरती भी कहा जाता है एक अनूठा अनुभव है। त्रिवेणी घाट से कुछ ही दूरी पर प्रसिद्द त्र्यंबकेश्वर मंदिर जिसे तेरह मंज़िल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है , 84 कुटी आश्रम , लक्ष्मण झूला और ऋषि कुंड स्थित हैं।

ऋषिकेश एक छोटा सा हिल स्टेशन है और यहाँ के सभी मंदिर और अन्य आकर्षण त्रिवेणी घाट से निकल कर ऑटो से घूम कर देखे जा सकते हैं।

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश टूरिस्ट एक्टिविटीज | Tourist Attractions – Triveni Ghat Rishikesh Hindi

त्रिवेणी घाट पर धार्मिक उद्देश्य से तो श्रद्धालु आते ही हैं साथ ही यहाँ स्थित योगाश्रम में योग सीखने के लिए और सेहत के लाभ के लिए आने वालों के संख्या भी बहुत बड़ी है। त्रिवेणी घाट के पास स्थित मार्किट में अक्सर टूरिस्ट्स शॉपिंग करते हुए देखे जा सकते हैं। यहाँ से वह अक्सर जेम स्टोन्स और मूर्तियां खरीदते हैं।

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश कैसे पहुंचे | How to reach Triveni Ghat Rishikesh

फ्लाइट से | By Flight

त्रिवेणी घाट पहुंचने के लिए सबसे पास देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। देहरादून से ऋषिकेश लगभग 35 किलोमीटर दूर है। अगर आप फ्लाइट से आ रहे हैं तो देहरादून एयरपोर्ट पर उतरने के बाद ऋषिकेश तक के लिए टैक्सी ले सकते हैं।

ट्रेन से | By Train

त्रिवेणी घाट पहुंचने के लिए सबसे पास रेलवे स्टेशन ऋषिकेश शहर ही है जो भारत के रेल नेटवर्क से अच्छी तरह से कनेक्टेड है। ऋषिकेश स्टेशन से त्रिवेणी घाट तक की दूरी लगभग ३ किलोमीटर है जो ऑटो या लोकल रिक्शा ले कर तय की जा सकती है।

सड़क से | By Road

ऋषिकेश भारत और उत्तराखंड के मुख्य दर्शनीय स्थानों में से एक है और सड़क नेटवर्क से अच्छी तरह से कनेक्टेड है। त्रिवेणी घाट तक आप आसानी से अपने कार से या टैक्सी से पहुंच सकते हैं। अगर आप बस से यात्रा कर रहे हैं तो भी ऋषिकेश के मुख्य बस स्टैंड से त्रिवेणी घाट तक ऑटो या रिक्शा से आ सकते हैं।

Triveni Ghat, Beatific Uttarakhand !

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