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नीलकंठ महादेव मंदिर अलवर | Neelkanth Mahadev Mandir Hindi Alwar

Neelkanth Mahadev Mandir Alwar

Neelkanth Mahadev Mandir Alwar

Neelkanth Mahadev Mandir Hindi : नीलकंठ महादेव मंदिर अलवर राजस्थान में एक प्राचीन मंदिर है। अलवर जिले में स्थित यह नीलकंठ महादेव मंदिर अपनी अनूठी रचनात्मकता के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर की प्राचीन कलाकृतियां और यहाँ पर प्रतिष्ठित शिवलिंग इस मंदिर को विशेष बनाता है। अलवर जिले में शहर से लगभग 65 किलोमीटर दूर सरिस्का टाइगर रिजर्व में टहला गांव में यह मंदिर स्थित है।  

इतिहास – नीलकंठ महादेव मंदिर  | History – Neelkanth Mahadev Mandir Hindi

नीलकंठ महादेव मंदिर का इतिहास शायद उतना ही पुराना है जितना कि महाकाव्य महाभारत या फिर संभवतः उससे भी पहले। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर पांडवों द्वारा बनवाया गया था। अपने अज्ञातवास के समय पांडव इस क्षेत्र में भी आये थे , ऐसी लोगों की मान्यता है। अलवर स्थित पांडुपोल हनुमान मंदिर और नीलकंठ महादेव मंदिर उसी समय के माने जाते हैं।   

हालाँकि मंदिर कब बना और कितना पुराना है इस बारे में कुछ ठीक ठीक नहीं कहा जा सकता है। माना जाता है कि यह लगभग 5000 साल पुराना मंदिर है। इस मंदिर के निर्माण को लेकर अनेकों तर्क उपलब्ध है।  इतिहासकार हरिशंकर गोयल के  किवदंतियों  के अनुसार  ऐतिहासिक रूप से यहां पर पहले 24 मंदिर थे जिनमें से सात  मंदिर आज भी यहां पर सुरक्षित है।  जिनमें से यह भगवान शिव का मंदिर 959 ईस्वी में बनवाया गया था। 

 एक दूसरे मत के अनुसार  महादेव के मंदिर से पहले 919 ईस्वी में यहां पर जैन मंदिर होने का भी उल्लेख मिला है।  कहा जाता है कि यहां का जैन मंदिर पहले काफी विशाल था, साथ ही शिवजी के चार अन्य मंदिर भी यहां पर उपस्थित थे। उनके साथ ही हनुमान जी के मंदिर के होने के प्रमाण भी मिले हैं।  जिनके शिलालेख आज भी आमेर  में और अलवर के म्यूजियम में मिलते हैं।  कहा जाता है कि यहां की 2826 मूर्तियां आज भी मौजूद हैं ।  

मध्यकाल में जब भारत में मुगल शासकों का अधिकार हो गया था तब उस समय औरंगजेब ने भारत में स्थित बहुत से मंदिरों को तुड़वा दिया था। उस समय नीलकंठ महादेव मंदिर सहित आसपास के लगभग 360 मंदिरों की मूर्तियों को भी खंडित कर दिया गया था। 

नीलकंठ महादेव मंदिर | Neelkanth Mahadev Mandir Hindi

Neelkanth Mahadev Mandir Hindi
Neelkanth Mahadev Mandir Hindi

मंदिर का निर्माण – नीलकंठ महादेव मंदिर | About Temple – Neelkanth Mahadev Mandir Hindi

ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सातवीं से दसवीं शताब्दी ईसा पूर्व कराया गया था। यह कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण महाराजाधिराज मथन  देव बडगूजर ( क्षत्रिय राघव ) द्वारा कराया गया था। जिसका उल्लेख टाइगर रिजर्व के अंदर शिलालेख से  भी मिलता है। यह नीलकंठ महादेव के के नाम से पहचाने जाने वाला मंदिर एक पठार  की चोटी पर स्थित है जो राजौरगढ़ किले की खंडहर की दीवारों से घिरा हुआ और आसपास  दिखाई देने वाले खंडहरों से घिरा हुआ है। 

मंदिर से जुडी दिलचस्प कहानी  | Related to Neelkanth Mahadev Mandir Hindi

नीलकंठ महादेव मंदिर से जुडी एक दिलचस्प बात यहाँ आने पर पता  चलती है। यह मंदिर यह एक मात्र ऐसा मंदिर है जो की औरंगजेब और उसकी सेना द्वारा खंडित किये जाने से बच गया था। कहा जाता है कि यहां पर आई औरंगजेब की सेना को मधुमक्खियां के द्वारा हमले किए जाने के बाद यहां से भगाने के लिए मजबूर होना पड़ा था।   

Neelkanth Mahadev Mandir Hindi

आर्किटेक्चर –  नीलकंठ महादेव मंदिर | Architecture – Neelkanth Mahadev Mandir Hindi

यह स्थान प्राचीन काल में और मध्यकाल में राज्य पुरा और पारानगर के नाम से जाना जाता था। यहां पर आकर और यहां पर इन बिखरे हुए खंडहरों को और पुनः निर्माण कराए गए मंदिरों को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि भारतीय कला और वास्तुकला कितनी उच्च कोटि की रही होगी। मंदिर के मंडप की छत में फूलों के आकार,  ज्यामितीय पैटर्न के डिजाइन, उनके खम्बों और दीवारों पर की गई सुंदर नक्काशियां देखी जा सकती हैं । इन नक्काशियों में अप्सराओं की  आकृतियां, गंधर्वों की आकृतियां, इनके अलावा मिथुन और सप्तमातृक की आकृतियां देखी जा सकती हैं। ये  खूबसूरत कलाकृतियां टूरिस्ट्स और श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती है तथा वहां से नजर भी हटाने की इच्छा नही होती है।  

त्रिकुटा शैली – नीलकंठ महादेव मंदिर | Architecture – Neelkanth Mahadev Mandir Hindi

नीलकंठ महादेव मंदिर को त्रिकुटा शैली के अंतर्गत बनवाया गया था, जिसका मतलब है कि यहां पर तीन गर्भ ग्रह उपस्थित थे। मुख्य गर्भ ग्रह पश्चिम की ओर है, जिसमें शिवलिंग स्थापित है। इसका निर्माण नागर शैली में कराया गया था। दीवारों में स्थित आलों में सुंदर मूर्तियों का निर्माण कराया गया था जो कि भगवान विष्णु, शिव और सूर्य की छवि को प्रस्तुत करते हैं। यहां पर नरसिम्हा और त्रिपुरांतक की छवि को दर्शाया गया  हैं। 

नीलकंठ महादेव के मंदिर के गर्भ ग्रहऔर महादेव मंदिर के गुंबद पूर्ण रूप से पत्थरों के निर्मित है।  मंदिर में कहीं भी चूने का उपयोग नहीं किया गया है।  मंदिरों की प्रत्येक दीवार पर देवी देवताओं के तथा गुंबदों पर देवी देवताओं की दुर्लभ मूर्तियों की कलाकारी की गई है। 

जैन मंदिर | Jain Temple – Neelkanth Mahadev Mandir Hindi

नीलकंठ महादेव के मंदिर से थोड़ी दूरी पर ही यहां पर 9 गज मंदिर के भी अवशेष देखने को मिलते हैं।  जहां पर एक ऊंचे स्थान पर जैन तीर्थंकर शांतिनाथ जी की ऊंची मूर्ति बनवाई गई थी ,जो की हल्की नारंगी लाल रंग के बलुआ पत्थर में बनी थी। 

कुलदेवी मंदिर 

यहां पर क्षत्रियों की कुलदेवी का मंदिर भी मुख्य द्वार पर मिलता है।  यह भी कहा जाता है कि इसका निर्माण राजा सवाई जयसिंह ने कराया था। 

नीलम से बना  शिवलिंग | Blue Sapphire Shivling

नीलकंठ  महादेव मंदिर का विशेष आकर्षण यहाँ पर स्थित नीलम का बना शिवलिंग है। यह शिवलिंग पांडवों द्वारा स्थापित माना जाता है। नीलम से निर्मित इस शिवलिंग की ऊँचाई लगभग 4.5 फ़ीट है। 

यहां पर भगवान गणेश की नृत्य अवस्था में दुर्लभ प्रतिमा है , जो की प्राचीन संस्कृति एवं कलाकृति के अद्भुत नमूने  को प्रदर्शित करती है। 

उत्सव – महाशिवरात्रि | Festival – Neelkanth Mahadev Mandir Hindi

Neelkanth Mahadev Mandir Hindi

भगवन शिव को समर्पित सभी मंदिरों में महाशिवरात्रि का त्यौहार एक बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। उस दिन नीलकंठ महादेव मंदिर में भी उत्सव होता है। दिन में भगवन शिव की विशेष पूजा और रात्रि में पूरा समय यहाँ  पर भजन आदि होता रहता है।

महाशिवरात्रि के मौके पर इस उत्सव में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ पर आते हैं। शिवरात्रि के समय नीलकंठ महादेव के मंदिर का नजारा अलग ही देखने को मिलता है। सामान्य रूप से तो मंदिर शाम की आरती के बाद बंद कर दिया जाता है लेकिन शिवरात्रि वाली रात को मंदिर पूरे समय खुला रहता है। 

सरिस्का वन्य क्षेत्र  | Around – Neelkanth Mahadev Mandir Hindi

यहनीलकंठ महादेव मंदिर जिस स्थान पर स्थित है , वह स्थान सरिस्का पार्क का मुख्य एरिया माना जाता है। यहां पर टाइगर का मूवमेंट काफी अधिक देखा जाता है। 

 पहुंचने  का मार्ग | How to reach – Neelkanth Mahadev Mandir Hindi

नीलकंठ महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए अलवर सड़क मार्ग से दिल्ली और गुरुग्राम से आसानी से जाया जा सकता है। अगर आप अपनी कार से यहाँ आना चाहते हैं तो दिल्ली और गुरुग्राम से 5 से 6 घंटे की यात्रा कर यहां पहुंचा जा सकता है। 

रेल यात्रा द्वारा भी आसानी से जयपुर या अलवर तक पहुंचा जा सकता हैऔर वहां से टैक्सी द्वारा आसानी से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। 

हवाई मार्ग द्वारा जाने के लिए यहां का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर में सांगानेर हवाई अड्डा है, जिसकी दूरी अलवर से लगभग 150 किलोमीटर है। 

मंदिर का वातावरण  | Atmosphere – Neelkanth Mahadev Mandir Hindi

 नीलकंठ महादेव मंदिर पहुंचने के बाद और मंदिर में दर्शन करने के बाद एक सुखद अनुभूति का एहसास है। यह मंदिर एकदम प्राकृतिक वातावरण के बीचों बीच स्थित है और यहां पर असीम शांति का अनुभव होता है। आसपास बिखरे हुए खंडित मूर्तियों और नष्ट किए गए अवशेषों भी यहाँ पर यूँ ही पड़े देखे जा सकते हैं और यह देख कर लगता है कि हमारे पूर्वजों  धरोहरों को संजों कर रखने का बहुत जरूरत है।  

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