Bagore ki Haweli Hindi : बागोर की हवेली, राजस्थान के उदयपुर में पिछोला झील के किनारे पर स्थित एक शानदार हवेली है, जिसका राजसी इतिहास रहा है। बागोर की हवेली का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था। यह हवेली मेवाड़ के प्रधानमंत्री का निवास रही है। आज बागोर की हवेली उदयपुर का एक मशहूर टूरिस्ट आकर्षण , म्यूजियम और ऐतिहासिक विरासत के रूप में प्रसिद्ध है।
बागोर की हवेली का निर्माण बहुत बारीकी से किया गया था, जो उस समय के मेवाड़ के राजपुताना आर्किटेक्चर को दिखता है। यह एक विशाल हवेली है। बागोर की हवेली में 100 से ज्यादा कमरे, कई आंगन, दीवारों पर कलाकृति , सजी हुई बालकनी और बेहद खूबसूरत कांच का काम शामिल है। ये सभी एक साथ मिलकर बागोर की हवेली को एक बेहतरीन आर्किटेक्चर के उदाहरण के रूप में स्थापित करते हैं।
बागोर की हवेली – इतिहास | History – Bagore ki Haweli Hindi
बागोर की हवेली का निर्माण सन 1751 में अमीर चंद बैरवा की निगरानी में किया गया था। अमीर चंद बैरवा ने उदयपुर के महाराणाओं के शासनकाल के दौरान मेवाड़ के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया था। यह हवेली उनके आधिकारिक निवास के रूप में काफी महत्वपूर्ण रही है। उनके कार्यकाल के दौरान बागोर की हवेली राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र थी।
निर्माण और वास्तुकला – बागोर की हवेली | Bagore ki Haweli Hindi
बागोर की हवेली राजपूत वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। हवेली में फव्वारे, मंडप और हाथी के आकार के फव्वारे के साथ एक मोर आंगन भी है जो इसके आकर्षण को और भी बढ़ाता है। बागोर की हवेली से पिछोला झील और झील के पार सिटी पैलेस का शानदार नजारा देखा जा सकता है। यह नजारा फोटोग्राफी के शौक़ीन टूरिस्ट्स को बहुत पसंद आता है।
बागोर की हवेली अपनी दीवारों पर सजे दीवार पर चित्रकारी के लिए प्रसिद्ध है। ये दीवारें पौराणिक कथाओं, राजस्थान में दैनिक जीवन और ऐतिहासिक घटनाओं को दर्शाती हैं। हवेली के अंदरूनी हिस्से को कांच के काम से सजाया गया है। हवेली में आकर्षक आंगन हैं, जिसमें मोर आँगन बहुत ख़ास है। इसमें फव्वारे, मंडप और यहां तक कि हाथी के आकार के फव्वारे भी हैं।
बागोर की हवेली – म्यूजियम | Museum
हाल के वर्षों में, बागोर की हवेली में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को अच्छी तरह बचाकर रखने और प्रदर्शित करने के इरादे से इसे एक म्यूजियम में बदल दिया गया है। म्यूजियम को अलग अलग भागों में बनता गया है , जिनमें से प्रत्येक राजस्थानी संस्कृति और इतिहास के एक विशिष्ट पहलू को दिखाता है। इनमें मेवाड़ पेंटिंग, पगड़ी, कठपुतली, वेशभूषा और बहुत कुछ शामिल हैं।
बागोर की हवेली मेवाड़ राजवंश और उसकी संस्कृति के कुछ सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक हिस्सों को दिखाती है। म्यूजियम में राजस्थानी पोशाक , राजपुताना आर्किटेक्चर , एफिल टावर की मूर्तियां, पीसा की झुकी मीनार, ताज महल के प्रतिकृति देखि जा सकती हैं।
मानक चौक | Manak Chawk
हवेली के भीतर के इस हिस्से में एक आर्ट गैलरी स्थित है। इस आर्ट गैलरी में मेवाड़ पेंटिंग, मुगल और कांगड़ा शैली की पेंटिंग देखी जा सकती हैं।
पगड़ी गैलरी | Pagdi Gallery
बागोर की हवेली में स्थित पगड़ी गैलरी में भारत के कई राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात से कई तरह की पगड़ी दिखाई गयी हैं। यहाँ टूरिस्ट्स इन राज्यों में अलग अलग स्टाइल से बंधी और पहनी जाने वाली पगड़ी के बारे में जान सकते हैं। पगड़ी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण भाग है और लगभग हर राज्य में अलग तरह से पगड़ी बाँधी जाती है। पगड़ी गैलरी में एक विशाल पगड़ी रखी हुई है जो इस गैलरी का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण है।
कठपुतली गैलरी | Kathputli Gallery
राजस्थान अपनी कठपुतली कला के लिए पूरे विश्व में मशहूर है। बागोर की हवेली के म्यूजियम में एक भाग कठपुतली गैलरी है। म्यूजियम के इस भाग में पारम्परिक राजस्थानी कठपुतली कला को जानने और समझने का मौका मिलता है और साथ ही यहाँ कठपुतलियों का संग्रह है जिसमें अलग अलग तरह की कठपुतली देख सकते हैं। बागोर की हवेली में शाम के समय विशेष कठपुतली शो का भी आयोजन किया जाता है।
पोशाक गैलरी | Poshak Gallery
म्यूजियम के इस हिस्से में शाही पोशाक और विभिन मौकों और तीज त्योहारों पर पहने जाने वाली पोशाक का संग्रह है।
मेवाड़ गैलरी | Mewad Gallery
म्यूजियम में स्थित मेवाड़ गैलरी मेवाड़ और राजस्थान के इतिहास और संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए समर्पित है।
लोक संगीत और नृत्य प्रदर्शन | Folk Music and Dance
हवेली में पारंपरिक राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य कला को प्रोत्हासित करने के लिए शाम के समय विशेष शो का आयोजन किया जाता है। पारंपरिक राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य की विशेषता वाले ये शो टूरिस्ट्स के लिए एक नया अनुभव कराते हैं।
टूरिस्ट्स के लिए आकर्षण | Attractions – Bagore ki Haweli Hindi
महल परिसर | Haweli
हवेली के विशाल आंगन, बालकनियाँ , झरोखे , सजावटी गेट , गुम्बद और फव्वारे टूरिस्ट्स के लिए आकर्षण हैं। टूरिस्ट्स यहाँ हवेली के अलग अलग हिस्सों को देख सकते हैं और साथ ही यहाँ से पिछोला लेक का सुन्दर नजारा देख सकते हैं। पिछोला लेक में बोटिंग और इसके सुन्दर घाट टूरिस्ट्स को खासे पसंद आते हैं।
धरोहर डांस शो
हवेली में शाम के समय धरोहर डांस शो आयोजित किया जाता है। शाम को लगभग 7 बजे से यह डांस शो शुरू होता है और यह लगभग 1 घंटे तक चलता है। यह शो नीम चौक पर होता है। नीम चौक की खूबसूरती से जगमगाती बालकनियाँ, पारंपरिक राजस्थानी लोक नृत्य और संगीत के लिए मंच होती हैं। बागोर-की-हवेली में होने वाला यह शो टूरिस्ट्स को राजस्थान की कला और संस्कृति से परिचय कराता है।
टिकट – बागोर की हवेली
हवेली म्यूजियम के लिए टिकट की कीमत भारतीय टूरिस्ट्स के लिए 60 रुपये है। टिकट की कीमत में समय के साथ बदलाव हो सकते हैं।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय
सितंबर से मार्च तक के सर्दियों के महीनों को बागोर की हवेली देखने आने के लिए सबसे अच्छा समय है क्योंकि इस दौरान मौसम काफी सुहावना होता है और अधिकतम तापमान 28.3 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है।
कैसे पहुंचें बागोर की हवेली
यह हवेली उदयपुर के पुराने शहर में स्थित है, जो शहर के केंद्र से 1.5 किमी के दायरे में है। हवेली स्थानीय बसों, ऑटो-रिक्शा और टैक्सियों से पहुंचा जा सकता है।
यह हवेली उदयपुर के इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक देखने लायक जगह है। इस हवेली की सुंदर वास्तुकला, नक्काशी और इसके आस पास के सुन्दर नज़ारे टूरिस्ट्स को आकर्षित करते हैं।
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