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कुरुक्षेत्र टूरिस्ट प्लेस | Kurukshetra Tourist Places Hindi  

Kurukshetra Tourist Places

Kurukshetra Tourist Places

Kurukshetra Tourist Places Hindi |  कुरुक्षेत्र टूरिस्ट प्लेस: कुरुक्षेत्र हरियाणा राज्य के उत्तरी भाग में एक प्रसिद्द तीर्थ , महाभारत का युद्ध  मैदान साइंस सेंटर के रूप में जाना जाता है।  कुरुक्षेत्र अंबाला ,यमुनानगर , करनाल और कैथल जिलों से घिरा हुआ है। कुरुक्षेत्र को एक पौराणिक ऐतिहासिक शहर और एक तीर्थ के रूप में माना जाता है। 

कुरुक्षेत्र का इतिहास | History – Kurukshetra in Hindi

कुरुक्षेत्र को हड़प्पाकालीन भी माना जाता है। पुराणों में कुरुक्षेत्र का जिक्र राजा कुरु के राज्य के तौर पर मिलता है और इसीलिए इस क्षेत्र को कुरुक्षेत्र कहा गया था। महाराजा कुरु कौरवों और पांडवों के पूर्वज थे। ऐसा माना जाता है कि महाभारत का प्रसिद्द युद्ध यही पर हुआ था। यह एक शहर न होकर एक ४८ कोस का एरिया है जिसमें जींद , कैथल , करनाल और पानीपत का एरिया शामिल है। पौराणिक काल में कुरूक्षेत्र सरस्वती और दृषद्वती नदी के बीच था । कालांतर में सरस्वती नदी के सूख जाने के प्रमाण भी मिलते हैं। 

Kurukshetra Tourist Places Hindi
Kurukshetra Tourist Places Hindi

कुरुक्षेत्र पर मौर्य शासकों का अधिकार रहा और उस समय यह शहर बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म और संस्कृति का एक मुख्य केंद्र रहा था। मौर्यों के बाद कुरुक्षेत्र कुषाण , गुप्त , पुष्यभूति वंश के अधिकार में रहा । कुरुक्षेत्र को राजा हर्ष के समय में थानेसर नाम से जान जाता था। उसी दौरान  (लगभग 590-647 ई.) चीनी यात्री जुआनज़ांग ने थानेसर का दौरा किया। राजा हर्ष के बाद कुरुक्षेत्र तोमर राज्य का हिस्सा बना । देश के बाकि उत्तरी राज्यों की ही तरह कुरुक्षेत्र पर भी बाहरी आक्रांताओं के आक्रमण हुए।  9वीं शताब्दी से 11 वें शताब्दी तक यहाँ पर आक्रांताओं के आक्रमण होते रहे थे। बाद में सन 1206 में कुरूक्षेत्र दिल्ली सल्तनत का हिस्सा बन गया और बाद में 17 वें शताब्दी में यह मराठों के अधिकार क्षेत्र में था। ब्रिटिश शासन के दौरान 19 वें सदी में कुरुक्षेत्र भी ब्रिटिश अधिकार में था।

कुरुक्षेत्र का धार्मिक महत्त्व | Significance – Kurukshetra Tourist Places Hindi

हिन्दू पुराणों में कुरुक्षेत्र का बहुत अधिक महत्त्व माना गया है। इसका वर्णन ऋग्वेद में अनेकों स्थानों पर किया गया है। पौराणिक नदी सरस्वती नदी कुरुक्षेत्र से हो कर निकलती थी । 

कुरुक्षेत्र के बारे में एक रोचक तथ्य इस कहानी से मिलता है। भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र को ही कौरवों और पांडवों के युद्ध स्थान के रूप में क्यों चुना इस बारे में यहाँ एक कहानी काफी प्रचलित है। इस कहानी के अनुसार भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र का युद्ध निश्चित होने पर अपने दूत को एक ऐसे स्थान की तलाश में भेजा जहाँ युद्ध किया जा सके।  तब उनके दूत ने बताया कि कुरुक्षेत्र में एक बड़े भाई ने अपने छोटे भाई को खेत की मेड टूटने के कारण वहां से बहते हुए पानी को रोकने के लिए कहा था। छोटे भाई ने ऐसा करने से साफ़ मना कर दिया। इस पर बड़े भाई को बहुत अधिक क्रोध आया और उसने इस बात पर ही छोटे भाई की हत्या कर दी और उसके मृत शरीर को घसीट कर उस मेड के पास ले गया जहां से पानी बह रहा था। 

इस बात को सुनकर भगवान श्री कृष्ण ने यह निश्चित किया कि यही भूमि है जो कि भाई -भाई के युद्ध के लिए उपयुक्त है। क्योंकि महाभारत का युद्ध केवल भाइयों के बीच का युद्ध नहीं बल्कि एक धर्म युद्ध था , भगवन कृष्ण ने कहा कि इस भूमि के संस्कार यहां पर भाइयों के युद्ध में एक दूसरे के प्रति प्रेम उत्पन्न नहीं होने देंगे और इसीलिए यह स्थान सही है। इसी कारण भगवान श्री कृष्ण ने इस स्थान का चुनाव महाभारत के युद्ध के लिए किया था। 

कुरुक्षेत्र को हिन्दू संस्कृति में एक पवित्र स्थान मन गया है और इसीलिए यहाँ पर श्राद्ध करने  के लिए श्रद्धालु आते हैं। यहां पर  प्रतिवर्ष दिसंबर के माह में गीता जयंती भी मनाई जाती है जिसमें देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।   

कुरुक्षेत्र की मिट्टी | Soil – Kurukshetra in Hindi

कुरुक्षेत्र की मिट्टी लाल है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां की मिट्टी का रंग महाभारत के युद्ध में बहने वाले रक्त के  कारण लाल हो गया था लेकिन आर्केओलॉजिस्ट मानते हैं कि यहां पर शिवालिक की पहाड़ियां है और इन पहाड़ियों का रंग ब्राउन है । यहां पर सरस्वती नदी के भी प्रमाण मिलते है जिसके कारण पहाड़ों का पानी धीरे-धीरे मिट्टी के अंदर चला गया और यहां की मिट्टी का रंग लाल होने का एहसास  देता है।  

कुरुक्षेत्र टूरिस्ट प्लेस | Kurukshetra Tourist Places Hindi

ब्रह्म सरोवर – कुरुक्षेत्र टूरिस्ट प्लेस | Brahm Sarovar – Kurukshetra Tourist Places Hindi

 ब्रह्म सरोवर कुरुक्षेत्र का मुख्य आकर्षण है। यह एक पौराणिक कालीन कुंड माना जाता है। यह सरोवर एशिया में सबसे बड़ा मानव निर्मित कुंड या तालाब है। पौराणिक कहानियों के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने हितेश की मदद से एक विशाल यज्ञ के बाद कुरुक्षेत्र में ब्रह्माण्ड की रचना की थी।  यह ब्रह्म सरोवर उसी परंपरा से जुड़ा हुआ माना जाता है। ब्रह्म सरोवर का जिक्र महाकाव्य महाभारत में भी मिलता है। यह वही सरोवर माना जाता है जिसमें युद्ध के अंतिम दिन भीम से युद्ध करने के पहले दुर्योधन ने स्नान किया था। 

ब्रह्मसरोवर में  शाम के समय होने वाली आरती अपने आप में एक भव्य आरती होती है। सरोवर के किनारे पर घाट भी बने हुए हैं।

सन्निहित सरोवर – कुरुक्षेत्र टूरिस्ट प्लेस | Sannihit Sarovar – Kurukshetra Tourist Places Hindi

सन्निहित सरोवर कुरुक्षेत्र के 48 कोस परिक्रमा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सन्निहित सरोवर को सात पवित्र सरस्वती जिसे सप्त सिंधु कहा जाता है , का संगम माना जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस सरोवर का पानी गंगाजल की ही तरह पवित्र माना जाता है। प्रचिलत मान्यताओं और धारणाओं के अनुसार अमावस्या के दिन सन्निहित सरोवर में स्नान करना अच्छा माना जाता हैं और इसी परंपरा को मानते हुए उस दिन यहाँ श्रद्धालुओं के भरी भीड़ भी होती है। 

ज्योतिसर – कुरुक्षेत्र टूरिस्ट प्लेस | Jyotisar – Kurukshetra Tourist Places Hindi

ज्योतिसर को गीता उपदेश की भूमि माना जाता है। यह एक हिन्दू तीर्थ के रूप में प्रसिद्ध है और ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने यही पर अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था और अपना विराट रूप दिखाया था। आदि गुरु शंकराचार्य ने 8 वें सदी में इस स्थान को गीता उपदेश की भूमि के रूप में स्थापित किया था। माना जाता है कि ज्योतिसर में बरगद पेड़ के नीचे भगवद गीता प्रकट हुई थीं। 

स्थानेश्वर महादेव मंदिर – कुरुक्षेत्र टूरिस्ट प्लेस | Sthaneshwar Mahadev Mandir – Kurukshetra Tourist Places Hindi

स्थानेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित प्राचीन मंदिर है । महाभारत का युद्ध शुरू होने से पहले पांडवों ने इसी जगह पर भगवान शिव का मंदिर स्थापित किया था और उनसे अपनी विजय के लिए आशीर्वाद माँगा था। सिखों के नौवें गुरु श्री तेग बहादुर स्थानेश्वर तीर्थ के पास एक स्थान पर रुके थे, जो इस मंदिर के ठीक बगल में है और वहां पर एक गुरुद्वारा बना हुआ है। 

भीष्म कुंड – कुरुक्षेत्र टूरिस्ट प्लेस | Bhishm Kund – Kurukshetra Tourist Places Hindi

भीष्मकुंड महाभारत के युद्ध से जुड़ा एक और प्रसिद्द स्थान है। कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन से लगभग १० किलोमीटर की दूरी पर नरकतरी गांव में स्थित भीष्म कुंड वह स्थान माना जाता है जहाँ भीष्म पितामह अर्जुन से युद्ध के फलस्वरूप बनी बाणों की शैया पर  लेटे रहे थे और वहीँ से महाभारत का युद्ध देखते रहे थे। ऐसा माना जाता है कि बाणों की शैया पर लेते भीष्म पितामह को जब प्यास लगी तो अर्जुन ने वही जमीन में तीर चला कर जलधारा निकाली थी। वहीँ पर यह कुंड बना हुआ है। 

द्रौपदी कूप – कुरुक्षेत्र टूरिस्ट प्लेस | Draupdi Koop – Kurukshetra Tourist Places Hindi

यह एक  अन्य स्थान है जिसका सम्बन्ध महाभारत से है। द्रौपदी कूप यानी द्रौपदी का कुआँ। यह एक मंदिर  एक कुआँ स्थित है और ऐसा माना जाता है कि यह कुआँ प्राचीन काल से यहाँ पर है। इस कुएं के सम्बन्ध में माना जाता है कि इस कुएं का इस्तेमाल द्रौपदी किया करती थी । 

भद्रकाली मंदिर – कुरुक्षेत्र टूरिस्ट प्लेस | Bhadra Kali Mandir – Kurukshetra Tourist Places Hindi

ब्रह्म सरोवर से लगभग ३ किलोमीटर दूर भद्रकाली मंदिर स्थित है। यह एक सिद्धपीठ है और माना जाता है कि पौराणिक काल में जब देवी सती ने यज्ञ अग्नि में कूद कर अपनी जान दे दी थे और भगवान  वियोग से मुक्त करने के लिए भगवान विष्णु ने सती के शरीर के टुकड़े कर दिए थे जो अलग अलग जगहों पर जा कर गिरे थे। श्रद्धालु ऐसा मानते हैं कि यहाँ नपर भी सती के शरीर का एक हिस्सा आ कर गिरा था और इसीलिए इस स्थान को एक शक्तिपीठ माना जाता है। 

शेख चिल्ली मकबरा – कुरुक्षेत्र टूरिस्ट प्लेस | Shekh Chilli Maqbara – Kurukshetra Tourist Places Hindi

शस्ख चिल्ली जो कि दारा शिकोह के धार्मिक गुरु थे यह मक़बरा उन्ही का है। राष्ट्रीय महत्त्व और ऐतिहासिक महत्त्व का यह मक़बरा मुग़लकालीन आर्किटेक्चर और वास्तुकला का एक सुन्दर नमूना है। 

श्री कृष्णा संग्रहालय – कुरुक्षेत्र टूरिस्ट प्लेस | Shri Krishn Museum – Kurukshetra Tourist Places Hindi

कुरुक्षेत्र के श्री कृष्ण संग्रहालय की स्थापना सन 1987 में की गई थी और इस का उद्घाटन पूर्व  राष्ट्रपति श्री आर वेंकटरमण द्वारा किया गया था। इस संग्रहालय में हिंदू देवी देवताओं और भगवान विष्णु के कृष्ण अवतार को दर्शाया गया है। यहाँ पर महाभारत और भागवत पुराण में वर्णित उनके कई अवतारों को मूर्तियों  द्वारा, चित्रों द्वारा, अवशेषों के द्वारा और पांडुलिपियों के द्वारा दर्शाया गया है। इस संग्रहालय में प्राचीन मूर्ति कला, लघु चित्र और नक्काशी को भी प्रदर्शित किया गया है। यह संग्रहालय सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है। 

पैनोरमा और विज्ञान केंद्र – कुरुक्षेत्र टूरिस्ट प्लेस | Panorama and Science Center – Kurukshetra Tourist Places Hindi

कुरुक्षेत्र स्थित पैनोरमा और विज्ञान केंद्र में महाभारत के युद्ध से सम्बंधित बहुत बड़ी और  सुंदर झांकियां प्रस्तुत की गई हैं जो महाभारत के युद्ध की घटनाओं को प्रदर्शित करती है। विज्ञान केंद्र में विज्ञान के अनेकों चमत्कार दिखाए गए हैं जो कि बच्चों का विशेष तौर से ध्यान आकर्षित करते हैं। पनोरमा और विज्ञान केंद्र में महाभारत के युद्ध का  चित्रण के साथ-साथ यहां पर लाइट और साउंड शो भी दिखाया जाता है और साथ ही यहां पर गीता के श्लोकों का जाप भी किया जाता है और उस प्रदर्शनी में युद्ध की आवाजें भी सुनाई  देती है। यहाँ सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम 5:30 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। 

कल्पना चावला तारामंडल – कुरुक्षेत्र टूरिस्ट प्लेस | Kalpana Chawla Planetarium – Kurukshetra Tourist Places Hindi

भारत में जन्मी कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं। उन्हीं के सम्मान में कुरुक्षेत्र में कल्पना चावला तारामंडल के स्थापना हुई जिसे साल 2007 में राष्ट्र को समर्पित किया गया था। कल्पना चावला तारामंडल आज न केवल कुरुक्षेत्र का बल्कि हरियाणा का एक मुख्य आकर्षण है। अंतरिक्ष विज्ञान में रूचि रखने वालों के लिए यह प्लैनेटेरियम बहुत अच्छा आकर्षण है। 

कुरुक्षेत्र किस प्रकार पहुंचा जाए? How to reach Kurukshetra

 ट्रेन द्वारा | By Train

कुरुक्षेत्र एक रेलवे जंक्शन है जो देश के ट्रेन नेटवर्क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। राजधानी दिल्ली से  सीधे ट्रेन उपलब्ध हैं। 

सड़क मार्ग द्वारा | By Road

कुरुक्षेत्र नेशनल हाईवे 1 पर  स्थित है इसीलिए स्टेट ट्रांसपोर्ट की बस द्वारा यहाँ पहुंचना काफी आसान है। अगर आप अपनी गाड़ी ड्राइव कर यहाँ पहुंचना चाहते हैं तो भी आसानी से कुरुक्षेत्र पहुंच सकते हैं।   

फ्लाइट द्वारा | By Flight

अगर आप देश के किसी अन्य हिस्से से उत्तर भारत की जर्नी पर हैं और फ्लाइट से ट्रेवल कर रहे हैं तो कुरुक्षेत्र के सबसे नजदीक दिल्ली स्थित एयरपोर्ट है। दूसरा नजदीकी एयरपोर्ट चंडीगढ़ है। दोनों ही जगह से स्टेट ट्रांसपोर्ट के बस , प्राइवेट टैक्सी या फिर रेंट कार से यहाँ पहुंच सकते हैं।  

कुरुक्षेत्र जाने का मौसम | Best time to visit Kurukshetra

कुरुक्षेत्र जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम अक्टूबर से मार्च तक कई है। यहाँ गर्मियों में मौसम काफी गर्म होता है और तापमान लगभग  43- 47  डिग्री सेंटीग्रेड तक होता है। सर्दियों के मौसम में यहां पर काफी ठंड पड़ती है।

Almora Tourist Places, Beatific Uttarakhand !

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