Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi : चित्रकूट धाम उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक शहर है। चित्रकूट धाम हिंदुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है और अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। चित्रकूट धाम भगवान राम से जुड़ा हुआ है, और यह वह स्थान माना जाता है जहां भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ त्रेता युग में रामायण काल में अपने निर्वासन जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बिताया था।
चित्रकूट अत्यंत धार्मिक महत्व का स्थान है और यह साल भर बड़ी संख्या में भक्तों और टूरिस्ट को आकर्षित करता है। चित्रकूट धाम अपने शांत वातावरण के लिए जाना जाता है जो इसे आध्यात्मिक साधकों और हिंदू पौराणिक कथाओं और इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
इतिहास – चित्रकूट धाम | History – Chitrakoot Dham
चित्रकूट धाम की भूमि एक समृद्ध ऐतिहासिक और पौराणिक भूमि है। यह स्थान महाकाव्य रामायण से जुड़ा हुआ है। चित्रकूट का उल्लेख रामायण और महाभारत सहित अलग अलग हिंदू धर्मग्रंथों में मिलता है। यह क्षेत्र सदियों से हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल रहा है।
चित्रकूट मुख्य रूप से भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के 14 साल के वनवास के दौरान उनके निवास स्थान के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने अपने निर्वासन काल का एक बड़ा हिस्सा चित्रकूट के जंगलों में बिताया था। रामायण की कई प्रमुख घटनाएँ जैसे ऋषि अत्रि से मुलाकात, रहने के लिए कुटिया का निर्माण और रामायण में महत्वपूर्ण भरत मिलाप, इसी चित्रकूट धाम में हुई थीं।
हिंदू धर्म में चित्रकूट को एक पवित्र तीर्थ और दिव्य स्थान माना जाता है। भगवान राम के जीवन के घटनाओं के साथ ही चित्रकूट धाम एक प्रसिद्द टूरिस्ट प्लेस के रूप में भी जाना जाता है और ऐसा इसकी प्राकृतिक सुंदरता के कारण है। सदियों से चित्रकूट धार्मिक गतिविधियों और आस्था का केंद्र रहा है। कई संतों और विद्वानों ने चित्रकूट का दौरा किया और यहां रहकर इसकी आध्यात्मिक विरासत को समृद्ध किया है।
महत्व-चित्रकूट धाम | Importance – Chitrakoot Dham
भक्त और तीर्थयात्री भगवान राम के नक्शेकदम पर चलने और उनके जीवन और शिक्षाओं से आध्यात्मिक प्रेरणा लेने के लिए चित्रकूट आते हैं। चित्रकूट हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह शहर भगवान राम, सीता, हनुमान और अन्य देवताओं को समर्पित कई मंदिरों और पवित्र स्थलों से भरा हुआ है। तीर्थयात्री पवित्र मंदाकिनी नदी में स्नान करने, आशीर्वाद प्राप्त करने और आध्यात्मिक शांति पाने के लिए चित्रकूट के मंदिरों और भगवान राम से सम्बंधित स्थानों पर दर्शन करने के लिए चित्रकूट आते हैं।
चित्रकूट न केवल धार्मिक महत्व का स्थान है बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। यह क्षेत्र प्राकृतिक घने जंगलों और विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं से समृद्ध है। चित्रकूट की प्राकृतिक सुंदरता इसके आध्यात्मिक महत्व को और भी विशेष बनाती है जो इसे शांति और प्रेरणा का स्थान बनाती है।
इस क्षेत्र में अलग अलग आश्रम स्थापित किए गए हैं जो आध्यात्मिकता में रूचि रखने वालों को अपनी और आकर्षित करते हैं। यह शहर धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है। चित्रकूट मिट्टी के बर्तनों और हस्तशिल्प सहित अपनी अनूठी शिल्प परंपराओं के लिए भी जाना जाता है।
चित्रकूट धाम टूरिस्ट प्लेस | Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi
चित्रकूट में भगवान राम, सीता, हनुमान और अन्य अलग अलग देवताओं को समर्पित कई मंदिर और घाट बने हुए हैं। हालाँकि ये मंदिर और घाट प्राचीन हैं लेकिन समय समय पर इनका निर्माण और देखभाल होती रहती है। आज चित्रकूट भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक शहर है और एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बना हुआ है। यह हिंदू पौराणिक कथाओं, इतिहास और आध्यात्मिकता में रुचि रखने वाले भक्तों और टूरिस्ट को आकर्षित करता है।
चित्रकूट के मुख्य टूरिस्ट प्लेस के बारे में आप यहाँ जान सकते हैं !
कामदगिरि – चित्रकूट धाम | Kamadgiri – Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi
कामदगिरि चित्रकूट में स्थित धार्मिक रूप महत्वपूर्ण एक पवित्र पहाड़ी है। इसे चित्रकूट के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। कामदगिरि पर्वत महाकाव्य रामायण से और भगवन राम से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि यह मूल चित्रकूट है जहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने अपने 14 साल के वनवास का एक बड़ा हिस्सा बिताया था।
राम भक्त और तीर्थयात्री अपने धार्मिक अनुष्ठान को पूरा करने के लिए कामदगिरि पहाड़ी की परिक्रमा करते हैं ।
राम घाट – चित्रकूट धाम | Ram Ghat – Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi
मन्दाकिनी नदी के किनारे पर राम घाट नमक एक प्रसिद्द घाट बना हुआ है। यह घाट भी वह स्थान माना जाता है जहाँ अपने वनवास के दौरान भगवन राम ने कुछ समय बिताया था। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम, अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ, अपने वनवास के दौरान मंदाकिनी नदी के तट के पास रहते थे, जहाँ राम घाट स्थित है। यह घाट आज मुख्य धार्मिक गतिविधियों के लिए एक मुख्य स्थान है।
चित्रकूट आने वाले भक्त धार्मिक अनुष्ठानों, प्रार्थनाओं और आरती समारोहों में भाग लेने के लिए राम घाट पर इकट्ठे होते हैं। ये समारोह दिन के अलग अलग समय में आयोजित किए जाते हैं, और इनमें भगवान राम और पवित्र नदी को दीपदान और प्रार्थना की जाती हैं।
भरत मिलाप – चित्रकूट धाम | Bharat Milap – Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi
राम के छोटे भाई भरत, राम को अयोध्या लौटने और राजगद्दी संभालने के लिए मनाने के लिए उनके वनवास काल ले दौरान चित्रकूट गए थे। भारत का मानना था कि राम ही अयोध्या के राजा हैं और उन्हें ही यह राज्य चलना चाहिए । भरत की मुलाकात राम से चित्रकूट में हुई थे। इस मुलाकात में राम ने अपने पिता की इच्छा पूरी करने और अपना वनवास पूरा करने पर जोर दिया और अयोध्या वापिस जा कर राज्य करने से विनम्रता पूर्वक मना कर दिया था । तब भारत ने राम से उनकी खड़ाऊँ मांग की थीं और फिर उन्हीं खड़ाऊँ को सिंहासन पर रख कर अयोध्या का राज काज चलाया था।
इस घटना में भारत को एक त्याग पुरुष के रूप में प्रसिद्द कर दिया था। वास्तविक “मिलाप” का अर्थ चित्रकूट में राम और भरत के मिलने से है। यह घटना रामायण महाकाव्य में एक भावनात्मक और मन को छू लेने वाला अध्याय है जो भाइयों के बीच प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। इस घटना को मनाने के लिए चित्रकूट में भरत मिलाप का वार्षिक उत्सव आयोजित किया जाता है। देश भर से आये भक्त और टूरिस्ट इस आयोजन को देखने के लिए इकट्ठा होते हैं। भारत मिलाप आयोजन में एक जुलूस निकाला जाता है।
भरत कूप – चित्रकूट धाम | Bharat Koop – Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi
भरत कूप चित्रकूट से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भरतपुर गांव के पास एक विशाल कुआं है। भगवान राम के छोटे भाई भारत के नाम पर ही इसे भारत कूप कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि भरत राम से चित्रकूट में मिलने आये थे और अयोध्या वापिस चलने का आग्रह कर रहे थे। राम के मना कर देने पर भारत उनके खड़ाऊँ के साथ यहाँ से लौटने लगे थे। भगवान राम को अयोध्या के राजा के रूप में सम्मानित करने के लिए भारत अपने साथ सभी पवित्र स्थानों से जल लाए थे। लौटने से पहले भारत ने महर्षि अत्रि के कहने पर पवित्र जल इस कुएं में डाला। इस कुएं के पानी से स्नान करने को एक तीर्थ के बराबर माना जाता है। यहां उन्हें समर्पित एक मंदिर भी निर्मित है।
जानकी कुंड – चित्रकूट धाम | Janki Kund – Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi
जानकी कुंड चित्रकूट में स्थित है और यह एक पूजनीय स्थल है। राम सीता भक्तों के लिए यह कुंड एक विशेष स्थान रखता है। इसे पवित्रता और भक्ति का प्रतीक माना जाता है और तीर्थयात्री यहाँ अपने इष्ट के स्मृति चिन्हों को देखने और और आध्यात्मिक शांति पाने के लिए आते हैं।
जानकी कुंड को मंदाकिनी नदी से पानी मिलता है, जो चित्रकूट से होकर बहती है। माना जाता है कि नदी का पानी बेहद शुद्ध है । यहाँ आने वके श्रद्धालुओं के ऐसी मान्यता है कि जानकी कुंड में स्नान करने से व्यक्ति के पाप और अशुद्धियाँ दूर हो जाती हैं और अपने इसी विश्वास के साथ वे जानकी कुंड में डुबकी लगाते हैं ।
हनुमान धारा – चित्रकूट धाम | Hanuman Dhara – Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi
हनुमान धारा में भगवान हनुमान को समर्पित एक मंदिर है। इस मंदिर के अंदर भगवान हनुमान की एक मूर्ति स्थापित है। भक्त मंदिर में प्रार्थना करने, आशीर्वाद लेने और भगवान हनुमान के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करने के लिए आते हैं।
हनुमान धारा की विशेषता मंदिर के पास स्थित प्राकृतिक झरना है। माना जाता है कि इस झरने के पानी में उपचार और शुद्धिकरण गुण हैं। तीर्थयात्री अक्सर अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक प्रथाओं के रूप में झरने के पानी में स्नान करते हैं ।
स्फटिक शिला – चित्रकूट धाम | Sphatik Shila – Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi
चित्रकूट धाम स्थित यह एक अनोखी शिला है जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें भगवान राम के पैर और भगवान हनुमान के घुटने के निशान हैं। श्रद्धालु यहां माथा टेकने आते हैं। स्फटिक शिला की चट्टान को अक्सर क्रिस्टल जैसी बताया जाता है। भक्तों का मानना है कि यह चट्टान स्वयं में आध्यात्मिक ऊर्जा का एक स्रोत है। स्फटिक शिला को पूजनीय माना जाता है और इसे भगवान राम की दिव्यता और चित्रकूट में उनकी उपस्थिति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
धारकुंडी आश्रम – चित्रकूट धाम | Dharkundi Ashram – Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi
धारकुंडी आश्रम एक आध्यात्मिक महत्त्व का स्थान है। यह एक ऐसा स्थान है जहां व्यक्ति ध्यान और आध्यात्मिक अभ्यास कर सकता है । शांत वातावरण और प्राकृतिक स्थिति धारकुंडी आश्रम को ऐसी गतिविधियों के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं।
धारकुंडी आश्रम चित्रकूट में शांतिपूर्ण और सुन्दर वातावरण के बीच स्थित है। शहर की हलचल से दूर इसका शांत वातावरण टूरिस्ट्स को बाहरी दुनिया से अलग होने और अपनी आंतरिक आध्यात्मिक यात्रा पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर प्रदान करता है।
धारकुंडी आश्रम अक्सर ध्यान सत्र, सत्संग और अन्य धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों का आयोजन करता है।
गणेश बाग – चित्रकूट धाम | Dharkundi Ashram – Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi
गणेश बाग कर्वी-देवांगना रास्ते पर स्थित एक मंदिर है जो मिनी खजुराहो के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण 19वीं शताब्दी में विनायक राज पेशवा ने करवाया था। इस मंदिर की कला शैली खजुराहो से मिलती जुलती होने का कारण इसे मिनी खजुराहो कहा जाता है।
गुप्त गोदावरी – चित्रकूट धाम | Dharkundi Ashram – Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi
गुप्त गोदावरी चित्रकूट से लगभग 18 किलोमीटर दूर स्थित है। गुप्त गोदावरी , जैसा कि नाम से पता चलता है , गोदावरी का एक गुप्त स्रोत माना जाता है। यह दो गुफाओं स्थान है जो बहार से देखने पर बहुत छोटी लगती हैं लेकिन इनके अंदर जाने पर ये विशाल गुफाएं हैं। बड़ी गुफा में पत्थर के सिंहासन बने हुए हैं। इन गुफाओं में जाना एक रोमांचक अनुभव है।
सती अनुसूया आश्रम – चित्रकूट धाम | Dharkundi Ashram – Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi
यह आश्रम ऋषि अत्रि और उनकी पत्नी सटी अनुसूया के निवास के रूप में प्रसिद्द है। ऋषि अत्रि ने अपनी पत्नी अनुसूया के साथ यहीं इस आश्रम में तपस्या की थी। माना जाता है कि वनवास के दौरान भगवान राम और उनकी पत्नी सीता इसी आश्रम में सती अनुसूया से मिले थे। इस दौरान सती अनुसूया ने सीता को शिक्षा दी थी। यहां रथ पर सवार भगवान कृष्ण की बड़ी मूर्ति है और उनके पीछे अर्जुन बैठे हैं जो महाभारत के दृश्य को दर्शाते हैं।
चित्रकूट घूमने का सबसे अच्छा समय | Best Time to Visit – Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi
सर्दियों का मौसम चित्रकूट की यात्रा के लिए सबसे सुखद है। इस दौरान यहाँ का मौसम ठंडा और सुहाना होता है। सर्दियों में यहाँ का तापमान 8°C से 25°C के बीच होता है। इस मौसम में टूरिस्ट्स और तीर्थयात्री आराम से खुले में होने वाले आयोजनों में हिस्सा ले सकते हैं। इस मौसम के दौरान चित्रकूट में कई त्यौहार और विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं जो यहाँ आने वाले लोगों को चित्रकूट से गहरा परिचय कराते हैं ।
मार्च अप्रैल में चित्रकूट में मौसम अच्छा रहता है और इस दौरान यहाँ के प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह बहुत अच्छा समय है क्योंकि इस समय पहाड़ी क्षेत्रों में हरियाली दूर दूर तक फैली होती है।
चित्रकूट में मानसून का मौसम भारी बारिश का होता है। इस दौरान हालाँकि प्रकृति हरी भरी होती है लेकिन उमस केकारण बहार निकलना मुश्किल हो सकता है। गर्मी का मौसम गर्म और सूखा होता है और इस दौरान यहाँ का तापमान लगभग 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा हो जाता है। चिलचिलाती गर्मी के कारण यह मौसम चित्रकूट आने के लिए बहुत अच्छा नहीं है।
चित्रकूट कैसे पहुँचें | how to reach – Chitrakoot Dham Tourist Places Hindi
फ्लाइट से | By Flight
चित्रकूट के सबसे नजदीक का एयरपोर्ट खजुराहो एयरपोर्ट है जो लगभग 180 किलोमीटर दूर है। खजुराहो एयरपोर्ट से चित्रकूट पहुंचने के लिए टैक्सी ले सकते हैं या स्टेट ट्रांसपोर्ट या प्राइवेट ट्रासंपोर्ट बस से यहाँ पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से | By Train
चित्रकूट धाम कर्वी रेलवे स्टेशन चित्रकूट का मुख्य रेलवे स्टेशन है। यह दिल्ली, वाराणसी, इलाहाबाद और आगरा सहित भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दूसरा नजदीकी रेलवे स्टेशन सतना रेलवे स्टेशन है, जो चित्रकूट से लगभग 80 किलोमीटर दूर है। यह भारत के अलग अलग हिस्सों से जुड़ा हुआ है।
सड़क से | By Road to Chitrakoot
चित्रकूट सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, और टूरिस्ट्स बस या कार से चित्रकूट शहर तक पहुँच सकते हैं। कई राज्य और निजी बस ऑपरेटर उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्यों के विभिन्न शहरों से चित्रकूट के लिए नियमित बस सेवाएँ चलाते हैं। यह शहर राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।
चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के किनारे एक सुंदर स्थान है। आप नदी पर नाव की सवारी करके भी शहर में घूम सकते हैं।
चित्रकूट में खाना | Food in Chitrakoot Dham
चित्रकूट धार्मिक महत्व वाला शहर है और यह एक मुख्य तीर्थ है। यहाँ खाने के अनेकों साधन मिल जाते हैं। चित्रकूट में लोकल रेस्टोरेंट और ढाबों पर स्वादिष्ट खाना आसानी से मिल जाता है ।
चित्रकूट अपने वेजेटेरियन डिशेज़ के लिए जाना जाता है। सड़क के किनारे स्थित ढाबे स्वादिष्ट उत्तर भारतीय खाना परोसते हैं। चित्रकूट में पूरी और आलू की सब्ज़ी मुख्य नाश्ता है जो लगभग सभी छोटे बड़े रेस्टोरेंट्स में परोसा जाता है।
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