Aurangabad Tourist Places Hindi : औरंगाबाद शहर महाराष्ट्र राज्य का एक ज़िला और प्रसिद्द शहर है। यह औरंगाबाद जिले का प्रशासनिक हेड क्वार्टर है। औरंगाबाद शहर का नाम मुगल शासक औरंगजेब के नाम पर रखा गया है और यह शहर एक ऐतिहासिक शहर और प्रसिद्द टूरिस्ट प्लेस के रूप में जाना जाता है।
औरंगाबाद स्थित प्राचीन मंदिर और गुफाएं और साथ ही यहाँ के मक़बरे आदि धर्म और इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए खासा आकर्षण हैं।
औरंगाबाद का इतिहास | History – Aurangabad Tourist Places Hindi
औरंगाबाद का समृद्ध इतिहास है जिसमें सदियों से कई राजवंशों और शासकों का प्रभाव रहा है। औरंगाबाद और इसके आस पास के क्षेत्र का इतिहास प्राचीन भारतीय राजवंशों के अधिकार क्षेत्र में रहा है। औरंगाबाद शहर मौर्य और सातवाहन साम्राज्य का एक हिस्सा था।
मध्यकाल के दौरान देवगिरि के यादव शासकों औरंगाबाद पर अधिकार रहा था। देवगिरी शहर जो अब दौलताबाद के नाम से जाना जाता है। औरंगाबाद स्थित बीबी का मक़बरा औरंगजेब ने अपनी पत्नी दिलरास बानो बेगम की याद में बनवाया था। सन 1679 में बनकर तैयार हुआ यह मकबरा ताजमहल से काफी मिलता-जुलता है। मुगल साम्राज्य के पतन के बाद औरंगाबाद मराठों के अधिकार में आ गया। मराठा शासन के दौरान औरंगाबाद शहर ने कई लड़ाइयों और संघर्षों को देखा।
सन 1803 में मराठों और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच देवगांव की संधि के बाद अंग्रेजों को औरंगाबाद पर नियंत्रण मिल गया। ब्रिटिश शासन के दौरान औरंगाबाद निज़ाम के क्षेत्र का हिस्सा बन गया।
सन 1947 में भारत को आज़ादी मिलने तक हैदराबाद के निज़ाम का औरंगाबाद क्षेत्र पर नियंत्रण था। भारत को आज़ादी मिलने के बाद, औरंगाबाद हैदराबाद राज्य का हिस्सा बन गया। सन 1956 में जब राज्यों को भाषा के आधार पर संगठित किया गया तब औरंगाबाद महाराष्ट्र का हिस्सा बन गया।
हाल के दशकों में औरंगाबाद ने उद्योग, शिक्षा और टूरिज्म सहित अलग अलग क्षेत्रों में विकास देखा है। औरंगाबाद शहर के ऐतिहासिक स्थान , विशेष रूप से अजंता और एलोरा की गुफाएँ दुनिया भर से टूरिस्ट को आकर्षित करते हैं।
औरंगाबाद टूरिस्ट प्लेस | Aurangabad Tourist Places Hindi
औरंगाबाद एक ऐतिहासिक शहर है जो टूरिस्ट्स को अलग अलग तरह के टूरिस्ट लोकेशन देता है चाहे वह धार्मिक आकर्षण हों , ऐतिहासिक या फिर नेचुरल ब्यूटी। यहाँ औरंगाबाद के टूरिस्ट प्लेस के बारे में जान सकते हैं !
अजंता की गुफाएं | Ajanta Caves- Aurangabad Tourist Places Hindi
अजंता की गुफाएं औरंगाबाद शहर के पास एक मशहूर यूनेस्को हेरिटेज साइट हैं। ये प्राचीन गुफाएं रॉक-कट आर्किटेक्चर , मूर्तियों और दीवार पर चित्रकारी के लिए जानी जाती हैं। अजंता की गुफाएं डेक्कन पहाड़ियों में वाघोरा नदी के किनारे पर एक घाटी में स्थित हैं।
सबसे पहले गुफाएं सातवाहन राजवंश के दौरान दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व की थीं। इसके अलावा बाद की गुफाएँ वाकाटक राजवंश के शासन के समय में 5 वीं और 6 ठी शताब्दी ईस्वी के आसपास बनाई गईं थीं।
अजंता की गुफाएं अपने रॉक कट टेक्नोलॉजी के लिए मशहूर हैं। अजंता गुफाएँ मुख्य रूप से एक बौद्ध मठ परिसर के रूप में इस्तेमाल की जाती थीं जिसमें प्रार्थना हॉल (चैत्य) और मठ (विहार) थे। अजंता गुफाओं की पेंटिंग और मूर्तियां बौद्ध जीवन के कई पहलुओं, बाल कथाओं और भगवन बुद्ध की अलग अलग छवियों को दर्शाती हैं।
टूरिस्ट्स यहाँ गुफाओं में घूमते हैं और यहाँ बनी मूर्तियों और कलाकृतियों को देखकर हैरान हो जाते हैं। अजंता गुफाएं प्राचीन भारत की जीवन शैली और धार्मिक इतिहास से टूरिस्ट्स को परिचित कराती हैं।
एलोरा की गुफाएं – औरंगाबाद टूरिस्ट प्लेस | Ellora Caves – Aurangabad Tourist Places Hindi
अजंता गुफाओं की ही तरह एलोरा गुफाएं भी यूनेस्को हेरिटेज साइट हैं। अजंता की गुफाओं की तरह ये गुफाएं भी कलात्मक हैं और इनमें न केवल बौद्ध संरचनाओं बल्कि हिंदू और जैन स्मारकों को भी देखा जा सकता है ।
एलोरा की गुफाएं औरंगाबाद से लगभग 29 किलोमीटर दूर दक्कन पठार की पहाड़ियों में स्थित हैं। एल्लोरा गुफाओं की खुदाई 6वीं से 10वीं शताब्दी ईस्वी तक की गयी थी। राष्ट्रकूट और चालुक्य सहित कई राजवंशों ने इन गुफाओं के निर्माण में अपना योगदान दिया ।
एलोरा अपनी रॉक-कट आर्किटेक्चर के लिए प्रसिद्द है। कैलासा मंदिर एलोरा की सबसे शानदार संरचनाओं में से एक है।
बीबी का मकबरा – औरंगाबाद टूरिस्ट प्लेस | Bibi ka Maqbara – Aurangabad Tourist Places Hindi
बीबी का मकबरा मुगल शासक औरंगजेब द्वारा अपनी पत्नी दिलरास बानो बेगम की याद में बनवाया गया एक मकबरा है। यह ताजमहल जैसा दिखता है और एक ऐतिहासिक स्मारक है। बीबी का मकबरा, जिसे अक्सर “दक्कन का ताज” कहा जाता है, औरंगाबाद में स्थित है। बीबी का मकबरा औरंगाबाद में शहर के केंद्र से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित है। यह खाम नदी के बाएं किनारे पर स्थित है।
बीबी का मकबरा के आर्किटेक्चर की तुलना अक्सर आगरा के ताज महल से की जाती है, जिसे औरंगजेब के पिता शाहजहाँ ने बनवाया था। इसे ताज महल की खराब नकल के रूप में जाना जाता है। यह मकबरा मुख्यतः मुगल आर्किटेक्चर में बनाया गया है।
दौलताबाद किला | Daulatabad Fort – Aurangabad Tourist Places Hindi
दौलताबाद किला, जिसे देवगिरि के नाम से भी जाना जाता है, औरंगाबाद के पास स्थित एक ऐतिहासिक किला है। दौलताबाद किले का एक मशहूर इतिहास है जो कई राजवंशों से जुड़ा हुआ है। दौलताबाद किला औरंगाबाद से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित है। यह एक शंख के आकार जैसी पहाड़ी के ऊपर स्थित है।
दौलताबाद किले का इतिहास 12वीं शताब्दी का है। इसे शुरू में देवगिरि के नाम से जाना जाता था और यह यादव राजवंश की राजधानी के रूप में कार्य करता था। इस किले का निर्माण 1187 ई. में यादव शासक भिल्लम पंचम ने करवाया था। इसका मूल नाम देवगिरि था, जिसका अर्थ है “देवताओं की पहाड़ी।”
दौलताबाद किला अपने सामरिक निर्माण के लिए जाना जाता है। इस किले में मुख्य चांद मीनार काफी प्रसिद्द है ।
औरंगाबाद की गुफाएं | Aurangabad Caves – Aurangabad Tourist Places Hindi
औरंगाबाद गुफाएं चट्टानों को काटकर बनाई गई बौद्ध गुफाओं का एक समूह है। माना जाता है कि 6 वीं और 7 वीं शताब्दी के दौरान इन गुफाओं की खुदाई की गई थी।
औरंगाबाद गुफाएं औरंगाबाद में बीबी का मकबरा से लगभग 2 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित हैं। ऐसा माना जाता है कि इन गुफाओं का निर्माण 6वीं और 7वीं शताब्दी के बीच, वाकाटक राजवंश के शासनकाल के दौरान हुआ था। गुफाएं वैदिक और बौद्ध आर्किटेक्चर का एक मिश्रण हैं।
औरंगाबाद गुफाओं में क्षेत्र के अन्य गुफा परिसरों के जैसे ही रॉक कट आर्किटेक्चर है। ये गुफाएँ अपनी सुंदर मूर्तियों, जटिल नक्काशी और दीवार पर की गयी चित्रकारी के लिए जानी जाती हैं।
पंचक्की (वाटर मिल) | Panchakki – Aurangabad Tourist Places Hindi
पंचक्की, जिसे वाटर मिल के नाम से भी जाना जाता है, औरंगाबाद में स्थित एक ऐतिहासिक वाटर मिल आस पास है। पंचक्की औरंगाबाद के पुराने शहर में बाबा शाह मोसफर दरगाह के पास स्थित है। यह एक लोकप्रिय टूरिस्ट आकर्षण है। पंचक्की 17 वीं शताब्दी के दौरान निर्माण शुरू किया गया था।
इस पनचक्की का प्राथमिक उद्देश्य तीर्थयात्रियों और बाबा शाह मोसाफ़र के शिष्यों के लिए अनाज पीसना था।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर | Ghrineshwar Temple – Aurangabad Tourist Places Hindi
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है, और यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिन्हें भगवान शिव का सबसे पवित्र निवास माना जाता है। यह मंदिर औरंगाबाद से लगभग 30 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र राज्य के एक गांव वेरुल में एलोरा गुफाओं के पास स्थित है।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव को समर्पित पवित्र मंदिरों में अंतिम या बारहवां ज्योतिर्लिंग माना जाता है। तीर्थयात्रियों का मानना है कि सभी बारह ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना विशेष रूप से शुभ होता है। यह मंदिर क्लासिक हेमदपंती आर्किटेक्चर को दिखाता है जो मध्यकालीन महाराष्ट्र से जुड़ी एक शैली है। यह मंदिर लाल चट्टानों से बना है और इसमें जटिल नक्काशी और मूर्तियां हैं।
सिद्धार्थ गार्डन और चिड़ियाघर | Siddarth Garden and Zoo
सिद्धार्थ गार्डन औरंगाबाद में एक चिड़ियाघर के साथ एक सुन्दर पार्क है। यह लोकल लोगों और टूरिस्ट के लिए आराम करने और प्रकृति का आनंद लेने के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।
हिमायत बाग | Himayat Garden – Aurangabad Tourist Places Hindi
हिमायत बाग औरंगाबाद में स्थित एक प्रसिद्द गार्डन है। यह अपनी मुगल शैली की के लिए जाना जाता है। हिमायत बाग ऐतिहासिक एलोरा गुफाओं के पास स्थित है। हिमायत बाग का निर्माण 17 वीं शताब्दी में मुगल शासक औरंगजेब के शासनकाल के दौरान किया गया था।
इस गार्डन को मशहूर चारबाग पैटर्न में डिज़ाइन किया गया है। गार्डन में पानी के बहाव को बनाए रखने के लिए भूमिगत जल स्रोत और फव्वारों का एक नेटवर्क है। ऐसा माना जाता है कि इस गार्डन का निर्माण उस दौरान सौहार्द बनाये रखने के लिए किया गया था जब हैदराबाद के निज़ाम का औरंगजेब के साथ मतभेद था। इस गार्डन के निर्माण का उद्देश्य दोनों के बीच संबंधों को सुधारना था।
औरंगाबाद आर्ट गैलरी | Aurangabad Art Gallery
औरंगाबाद आर्ट गैलरी इस क्षेत्र की विभिन्न कलाओं और शिल्पों से टूरिस्ट्स को परिचित कराते हैं।
औरंगाबाद जाने का सबसे अच्छा समय | Best time to visit Aurangabad
आमतौर पर सर्दियों को औरंगाबाद की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है। इन महीनों के दौरान यहाँ मौसम ठंडा और सुहावना होता है। दिन का तापमान लगभग 10 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।
गर्मियों के दौरान औरंगाबाद में तापमान अक्सर 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो सकता है। मानसून के मौसम के बाद तापमान में कमी आने लगती है। दिन का तापमान लगभग 20 से 35 डिग्री के बीच रहता है। इस दौरान आस पास काफी हरियाली होती हैं ।
औरंगाबाद कैसे पहुंचे | How to reach Aurangabad
औरंगाबाद शहर महाराष्ट्र राज्य का एक प्रसिद्द शहर है और देश के बाकी हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
फ्लाइट से | By Flight
औरंगाबाद शहर का अपना एयरपोर्ट , औरंगाबाद एयरपोर्ट (IXU) है जो भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। कई एयरलाइंस औरंगाबाद से नियमित उड़ानें संचालित करती हैं।
ट्रेन से | By Train
औरंगाबाद भारत के कई प्रमुख शहरों से रेल द्वारा जुड़ा हुआ है। औरंगाबाद रेलवे स्टेशन शहर में स्थित है। औरंगाबाद और मुंबई ,पुणे, दिल्ली, हैदराबाद आदि शहरों के बीच नियमित ट्रेने चलती है
सड़क द्वारा | By Road
औरंगाबाद सड़क नेटवर्क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। औरंगाबाद महाराष्ट्र और पड़ोसी राज्यों के प्रमुख शहरों से नियमित बस सेवाओं द्वारा जुड़ा हुआ है।
औरंगाबाद में घूमने के लिए टूरिस्ट्स लोकल ट्रांसपोर्ट ऑटो-रिक्शा, साइकिल-रिक्शा और टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
औरंगाबाद में खाना | Food in Aurangabad
औरंगाबाद मुगलई, मराठी और हैदराबादी खानों के लिए जाना जाता है।
नान कालिया | Nan Qaliya
नान कालिया औरंगाबाद में एक प्रसिद्ध डिश है जिसकी उत्पत्ति मुगल शासन के दौरान हुई थी। नान कालिया एक मटन करी है जो धीमी आग पर देर तक पका कर तैयार किया जाता है इसे नान के साथ परोसा जाता है ।
औरंगाबाद अपने जायकेदार बिरयानी के लिए जाना जाता है। शीरमाल एक मीठी, केसर-स्वाद वाली फ्लैटब्रेड है जो औरंगाबाद में काफी प्रसिद्द है।
इसके अलावा पोहा, मिसल पाव, सोलकढ़ी, मावा जलेबी, ठेचा के साथ भाकरी और औरंगाबादी कबाब प्रसिद्द हैं। यहाँ सीख कबाब और बोटी कबाब बहुत पसंद किये जाते हैं।
औरंगाबाद में घुमते हुए अक्सर टूरिस्ट्स इन खानों का आनंद लेना नहीं भूलते हैं।
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