Bikaner Tourist Places Hindi : बीकानेर शहर राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी भाग में बसा हुआ शहर है। बीकानेर शहर अपनी संपन्न सांस्कृतिक धरोहर, शानदार आर्किटेक्चर और स्वादिष्ट खाने के लिए जाना जाता है। बीकानेर अपने ऐतिहासिक स्थानों के लिए टूरिस्ट्स के बीच बहुत लोकप्रिय है।
बीकानेर हमेशा से कला और अच्छी कारिगरी का केंद्र रहा है। बीकानेर यह शहर अपनी हवेलियों, किलों और मंदिरों के लिए जाना जाता है जो राजपूत और मुगल शैली के मिश्रण को प्रदर्शित करते हैं। इस क्षेत्र की संस्कृति की झलक इसके त्योहारों, कला, संगीत और लोकनृत्य में देखि जा सकती है।
बीकानेर का संपन्न इतिहास और इसका आर्किटेक्चर इसे राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत में रुचि रखने वाले टूरिस्ट्स और यात्रियों के लिए एक आकर्षक स्थान बनाते हैं।
इतिहास – बीकानेर टूरिस्ट प्लेस | History – Bikaner Tourist Places Hindi
बीकानेर का इतिहास राजस्थान की रियासतों के इतिहास में स्थापित है और इसका एक संपन्न और आकर्षक अतीत है।
बीकानेर की स्थापना वर्ष 1488 में जोधपुर के संस्थापक राव जोधा के पुत्र राव बीका ने की थी। इस शहर की स्थापना तब हुई जब राव बीका ने अपने पिता से मतभेद के बाद राजस्थान के उत्तरी भाग में अपना राज्य स्थापित करने का निर्णय लिया। इस शहर की स्थापना के प्रारंभिक वर्षों में जनजातियों के साथ संघर्ष और राजनीतिक संघर्ष भी हुए । समय के साथ, बीकानेर को ट्रेड रुट पर अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण व्यापार के केंद्र के रूप में प्रसिद्धि मिलने लगी ।
बीकानेर के संस्थापक राव बीका ने शहर की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके वंशज, जिन्हें राठौड़ के नाम से जाना जाता है, ने पीढ़ियों तक बीकानेर पर शासन किया और क्षेत्र की वृद्धि और विकास में योगदान दिया। वर्ष 1589 में बीकानेर के छठे शासक राजा राय सिंह, जो मुगल सेना के एक भरोसेमंद जनरल थे, ने बीकानेर के क्षेत्र का विस्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें गुजरात के क्षेत्रों में भी सम्मानित किया गया और अकबर के शासनकाल के दौरान उन्होंने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी ।
गंगा सिंह, जिन्होंने वर्ष 1887 से 1943 तक शासन किया, एक दूरदर्शी शासक थे और उन्होंने बीकानेर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने गंगा नहर के निर्माण सहित अलग अलग विकास परियोजनाओं की शुरुआत की जिससे इस सूखे क्षेत्र को पानी मिला और इसका दृश्य बदल गया ।
वर्ष 1947 में भारत को आज़ादी मिलने के बाद, अन्य रियासतों की तरह बीकानेर भी भारतीय संघ में मिल गया। वर्ष 1950 में जब राजस्थान राज्य का गठन हुआ तो यह शहर राजस्थान राज्य का हिस्सा बन गया। आज का आधुनिक बीकानेर अपने संपन्न इतिहास का प्रमाण है। यह शहर अपने महलों, किलों और सांस्कृतिक विरासत के साथ दुनिया भर के टूरिस्ट को आकर्षित करता है। यह शहर अपने ऐतिहासिक आकर्षण को सुरक्षित करते हुए विकसित हुआ है।
बीकानेर टूरिस्ट प्लेस | Bikaner Tourist Places Hindi
बीकानेर अपने संपन्न इतिहास, संस्कृति और विशेष कारीगरी के लिए जाना जाता है।
जूनागढ़ किला – बीकानेर टूरिस्ट प्लेस | Junagarh Kila – Bikaner Tourist Places Hindi
जूनागढ़ किले का निर्माण बीकानेर के छठे शासक राजा राय सिंह ने वर्ष 1589 और 1594 के बीच किया था। जूनागढ़ किले का निर्माण लगभग 300 वर्षों के समय में किया गया था और इसे कभी भी जीता नहीं गया था। यह किला कारीगरी का एक उल्लेखनीय उदाहरण है जिसमें राजपूत, मुगल और गुजराती आर्किटेक्चर का मिश्रण है। इस किला परिसर में महल, मंदिर, मंडप के साथ साथ नक्काशी और डिजाइन वाली कई प्रकार की संरचनाएं शामिल हैं।
जूनागढ़ किले में खूबसूरती से सजाए गए प्रवेश द्वार हैं जिनमें से प्रत्येक का अपना अनोखा डिजाइन है। करण पोल, सूरज पोल और दौलत पोल किले की ओर जाने वाले कुछ मुख्य प्रवेश द्वार हैं। जूनागढ़ किले में कई महल बने हुए हैं , जिनमें से हर एक महल का अपना विशेष आर्किटेक्चर है। इस किले के भीतर कुछ उल्लेखनीय महल हैं: अनूप महल, गंगा निवा, चंद्र महल और फूल महल।
जूनागढ़ किला एक विशाल और प्रभावशाली संरचना है जिसमें कई महल, मंदिर और मंडप हैं। वह किला शाम को एक सुंदर लाइट एंड साउंड शो का आयोजन करता है। इस लाइट एंड साउंड शो में बीकानेर और किले के इतिहास को बताया जाता है।
लालगढ़ पैलेस – बीकानेर टूरिस्ट प्लेस | Lalgarh Palace – Bikaner Tourist Places Hindi
लालगढ़ पैलेस, इंडो-सारसेनिक शैली में बनाया गया है। यह एक शानदार लाल बलुआ पत्थर का महल है। लालगढ़ पैलेस अब एक हेरिटेज होटल और म्यूजियम बना दिया गया है जो बीकानेर शाही परिवार की कलाकृतियों और सामानों को प्रदर्शित करता है।
लालगढ़ पैलेस का निर्माण बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने अपने पिता महाराजा लाल सिंह की याद में करवाया था। इस महल का निर्माण वर्ष 1902 में शुरू हुआ और वर्ष 1926 में पूरा हुआ था। लालगढ़ महल का निर्माण लाल बलुआ पत्थर का उपयोग करके किया गया है, जो राजस्थान में आमतौर पर महलों के निर्माण में इस्तेमाल किया जाता रहा है। लालगढ़ पैलेस अपनी सुंदर संरचना, बड़े आंगनों और सुंदर बगीचों के लिए जाना जाता है।
करणी माता मंदिर (चूहा मंदिर) – बीकानेर टूरिस्ट प्लेस | Karni Mata Mandir – Bikaner Tourist Places Hindi
करणी माता मंदिर, जिसे चूहे वाला मंदिर भी कहा जाता है, बीकानेर शहर के पास देशनोक में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह बीकानेर से लगभग 30 किमी दूर है। यह मंदिर करणी माता को समर्पित है।
करणी माता मंदिर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक पवित्र माने जाने वाले हजारों चूहों की उपस्थिति है। ये चूहे, जिन्हें “कब्बा” के नाम से जाना जाता है, करणी माता के वंशज माने जाते हैं और भक्तों द्वारा अत्यधिक पूजनीय हैं। यह मंदिर एक पौराणिक कथा से जुड़ा है जो एक दुखद घटना के बारे में बताती है जिसमें करणी माता का सौतेला बेटा एक तालाब में डूब गया था। उनके प्रार्थना के जवाब में, मृत्यु के देवता यम, उन्हें पुनर्जीवित करने और करणी माता के सभी पुरुष वंशजों को चूहों के रूप में पुनर्जन्म देने के लिए सहमत हुए।
गजनेर महल और झील – बीकानेर टूरिस्ट प्लेस | Gajner Palace Lake – Bikaner Tourist Places Hindi
गजनेर पैलेस गजनेर झील के किनारे स्थित एक सुंदर लाल बलुआ पत्थर का महल है। गजनेर महल को एक हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है। झील के आस पास अक्सर पक्षी आते रहते हैं जिससे यह बर्ड वात्चेर्स और नेचर लवर्स के लिए भी एक महत्वपूर्ण लोकेशन बन गया है।
गजनेर महल को बीकानेर के महाराजा सर गंगा सिंह ने 19 वीं शताब्दी के अंत में शाही परिवार और उनके मेहमानों के लिए शिकारगाह और विश्राम के स्थान के रूप में बनवाया था। गजनेर महल आर्किटेक्चर के राजपूत, मुगल और यूरोपीय डिजाइन के मिश्रण को दिखाता है। महल की जटिल नक्काशी, जाली का काम और सुंदर झरोखे (बालकनी) इस महल की सुंदरता को कई गुना बढ़ा देते हैं।
गजनेर पैलेस गजनेर पक्षी विहार का हिस्सा है जो 6,700 एकड़ में फैला है। यह पक्षी विहार कई प्रकार के वन्यजीवों का घर है जिनमें हिरण, काले हिरण, नीलगाय और माइग्रेटेड / प्रवासी पक्षी शामिल हैं।
भांडाशाह जैन मंदिर – बीकानेर टूरिस्ट प्लेस | Bhandashah Jain Temple – Bikaner Tourist Places Hindi
भांडाशाह जैन मंदिर, जैन धर्म के 5 वें तीर्थंकर सुमतिनाथ को समर्पित है। यह राजस्थान के कई जैन मंदिरों में से एक है, जो अपने सुन्दर आर्किटेक्चर और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 15 वीं शताब्दी में भांडाशाह ओसवाल नामक एक जैन व्यापारी ने करवाया था। इस मंदिर के निर्माण को पूरा होने में 46 साल लगे और यह मंदिर पूरी तरह से लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बना है। भांडाशाह मंदिर के अंदर दीवारों पर चित्रकारी जैन धर्म से जुड़े पौराणिक कथाओं, तीर्थयात्रियों के जीवन और अन्य घटनाओं को दर्शाती है। मंदिर के अंदर दीवारों पर चित्रकारी को खूबसूरती से संरक्षित किया गया है और यह टूरिस्ट के लिए एक अलग अनुभव प्रदान करते हैं।
रामपुरिया हवेली – बीकानेर टूरिस्ट प्लेस | Rampuria Haweli – Bikaner Tourist Places Hindi
रामपुरिया हवेली जटिल नक्काशी और सुंदर वास्तुकला से सजी हुई हवेलियों का एक समूह है। यह बीकानेर के अमीर व्यापारियों की संपन्न जीवनशैली की झलक प्रदान करता है।
रामपुरिया हवेली का निर्माण 19 वीं सदी के अंत और 20 वीं सदी की शुरुआत में रामपुरिया परिवार के अमीर व्यापारियों द्वारा किया गया था। इन हवेलियों का निर्माण उस समय के दौरान किया गया था जब बीकानेर में व्यापार के कारण आर्थिक समृद्धि आयी थी । रामपुरिया की हवेलियाँ राजपूत, मुगल और विक्टोरियन प्रभावों का मिश्रण प्रदर्शित करती हैं। इन इमारतों की विशेषता सुंदर फसाद , नक्काशी और जाली का काम है।
रामपुरिया परिसर में कई हवेलियों को सुरक्षित किया गया है और कुछ को म्यूजियम या हेरिटेज होटलों में बदल दिया गया है। टूरिस्ट यहाँ आकर इन हवेलियों के आर्किटेक्चर को देखते नहीं थकते हैं।
देवी कुंड सागर – बीकानेर टूरिस्ट प्लेस | Bikaner Tourist Places Hindi
देवी कुंड सागर में कई इमारते हैं, जिनमें से प्रत्येक बीकानेर के शासकों को समर्पित है। यह स्थान अपनी कारीगरी सुंदरता और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए जाना जाता है। देवी कुंड सागर मुख्य रूप से अपनी छतरियों के लिए प्रसिद्ध है, जो बीकानेर के शासकों के सम्मान और याद में बनाई गई पारंपरिक संरचनाएं हैं। ये छतरियाँ उन शासकों के समाधी स्थल के रूप में हैं।
पास में एक पानी की टंकी या झील की उपस्थिति के कारण इस स्थान को अक्सर देवी कुंड सागर के रूप में जाना जाता है। झील इस स्थान के आकर्षण को बढ़ाती है। देवी कुंड सागर एक शांतिपूर्ण माहौल प्रदान करता है, जो इसे शहर के जीवन की हलचल से छुट्टी चाहने वालों के लिए एक उचित स्थान बनाता है।
शिव बाड़ी मंदिर – बीकानेर टूरिस्ट प्लेस | Shiv Bari Mandir – Bikaner Tourist Places Hindi
शिव बाड़ी मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। शिव बाड़ी मंदिर पुराने शहर के पास स्थित एक शांत पूजा स्थल है। इस मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी के अंत में महाराजा डूंगर सिंह जी द्वारा किया गया था। इसका निर्माण लाल बलुआ पत्थर का उपयोग करके किया गया है जो राजस्थान में कई पुरानी संरचनाओं के निर्माण में एक आम सामग्री है।
यह मंदिर पारंपरिक राजपूताना आर्किटेक्चर को प्रदर्शित करता है। शिव बाड़ी मंदिर महा शिवरात्रि के दौरान विशेष रूप से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। धार्मिक समारोहों और उत्सवों में भाग लेने के लिए यहाँ भक्त इकठ्ठा होते हैं।
ऊँट अनुसंधान फार्म – बीकानेर टूरिस्ट प्लेस | Bikaner Tourist Places Hindi
बीकानेर अपने ऊँटों के लिए प्रसिद्ध है, और ऊँट अनुसंधान फार्म यहाँ का एक अनोखा आकर्षण है जहाँ आप ऊँट और उनकी फार्मिंग से जुडी जानकारी ले सकते हैं। बीकानेर में राष्ट्रीय ऊँट अनुसंधान केंद्र (एनआरसीसी) कैमल फार्मिंग के प्रचार के लिए समर्पित एक प्रमुख अनुसंधान संस्थान है।
राष्ट्रीय ऊँट अनुसंधान केंद्र (NRCC) की स्थापना वर्ष 1984 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा की गई थी। एनआरसीसी के अनुसंधान में ऊंटनी के दूध के उत्पादन, इसके पोषण मूल्य और ऊंटनी के दूध पर आधारित उत्पादों के विकास पर जानकारी और एजुकेशन दी जाती है। ऊंटनी का दूध अपने विशेष स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है।
बीकानेर घूमने का सबसे अच्छा समय | Best Time to Visit Bikaner
राजस्थान के कई अन्य शहरों की तरह, बीकानेर जाने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के महीनों के दौरान है जब मौसम सुहाना होता है। बीकानेर घूमने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा माना जाता है। इन महीनों के दौरान मौसम ठंडा और आरामदायक होता है। इस दौरान दिन का तापमान लगभग 10°C से 25°C के बीच रहता है जबकि रात का तापमान गिर सकता है, खासकर दिसंबर और जनवरी में। आमतौर पर जनवरी में आयोजित होने वाला ऊँट महोत्सव इस दौरान बीकानेर का एक प्रमुख आकर्षण होता है।
अप्रैल से जून तक बीकानेर में बहुत ज्यादा गर्मी होती है। इस दौरान दिन का तापमान 40°C से ऊपर भी बढ़ सकता है।
जुलाई से सितंबर तक, बीकानेर में मानसून के मौसम में थोड़ी बारिश होती है। इस दौरना तापमान अभी भी थोड़ा ज्यादा ही होता है लेकिन गर्मियों के मौसम के मुकाबले यह मौसन थोड़ा राहत भरा होता है।
बीकानेर कैसे पहुँचें | How to reach Bikaner
बीकानेर भारत के राजस्थान राज्य का एक अच्छी तरह से जुड़ा हुआ शहर है।
फ्लाइट से | By Flight
नाल एयरपोर्ट (बीकेबी) बीकानेर का डोमेस्टिक एयरपोर्ट है। इस एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी काफी लिमिटेड है और भारत के कुछ प्रमुख शहरों से यहाँ के लिए फ्लाइट मिल जाती हैं। बेहतर कनेक्टिविटी वाला सबसे नजदीक का एयरपोर्ट जोधपुर एयरपोर्ट (जेडीएच) है जो बीकानेर से लगभग 250 किलोमीटर दूर है।
जोधपुर एयरपोर्ट से बीकानेर पहुंचने के लिए टूरिस्ट टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या अन्य लोकल ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ट्रेन से | By Train
बीकानेर जंक्शन, दिल्ली, जयपुर, जोधपुर और अन्य प्रमुख शहरों सहित भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। बीकानेर से आने-जाने के लिए कई रेगुलर ट्रेनें चलती हैं जो बेहद आरामदायक हैं। बीकानेर रेलवे स्टेशन शहर में स्थित है और बीकानेर के अंदर ऑटो-रिक्शा, साइकिल-रिक्शा और टैक्सियाँ आसानी से मिलती हैं।
सड़क द्वारा | By Road
बीकानेर सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, और राजस्थान और पड़ोसी राज्यों के कई शहरों से रेगुलर बस सेवाएं उपलब्ध हैं। टूरिस्ट यहाँ प्राइवेट टैक्सी भी किराये पर ले सकते हैं या बीकानेर तक ड्राइव कर सकते हैं। यह शहर राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।
बीकानेर में खाना | Food in Bikaner
बीकानेर का लोकल खाना पारंपरिक राजस्थानी खाना है। बीकानेरी भुजिया पूरी दुनिया में प्रसिद्द है और अपने खास स्वाद के लिए पसंद की जाती है। यह बेसन और मसालों से बना एक कुरकुरा स्नैक है। बीकानेर शहर बीकानेरी भुजिया का घर हैं और यहाँ इस भुजिया के कई वैरायटी मिलेंगी जिनमें सादी भुजिया और मूंगफली वाली भुजिया शामिल हैं।
दाल बाटी चूरमा राजस्थान की पहचान है और राजस्थान के हर शहर में दाल बाटी चूरमा टूरिस्ट्स को मिल जाता है। इसके अलावा घेवर एक पारंपरिक राजस्थानी मिठाई है जो त्योहारों के दौरान विशेष रूप से लोकप्रिय है। राजस्थान का हर शहर विशेष कचोरी के लिए जाना जाता है।
टूरिस्ट यहाँ पारंपरिक राजस्थानी थाली का आनंद ले सकते हैं । इसमें आम तौर पर दाल, बाटी, चूरमा, गट्टे की सब्ज़ी , राजस्थानी कढ़ी , सब्जी, अचार और चपाती जैसे कई प्रकार के डिश शामिल होते हैं। इसके अलावा मावा कचौरी, ऊँटनी के दूध से बने प्रोडक्ट , रसगुल्ला केसर, मिर्ची वड़ा, मालपुआ आदि प्रसिद्द हैं। बीकानेर में कैर सांगरी की सब्ज़ी टूरिस्ट को जरूर टेस्ट करनी चाहिए , यह बीकानेर की खास सब्ज़ी है।
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