Kanyakumari Places to Visit Hindi : कन्याकुमारी , तमिलनाडु राज्य के कन्याकुमारी जिले का एक शहर है। भारत का दक्षिणी सिरा जिसे “द लैंड एंड्स ” भी कहा जाता है। इसका आकर एक केप कि तरह है और ब्रिटिश शासन कि दौरान कुमारी शब्द गलत उच्चारण के कारण कोमोरिन कहा जाने लगा था इसीलिए उन दिनों में इसे केप कोमोरिन के नाम से भी जाना जाता था । बाद में इसका नाम बदल कर कन्याकुमारी कर दिया गया। कन्याकुमारी का ये नाम देवी पारवती के कन्या रूप को समर्पित मंदिर के नाम पर पड़ा है।
कुछ कहानियों की अनुसार देवी कुमारी भगवान् कृष्ण की बहन थीं और उनके नाम पर इस जगह का नाम कन्याकुमारी पड़ा।
हमेशा से ही कन्याकुमारी पर्यटकों की लिस्ट में एक मुख्य टूरिस्ट प्लेस के रूप में रहा है। यहाँ उगते हुए और डूबते हुए सूर्य को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं और जो किसी कारण से अभी तक नहीं आ सके हैं वो आना चाहते हैं। तीन विशाल समुद्रों का संगम स्थान कन्याकुमारी को त्रिवेणी संगम के नाम से भी जाना जाता है। दक्षिण में भारत के आखिरी रेलवे स्टेशन के रूप में भी कन्याकुमारी पर्यटकों को काफी पसंद आता है।
इस आर्टिकल में कन्याकुमारी के बारे में और भी जानेंगे !
इतिहास – कन्याकुमारी टूरिस्ट प्लेस | History – Kanyakumari Places to Visit Hindi
संगम काल में कन्याकुमारी पर अयि राजाओं का शासन था। अयि वंश के राजाओं कि बाद इस पर पंड्या वंश के राजाओं ने शासन किया। दसवीं सदी में कन्याकुमारी चोला राजा के अधिकार में चला गया और 11 वे सदी तक इस पर पंड्या वंश का शासन हो गया। पंड्या वंश के हाथ से यह वेणाड के अधिकार में आया और यह वेणाड राज्य बना जिसकी राजधानी पद्मनाभपुरम थी। 16 वे सदी में कन्याकुमारी पर कर्णाटक के विजयनगर साम्राज्य का अधिपत्य हो गया था। 26 वर्ष तक इस पर विजयनगर साम्राज्य का अधिकार रहा और 1158 के बाद इस पर मदुरै के नायक वंश का अधिकार हो गया।
इतने वर्षों तक अशांति का सामना करने के बाद 1729 में इस पर बाला मार्तण्ड वर्मा का अधिकार हो गया और तब यह त्रावणकोर राज्य का हिस्सा बन गया। उसके बाद कन्याकुमारी आर्थिक रूप से कुछ उन्नति कर पाया और यहाँ के लोगों को एक स्थिर शासन मिला।
स्वतंत्रता के बाद कन्याकुमारी को त्रावणकोर कोचीन स्टेट में मिला दिया गया। कन्याकुमारी कि रहने वाले लोगों की भाषा तमिल है जबकि त्रावणकोर मलयालम भाषी बहुल राज्य बना। यहाँ के निवासियों ने तमिलनाडु राज्य में विलय करने के लिए आंदोलन किया और बाद में 1956 में भाषा के आधार पर कन्याकुमारी को तमिलनाडु राज्य का भाग बना दिया गया।
कन्याकुमारी से जुडी पौराणिक कहानियां | Stories related to kanyakumari
देवी कुमारी की कहानी | Devi Kumari Story
कहा जाता है कि कभी इस जगह पर एक बाणासुर नाम के राक्षस राजा का राज्य था। उसने ब्रह्मा की तपस्या कर एक वरदान प्राप्ति कि जिसके अनुसार उसकी मृत्यु केवल एक कुमारी कन्या ही कर सकती थी। इस वरदान को मिलने के बाद बाणासुर और भी घमंडी और खुद को बहुत शक्तिशाली समझने लगा और उसने इंद्र पर भी आक्रमण कर अपने अधिकार में कर लिया । तभी देवी भगवती ने कन्या का रूप लिया और यहाँ जन्म लिया। बड़े होने पर वह शिव की तपस्या करने लगीं। भगवन शिव और देवी कुमारी का विवाह भी तय हुआ और उसके लिए एक मुहूर्त भी निश्चित हुआ लेकिन नारद मुनि को चिंता थी कि इस विवाह के बाद बाणासुर का अंत करने वाला कोई नहीं होगा और उन्होंने एक मुर्गे से गलत समय पर बांग दिलाई जिस से सभी को लगा कि विवाह का मुहूर्त निकल चुका है। इस तरह से देवी कुमारी और भगवान् शिव का विवाह टाला दिया गया।
विवाह न होने के कारण देवी कुमारी ने गुस्से में विवाह की तैयारियों के लिए लाये गए दाल और चावल उठा कर फेंक दिए और तपस्या करने चली गयी। बाणासुर को भी देवी कुमारी के बारे में पता चला और वह अपना विवाह प्रस्ताव ले कर देवी के पास आया। इससे से देवी की तपस्या भंग हो गयी और गुस्से में आकर उन्होने बाणासुर का वध कर दिया। इसके बाद वह पार्वती रूप में वापिस चली गयी।
कहा जाता है कि कन्याकुमारी के समुद्र के किनारे के रेत में दाल के अलग अलग रंग के दाने जैसे रेत के कण देखे जा सकते हैं। कुछ कहानियों के अनुसार देवी कुमारी लक्ष्मी का रूप थीं ।
रामायण से जुडी कहानी | Story related to Ramayan
एक पौराणिक कहानी के अनुसार रामायण के राम रावण युद्ध में जब हनुमान संजीवनी बूटी ले कर जा रहे थी तब उस पहाड़ का एक टुकड़ा यहाँ गिर गया था। इस जगह को तमिल भाषा में मारुन्थुवाज़ मलाई यानी औषधियों की पहाड़ी कहा जाता है। इस क्षेत्र में काफी औषधीय पेड़ पौधे पाए जाते हैं।
ऐसा भी कहा जाता है कि ऋषि अगस्त्य यहीं पर रहा करते थे।
कन्याकुमारी टूरिस्ट प्लेस | Kanyakumari Places to visit Hindi
कन्याकुमारी पर्यटन की दृष्टि से भारत का एक प्रसिद्द शहर है। यहाँ के मंदिर , यहाँ की भौगोलिक स्थिति और आधुनिक भारत के निर्माण में भूमिका निभाने वाले स्वामी विवेकानंद के मेमोरियल के कारण कन्याकुमारी बहुत लोकप्रिय है। कन्याकुमारी के मुख्य आकर्षण आप यहाँ जान सकते हैं
सूर्योदय और सूर्यास्त पॉइंट – कन्याकुमारी टूरिस्ट प्लेस | Sunrise Sunset – Kanyakumari Places to visit Hindi
कन्याकुमारी भारत के सबसे दक्षिणी छोर पर होने के इसके तीन तरफ समुद्र है। यह पूरे विश्व में अकेला ऐसा स्थान है जहाँ सूर्योदय (सनराइज ) और सूर्यास्त (सनसेट) दोनों देखे जा सकते हैं। कन्याकुमारी में होने वाले सूर्योदय और सूर्यास्त को देखने के लिए खास कर वीकेंड (शनिवार और रविवार) को बहुत से टूरिस्ट आते हैं।
त्रिवेणी संगम – कन्याकुमारी टूरिस्ट प्लेस | Triveni Sangam – Kanyakumari Places to visit Hindi
तीन जलराशियों के संगम स्थान को त्रिवेणी संगम कहा जाता है। कन्याकुमारी में बंगाल की खाड़ी , हिन्द महा सागर और अरब सागर जैसे विशाल समुद्रों का विलय होने के कारण इसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है। हर एक समुद्र और नदी के पानी का अपना एक स्वभाव और रंग होता है और यह इस त्रिवेणी संगम पर देखा जा सकता है। तीनों समुद्रों के अलग अलग रंग के पानी को मिलते हुए देखना एक सुन्दर और कभी न भूलने वाला अनुभव है।
तिरुवल्लुवर मूर्ती – कन्याकुमारी टूरिस्ट प्लेस | Thiruvar Statue – Kanyakumari Places to visit Hindi
यह मूर्ती एक प्रसिद्द तमिल दार्शनिक और कवि तिरुवल्लुवर जिन्हे वल्लुवर नाम से भी जाना जाता है को समर्पित है। तिरुवल्लुवर मूर्ती के ऊँचाई 95 फ़ीट है और जिस चट्टान पर यह मूर्ती स्थापित है उसकी ऊँचाई 38 फ़ीट है। इस मूर्ती की स्थापना 1 जनवरी 2000 में की गयी थी। दिसंबर 2004 में हिन्द महासागर में आये सुनामी से यह मूर्ती सुरक्षित रही थी। यह कन्याकुमारी का एक प्रमुख आकर्षण है जो स्वामी विवेकानंद मेमोरियल के बिलकुल पास ही है। मौसम ख़राब होने की स्थिति में इस जगह पर आने की अनुमति नहीं होती है।
स्वामी विवेकानद रॉक मेमोरियल – कन्याकुमारी टूरिस्ट प्लेस | Rock Memorial – Kanyakumari Places to visit Hindi
यह मेमोरियल समुद्र के अंदर 2 चट्टानों के ऊपर सन 1970 में बनाया गया था। यहाँ पर स्वामी विवेकानद ने सन 1892 में ध्यान लगाया था। कहा जाता है कि इसी चट्टान पर देवी कुमारी ने भी तपस्या कि थी। 26 दिसंबर से 28 दिसंबर तक वह यहाँ इस जगह पर रहे थे और कहा जाता है कि यहीं पर उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इस मेमोरियल में स्वामी विवेकानंद की एक मूर्ति है और साथ ही यहाँ एक मैडिटेशन रूम भी बना हुआ है जहाँ टूरिस्ट जा कर ध्यान कर सकते हैं। क्योंकि यह मेमॉरियल समुद्र के अंदर है इसलिए यहाँ बोट से ही आया जा सकता है। किनारे पर ही बोट राइड के लिए टिकट खरीद सकते हैं और बोट से यहाँ आने के बाद मेमोरियल में अंदर जाने के लिए एक टिकट और लेना होता है।
स्वामी विवेकानंद मेमोरियल से लौटते हुए बोट से तिरुवल्लुवर मूर्ती ले जाया जाता है। यहाँ रूकने की परमिशन नहीं है और सभी को बोट से वापिस किनारे पर जाना होता है।
गाँधी मेमोरियल – कन्याकुमारी टूरिस्ट प्लेस | Gandhi Memorial – Kanyakumari Places to visit Hindi
कन्याकुमारी में महात्मा गाँधी का मेमोरियल उसी जगह पर बनाया गया है जहाँ महात्मा गाँधी की मृत्यु के बाद उनका अस्थि कलश लोगों के दर्शन के लिए रखा गया था। यह मेमोरियल एक मंदिर की तरह बनाया गया है और इसे इस तरह से डिज़ाइन किया गया है की 2 अक्टूबर को सूर्य की पहली किरण ठीक वहां पड़ती है जहाँ वह कलश रखा गया था।
सुनामी मेमोरियल – कन्याकुमारी टूरिस्ट प्लेस | Tsunami Memorial – Kanyakumari Places to visit Hindi
सुनामी मेमोरियल हिन्द महासागर में सन 2004 में आये भयंकर सुनामी में अपनी जान गवाने वाले लोगों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया गया है। इस सुनामी के कारण भारत के प्रायद्वीपीय भाग के साथ साथ आस पास के देशों पर भी बहुत बुरा असर हुआ था। यह मेमोरियल इंसानी जीवटता को दर्शाता हुआ एक सुन्दर स्मारक है। एक हाथ में दीपक और दुसरे हाथ से सुनामी कि ऊंची लहरों को रोकते हुए यह स्मारक सभी को भावुक कर देता है।
देवी कुमारी मंदिर – कन्याकुमारी टूरिस्ट प्लेस | Devi Kumari Mandir – Kanyakumari Places to visit Hindi
देवी कुमारी मंदिर या भगवती अम्मान मंदिर जिसका वर्णन रामायण और महाभारत में भी किया गया है , 108 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर को भगवान् परशुराम द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर हिन्दू धर्म का एक मुख्य तीर्थ है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ आते हैं। मंदिर के बाहर काफी दुकानें और पूजा का सामान खरीदने के लिए भी कई दुकानें हैं। हालाँकि मंदिर में जाने के लिए कोई टिकट नहीं हैं लेकिन फिर भी आप को मंदिर के बाहर ही काफी लोग मिल जायेंगे जो मंदिर में ले जाने के लिए रुपये ले सकते हैं।
पद्मनाभपुरम पैलेस – कन्याकुमारी टूरिस्ट प्लेस | Padmnabhapuram Palace – Kanyakumari Places to visit Hindi
पद्मनाभ महल त्रावणकोर राज्य के समय में बना हुआ महल है। यह महल केरला आर्किटेक्चर का अद्भुत नमूना है। कन्याकुमारी से 40 किलोमीटर दूरी पर स्थित इस महल का रख रखाव केरल सरकार द्वारा किया जाता है। यह महल अधिकांश रूप से लकड़ी से बना हुआ है।
त्रावणकोर के राज खुद को भगवन विष्णु का सेवक मानते थी और इसीलिए इस महल का नाम भगवन विष्णु के नाम पर ही पद्मनाभ महल रखा गया था।
कामराजार मणि मंतप मोन्यूमेंट – कन्याकुमारी टूरिस्ट प्लेस | Kamraj Mantap – Kanyakumari Places to visit Hindi
यह मंतप तमिलनाडु के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी श्री कामराजार के याद में बनाया गया है। इन्हें लोग प्यार से काला गाँधी भी कह कर बुलाते थे। यह मोन्यूमेंट उस जगह पर बनाया गया है जहाँ श्री कामराजार की मृत्यु के बाद उनका अस्थि कलश लोगों के दर्शन के लिए रखा गया था।
आवर लेडी ऑफ़ रैनसम चर्च – कन्याकुमारी टूरिस्ट प्लेस | Old Church – Kanyakumari Places to visit Hindi
यह चर्च एक ख़ास चर्च है और टूरिस्ट्स के लिए कन्याकुमारी आ कर यहाँ न आना संभव नहीं है। इस चर्च को सन 1700 में बनवाया गया था और इसके अंदर स्थापित मदर मैरी की मूर्ती को रोम से लाया गया था। इसकी सबसे ख़ास बात है की इस चर्च में मदर मैरी की मूर्ती को साड़ी पहनाई गयी है।
कन्याकुमारी कैसे पहुचें | How to reach Kanyakumari
फ्लाइट से | By Flight to Kanyakumari
कन्याकुमारी के सबसे पास केरल का त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट है। त्रिवेंद्र से कन्याकुमारी की दूरी लगभग 90 किलोमीटर है। त्रिवेंद्रम से कन्याकुमारी तक आने के लिए कार बस या फिर ट्रेन से भी आया जा सकता है।
ट्रेन से | By Train to Kanyakumari
कन्याकुमारी भारत के दक्षिण में आखिरी स्टेशन है और यह शहर देश के सभी मुख्य नगरों से ट्रेन से कनेक्टेड है। दिल्ली , मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और चेन्नई जैसे बड़े स्टेशन से सीधे कन्याकुमारी के ट्रेन उपलब्ध होती है।
सड़क से | By Road to Kanyakumari
कन्याकुमारी सड़क नेटवर्क से अच्छी तरह कनेक्टेड है और अपनी कार या टैक्सी से यहाँ आसानी से पहुंच सकते हैं।
कन्याकुमारी में घूमना | Roaming in Kanyakumari
कन्याकुमारी में घूमने के लिए आप ऑटो , बस या टैक्सी ले सकते हैं। कन्याकुमारी शहर और इसके आस पास बाइक या स्कूटर से भी घूमा जा सकता है ।
कन्याकुमारी में शॉपिंग | Shopping in Kanyakumari
कन्याकुमारी में आप समुद्री शेल्स से बने डेकोरेटिव आइटम्स सही रेट पर खरीद सकते हैं। यहाँ के समुद्री शैल से बने तोरण , झूमर और ज्वेलरी काफी अच्छे होते है।
कन्याकुमारी में खाना | Food in Kanyakumari
कन्याकुमारी एक प्रसिद्द टूरिस्ट प्लेस है और इसीलिए यहाँ भारत के सभी प्रसिद्द कुज़ीन मिलते हैं। यहाँ आपको होटल्स और रेस्टॉरेंट्स में अच्छा नार्थ इंडियन खाना भी आसानी से मिलेगा और साउथ इंडियन खाना तो यहाँ लाजवाब है।
नॉनवेज खाने वालों की लिए यहाँ बहुत से ऑप्शन मिलेंगे। अलग तरह की फिश रेसिपीज नॉन वेजटेरियंस को काफी पसंद आती हैं।
कन्याकुमारी में स्ट्रीट फ़ूड में आप ठेलों पर अक्सर लोगों को फल बेचते हुए देखेंगे।
कन्याकुमारी में रहना | Stay – Kanyakumari Places to visit Hindi
कन्याकुमारी में रहने के लिए हर बजट में अच्छे होटल्स मिल जायेंगे लेकिन अच्छा और सुविधाजनक तो यही होगा कि थोड़ा एडवांस में प्लान कर के होटल पहले से ही बुक कर के जाएं। यहाँ बहुत से होमस्टे भी अच्छे रेट पर मिल जायेंगे और आप होम स्टे के लिए भी ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं। कुछ होम स्टे तो एकदम समुद्र के पास ही है और कमरे की खिड़की से ही समुद्र का नजारा और बीच देखा जा सकता है।
कन्याकुमारी जाने का समय / मौसम | Best time to visit – Kanyakumari Places to visit Hindi
दक्षिण भारत में प्रायद्वीपीय एरिया में सर्दियों में मौसम बहुत ज्यादा ठंडा नहीं होता है लेकिन गर्मियां काफी तेज़ धूप वाली होती हैं। यहाँ गर्मी का मौसम काफी ज्यादा गर्म और धूप काफी तेज़ होती है। यहाँ आने के लिए अक्टूबर से अप्रैल तक का मौसम सबसे अच्छा है।
F.A.Q.
कन्याकुमारी में कौन सी देवी का मंदिर है ?
देवी पार्वती के कन्या रूप को समर्पित मंदिर है। पार्वती के कन्या रूप को समर्पित मंदिर है।
कन्याकुमारी किस मौसम में जाना चाहिए ?
भारत में सर्दियों का मौसम यहाँ जाने के लिए सबसे अच्छा है।
कन्याकुमारी के लिए कितने दिन का प्लान बनाना चाहिए ?
यहाँ और आस पास के टूरिस्ट प्लेस देखने के लिए 2 दिन का समय काफी है।
कन्याकुमारी का पुराना नाम क्या है ?
कोमोरिन केप
कन्याकुमारी के मुख्य आकर्षण कौन कौन से हैं ?
यहाँ के मुख्य आकर्षण कन्या देवी मंदिर, स्वामी विवेकानन्द मेमोरियल, सनराइज और सनसेट पॉइंट, त्रिवेणी संगम , तिरुवल्लुवर मूर्ती, गाँधी मेमोरियल
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