Jaipur Tourist Places Hindi : जयपुर शहर, राजस्थान राज्य की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। जयपुर शहर को “गुलाबी नगर ” भी कहा जाता है। जयपुर शहर अपने पारंपरिक बाज़ारों के लिए प्रसिद्ध है जहाँ रंग बिरंगे कपड़े , हेंडीक्राफ्ट आइटम , ज्वेलरी , मसले और अपने ऐतिहासिक महलों और किलों के लिए प्रसिद्द है। जयपुर शहर विशेष राजस्थानी खाने के लिए भी खासा प्रसिद्द है।
जयपुर शहर इतिहास, संस्कृति और आधुनिकता का मिश्रण है और इसकी यही विशेषताएं इसे टूरिस्ट्स के लिए आकर्षक बनाती हैं। दुनिया के नक़्शे पर जयपुर पूरे विश्व के जाने माने टूरिस्ट्स आकर्षणों में से एक है और हर साल लाखों के संख्या में देश विदेश से टूरिस्ट्स यहाँ घूमने और यहाँ की संस्कृति और राजसी इतिहास को अनुभव करने के लिए आते हैं।
History – Jaipur Tourist Places Hindi | इतिहास – जयपुर टूरिस्ट प्लेस
जयपुर शहर का समृद्ध इतिहास है जो 18वीं शताब्दी का है। जयपुर की स्थापना महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 18 नवंबर 1727 को की थी। महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय, कछवाहा राजपूत वंश के शासक थे। उन्होंने अंबर राज्य की नई राजधानी स्थापित करने का निर्णय लिया था जो एक पहाड़ी क्षेत्र में स्थित थी और जिसके पास सीमित संसाधन थे। जयपुर की स्थापना भारतीय वास्तुकला विज्ञान और शिल्प के सिद्धांतों पर की गई थी।
जयपुर शहर की प्लानिंग और आर्किटेक्चर वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य की देखरेख में किया गया था। जयपुर शहर को छह सेक्टर में विभाजित किया गया था जिनमें से हर रक सेक्टर अलग व्यापार का प्रतिनिधित्व करता था और सुरक्षा की दृष्टि से दीवारों और बड़े बड़े दरवाज़ों से घिरा हुआ था।
सन 1876 में, प्रिंस ऑफ वेल्स की यात्रा के दौरान, उनके स्वागत के लिए जयपुर शहर को गुलाबी रंग से रंगा गया था। इसी के बाद से जयपुर को गुलाबी नगर कहा जाने लगा। जयपुर के कछवाहा राजपूत शासक अपनी वीरता और प्रशासनिक कौशल के लिए जाने जाते थे। जयपुर के शासक मुग़ल काल में उनके सहयोगी रहे थे और जयपुर को इसीलिए ज्यादा राजनीतिक उथल पुथल का सामना नहीं करना पड़ा और आस पास के राज्यों के मुकाबले यहाँ शांति स्थिर राजनीतिक माहौल रहा।
सन 1857 में भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध के दौरान जयपुर के शासक महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय ने अंग्रेजों का समर्थन किया था। सन 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद जयपुर नवगठित राज्य राजस्थान की राजधानी बन गया। यह शहर विकास और आधुनिकीकरण में आगे रहा और एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिकऔर आर्थिक केंद्र बन गया।
जयपुर की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत ने इसे एक टूरिस्ट प्लेस के रूप में प्रसिद्धि दिलाई है। जयपुर किलों, महलों और अन्य विशेष ऐतिहासिक आर्किटेक्चर का जीता जागता शहर है।
Jaipur Tourist Places Hindi | जयपुर टूरिस्ट प्लेस
इस आर्टिकल में आप जयपुर के प्रसिद्द टूरिस्ट आकर्षणों के बारे में जान सकते हैं !
Hawa Mahal (Palace of Winds) – Jaipur Tourist Places Hindi | हवा महल – जयपुर टूरिस्ट प्लेस
सामने से हनी कॉम्ब (मधुमक्खी के छत्ते ) जैसी विशेष संरचना वाला हवा महल एक पांच मंजिला महल है। हवा महल जिसे अंग्रेजी में “पैलेस ऑफ़ विंड ” कहा जाता है दरअसल जयपुर के प्रसिद्द सिटी पैलेस का एक भाग है। हवा महल का निर्माण विशेष रूप से महल की महिलाओं के लिए समारोह और उत्सव का आयोजन देखने के लिए कराया गया था। हवा महल जयपुर के सबसे प्रतिष्ठित आकर्षणों में से एक है।
सन 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा निर्मित हवा महल का आर्किटेक्चर राजपूत और मुगल शैलियों का मिश्रण है। हवा महल की सबसे खास विशेषता इसका अनोखा गुलाबी रंग का पांच मंजिला बाहरी हिस्सा है, जो 953 छोटी खिड़कियों के साथ एक छत्ते जैसा दिखता है। इन्हें “झरोखा” कहा जाता है। इन खिड़कियों को शाही महिलाओं को बिना देखे सड़कों पर उत्सव देखने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
खिड़कियों की जाली जैसी डिज़ाइन के कारण खिड़कियाँ ठंडी हवा को गुजरने देती थीं और महल को एक प्राकृतिक वेंटिलेशन मिलता था और इसी वजह से महल ठंडा रहता था , खासकर गर्म गर्मी के महीनों के दौरान।
City Palace – Jaipur Tourist Places Hindi | सिटी पैलेस – जयपुर टूरिस्ट प्लेस
जयपुर का सिटी पैलेस महल एक शानदार आकर्षण है। सिटी पैलेस में चंद्र महल और मुबारक महल शामिल हैं। इसमें शाही कलाकृतियाँ, वस्त्र और पांडुलिपियाँ प्रदर्शित करने वाले म्यूजियम हैं। जयपुर में सिटी पैलेस एक ऐतिहासिक महल है जो जयपुर के महाराजा की सीट के रूप में काम करता है। यह शहर में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले आकर्षणों में से एक है। जयपुर का सिटी पैलेस राजपूत, मुगल और यूरोपीय आर्किटेक्चर का एक आकर्षक मिश्रण है।
सिटी पैलेस का निर्माण कछवाहा राजपूत वंश के शासकों द्वारा कई शताब्दियों में किया गया था। इस पैलेस का निर्माण सन 1729 में शुरू हुआ और 20वीं सदी तक जारी रहा। सिटी पैलेस परिसर राजपूत आर्किटेक्चर का एक शानदार उदाहरण है। इसमें आंगन, बगरीचे और अन्य कई इमारतें शामिल हैं।
चंद्र महल और मुबारक महल के अलावा दीवान-ए-खास और दीवान-ए-आम, प्रीतम निवास चौक और गोविंद देव जी मंदिर सिटी पैलेस के ख़ास आकर्षण हैं।
Jantar Mantar – Jaipur Tourist Places Hindi | जंतर मंतर – जयपुर टूरिस्ट प्लेस
महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित यह एक प्राचीन वेधशाला (observatory ) है । इसमें समय का अनुमान लगाने , ग्रहण की भविष्यवाणी करने और गृह और तारों को ट्रैक करने के लिए डिज़ाइन किए गए उपकरणों का एक संग्रह है।
जयपुर में जंतर मंतर एक यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है। यह भारत के विभिन्न हिस्सों में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित पांच जंतर मंतर में से एक है। जयपुर में स्थित जंतर मंतर बाकि observatory से बड़ा और अच्छी तरह से संरक्षित है।
Amber Fort – Jaipur Tourist Places Hindi | आमेर का किला – जयपुर टूरिस्ट प्लेस
आमेर का किला एक पहाड़ी पर स्थित शाही किला है जो अपनी कलात्मक शैली और आसपास के सुन्दर दृश्यों के लिए जाना जाता है। टूरिस्ट्स हाथी की सवारी या जीप से आमेर के किले तक पहुँच सकते हैं। आमेर किला जयपुर से लगभग 11 किलोमीटर दूर आमेर में स्थित है।
आमेर किले का निर्माण सन 1592 में राजा मान सिंह प्रथम द्वारा शुरू किया गया था। इस किले का विस्तार और जीर्णोद्धार जय सिंह प्रथम और सवाई जय सिंह द्वितीय के शासन के दौरान और उनके बाद के शासकों द्वारा किया गया था।
आमेर किला राजपूत और मुगल आर्किटेक्चर का एक शानदार उदाहरण है। इसे लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बनाया गया है।
Jaigarh Fort – Jaipur Tourist Places Hindi | जयगढ़ किला – जयपुर टूरिस्ट प्लेस
ईगल्स की पहाड़ी ( चील टीला ) पर स्थित, जयगढ़ किला अपनी विशाल तोप, जयवाना के लिए जाना जाता है, और अरावली पहाड़ियों का सुन्दर नजारा यहाँ से देखा जा सकता है। जयगढ़ किला एक ऐतिहासिक किला है जो जयपुर में आमेर किले के पास अरावली पर्वतमाला में स्थित है।
जयगढ़ किला 18 वीं शताब्दी की शुरुआत में जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था। इस किले का निर्माण आमेर किले और महल परिसर की सुरक्षा के लिए किया गया था। जयगढ़ किला मुख्य रूप से एक सैन्य गढ़ के रूप में कार्य करता था, जिसमें “जयवाना” नामक एक बड़ी तोप थी। यह तोप दुनिया की उन सबसे बड़ी तोपों में से एक थी जो पहियों से संचालित थीं ।
जयगढ़ किला लाल बलुआ पत्थर की मोटी दीवारों से बना है। इस किले का आर्किटेक्चर सैन्य आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर किया गया था। इस किले में वॉचटावर बने हुए हैं। जयगढ़ किले का मुख्य आकर्षण जयवाना तोप है, जिसे जयगढ़ की फाउंड्री में ढाला गया था। यह अपने आकार के लिए और इसलिए भी प्रसिद्द है कि इसे केवल एक बार दागा गया था और गोली लगभग 35 किलोमीटर की दूरी तक चली गई थी।
Nahargarh Fort – Jaipur Tourist Places Hindi | नाहरगढ़ किला – जयपुर टूरिस्ट प्लेस
अरावली पहाड़ियों के किनारे पर स्थित नाहरगढ़ किला जयपुर शहर का सुन्दर नजारा दिखाता है। इसे नाहर सिंह नामक राठौड़ राजकुमार की सलाह पर बनाया गया था। सन 1734 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित नाहरगढ़ किले का शुरू में नाम सुदर्शनगढ़ था। बाद में इसका नाम बदलकर नाहरगढ़ कर दिया गया। नाहरगढ़ का अर्थ है “बाघों का गढ़ “।
यह किला भारतीय और यूरोपीय आर्किटेक्चर का एक मिश्रण है। इसमें मजबूत दीवारें, बुर्ज और संरचनाएं हैं जिसमें एक महल भी शामिल है। इस महल को माधवेंद्र भवन के नाम से जाना जाता है। नाहरगढ़ किले में कई बावड़ियाँ हैं जिनका इस्तेमाल जल भंडारण के लिए किया जाता था। नाहरगढ़ किला टूरिस्ट्स के लिए एक लोकप्रिय लोकेशन है, खासकर शाम के समय जब सनसेट हो रहा होता है , टूरिस्ट यहाँ से सनसेट का सुन्दर नजारा देखना पसंद करते हैं।
Albert Hall Museum – Jaipur Tourist Places Hindi | अल्बर्ट हॉल – जयपुर टूरिस्ट प्लेस
अल्बर्ट हॉल, राजस्थान का सबसे पुराना म्यूजियम , राम निवास बाग़ में स्थित है। इसमें पेंटिंग, मूर्तियां और अन्य कलाकृतियों सहित एक विशाल संग्रह है। यह राजस्थान राज्य का मुख्य सांस्कृतिक संस्थान है।
अल्बर्ट हॉल संग्रहालय को ब्रिटिशआर्किटेक्ट सर सैमुअल स्विंटन जैकब द्वारा डिजाइन किया गया था और इसका उद्घाटन सन 1887 में किया गया था। इसका नाम वेल्स के राजकुमार अल्बर्ट एडवर्ड के नाम पर रखा गया था, जो बाद में किंग एडवर्ड 7 बने। यह म्यूजियम भारतीय, मुगल और यूरोपीय आर्किटेक्चर का मिश्रण है। इसे एक सार्वजनिक हॉल के रूप में डिज़ाइन किया गया था लेकिन बाद में इसे एक म्यूजियम में बदल दिया गया।
Jal Mahal – Jaipur Tourist Places Hindi | जल महल – जयपुर टूरिस्ट प्लेस
जल महल, मान सागर झील के बीच में स्थित एक सुन्दर महल है । हालाँकिटूरिस्ट्स महल में अंदर नहीं जा सकते हैं लेकिन किनारे से देखने पर भी यह एक सुन्दर नजारा होता है। जल महल जयपुर के मुख्य शहर से लगभग 6 किलोमीटर दूर मान सागर झील में स्थित है।
जयपुर के अन्य आकर्षणों की ही तरह यह महल राजपूत और मुगल आर्किटेक्चर शैली का एक मिला जुला निर्माण है। जल महल की निचली मंजिलें झील में डूबी हुई हैं। पानी का स्तर कम होने पर इसकी पांच मंजिलों में से चार मंजिलें दिखाई देती हैं। शांत मान सागर झील और आसपास की अरावली पहाड़ियाँ जल महल को एक देखने लायक जगह बना देते हैं। यह फोटोग्राफी के लिए बहुत अच्छी लोकेशन है।
Rambagh Palace – Jaipur Tourist Places Hindi | रामबाग पैलेस – जयपुर टूरिस्ट प्लेस
रामबाग पैलेस जयपुर के महाराजा का निवास स्थान, यह अब एक लक्जरी होटल है। टूरिस्ट्स सुंदर गार्डन और आर्किटेक्चर देखने के लिए यहाँ आते हैं। रामबाग पैलेस भारत के राजस्थान के जयपुर में स्थित एक आलीशान होटल है।
रामबाग पैलेस सन 1835 में महाराजा सवाई माधो सिंह द्वितीय की नर्स के लिए एक घर के रूप में बनाया गया था और बाद में इसे शाही निवास में बदल दिया गया। यह महल जटिल नक्काशी, सुंदर गार्डन और अपनी भव्य साज सज्जा के लिए खासा प्रसिद्द है।
सन 1957 में, रामबाग पैलेस को ताज ग्रुप ऑफ होटल्स द्वारा लक्जरी होटल में बदल दिया गया था। तब से इसे दुनिया के प्रसिद्द हेरिटेज होटलों में से एक माना जाता है।
Sisodia Rani Garden – Jaipur Tourist Places Hindi | सिसौदिया रानी गार्डन – जयपुर टूरिस्ट प्लेस
सिसौदिया रानी गार्डन, जिसे सिसौदिया रानी का बाग के नाम से भी जाना जाता है, जयपुर में स्थित एक खूबसूरत उद्यान है। सिसौदिया रानी गार्डन का निर्माण सन 1728 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने अपनी रानी सिसौदिया रानी के लिए करवाया था। इस गार्डन को एक विश्राम स्थल के रूप में डिजाइन किया गया था और यह अपनी रानी के प्रति राजा के प्रेम के प्रतीक के रूप में बनवाया गया था।
यह गार्डन जयपुर से लगभग 8 किलोमीटर दूर जयपुर-आगरा रोड पर स्थित है। यह अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित है जो एक शांत और सुंदर वातावरण है। यह गार्डन पारंपरिक मुगल डिजाइन में बनवाया गया था।
Govind Dev Ji Temple – Jaipur Tourist Places Hindi
भगवान कृष्ण को समर्पित यह मंदिर सिटी पैलेस परिसर में स्थित है और एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु और टूरिस्ट्स यहाँ मंदिर देखकने और दर्शन करने के लिए आते हैं।
Chokhi Dhani – Jaipur Tourist Places Hindi | चोखी ढाणी – जयपुर टूरिस्ट प्लेस
चोखी ढाणी जयपुर के बाहरी इलाके में स्थित एक अनोखा और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध गाँव रिसॉर्ट है। इसे टूरिस्ट्स को राजस्थानी गाँव की जीवन शैली और रहन सहन का अनुभव कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है। चोखी ढाणी का अंग्रेजी में अनुवाद “फाइन हैमलेट” होता है। यह एक कांसेप्ट है जिसका उद्देश्य राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना और टूरिस्ट्स को यहाँ के वातावरण परिचित कराना है।
चोखी ढाणी रिज़ॉर्ट को एक पारंपरिक राजस्थानी गाँव जैसा डिज़ाइन किया गया है, जो मिट्टी और घास के घरों, लोक कला और सांस्कृतिक अनुभवों से भरा पूर्ण है।
Birla Mandir (Laxmi Narayan Temple) – Jaipur Tourist Places Hindi | बिड़ला मंदिर – जयपुर टूरिस्ट प्लेस
जयपुर में बिड़ला मंदिर, जिसे लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू मंदिर है जो भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। बिड़ला मंदिर भारत के राजस्थान के जयपुर में मोती डूंगरी पहाड़ी की वैली में स्थित है।
बिड़ला मंदिर का आर्किटेक्चर आधुनिक है लेकिन इसमें पारंपरिक राजस्थानी का भी समावेश है। मंदिर के निर्माण में सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है जो इसे एक शांत स्वरुप प्रदान करता है।
Best Time to Visit Jaipur | जाने का समय
उत्तर भारत के कई हिस्सों की तरह जयपुर की यात्रा का सबसे अच्छा समय सर्दियों के महीनों के दौरान है, क्योंकि इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और आउटडोर एक्टिविटी के लिए सही है। अक्टूबर से मार्च के दौरान सुहावने मौसम के कारण जयपुर में टूरिस्ट बड़ी संख्या में होते हैं। यह समय टूरिज्म के लिए सबसे अच्छा होता है। इस दौरान दिन का तापमान लगभग 15°C से 25°C के बीच होता है जबकि रात का तापमान 5°C से 10°C तक होता है।
सर्दियों के मौसम में कई त्यौहार और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं जिनमें जनवरी में आयोजित जयपुर साहित्य महोत्सव भी शामिल है।
अप्रैल से जून के बीच जयपुर में बहुत ज्यादा गर्मी होती हैं। इस दौरान दिन के समय तापमान अक्सर 40°C से भी ज्यादा हो जाता है।
जुलाई से सितंबर के बीच जयपुर में मानसून होता है और इस दौरान अक्सर बारिश होती है। हालाँकि इस दौरान शहर हरा-भरा हो जाता है और गर्मी से रहत भी मिलती है लेकिन आउटडोर एक्टिविटी करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
How to Reach Jaipur | कैसे पहुंचे
हवाईजहाज से | By Flight
जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (JAI) शहर के केंद्र से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ के लिए रेगुलर डोमेस्टिक और कुछ इंटरनेशनल फ्लाइट हैं। जयपुर एयरपोर्ट से जयपुर पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
ट्रेन से | By Train
जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जयपुर जंक्शन मुख्य रेलवे स्टेशन है और यह शहर के केंद्र में स्थित है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अन्य शहरों से जयपुर के लिए रेगुलर ट्रेनें उपलब्ध हैं।
सड़क द्वारा | By Road
जयपुर शहर सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और कई राष्ट्रीय राजमार्ग शहर से होकर गुजरते हैं। टूरिस्ट्स बस या प्राइवेट कार से जयपुर पहुंच सकते हैं। जयपुर का सड़क नेटवर्क अच्छा है और उत्तर भारत के प्रमुख शहरों और कस्बों से जयपुर के लिए रेगुलर बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।
Food in Jaipur | जयपुर में खाना
जयपुर अपने समृद्ध इतिहास और संस्कृति के लिए जाना जाता है। जयपुर का खान पान और यहाँ के विशेष राजस्थांनी पकवान बहुत प्रसिद्द हैं।
दाल बाटी चूरमा | Dal Bati Churma
यह एक पारंपरिक राजस्थानी डिश है। इस डिश में गेहूं के आटे से बनी बाटी होती है जिन्हें दाल मिक्स के साथ परोसा जाता है ,साथ ही चूरमा परोसा जाता है।
लाल मास | Lal Mas
लाल मास एक तीखी लाल मीट करी है जो आमतौर पर मटन के साथ बनाई जाती है। इसे इसका गहरा रंग और गर्मी स्थानीय मिर्च , मथानिया मिर्च के इस्तेमाल से मिलती है।
कचोरी | Stuffed Kachori
जयपुर अपनी मसालेदार और स्वादिष्ट कचौरी के लिए प्रसिद्ध है। प्याज की कचौरी (प्याज से भरी कचौरी) और दाल की कचौरी यहाँ के दो प्रसिद्द कचोरियाँ हैं।
गट्टे की सब्जी | Gatta Curry
गट्टे की सब्जी एक राजस्थानी सब्ज़ी जिसे बेसन के गट्टे के साथ मसालेदार दही की ग्रेवी में पकाया जाता है।
मिर्ची वड़ा | Mirchi Vada
मिर्ची वड़ा जयपुर का एक लोकप्रिय स्ट्रीट फूड है। इसमें मसालेदार आलू के मिश्रण से भरी हुई बड़ी हरी मिर्च होती है, जिसे बेसन के घोल में लपेटा जाता है और डीप फ्राई किया जाता है।
राजस्थानी थाली | Rajasthani Thali
लोकल खाने के लिए राजस्थानी थाली जरूर तरय करनी चाहिए। इसमें आम तौर पर दाल, बाटी, चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर सांगरी और खिचड़ी शामिल होती है।
मावा कचौरी | Mawa Kachori
मावा कचौरी एक मीठी कचोरी है जो मावा और सूखे मेवों के मिश्रण से भरा होता है। इसे डीप फ्राई किया जाता है और चीनी की चाशनी में डुबोया जाता है।
आलू टिक्की | Aloo Tikki
आलू टिक्की, या आलू पैटीज़, एक लोकप्रिय स्ट्रीट फूड स्नैक है। जयपुर में इसे अक्सर चटनी और दही के साथ परोसा जाता है।
रबड़ी घेवर | Rabdi Ghevar
घेवर एक पारंपरिक राजस्थानी मिठाई है जो आटे से बनाई जाती है और चीनी की चाशनी में भिगोई जाती है। रबड़ी घेवर एक ऐसा प्रकार है जिसके ऊपर गाढ़ा दूध डाला जाता है।
मालपुआ | Malpua
मालपुआ एक मीठी पैनकेक जैसी मिठाई है जो आटे, दूध और चीनी से बनाई जाती है। इसे अक्सर त्योहारों और विशेष अवसरों पर परोसा जाता है।
लस्सी | Lassi
अलग अलग स्वादों में पारंपरिक लस्सी जयपुर में जगह जगह पर उपलब्ध होती है।
जयपुर अपने खास डिश के लिए जाना जाता है। यहाँ के खाने में पारम्परिक राजस्थानी टच होता है जो टूरिस्ट्स को बहुत पसंद आता है।
Tourist Places around Jaipur | जयपुर आस – पास
सांगानेर | Sanganer
जयपुर से लगभग 16 किलोमीटर दूर स्थित सांगानेर अपनी पारंपरिक कला और शिल्प के लिए जाना जाता है। यह शहर अपने हेंडीक्राफ्ट आइटम और नीले मिट्टी के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है।
गलता जी (बंदर मंदिर) | Galta Ji (Bandar Mandir)
जयपुर से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित गलता जी प्राकृतिक झरनों से घिरा मंदिर परिसर है। इस क्षेत्र में रहने वाले बंदरों की बड़ी आबादी के कारण इसे अक्सर बंदर मंदिर के रूप में जाना जाता है।
नाहरगढ़ जैविक उद्यान | Nahargadh Jaivik Udyan
नाहरगढ़ किले के पास यह बायोलॉजिकल पार्क अनेकों प्रजातियों का घर है।टूरिस्ट्स यहाँ जंगल सफारी करने और प्रकृति के बीच समय बिताने के लिए आते हैं।
जयपुर वैक्स संग्रहालय (नाहरगढ़ किला) | Jaipur Wax Museum
नाहरगढ़ किले के भीतर स्थित इस म्यूजियम में ऐतिहासिक और समकालीन प्रसिद्द व्यक्तियों की मोम की मूर्तियाँ हैं। बहुत से टूरिस्ट्स के लिए यह एक विशेष आकर्षण है।
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