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शिलांग टूरिस्ट प्लेस | Shillong Tourist Places Hindi

Shillong Tourist Places

Shillong Tourist Places

Shillong Tourist Places Hindi : शिलांग भारत के मेघालय राज्य की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है, जो देश के उत्तरपूर्वी भाग में स्थित है। शिलांग की सुंदरता, इसकी घुमावदार पहाड़ियाँ और ठंडी जलवायु के कारण इसे अक्सर “पूर्व का स्कॉटलैंड” कहा जाता है। शिलांग अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है और यह नार्थ ईस्ट भारत का एक प्रसिद्द टूरिस्ट प्लेस  है।

शिलांग खासी पहाड़ियों में समुद्र तल से लगभग 1,496 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह हरे-भरे हरियाली, झरनों और जंगलों से घिरा हुआ है। शिलांग मुख्य रूप से जनजातियों का घर है और इसकी एक संपन्न सांस्कृतिक विरासत है। खासी लोग इस क्षेत्र की प्रमुख जनजाति हैं।

शिलांग में प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही अनेकों अन्य टूरिस्ट आकर्षण हैं जिनमें वार्ड झील, एलिफेंट फॉल्स, शिलांग पीक, डॉन बॉस्को म्यूजियम और पास के गांव चेरापूंजी में लिविंग रूट ब्रिज शामिल हैं। शिलांग शहर की प्राकृतिक सुंदरता, सुखद जलवायु और संस्कृति इसे टूरिस्ट्स के लिए एक खासा आकर्षक बनाते हैं। शिलांग नार्थ ईस्ट क्षेत्र और मेघालय राज्य का एक महत्वपूर्ण एजुकेशन सेण्टर है और यह नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (एनईएचयू), सेंट एडमंड कॉलेज और कई अन्य स्कूलों और कॉलेजों जैसे संस्थान स्थापित हैं ।

शिलांग का इतिहास | History – Shillong Tourist Places Hindi

मेघालय की राजधानी शिलांग का इतिहास इसकी स्वदेशी जनजातीय विरासत और ब्रिटिश कालीन प्रभाव के तहत इसके विकास से प्रभावित है। शिलांग पठार, जहां शिलांग स्थित है, यहाँ मूल रूप से खासी जनजाति के लोग रहा करते थे। खासी जनजाति मेघालय की एक मूल जनजाति है। खासी जनजाति की अपनी अकाज जीवन शैली और सामाजिक संरचना है। शिलांग शब्द का अर्थ होता है “बादलों का घर ” जो खासी भाषा के “लेशिलांग” शब्द से आया है। 

19वीं सदी के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने शिलांग सहित इस क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित कर लिया। अंग्रेजों ने शिलांग को एक रणनीतिक लोकेशन के रूप में जाना और इसे एक हिल स्टेशन के रूप में विकसित किया। यह सन 1874 से सन 1972 तक असम के अविभाजित राज्य की राजधानी के रूप में कार्य करता था।

ब्रिटिश शासन के तहत, शिलांग में अनेकों इमारतों और चर्च का निर्माण हुआ। इस दौरान शिलांग में सड़कों और पुलों के निर्माण के साथ साथ इस शहर के बुनियादी ढांचे में सुधार किया गया था ।

देश के स्वतंत्र होने के बाद शिलांग एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र बना रहा। सन 1972 में मेघालय राज्य का गठन हुआ, जिसकी राजधानी शिलांग थी। खासी और जैन्तिया यहाँ रहने वाली मुख्य जनजातियां हैं। 

शिलांग और उसके आसपास खासी लोगों ने अपनी विशेष सामाजिक संरचना के अनुसार मातृसत्तात्मक परिवार प्रणाली को बनाए रखा है।  यह पहलू शिलांग की मुख्य पहचान है। शिलांग न केवल एक राजनीतिक और प्रशासनिक केंद्र है, बल्कि संस्कृतियों का एक मिलाजुला केंद्र भी है, जिसमें खासी, गारो और जैन्तिया सहित विभिन्न प्रकार की जनजातियाँ रहती हैं। 

शिलांग के टूरिस्ट प्लेस | Shillong Tourist Places Hindi

वार्ड झील – शिलांग टूरिस्ट प्लेस | Ward’s Lake – Shillong Tourist Places Hindi

वार्ड झील जिसे पोलक झील के नाम से भी जाना जाता है, शिलांग में एक लोकप्रिय टूरिस्ट आकर्षण है। यह सूंदर झील शिलांग के बीच में स्थित है और अपनी शांत सुंदरता, हरे-भरे बगीचों और इसके आसपास के सुन्दर आर्किटेक्चर के लिए जानी जाती है।

वार्ड झील कई तरह के रंग-बिरंगे फूलों वाले बगीचों से घिरी हुई है। यहाँ घूमने का अलग ही आनंद है। अक्सर देश के बाकी हिस्सों से आने वाले टूरिस्ट्स शोलोंग आकर यहाँ के प्राकृतिक सुंदरत के कायल हो जाते हैं। वार्ड झील अक्सर जल कुमुदिनी और कमल के फूलों से ढकी रहती है। यहाँ आने वाले टूरिस्ट वार्ड झील पर पैडल बोटिंग का आनंद ले सकते । 

वार्ड झील का नाम असम केउस समय के मुख्य आयुक्त सर विलियम वार्ड के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में इस खूबसूरत झील के निर्माण की शुरुआत की थी।

शिलांग पीक – शिलांग टूरिस्ट प्लेस | Shillong Peak – Shillong Tourist Places Hindi

Shillong Peak - Shillong Tourist Places Hindi
Shillong Peak – Shillong Tourist Places Hindi

शिलांग पीक पूर्वोत्तर भारत में मेघालय की राजधानी शिलांग का सबसे ऊंचा स्थान है। समुद्र तल से लगभग 1,965 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह चोटी इस क्षेत्र के लोकप्रिय टूरिस्ट प्लेस में से एक है।

शिलांग पीक से शिलांग शहर और आसपास की पहाड़ियों और घाटियों का मनमोहक नजारा देखा जा सकता है। आसमान साफ़ होने पर शिलॉन्ग पीक से बांग्लादेश के मैदानी इलाकों तक देखा जा सकता है जिससे यह टूरिस्ट और फ़ोटोग्राफ़ी का शॉल रखने वालों के लिए एक लोकप्रिय स्थान बन जाता है।

एलिफेंट फॉल्स – शिलांग टूरिस्ट प्लेस | Elephant Falls – Shillong Tourist Places Hindi

Elephant Falls – Shillong Tourist Places Hindi

एलिफेंट फॉल्स, जिसे स्थानीय खासी भाषा में “का क्शैद लाई पातेंग खोहसिव” के नाम से भी जाना जाता है, शिलांग से कुछ ही दूरी पर स्थित एक प्रसिद्द वॉटरफॉल है। यह इस क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध वॉटरफॉल में से एक है।

एलीफेंट फॉल्स एक तीन लेवल का  झरना है जो शिलांग पठार की ढलानों से गिरता है। ऐसा कहा जाता है कि “एलिफ़ेंट फ़ॉल्स” नाम इस वॉटरफॉल के पास एक हाथी के आकार की चट्टान से लिया गया है। यह वॉटरफॉल हरियाली, घने जंगलों और चट्टानी इलाके से घिरे हुए हैं, जो एक सूंदर  शांत वातावरण बनाते हैं। यह क्षेत्र नेचर लवर और फोटोग्राफर्स के लिए स्वर्ग है।

एलिफेंट फॉल्स शिलांग से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां सड़क के रास्ते आसानी से पहुंचा जा सकता है। 

डॉन बॉस्को म्यूजियम – शिलांग टूरिस्ट प्लेस | Don Bosco Museum – Shillong Tourist Places Hindi

Don Bosco Museum – Shillong Tourist Places Hindi

मेघालय के शिलांग में स्थित डॉन बॉस्को म्यूजियम , पूर्वोत्तर भारत का प्रमुख साइंस म्यूजियम है। यह म्यूजियम इस क्षेत्र के लोकल जनजातियों की जीवन शैली , उनकी संस्कृति और परम्पराओं के बारे में टूरिस्ट्स को जानकारी देता है। 

डॉन बोस्को म्यूजियम में दी गयी जानकारी उत्तर पूर्व भारतीय राज्यों असम, मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम राज्यों पर आधारित है। डॉन बोस्को म्यूजियम  की बिल्डिंग अपने विशेष आर्किटेक्चर के लिए भी प्रसिद्द है। यह एक सात मंजिला बिल्डिंग है जो पारंपरिक खासी टोकरी जैसे दिखती है , जिसे “जिया” कहा जाता है |

चेरापूंजी और मावसिनराम | Cheripunji and Mawansiram

चेरापूंजी, जिसे सोहरा के नाम से भी जाना जाता है, का कई वर्षों तक एक ही वर्ष में सबसे अधिक भारी बारिश  का रिकॉर्ड है ।चेरापूंजी वाटरफॉल्स , नेचुरल केव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए खासा प्रसिद्द है। चेरापूंजी के कुछ लोकप्रिय टूरिस्ट आकर्षणों में नोहकलिकाई फॉल्स, मावसमाई गुफा, लिविंग रूट ब्रिज और डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज शामिल हैं।

मावसिनराम पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित है, जो चेरापूंजी से ज्यादा दूर नहीं है। यह शहर खड़ी पहाड़ियों और हरे-भरे परिदृश्यों के लिए प्रसिद्ध है ।

मावफलांग फारेस्ट | Mawflang Forest – Shillong Tourist Places Hindi

मेघालय के पूर्वी खासी पहाड़ियों में मावफलांग गांव के पास स्थित मावफलांग फारेस्ट एक महत्वपूर्ण टूरिस्ट आकर्षण है। इस फारेस्ट को क्षेत्र के स्वदेशी खासी लोग पवित्र मानते हैं और यह विशिष्ट फ्लॉरा कर फौना के लिए जाना जाता है। 

मावफलांग फारेस्ट एक प्राचीन वन है जिसे खासी समुदाय द्वारा एक पवित्र वन के रूप में सुरक्षित रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि इस फारेस्ट और खासी जनजाति का सम्बन्ध सदियों पुराना है। 

उमियाम झील – शिलांग टूरिस्ट प्लेस | Umiyam Lake – Shillong Tourist Places Hindi

Umiyam Lake – Shillong Tourist Places Hindi

उमियाम झील, जिसे बारापानी झील के नाम से भी जाना जाता है, शिलांग से लगभग 15 किलोमीटर उत्तर में स्थित एक अनोखा लेक है। यह लेक इस क्षेत्र का लोकप्रिय टूरिस्ट कर्षण है और एक शांत और सुंदर वातावरण से भरपूर है।

उमियाम लेक को उमियाम नदी पर एक जलविद्युत परियोजना के एक भाग के रूप में एक जलाशय के रूप में बनाया गया था। इस बांध को उमियाम बांध के नाम से जाना जाता है। सन 1960 के दशक की शुरुआत में जलविद्युत ऊर्जा पैदा करने के लिए इस बांध का निर्माण किया गया था। यह लेक हरे-भरे पहाड़ों से घिरी हुई है जो प्रकृति प्रेमियों को एक अलौकिक लोकेशन का आभास देता है। लेक का शांत पानी और खासी पहाड़ियों के बीच का यह दृश्य बेहद खूबसूरत है और इसखूबसूरती को केवल शब्दों में कह पाना काफी मुश्किल है। 

लेडी हैदरी पार्क | Lady Haidari Park – Shillong Tourist Places Hindi

Shillong Tourist Places Hindi

लेडी हैदरी पार्क शिलांग के बीच में स्थित एक सुंदर पब्लिक पार्क है। इस पार्क का नाम असम और मेघालय के पहले राज्यपाल सर अकबर हैदरी की पत्नी लेडी हैदरी के नाम पर रखा गया है। इसका उद्घाटन सन 1893 में हुआ था और तब से यह शिलांग का एक प्रमुख पार्क बन गया है।

लैटलम कैन्यन – शिलांग टूरिस्ट प्लेस | Letlum Canyon – Shillong Tourist Places Hindi

Letlum Canyon – Shillong Tourist Places Hindi

लैटलम कैन्यन, जिसे अक्सर “लैटलम ग्रांड कैन्यन” कहा जाता है, मेघालय के पूर्वी खासी पहाड़ियों में स्थित नेचुरल लोकेशन है । यह लैटलम कैन्यन शिलांग से लगभग 15 किलोमीटर दूर पूर्वी खासी पहाड़ियों में स्थित है। 

शिलांग कैथेड्रल – शिलांग टूरिस्ट प्लेस | Shillong Cathedral – Shillong Tourist Places Hindi

शिलांग कैथेड्रल, जिसे आधिकारिक तौर पर मैरी हेल्प कैथेड्रल के रूप में जाना जाता है, शिलांग में स्थित एक प्रमुख और ऐतिहासिक कैथोलिक कैथेड्रल है। यह इस क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक और स्थित  स्थलों में से एक है।

शिलांग कैथेड्रल एक नव-गॉथिक आर्किटेक्चर में बनाया गया है। 

शिलांग घूमने का सबसे अच्छा समय | Best Time to Visit – Shillong Tourist Places Hindi

शिलांग आने के लिए मार्च से जून तक का मौसम बहुत अच्छा है। इन दिनों हल्के तापमान के साथ मौसम आम तौर पर सुहावना होता है और  सुन्दरतम रूप में होती है। यह प्रकृति के दर्शन करने के लिए और आउटडोर एक्टिविटी जैसे ट्रैकिंग आदि के लिए  सबसे अच्छा  समय है।

जुलाई से सितंबर के दौरान शिलांग में भारी बारिश होती है। हालाँकि इस समय यहाँ  धुली हुई सी लगती है और यह नजारा बहुत सुन्दर  होता है लेकिन लैंड स्लाइड और सड़क बंद होने के कारण ट्रेवल काफी मुश्किल हो जाता है। 

अक्टूबर से नवंबर के दौरान आसमान साफ होने से मौसम सुहावना होता है। दिसंबर से फरवरी के दौरान शिलांग में काफी ठंड हो जाती  है। इस दौरान तापमान लगभग 2°C से 15°C (36°F से 59°F) तक गिर जाता है। यह वह समय है जब इस क्षेत्र में चेरी के फूल पूरी तरह से खिलते हैं। 

शिलांग कैसे पहुंचे | How to reach – Shillong Tourist Places Hindi

फ्लाइट से | By Flight

शिलांग का सबसे नजदीक का एयरपोर्ट असम के गुवाहाटी में स्थित गोपीनाथ बोरदोलोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। यह शिलांग से लगभग 128 किलोमीटर के दूरी पर स्थित है। गुवाहाटी एयरपोर्ट से शिलांग पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या शेयर्ड कैब भी ले सकते हैं। इस ट्रेवल में लगभग  2-3 घंटे लगते हैं। 

ट्रेन से | By Train

गुवाहाटी शिलांग का  सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 100 किलोमीटर दूर है। गुवाहाटी पहुंचने के बाद शिलांग पहुंचने के लिए टैक्सी या शेयर्ड कैब पहुँच सकते हैं। 

सड़क द्वारा | By Road

गुवाहाटी से टैक्सी शेयर्ड कैब या स्टेट ट्रांसपोर्ट बस  से भी शिलांग की यात्रा कर सकते हैं। गुवाहाटी और शिलांग के बीच कई बस सेवाएँ उपलब्ध होती हैं। 

अन्य प्रमुख शहरों से शिलांग सड़क मार्ग द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है। सिलचर (असम), अगरतला (त्रिपुरा), और आइजोल (मिजोरम) जैसे शहरों से सड़क मार्ग से शिलॉन्ग की यात्रा कर सकते हैं। 

शिलांग में भोजन | Food in Shillong – Shillong Tourist Places Hindi

जादोह | Jadoh

जादोह एक पारंपरिक खासी डिश है जो लाल चावल और मीट , विशेष रूप से पोर्क , और स्थानीय मसालों और जड़ी-बूटियों के साथ बनाया जाता है। इसे अक्सर “टुंगरीमबाई” नामक मसालेदार साइड डिश के साथ परोसा जाता है। 

दोखलीह | Dokhlih

यह एक खासी सलाद है जो कीमा बनाया हुआ मांस, प्याज, हरी मिर्च और अन्य सामग्री के साथ मिलाकर बनाया जाता है। यह अपने तीखे और मसालेदार स्वाद के लिए जाना जाता है।

पुखलेन | Pukhlen

पुखलेन चावल के आटे, गुड़ और नारियल से बने चावल के केक हैं। इन्हें आमतौर पर केले के पत्तों में पकाया जाता है और यह एक लोकप्रिय खासी मिठाई है।

मोमोज | Momos

भारत के कई हिस्सों की तरह, मोमोज शिलांग में एक लोकप्रिय स्ट्रीट फूड है। आप वेज और नॉनवेज, दोनों तरह के मोमोज अलग अलग  डिपिंग सॉस के साथ परोसे हुए पा सकते हैं।

थुकपा | Thukpa

थुकपा एक तिब्बती नूडल सूप है जो शिलांग में लोकप्रिय है। इसमें आमतौर पर नूडल्स, सब्जियां और आपकी पसंद का मांस या टोफू शामिल होता है। 

टुंगरीमबाई | Tungrimbai

टुंगरीमबाई एक पारंपरिक सोयाबीन चटनी है जिसे आमतौर पर खासी व्यंजनों में मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है। इसका स्वाद तीखा होता है और इसे अक्सर चावल या अन्य डिश के साथ परोसा जाता है।

चेरापूंजी संतरा | Oranges from Cheripunji

चेरापूंजी में मीठे और रसीले संतरे पैदा होते हैं जो इस क्षेत्र में एक लोकप्रिय फल हैं। आप ताज़ा निचोड़े गए संतरे के रस का आनंद ले सकते हैं। 

चाय और नाश्ता | Tea and Snack

चाय स्थानीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है, और आप स्थानीय रूप से उगाए गए उत्पादों से बने बिस्कुट और स्नैक्स के साथ एक कप पारंपरिक खासी चाय का आनंद ले सकते हैं।

बांस की कोंपलों से बने डिश : बांस की कोंपलों का उपयोग आमतौर पर खासी व्यंजनों में किया जाता है। 

अंतर्राष्ट्रीय खाना | International Cuisine

शिलांग एक लोकप्रिय शहर है। यहाँ पर टूरिस्ट्स भारतीय अलावा चीनी, तिब्बती और अन्य कई तरह के डिश भी अनुभव कर सकते हैं।

Beatific Uttarakhand !

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